क्या होगा अगर धरती घूमना बंद कर दे तो ?

धरती अपनी धुरी पर करीब 1000 मील प्रति घंटे की रफ्तार से घूमती है। धरती को एक चक्कर पूरा करने में 23 घंटे 56 मिनट और 4.1 सैकेंड लगते हैं। यही वजह है कि धरती के एक भाग पर दिन और दूसरे पर रात होती है। धरती अपनी धूरी पर घूमती रहती है, लेकिन हमें इसका एहसास नहीं होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि हम भी इसके साथ घूमते हैं।

क्या आपने सोचा है कि कभी धरती घूमना बंद कर दे तो क्या होगा ?

धरती घूमना बंद कर दे तो ग्रह पर दिन-रात नहीं होंगे तथा प्रलय जैसे हालात उत्पन्न हो जाएगी। इससे धरती के आधे हिस्से में अधिक गर्मी हो जाएगी और आधे भाग पर सर्दी। इससे जीव-जन्तु प्रभावित होंगे और परिणाम भयानक होंगे। अगर यह घटना घटती है, तो संभावना है कि हर किसी की मौत हो जाए।

धरती की आंतरिक कोर ने घूमना बंद कर दिया है। धरती के नीचे होने वाली हलचल को तब तक महसूस नहीं किया जा सकता, जब तक भूकम्प या किसी ज्वालामुखी विस्फोट से कम्पन न महसूस हो। एक अध्ययन में पता चला है कि धरती की आंतरिक कोर ने साल 2009 में घूमना बंद कर दिया था और सम्भावना है कि अब यह अपने घूमने की दिशा को बदलने जा रही है।

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अध्ययन में बताया गया है कि दिन की लंबाई में बदलाव से कोर का घूमना प्रभावित होता है। धरती अपने अक्ष पर घूमने में जितना समय लेती है, उसमें थोड़ा बदलाव हो सकता है। शोधकर्त्ताओं का कहना है कि धूमने का चक्र करीब सात दशक का होता है।

इसका मतलब यह है कि करीब हर 35 साल में यह अपनी दिशा बदल लेती है। इससे पहले 1970 के देशक की शुरुआत में धरती के कोर के घूमने की दिशा में बदलाव हुआ था और अब साल 2040 के मध्य में इसकी दिशा में बदलाव हो सकता है।

धूमने का समय हुआ कम

वहीं एक अन्य रिपोर्ट चौंकाने वाली है कि धरती अब थोड़ा तेज घूम रही है। अब इसे अपना चक्कर पूरा करने में 0.5 मिली सैकेंड कम लग रहा है।

एक रिपोर्ट के अनुसार 24 घंटे में 864600 सैकेंड होते हैं। इतने समय तक धरती अपना एक चक्कर पूरा करती है लेकिन जून 2022 में देखा गया कि इसमें 0.5 मिली सैकेंड की कमी आई है।

8 जनवरी को ‘अर्थ रोटेशन डे’

हर वर्ष 8 जनवरी को ‘अर्थ रोटेशन डे’ मनाया जाता है। दरअसल, 8 जनवरी को फ्रांसीसी भौतिक विज्ञानी लियोन फौकॉल्ट के उस प्रदर्शन को याद किया जाता है, जो उन्होंने साल 1851 में दिखाया था लियोन ने 1851 में मॉडल के जरिए सबसे पहले दर्शाया था कि आखिर धरती अपनी धुरी पर कैसे घूमती है।

दार्शनिकों और वैज्ञानिकों को यह पता लगाने में कई साल लग गए कि धरती सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है। 470 ईसा पूर्व के आसपास कुछ यूनानी खगोलविदों ने यह जरूर खोज लिया था कि धरती अपने आप से चलती है और इसे सिद्ध करने के लिए खगोलविदों ने कई प्रयोग भी किए लेकिन तब यूनानी खगोलविदों को यह नहीं पता था कि धरती सूर्य के भी चक्कर लगाती है।

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तमाम खोजों और निष्कर्षों के बाद 8 जनवरी, 1851 को लियोन ने सबसे पहली बार एक पैडुलम के साथ वह प्रदर्शन करके बताया कि आखिर धरती अपने अक्ष पर घूमते हुए सूर्य के चारों ओर चक्कर किस तरह से लगाती है। बाद में लियोन द्वारा बनाया गया पेंडुलम काफी प्रसिद्ध हो गया और धरती के परिभ्रमण को दिखाने के लिए उसी मॉडल का उपयोग किया जाने लगा।

आज भी दुनियाभर के खगोल विज्ञान से संबंधित कई संग्रहालयों में इसे दिखाया जाता है भारत की नई संसद में भी इसे प्रदर्शित किया गया है।

‘अर्थ रोटेशन डे’ का महत्व इसलिए भी है क्योंकि भौतिक विज्ञानी लियोन फौकाल्ट के उस मॉडल को बच्चों के बीच ज्यादा पसंद किया जाता है। बच्चे भी इस मॉडल को देखकर खगोल विज्ञान के प्रति आकर्षित होते हैं।

पैरिस ने जन्मे लियोन की ज्यादातर शिक्षा घर पर हुई थी। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने मैडीसिन विषय को चुना लेकिन खून देखकर डर लगने के कारण उन्होंने बाद में फिजिक्स को चुना।

पंजाब केसरी से साभार

इनोवेटिव कार डिजाइनर ने कार को दिया अयोध्या राम मंदिर का रूप, वीडियो देखें

अयोध्या राम मंदिर : प्रसिद्ध भारतीय कार डिजाइनर सुधाकर यादव ने हैदराबाद के सुधा कार संग्रहालय में प्रदर्शित अपनी नवीनतम रचना से एक बार फिर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है।

हैदराबाद स्थित सुधा कार संग्रहालय ने एक कार को राम मंदिर का रूप दिया है। इस कार का निर्माण करने वाले सुधाकर यादव ने कहा, हर कोई अयोध्या नहीं जा सकता, उनके लिए हम अयोध्या को उनके दरवाजे तक ले जाएंगे। 22 फीट लंबी और 16 फीट ऊंची यह कस्टम मेटाडोर कार अयोध्या में श्री राम मंदिर को श्रद्धांजलि अर्पित करती है।

विस्तृत नक्काशी और 10 फुट के झंडे से सजी यह कार पहली बार 18 जनवरी को हैदराबाद की सड़कों पर देखी गई थी और अब इसे 15 फरवरी तक नुमाइश उपभोक्ता प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया है।

उन्होंने अपने कहा, कि मैं अजीब डिजाइन बनाने के लिए जाना जाता हूँ और मुझे सबसे ज्यादा अजीब कारों के लिए गिनीज रिकॉर्ड का खिताब भी मिला है। मैंने क्रिसमस ट्री और गेंद-बॉल के आकार की कार भी बनाई है।

जन्मदिन विशेष – नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

सुभाष चन्द्र बोस (23 जनवरी 1897 – 18 अगस्त 1945) भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े नेता थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिए, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फ़ौज का गठन किया था। उनके द्वारा दिया गया “जय हिन्द” का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है।

तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा” का नारा भी उनका था जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया। भारतवासी उन्हें नेता जी के नाम से सम्बोधित करते हैं। नेता जी बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में बहुत तेज़ थे।

इस लेख में हम जानेंगे नेताजी से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में, तो चलिए शुरू करते हैं

  • नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा, बंगाल डिविजन के कटक में हुआ था। बोस के पिता का नाम जानकीनाथ बोस और मां का नाम प्रभावती था। जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर वकील थे। प्रभावती और जानकीनाथ बोस की कुल मिलाकर 14 संतानें थी, जिसमें 6 बेटियां और 8 बेटे थे। सुभाष चंद्र उनकी 9वीं संतान और 5वें बेटे थे।
  • नेताजी की प्रारंभिक पढ़ाई कटक के रेवेंशॉव कॉलेजिएट स्कूल में हुई। इसके बाद उनकी शिक्षा कोलकाता के प्रेजीडेंसी कॉलेज और स्कॉटिश चर्च कॉलेज से हुई। इसके बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा (इंडियन सिविल सर्विस) की तैयारी के लिए उनके माता-पिता ने बोस को इंग्लैंड के केंब्रिज विश्वविद्यालय भेज दिया।
  • 1920 में उन्होंने इंग्लैंड में सिविल सर्विस परीक्षा पास की लेकिन भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में हिस्सा लेने के लिए उन्होंने जॉब छोड़ दी थी। सिविल सर्विस छोड़ने के बाद वह देश के अंग्रेजों के चंगुल से आजाद कराने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ जुड़ गए। जलियांवाला बाग हत्याकांड की घटना से वह बहुत ज्यादा विचलित और प्रभावित हुए।
  • कांग्रेस में महात्मा गांधी उदार दल का नेतृत्व करते थे, तो वहीं सुभाष चंद्र बोस जोशीले क्रांतिकारी दल के प्रिय थे। इसलिए नेताजी गांधी जी के विचारों से सहमत नहीं थे। हालांकि, दोनों का मकसद सिर्फ और सिर्फ एक था कि भारत को आजाद कराया जाए। नेताजी का ऐसा मानना था कि अंग्रेजों को भारत से खदेड़ने के लिए सशस्त्र क्रांति की आवश्यकता है, तो वहीं गांधी अहिंसक आंदोलन में विश्वास करते थे।
  • साल 1938 में नेताजी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष निर्वाचित किए गए, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय योजना आयोग का गठन किया। 1939 के कांग्रेस अधिवेशन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने गांधी जी के समर्थन से खड़े पट्टाभी सीतारमैया को हराकर विजय प्राप्त की। इस पर गांधी और बोस के बीच अनबन बढ़ गई, जिसके बाद नेताजी ने खुद ही कांग्रेस को छोड़ दिया।
  • नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने साल 1937 में अपनी सेक्रेटरी और ऑस्ट्रियन युवती एमिली से शादी की। दोनों की एक बेटी अनीता हुई, और वर्तमान में वो जर्मनी में अपने परिवार के साथ रहती हैं।
  • अंग्रेजों से भारत को आजाद कराने के लिए नेताजी ने 21 अक्टूबर 1943 को ‘आजाद हिंद सरकार‘ की स्थापना करते हुए ‘आजाद हिंद फौज‘ का गठन किया। इसके बाद सुभाष चंद्र बोस अपनी फौज के साथ 4 जुलाई 1944 को बर्मा (अब म्यांमार) पहुंचे। यहां उन्होंने नारा दिया ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।’
  • 1921 से 1941 के दौरान वो पूर्ण स्वराज के लिए कई बार जेल भी गए थे। उनका मानना था कि अहिंसा के जरिए स्वतंत्रता नहीं पाई जा सकती। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने सोवियत संघ, नाजी जर्मनी, जापान जैसे देशों की यात्रा की और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सहयोग मांगा।
  • सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद रेडियो स्टेशन जर्मनी में शुरू किया और पूर्वी एशिया में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नेतृत्व किया। सुभाष चंद्र बोस मानते थे कि भगवत गीता उनके लिए प्रेरणा का मुख्य जरिया थी।
  • 18 अगस्त, 1945 को ताइपेई में हुई एक विमान दुर्घटना के बाद नेताजी लापता हो गए थे। घटना को लेकर तीन जांच आयोग बैठे, जिसमें से दो जांच आयोगों ने दावा किया कि दुर्घटना के बाद नेताजी की मृत्यु हो गई थी। जबकि न्यायमूर्ति एमके मुखर्जी की अध्यक्षता वाले तीसरे जांच आयोग का दावा था कि घटना के बाद नेताजी जीवित थे। इस विवाद ने बोस के परिवार के सदस्यों के बीच भी मनमुटाव ला दिया था।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में अन्य तथ्य

  • साल 1942 में नेता जी हिटलर से मिले थे, लेकिन हिटलर के मन में भारत को आज़ाद करवाने के प्रति कोई दिलचस्पी नहीं थी। हिटलर ने नेताजी को सहायता के लिए कोई स्पष्ट वचन नहीं दिया था।
  • नेताजी की भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में रैंक 4 थी, लेकिन आज़ादी की जंग में शामिल होने के लिए उन्होंने भारतीय सिविल सेवा की आरामदेह नौकरी ठुकरा दी थी।
  • नेताजी को जलियावाला हत्याकांड ने इस कदर विचलित कर दिया था कि वह सब कुछ छोड़कर भारत की आज़ादी के संग्राम में शामिल हो गए।
  • 1943 में बर्लिन में नेताजी ने आज़ाद हिंद रेडियो और फ्री इंडिया सेंटर की स्थापना की थी।
  • 1943 में स्थापित हुए आज़ाद हिंद बैंक ने दस रुपये के सिक्के से लेकर एक लाख रुपये के नोट जारी किये थे, एक लाख रुपये के नोट पर सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर छापी गयी थी।
  • नेताजी ने ही गांधीजी को राष्ट्रपिता कह कर संबोधित किया था।
  • नेताजी को 1921 से 1941 के बीच 11 बार भारत की अलग-अलग जेलों में कैद में रखा गया था।
  • नेताजी का ऐसा मानना था कि अंग्रेजों को भारत से खदेड़ने के लिए सशक्त क्रांति की आवश्यकता है, लेकिन गांधी जी अहिंसक आंदोलन में विश्वास करते थे।
  • नेताजी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का दो बार अध्यक्ष चुना गया था।
  • नेताजी की मृत्यु कैसे हुई, यह गुत्थी आज भी अनसुलझी है। उनकी मृत्यु की आज तक कोई पुष्टि नहीं हो सकी। यहां तक कि भारत सरकार भी उनकी मौत के बारे में कुछ नहीं बोलना चाहती।
  • 17 मई 2006 को जस्टिस मुखर्जी कमीशन ने एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें इस बात का जिक्र था कि रंकजी मंदिर में पाई जाने वाली राख नेताजी की नहीं थी। हालांकि इस रिपोर्ट को भारत सरकार द्वारा ठुकरा दिया गया और यह मामला आज भी एक रहस्य ही है।

जैक रसेल टेरियर कुत्ते की नस्ल के बारे में तथ्य और जानकारी

जैक रसेल टेरियर अपनी उच्च ऊर्जा, बुद्धिमत्ता और सहनशक्ति के लिए जाने जाते हैं। जैक रसेल को 1800 के दशक में इंग्लैंड में लोमड़ियों का शिकार करने के लिए पाला गया था।

इन्हें पार्सन रसेल टेरियर के नाम से भी जाना जाता है। इस नस्ल के कुत्तों को खेलना-कूदना बहुत पसंद होता है। इन्हें एक जगह पर खाली बैठना बिल्कुल भी पसंद नहीं है। ये हर समय कुछ न कुछ करते रहते हैं।

आकार एवं स्वभाव

इस नस्ल के कुत्ते शांत स्वभाव के होते हैं। इस प्रजाति के कुत्तों को हमेशा ही एक अच्छी कंपनी की तलाश होती है जिनके साथ ये खेल सकें।

जैक रसेल टेरियर के कोट का रंग मुख्यतः सफ़ेद, भूरा और काला होता है। इसका कोट तीन किस्मों में आता है चिकना (smooth), खुरदरा और टूटा हुआ। इन तीन किस्मों में छोटी से मध्यम लंबाई के फर शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, सभी तीन किस्मों में एक डबल कोट होता है, जिसमें मुलायम फर का अंडरकोट होता है।

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जैक रसेल टेरियर्स ऊर्जावान कुत्ते हैं जिन्हें पर्याप्त व्यायाम और मानसिक उत्तेजना की आवश्यकता होती है। उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से संतुष्ट रखने के लिए खेलने के समय, सैर और बहुत सारी इंटरएक्टिव गतिविधियों की आवश्यकता होती है।

इनका शरीर हृष्ट पुष्ट होता है और यह 5 फीट ऊंचाई तक छलांग लगा सकते हैं। इस नस्ल के कुत्ते का औसतन कद 9-14 इंच होता है और औसतन भार 5 -7 किलो होता है।

जैक रसेल में शिकार करने की तीव्र इच्छा होती है, इसलिए उन्हें बिल्लियों, खरगोशों जैसे छोटे जानवरों से दूर रखने की सलाह दी जाती है।

भोजन एवं स्वास्थ्य

भोजन की मात्रा कुत्ते की उम्र और उसकी नस्ल पर निर्भर करती है। छोटी नस्लों को बड़ी नस्ल के मुकाबले भोजन की कम मात्रा की आवश्यकता होती है। भोजन उचित मात्रा में दिया जाना चाहिए नहीं तो कुत्ते सुस्त और मोटे हो जाते हैं।

संतुलित आहार जिसमें कार्बोहाइड्रेट्स, फैट, प्रोटीन, विटामिन और ट्रेस तत्व शामिल हैं, पालतू जानवरों को स्वस्थ और अच्छे आकार में रखने के लिए आवश्यक होते हैं। कुत्ते को 6 आवश्यक तत्व जैसे फैट, खनिज, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट्स, पानी और प्रोटीन की आवश्यकता होती है।

इसके साथ ही इन्हें सारा समय साफ पानी की आवश्यकता होती है। पिल्ले को 29 प्रतिशत प्रोटीन और प्रौढ़ कुत्ते को आहार में 18 प्रतिशत प्रोटीन की जरूरत होती है।

हम उन्हें ये सारे आवश्यक तत्व उच्च गुणवत्ता वाले सूखा भोजन देकर दे सकते हैं। इन्हें दिन में दो बार 1.25-1.75 कप उच्च गुणवत्ता वाला सूखा भोजन देना चाहिए।

यह नस्ल लंबी आयु के साथ स्वस्थ रहने के लिए प्रसिद्ध है। उचित देखभाल मिलने पर जैक रसेल 13 से 16 साल तक जीवित रह सकते हैं। हालाँकि, अन्य नस्ल के कुत्तों की तरह इस नस्ल के कुत्तों में भी कुछ स्वास्थ्य समस्याएं रहती हैं जिनमें वंशानुगत मोतियाबिंद, एक्टोपिया लेंटिस, जन्मजात बहरापन, पटेलर लक्सेशन, गतिभंग, मायस्थेनिया ग्रेविस, लेग-काल्वे-पर्थेस सिंड्रोम और वॉन विलेब्रांड रोग शामिल हो सकते हैं।

Jack Russell Terrier Dog Breed Information

प्रशिक्षण

सभी नस्लों की तरह इस नस्ल के कुत्तों को भी प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। उन्हें करतब दिखाना और जल्दी से नई चीजें सीखना पसंद होता है। वे कठोर या नकारात्मक तरीकों के बजाय सकारात्मक प्रशिक्षण पर बहुत अच्छी प्रतिक्रिया देते हैं।

प्रजजन प्रक्रिया

जैक रसेल टेरियर्स के गर्भधारण की अवधि 60-64 दिनों तक रहती है। ये एक समय में 6 से 8 पिल्लों को जन्म देती है।

भारत में जैक रसेल टेरियर की कीमत

भारत में जैक रसेल टेरियर की कीमत कई कारकों के आधार पर भिन्न होती है। इसमें शमिल है ब्रीडर का लिंग, उम्र, कोट के प्रकार और आकार। भारत में जैक रसेल टेरियर की कीमत 35000 रुपये से शुरू होकर 50,000 रुपये तक हो सकती है।

“टॉवर ऑफ़ लंदन” एक ऐसा ऐतिहासिक महल जहाँ आज भी चलता है आत्माओं का राज

टॉवर ऑफ़ लंदन (Tower of London) लंदन शहर के बीचोंबीच, टेम्स नदी पर बना एक ऐतिहासिक महल है। लगभग 1,000 साल पुरानी इस इमारत का अतीत खोखलापन और भय से भरा हुआ है।

इस इमारत में मौत, फांसी, हत्‍या, और अत्‍याचारों की ऐसी ऐसी वारदातें हुई हैं जिनके बारे में सुन कर किसी की भी रूह कांप जाए। कहा जाता है कि यहां तेरह आत्माएं भटकती रहती हैं।

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टॉवर ऑफ़ लंदन

इस भव्य महल का निर्माण सन् 1078 में विलियम द कॉन्करर ने कराया था जो इंग्लैंड का पहला नॉर्मन राजा था। इसके निर्माण में लगे पत्थर फ़्रांस से मंगाए गए थे। इसके परिसर में कई इमारतें हैं। एक समय यह ब्रिटेन का शाही महल था। इसी परिसर में राजसी बंदियों के लिए कारागार भी था।

यह किला अनेक मृत्युदंड तथा हत्याओं का साक्षी रहा है। वर्तमान समय में ब्रिटेन का राजपरिवार इस क़िले में नहीं रहता है लेकिन उनके शाही जवाहरात यहीं सुरक्षित रखे गए हैं।

यहाँ की पूरी कहानी हेनरी अष्‍ठम से जुड़ी है जिसका जन्‍म 28 जून सन 1491 में हुआ था। वह एक पराक्रमी और कठोर शासक था।

हेनरी अष्‍ठम लॉर्ड ऑफ आयरलैंड तथा फ्रांस के साम्राज्य के दावेदार थे। हेनरी हाउस ऑफ ट्युडर के द्वितीय राजा थे, जो कि अपने पिता हेनरी सप्तम के बाद इस पद पर आसीन हुए थे।

हेनरी अष्‍ठम ने छः विवाह किए थे इसके अलावा उन्हें चर्च ऑफ इंग्लैंड को रोमन कैथलिक चर्च से पृथक करने के लिए भी जाना जाता है। हेनरी की कठोरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने अपनी दूसरी पत्‍नी को खुद ही मौत की सजा सुना दी थी।

हेनरी की पहली पत्‍नी एनारान की कैथरीन थी और दूसरी पत्‍नी मशहूर ऐनी बोलिन थी। हेनरी को एक उत्‍तराधिकारी यानी की बेटे की जरूरत थी।

ऐनी बोलिन जिसका भूत टावर ऑफ लंदन में भटकता है
ऐनी बोलिन जिसका भूत टावर ऑफ लंदन में भटकता है

उस समय ऐनी बोलिन गर्भवती थी, लेकिन इससे पहले एक बार उनका गर्भपात हो चुका था इसलिए उन्हें डर था कि कहीं इस बार भी कोई ऐसी घटना न घटित हो जाए। लेकिन वही हुआ जिसका डर था। ऐनी का गर्भपात हो गया जिसकी सूचना सुनकर राजा ने ऐनी को मौत की सजा सुना दी और रानी का सिर कलम करवा दिया गया।

ऐनी की मौत के बाद भी हेनरी ने अपनी एक और पत्‍नी का सिर कलम करवा दिया था। ऐसा माना जाता है कि आज भी ऐनी का भूत टावर ऑफ लंदन में भटकता रहता है।

कहा जाता है कि एक बार टावर के एक चौकीदार ने कुछ ऐसा मंजर देखा था। चौकीदार के अनुसार 12 फरवरी सन 1957 में वह टावर के परिसर में रखवाली कर रहा था तभी उसने टावर के पास किसी सफेद साये को देखा जोकि देखने में एकदम रानी की ही तरह लग रहा था। लेकिन उसका सिर उसके धड़ पर नहीं था बल्कि वो अपने सिर को अपने दायें हाथ में पकड़ी हुई थी।

चौंकाने वाली बता यह थी कि यह वही (12 फरवरी) तारीख थी जब सन 1554 में हेनरी ने अपनी दूसरी रानी लेडी जेन ग्रे का सिर कलम करवाया था।

एक अन्य कहानी के अनुसार लेडी जेन ग्रे का भूत सबसे अधिक बार देखा गया है जो एक युवा लड़की थी, जिसे कैद करने से पहले नौ दिनों के लिए रानी का ताज पहनाया गया था और अंततः 17 साल की उम्र में उसका सिर कलम करवा दिया गया था। ऐसा कहा जाता है कि अक्सर उसे ब्यूचैम्प टॉवर में अपनी कोठरी में बैठे और आधी रात में रोते हुए देखा जा सकता है।

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हेनरी अष्‍ठम

ऐनी बोलिन और जेन ग्रे के अलावा भी अन्‍य कई लोगों की आत्माओं को इस टावर में देखा गया है। सन 1541 में एक शाही कर्मचारी को मौत की सजा सुनाई गई थी। उस पर आरोप था कि उसने बही खातों के साथ छेड़छाड की थी। इसके लिए उसे कुल्हाड़ी से काट कर मौत के घाट उतार दिया गया। ऐसा माना जाता है कि वो निर्दोष था जिस कारण वो कर्मचारी आज भी इस टावर के प्रशासनिक भवन में देखा जाता है उसका शरीर क्षत विक्षत होता है और उसके हाथ में एक कुल्हाड़ी होती है।

इस टावर में और भी बहुत सारी अजीबोगरीब चीजें देखी गई हैं। यहां जानवरों को बांध कर रखा जाता था और महज मनोरंजन के लिए उन्हें पाला जाता था। ऐसा बताया जाता है कि टावर में एक भालू का भूत भी है। सन 1251 में हेनरी तृतीय को नार्वे के राजा ने उपहार के रूप में एक ध्रुवीय भालू दिया था। कुछ सालों के बाद उसकी मौत हो गई। आज भी  टावर के परिसर में इस भालू के साये को घूमते हुए देखा जा सकता है।

एक अन्य अजीबोगरीब घटना के अनुसार कहा जाता है कि टावर के संरक्षक कौवे है। यह सुनकर आपको अजीब लगेगा कि इतनी बड़ी इमारत के संरक्षक भला कौवे कैसे हो सकते हैं। लेकिन यह सत्‍य है इस टावर की सुरक्षा 8 कौवों के कंधों पर है। ऐसा माना जाता है कि जिस दिन ये कौवे इस टावर को छोड़कर कहीं और चले जायेंगे उस दिन यह टावर अपने आप ही ध्वस्त हो जाएगा।

दांतों के बारे में 10 ऐसी बातें जो आप नहीं जानते होंगे

दांत हमारे शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा होते है। कहीं न कहीं यह हमारी पर्सनालिटी को भी प्रभावित करते हैं। सुंदर और चमकदार दांत सभी को अच्छे लगते है इससे हमारा व्यक्तित्व आकर्षक बनता है। वहीं गंदे और सड़े हुए दांत लोगों के बीच शर्मिंदगी का कारण बनते हैं। इसलिए हमें अपने दांतों की साफ-सफाई पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, जिससे हमारे दांत हमेशा स्वस्थ एवं सुंदर रहे।

इस लेख में हम दांतों के बारे में 10 ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जो शायद आप नहीं जानते होंगे

  • जिस प्रकार डीएनए हर इंसान का अलग होता है, उसी प्रकार दांतों के बारे में सबसे आश्चर्यजनक तथ्यों में से एक यह है कि आपके दांत भी अद्वितीय हैं। यही कारण है कि कभी-कभी मानव अवशेषों की पहचान के लिए दंत रिकॉर्ड का उपयोग किया जाता है। यहाँ तक कि जुड़वाँ बच्चों के दाँत भी एक जैसे नहीं होते।
  • प्रत्येक दांत का लगभग एक तिहाई हिस्सा आपके मसूड़ों के नीचे होता है। यही कारण है कि अपने मसूड़ों को स्वस्थ रखना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना दांतों को। आपके मसूड़े हमेशा गुलाबी रंग के और सख्त होने चाहिए।
  • मनुष्य के दांत चार प्रकार के होते हैं। पहला – छेदक (Incisor), जो काटने का काम करते हैं। दूसरा – भेदक (Canine), जो फाड़ने का काम करते हैं। तीसरा –अग्रचर्वणक (Premolar) और चौथा – चर्वणक (Molar), जो चबाने के काम में आते हैं।

11 things about teeth

  • दांतों का इनेमल (इनेमल दांत का एक हिस्सा है जो बाहरी प्रदूषण से दांतों को ढकता है।) सबसे कठोर होता है। लोग अक्सर दांतों के इनेमल शब्द का उल्लेख करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दांतों का इनेमल किस चीज से बना होता है और यह वास्तव में क्या होता है? इनेमल मूल रूप से आपके दांतों पर कैल्शियम और फॉस्फेट से बनी बाहरी परत है, जो आपके शरीर का सबसे मजबूत हिस्सा है। दांतों की भीतरी परतें इनेमल द्वारा सुरक्षित रहती हैं।
  • भले ही इनेमल आपके दांतों की सुरक्षा के लिए है, फिर भी इनेमल चिपक सकता है या टूट सकता है। शीतल पेय में पाए जाने वाले शर्करा और एसिड, आपके मुंह में बैक्टीरिया के साथ संपर्क करते हैं और आपके इनेमल पर हमला करते हैं, जो दांतों की सड़न की शुरुआत का प्रतीक है। शीतल पेय विशेष रूप से हानिकारक होते हैं।
  • आपका मुंह 300 से अधिक प्रकार के बैक्टीरिया का घर है और यह बहुत सामान्य है। लेकिन कुछ बैक्टीरिया हानिकारक होते हैं और उनमें से एक है “स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स“, इसके द्वारा चीनी और कार्बोहाइड्रेट को एसिड में बदल दिया जाता है। इससे दांत सड़ने लगते हैं।
  • मनुष्य अपने पूरे जीवनकाल में दो सेट दांत प्राप्त करता है। पहला सेट बचपन में आता है जिसे दूध के दांत कहते हैं इस सेट में केवल 20 दांत ही आते हैं। दूध का दांत टूट जाने के बाद स्थायी दांत आता है जो मनुष्य में पूरे जीवन काल तक रहता है। लेकिन बढ़ते उम्र के साथ यह दांत भी टूट जाता है।
  • डेंटिन (एक परत है जो दाँत के इनेमल के ठीक नीचे स्थित होती है) वह परत है जो इनेमल के नीचे होती है, और यह आपकी हड्डियों से भी सख्त होती है। उनका मुख्य कार्य नलिकाएं नामक संरचना की मदद से तंत्रिका संकेतों और पोषण को स्थानांतरित करना है जो मार्ग की तरह हैं। डेंटिन तीन प्रकार के होते हैं: प्राथमिक, द्वितीयक और रिपेरेटिव। जबकि इनेमल मूल रूप से स्थिर है, डेंटिन आपके पूरे जीवन में बढ़ता और बदलता रहता है।
  • आपका शरीर प्रतिदिन लगभग एक चौथाई गेलन लार का उत्पादन करता है, जो जीवनकाल में लगभग 10,000 गेलन तक निकलता है। लार आपके संपूर्ण स्वास्थ्य में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उदाहरण के लिए, यह भोजन को निगलने में आसान बनाता है और इसमें पाचन को तेज करने के लिए एंजाइम होते हैं। जब आपके दांतों की बात आती है, तो लार रुके हुए भोजन के कणों को धो देती है, और इसमें कैल्शियम और फॉस्फेट होता है, जो प्लाक में मौजूद एसिड को बेअसर कर सकता है जो क्षति और क्षय का कारण बनता है।
  • आपके दांतों पर लगातार एक सफेद चिपचिपा पदार्थ जमा होता रहता है, जो और कुछ नहीं बल्कि प्लाक है। इसमें कई हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं और क्षय से बचने के लिए इसे हर दिन हटाने की आवश्यकता होती है। यदि इसे न हटाया जाए तो यह टार्टर (जब प्लैक जिद्दी होकर दांतों से चिपक जाता है, तो इसे टार्टर कहा जाता है।) में बदल जाता है। फ्लॉसिंग के साथ-साथ दिन में दो बार ब्रश करने की स्वस्थ दिनचर्या जरूरी है।

एक ऐसी खूंखार महिला डॉन जिसकी कहानी सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जायेंगे

ग्रिसेल्डा ब्लैंको रेस्ट्रेपो जिसे ब्लैक विडो या कोकीन गॉडमदर के नाम से जाना जाता है बेहद खूंखार और क्रूर महिला थी। ऐसा कहा जाता है कि वह कत्ल का ऑर्डर ऐसे देती थी, जैसे दूसरे लोग पिज्जा ऑर्डर करते हैं।

वह इतनी क्रूर थी कि वह बच्चों तक को नहीं बख्शती थी। 1970 और 80 के दशक के दौरान नशीली दवाओं की तस्करी से उसने 157 अरब रुपए से ज्यादा की कमाई की थी।

कहा जाता है कि जो लोग भी उसके काम में बाधा बने, उसने उनका क़त्ल कर दिया। उसने तकरीबन 2000 लोगों का कत्ल किया था।

Griselda Blanco Restrepo

कौन थी ग्रिसेल्डा ब्लैंको रेस्ट्रेपो

ग्रिसेल्डा ब्लैंको रेस्ट्रेपो का जन्म देश के उत्तरी तट पर कोलंबिया के सांता मार्टा में हुआ था। जब वह 3 साल की थी, तब उसकी शराबी मां ने उसे अपराध निवारण केंद्र में भर्ती करा दिया था।

वह अपराधियों के बीच पली बड़ी और उन्हीं के साथ मिलकर जेबें काटने लगी। 11 साल की हुई तो उसने 10 साल के एक बच्चे का अपहरण कर लिया। फिरौती नहीं मिली तो बच्चे को गोली मार दी। 19 साल की उम्र में घर से भाग गई और 20 साल की उम्र तक मेडेलिन में चोरी करती रही।

1964 में, वह फर्जी नाम और फर्जी कागजात के साथ अवैध रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में आ गईं और अपने तीन बच्चों और पति के साथ क्वींस, न्यूयॉर्क में बस गईं।

ब्लैंको ने कोलंबिया, मियामी और न्यूयॉर्क जैसे बड़े अमेरिकी शहरों में डीलरों के बीच कोकीन व्यापार की स्थापना की और उसकी प्रमुख बन गई।

उसने तुरंत एक फलता-फूलता ड्रग ऑपरेशन स्थापित किया। अप्रैल 1975 में, उसे अपने तीस अधीनस्थों के साथ संघीय ड्रग साजिश के आरोप में दोषी ठहराया गया।

सजा से बचने के लिए कोलंबिया वापस भागने के बाद, वह संयुक्त राज्य अमेरिका लौट आई और 1970 के दशक के अंत में अपना ऑपरेशन मियामी में स्थानांतरित कर दिया।

ब्लैंको नशीली दवाओं से संबंधित हिंसा में भी शामिल थी जिसे मियामी ड्रग वॉर या कोकीन काउबॉय वॉर्स के नाम से जाना जाता है, जिसने 1970 के दशक के अंत से लेकर 1980 के दशक की शुरुआत खूब तबाही मचाई। यह वह दौर था जब गांजे से ज्यादा कोकीन की तस्करी होती थी।

Griselda Blanco Restrepo

बताया जाता है कि कैलिफोर्निया की जिस हवेली में ग्रिसेल्डा रहती थी, वह महल की तरह था और हीरे-जवाहरात से सजा हुआ था। उसके पास एक मशीनगन भी थी।

ब्लैंको ने चार शादियां कि थी और उसके चार ही बच्चे थे। ब्लैंको और उनके पहले पति, कार्लोस ट्रूजिलो के तीन बेटे थे, सभी का जन्म ब्लैंको के 21 साल के होने से पहले हुआ था। 1978 में ग्रिसेल्डा ने ड्रग तस्कर डेरियो सेपुलवेडा से तीसरी शादी की। इससे भी एक बेटा हुआ।

17 फरवरी 1985 को, ब्लैंको को ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (डीईए) द्वारा उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया और उस पर कोकीन के निर्माण, आयात और वितरण की साजिश रचने का आरोप लगाया गया। मामले की सुनवाई न्यूयॉर्क शहर की संघीय अदालत में हुई जहां उसे दोषी पाया गया और 15 साल की सजा सुनाई गई। 2012 में 69 साल की उम्र में उसकी हत्या कर दी गई।

उसकी कहानी पर वैब सीरीज भी बनी है जिसमें हॉलीवुड एक्ट्रैस सोफिया वरगारा उसकी भूमिका निभाई है।

गुरु गोबिन्द सिंह जयंती : जानिए महत्व, सिद्धांत और अनमोल वचन!

गुरु गोबिन्द सिंह जी की जयंती इस वर्ष 17 जनवरी यानि आज मनाई जा रही है। गुरु गोबिन्द सिंह जी सिखों के 10वें गुरु थे उन्होंने सिख धर्म के लिए बहुत ही महान काम किए और आदि श्री ग्रंथ साहिब जी को पूरा किया था।

महान संत गुरु गोबिन्द सिंह जी का जन्म पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को साल 1666 में बिहार के पटना शहर में हुआ था। इनके पिता का नाम गुरु तेग बहादुर और माता का नाम गुजरी था।

गुरु गोबिन्द सिंह जी को बचपन में गोबिन्द राय नाम से पुकारा जाता था। उनके जन्म के बाद वह पटना में 4 वर्ष तक रहे, और उनके घर का नाम तख्त सहित पटना साहिब के नाम से जाना जाता है।

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महत्व

माना जाता है कि गुरु गोबिन्द सिंह की शिक्षाओं का सिखों पर बड़ा प्रभाव है। यह वास्तव में उनके मार्गदर्शन और प्रेरणा के तहत था कि खालसा ने एक सख्त नैतिक संहिता और आध्यात्मिक झुकाव का पालन किया।

गुरु गोविंद सिंह जी का जीवन परोपकार और त्याग का जीता जागता उदाहरण है। वे एक आध्यात्मिक गुरु थे जिन्होंने मानवता को शांति, प्रेम, करुणा, एकता और समानता की सीख दी।

1708 में अपनी मृत्यु से पहले, दसवें गुरु ने सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ, गुरु ग्रंथ साहिब को स्थायी सिख गुरु घोषित किया।

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गुरु गोबिन्द सिंह के सिद्धांत

गुरु गोबिन्द सिंह द्वारा जीवन जीने के 5 सिद्धांत दिए गए हैं। इन सिद्धांतों को ककार के नाम से जाना जाता है, इन ककार को सभी खालसा सिखों को धारण करना अनिवार्य माना गया है।

इनमें केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा शामिल है। मान्यता है कि इनके बिना किसी भी खालसा का वेश पूरा नहीं माना जाता।

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कैसे मनाई जाती है गुरु गोबिन्द सिंह जयंती?

गुरु गोबिन्द सिंह जी का सिख धर्म में महान योगदान रहा है इसलिए इस धर्म के लोग गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती को बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ दुनिया भर में मनाया जाता है।

इस दिन सिख धर्म के लोग सुबह जल्दी उठकर नहा धोकर नए कपड़े पहनते हैं और गुरुद्वारे में मत्था टेकने जाते हैं और अपने परिवार और रिश्तेदारों के सुख समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।

इस दिन गुरुद्वारे में लंगर भी लगता है। गुरुद्वारों में लोग गुरु गोविंद सिंह जी के गीत, कविता और कथा का आनंद लेते हैं और उन्हें याद करते हैं और भक्ति गीत गाते हैं।

अनमोल वचन

  • अपनी जीविका ईमानदारी पूर्वक काम करते हुए चलाएं।
  • अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान करें।
  • काम में खूब मेहनत करें और काम को लेकर किसी तरह की आलस्यपन न करें।
  • अपनी जवानी, जाति और कुल धर्म को लेकर घमंडी होने से बचें।
  • दुश्मन का सामना करने से पहले साम, दाम, दंड और भेद का सहारा लें, और अंत में ही आमने-सामने के युद्ध में पड़ें।
  • किसी की चुगली-निंदा से बचें और किसी से ईर्ष्या करने के बजाय मेहनत करें।
  • हमेशा जरूरतमंद व्यक्तियों की मदद जरूर करें।
  • खुद को सुरक्षित रखने के लिए नियमित व्यायाम और घुड़सवारी की अभ्यास जरूर करें।
  • किसी भी तरह के नशे और तंबाकू का सेवन न करें।

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दुनिया का सबसे लंबा और बड़ा शीशे का पुल

चीन के हुनान प्रांत में विश्व का सबसे लंबा और बड़ा शीशे का पुल है। शीशे के इस पारदर्शी पुल की लम्बाई 430 मीटर और 6 मीटर चौड़ाई है। हुनान में झांगजियाजी कैनयोन तक फैला यह पुल जमीन से 300 मीटर ऊंचा है। यह पुल तियानमेन माउंटेन नेशनल पार्क में दो चोटियों से जोड़ा गया है।

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दुनिया के सबसे लम्बे इस शीशे के पुल में 99 ग्लास पैनल लगे हैं और इसमें पारदर्शी शीशों की तीन परतें हैं। जिसमें से पर्यटक आर-पार देख सकते हैं। इस ब्रिज को बनाने में 3.4 मिलियन डॉलर का खर्च आया है।

6 मीटर चौड़ाई वाले इस पुल की डिजाइनिंग इजरायली आर्किटेक्ट हैम डोटान ने की है। शीशे के बने इस पुल में जाने के लिए पर्यटकों को टिकट बुक करवाना पड़ता है क्योंकि एक दिन में इस पुल पर केवल 8,000 लोगों को ही जाने की अनुमति है। इस पुल पर जाने के लिए प्रति व्यक्ति टिकट 20 डॉलर है।

2024 में एशिया के शीर्ष 10 सबसे अमीर व्यक्ति

एशिया ग्रह का सबसे बड़ा महाद्वीप है और साथ ही दुनिया के कुछ सबसे अमीर लोगों का घर भी। फोर्ब्स द्वारा हर साल प्रकाशित होने वाली अरबपतियों की सूची में एशिया से बड़ी संख्या में लोगों को शामिल किया गया है।

अधिकांश अरबपति चीन से आते हैं, उसके बाद भारत और हांगकांग से आते हैं, जिनमें अन्य देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। यहां इस लेख में, हमने 2024 में एशिया के शीर्ष 10 सबसे अमीर लोगों की एक सूची प्रस्तुत की है, तो चलिए शुरू करते हैं।

मुकेश अंबानी

Mukesh Ambani
Mukesh Ambani

जनवरी 2024 तक, एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी हैं, जिनकी कुल संपत्ति 100.2 बिलियन डॉलर (भारतीय मुद्रा में लगभग 83,00 करोड़) है। मुकेश अंबानी 1966 में अपने दिवंगत पिता धीरूभाई अंबानी द्वारा स्थापित रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और मालिक हैं।

उनकी कंपनी की रुचि पेट्रोकेमिकल्स, तेल और गैस, टेलीकॉम और रिटेल में है। मुकेश अंबानी अब एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में भी शामिल हैं। मुकेश अंबानी

गौतम अडानी

Gautam Adani
Gautam Adani

गौतम शांतिलाल अदानी भारत में बंदरगाह विकास और संचालन में शामिल एक बहुराष्ट्रीय समूह, अदानी समूह के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। अडानी समूह भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा संचालक है और अपने गृह राज्य गुजरात में भारत के सबसे बड़े मुंद्रा बंदरगाह को भी नियंत्रित करता है।

बुनियादी ढांचे और वस्तुओं के अलावा, अदानी समूह बिजली उत्पादन और ट्रांसमिशन और रियल एस्टेट व्यवसाय में भी है। लगभग 94.5 बिलियन डॉलर (भारतीय मुद्रा में लगभग 7850.06 होगा) की कुल संपत्ति के साथ, अडानी एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं।

झोंग शानशान

zhong shanshan
zhong shanshan

झोंग शानशान एक चीनी व्यवसायी हैं। वह नोंगफू स्प्रिंग बेवरेज कंपनी के संस्थापक और अध्यक्ष और बीजिंग वंताई बायोलॉजिकल फार्मेसी एंटरप्राइज के बहुमत मालिक हैं।

इसके अलावा, उनका बीजिंग वंताई बायोलॉजिकल फार्मेसी पर भी प्रभाव है, जो कि कोविड-19 के लिए त्वरित डायग्नोस्टिक परीक्षणों का निर्माता है। फोर्ब्स के अनुसार उनकी कुल सम्पति शानशान ने 62.4 बिलियन डॉलर (भारतीय मुद्रा में लगभग 51,46 करोड़ ) है।

कॉलिन झेंग हुआंग

Colin Zheng Huang
Colin Zheng Huang

कॉलिन झेंग हुआंग एक चीनी उद्यमी और ई-कॉमर्स कंपनी पिंडुओडुओ के संस्थापक और पूर्व सीईओ हैं। कॉलिन झेंग हुआंग ने फरवरी, 2023 में पिंडुओडुओ का नाम बदल कर पीडीडी होल्डिंग्स इंक कर लिया है।

आज, पिंडुओडुओ चीन की सबसे तेजी से बढ़ती कंपनियों में से एक है। वह अपने दूरदर्शी नेतृत्व और उपभोक्ताओं को किफायती उत्पाद उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं।

फोर्ब्स द्वारा 2022 में संकलित चीन के 100 सबसे अमीर लोगों की सूची में हुआंग नौवें स्थान पर थे। फोर्ब्स के अनुसार अब उनकी कुल सम्पति शानशान ने 53.0 बिलियन डॉलर (भारतीय मुद्रा में लगभग 44,00 करोड़ ) है।

झांग यिमिंग

zhang yiming
zhang yiming

झांग यिमिंग चीन के सबसे बड़े मीडिया सामग्री प्लेटफार्मों में से एक, बाइटडांस के संस्थापक हैं। बाइटडांस अपने क्रांतिकारी सोशल वीडियो ऐप टिकटॉक के लिए जाना जाता है।

टिकटॉक की प्रसिद्धि के अलावा, बाइटडांस समाचार, शिक्षा और गेमिंग जैसे विविध क्षेत्रों तक फैला हुआ है। उनकी वर्तमान कुल संपत्ति लगभग 43.4 बिलियन डॉलर (भारतीय मुद्रा में लगभग 35,69 करोड़ ) आंकी गई है।

प्राजोगो पंगेस्टु

prajogo pangestu
prajogo pangestu

प्राजोगो पंगेस्टु एक इंडोनेशियाई बिजनेस मैग्नेट, निवेशक और परोपकारी हैं, जो इंडोनेशियाई समूह बारिटो पैसिफिक ग्रुप के संस्थापक हैं। वह कोयला-खनन कंपनी पीटी पेट्रिंडो जया क्रेसी में मुख्य शेयरधारक हैं।

2019 में, फोर्ब्स द्वारा उन्हें इंडोनेशिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में स्थान दिया गया था। फोर्ब्स के अनुसार 2024 में उनकी कुल सम्पति बिलियन अमेरिकी डॉलर 43.3 (भारतीय मुद्रा में लगभग 35,68 करोड़ ) है।

तदाशी यानाई एवं परिवार

Tadashi Yanai and family
Tadashi Yanai and family

तदाशी यानाई और परिवार प्रसिद्ध खुदरा वस्त्र साम्राज्य फास्ट रिटेलिंग के मालिक हैं, जो यूनीक्लो, थ्योरी, हेल्मुट लैंग, जे ब्रांड और जीयू की मूल कंपनी है।

तदाशी यानाई चीन के साथ-साथ दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक हैं, यानाई अपनी कंपनी को दुनिया का सबसे बड़ा खुदरा विक्रेता बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार अक्टूबर 2021 तक, वह जापान के सबसे अमीर व्यक्ति थे, जिनकी अनुमानित कुल संपत्ति 26.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर और दुनिया के 40वें सबसे धनी व्यक्ति थे। फोर्ब्स के अनुसार 2024 में उनकी कुल सम्पति अमेरिकी डॉलर 37.5 बिलियन (भारतीय मुद्रा में लगभग 30,71 करोड़ ) है।

ली का-शिंग

Li Ka-shing
Li Ka-shing

ली का-शिंग जीबीएम केबीई जेपी हांगकांग के एक बड़े उद्योगपति, निवेशक और समाज-सेवी हैं। जून 2019 तक, ली दुनियां के 30वें सबसे अमीर व्यक्ति थे, जिनकी अनुमानित संपत्ति 29.4 बिलियन अमेरिकन थी।

वह सीके हचिसन होल्डिंग्स के वरिष्ठ सलाहकार भी हैं; इसके माध्यम से, वह दुनिया के प्रमुख बंदरगाह निवेशक, डेवलपर, और एशिया और यूरोप में सबसे बड़े स्वास्थ्य और सौंदर्य रिटेलर के संचालक हैं। फोर्ब्स के अनुसार 2024 में उनकी कुल सम्पति अमेरिकी डॉलर 35.7 बिलियन (भारतीय मुद्रा में लगभग 30,73 करोड़ ) है।

शिव नादर

Shiv Nadar
Shiv Nadar

शिव नादर एक भारतीय व्यवसायी और संस्थापक हैं। वह एक प्रमुख आईटी सेवा कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज के सह-संस्थापक के लिए सबसे प्रसिद्ध हैं। उनके नेतृत्व में इस कंपनी ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।

सन् 2010 में उनकी व्यक्तिगत सम्पत्ति 4.2 बिलियन अमेरिकी डालर के तुल्य है। उनको सन 2008 में भारत सरकार द्वारा उद्योग एवं व्यापार के क्षेत्र में पद्मभूषण से सम्मानित किया था। फोर्ब्स के अनुसार 2024 में उनकी कुल सम्पति अमेरिकी डॉलर 33.6 बिलियन (भारतीय मुद्रा में लगभग 27,39 करोड़ ) है।

मा हुआतेंग

ma huateng
ma huateng

मा हुआतेंग चीनी इंटरनेट दिग्गज टेनसेंट होल्डिंग्स के संस्थापक और अध्यक्ष हैं, जो पूर्वी एशिया की सबसे मूल्यवान कंपनियों में से एक है। यह सबसे बड़ी इंटरनेट और प्रौद्योगिकी कंपनियों में से एक है, और दुनिया में सबसे बड़े निवेश, गेमिंग और मनोरंजन समूहों में से एक है।

इनकी कंपनी चीन की सबसे बड़ी मोबाइल इंस्टेंट मैसेजिंग सेवा, वीचैट विकसित करती है, और इसकी सहायक कंपनियां विश्व स्तर परमीडिया, मनोरंजन, भुगतान प्रणाली, स्मार्टफोन, इंटरनेट से संबंधित सेवाएं, मूल्य वर्धित सेवाएं और ऑनलाइन विज्ञापन सेवाएं प्रदान करती हैं। फोर्ब्स के अनुसार 2024 में उनकी कुल सम्पति 30.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर (भारतीय मुद्रा में लगभग 24,90 करोड़ ) है।