जुड़वाँ भाइयों की मौत का विचित्र संयोग जिसे पढ़ कर आप हैरान रह जायेंगे!!!

सन 2002 में, उत्तरी फिनलैंड में अलग-अलग दुर्घटनाओं में दो सत्तर वर्षीय जुड़वाँ भाईयों की मृत्यु हो गयी. विचित्र बात यह रही कि दोनों की मौत एक ही सड़क पर महज 1.5 किलोमीटर के फासले पर कुछ ही घंटों के अंतराल में हुई थी।

जुड़वाँ भाईओं में से पहले भाई की मौत राजधानी हेलसिंकी के 600 किलोमीटर उत्तर में राहे (Raahe) नामक स्थान में उस समय हो गयी जब एक लॉरी ट्रक ने उसकी मोटरसाइकल को टक्कर मार दी। दो घंटे के बाद इस स्थान से महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर दूसरे भाई की मौत हो गयी। उसकी मोटरसाइकल को भी एक लॉरी ने टक्कर मार दी थी।

जाहिर तौर पर दूसरा भाई पहले भाई की मौत के बारे में अनजान था क्योंकि पुलिस अभी तक पहले भाई की पहचान करने की कोशिश कर रही थी और उन्होंने पहले भाई की मौत के बारे में उसके परिवार को नहीं बताया था।

“यह बस एक ऐतिहासिक संयोग है। हालांकि यह सड़क व्यस्त है, फिर भी यहाँ दुर्घटनाएं बहुत कम होती हैं”, घटना के बाद स्थानीय पुलिस अधिकारी मारजा-लीना हुहताला ने रॉयटर्स को बताया था।

“हालाँकि, मेरा रोम-रोम खड़ा हो गया जब मुझे पता चला कि दोनों मरने वाले जुड़वाँ भाई थे और एक जैसे दिखते थे। तब मेरे मन में विचार आया कि इन दो घटनाओं को शायद कोई और ही (ऊपरवाला) लिख रहा था” बीबीसी के अनुसार लीना ने कहा था।

जैसे कि स्थानीय समाचार पत्र हेलसिंगिन सनोमैट के एक पाठक ने एक ऑनलाइन मीडिया प्रकाशन को लिखा, “पहला जुड़वाँ भाई अपनी बाइक की सवारी करते हुए राजमार्ग 8 को पार करते हुए एक लॉरी द्वारा मारा गया। उसने जाहिर तौर पर बर्फबारी में लॉरी की और  ध्यान नहीं दिया था। दो घंटे बाद दूसरा जुड़वाँ भाई भी एक लॉरी की टक्कर में मारा गया। वह भी अपनी बाइक पर राजमार्ग 8 को पार कर रहा था।”

कई जुड़वां मानते हैं कि वे एक दूसरे के साथ एक रहस्यमय कनेक्शन सांझा करते हैं, और एक दूसरे के दर्द या परेशानी महसूस कर सकते हैं। लेकिन इतने कम समय के अंदर दो जुड़वाँ भाईओं की मौत होना बेहद दुर्लभ है। अत: हम तो यही कह सकते हैं कि इन जुड़वाँ भाईयों की जोड़ी को मौत भी नहीं तोड़ सकी.

किस धातु के बर्तन में भोजन करना चाहिए और किसमें नहीं करना चाहिए!!

जैसा कि आप जानते हैं हमारे खानपान का प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है. हम किस तरह का भोजन कर रहे हैं, इसके साथ-साथ हम किस तरह के बर्तन में भोजन कर रहे हैं, इसका भी प्रभाव हमारे स्वास्थ्य और स्वभाव दोनों पर पड़ता है। आयुर्वेद के अनुसार भिन्न प्रकार के धातु के बर्तन में भोजन का प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर भिन्न होता है।

धातु के बर्तन में भोजनतो चलिए देखते हैं कि सोना, चांदी, स्टील, मिट्टी आदि विभिन्न प्रकार के धातु के बर्तन में भोजन से हमारी सेहत और स्वभाव पर कैसा असर पड़ता है।

सोना

सोना एक गर्म स्वाभाव की धातु है। सोने से बने बर्तन में भोजन बनाने और करने से शरीर के आन्तरिक और बाहरी दोनों हिस्से कठोर, ताकतवर और मजबूत बनते हैं। साथ ही साथ सोना आँखों की रौशनी भी बढ़ती है।

चाँदी

चाँदी एक ठंडी धातु है, जो शरीर को ठंडक पहुंचाती है। यह शरीर को शांत रखती है  चांदी धातु के बर्तन में भोजन बनाने और करने से दिमाग तेज होता है, आँखों स्वस्थ रहती हैं, आँखों की रौशनी बढती है. इसके अलावा इससे पित्तदोष, कफ और वायुदोष नियंत्रित रहता है।

कांसा

काँसे के बर्तन में खाना खाने से बुद्धि तेज होती है, खून साफ़ होता है, पित शांत रहता है और भूख बढ़ती है। लेकिन काँसे के बर्तन में खट्टी चीज़ें नहीं परोसनी चाहिए क्योंकि खट्टी चीजे इस धातु के साथ क्रिया करके विषैली हो जाती है, जो नुकसान पहुंचा सकती हैं। कांसे के बर्तन में खाना बनाने से केवल 3 प्रतिशत पोषक तत्व ही नष्ट होते हैं।

तांबा

तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से व्यक्ति रोग मुक्त बनता है, रक्त शुद्ध होता है, स्मरण-शक्ति अच्छी होती है, लीवर संबंधी समस्या दूर होती है, तांबे का पानी शरीर के विषैले तत्वों को खत्म कर देता है. इसलिए तांबे के पात्र में रखा पानी स्वास्थ्य के लिए उत्तम होता है. तांबे के बर्तन में दूध नहीं पीना चाहिए इससे शरीर को नुकसान होता है।

पीतल

पीतल के बर्तन में भोजन पकाने और करने से कृमि रोग, कफ और वायुदोष की बीमारी नहीं होती। पीतल के बर्तन में खाना बनाने से केवल 7 प्रतिशत पोषक तत्व नष्ट होते हैं।

लोहा

लोहे के बर्तन में बने भोजन खाने से शरीर की शक्ति बढती है. लोह्तत्व शरीर में जरूरी पोषक तत्वों को बढाता है। लोहा कई रोग को खत्म करता है, पांडू रोग मिटाता है, शरीर में सूजन और  पीलापन नहीं आने देता, कामला रोग को खत्म करता है, और पीलिया रोग को दूर रखता है. लेकिन लोहे के बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसमें खाना खाने से बुद्धि कम होती है और दिमाग का नाश होता है. लोहे के पात्र में दूध पीना अच्छा होता है।

स्टील

स्टील के बर्तन नुक्सान दायक नहीं होते क्योंकि ये ना ही गर्म से क्रिया करते है और ना ही अम्ल से. इसलिए नुक्सान नहीं होता है. इसमें खाना बनाने और खाने से शरीर को कोई फायदा नहीं पहुँचता तो नुक्सान भी नहीं पहुँचता।

एलुमिनियम धातु के बर्तन में भोजन न बनायें न ही खाएं!

एल्युमिनिय बॉक्साइट का बना होता है। इसमें बने खाने से शरीर को सिर्फ नुक्सान ही होता है। यह आयरन और कैल्शियम को सोखता है इसलिए इससे बने पात्र का उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे हड्डियां कमजोर होती है। मानसिक बीमारियाँ होती है, लीवर और नर्वस सिस्टम को क्षति पहुंचती है। उसके साथ साथ किडनी फेल होना, टीबी, अस्थमा, दमा, वात रोग, शुगर जैसी गंभीर बीमारियाँ होती है। एलुमिनियम के प्रेशर कूकर में खाना बनाने से 87 प्रतिशत पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं।

मिट्टी

मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से ऐसे पोषक तत्व मिलते हैं, जो हर बीमारी को शरीर से दूर रखते थे। इस बात को अब आधुनिक विज्ञान भी साबित कर चुका है कि मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने से शरीर के कई तरह के रोग ठीक होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, अगर भोजन को पौष्टिक और स्वादिष्ट बनाना है तो उसे धीरे-धीरे ही पकना चाहिए। भले ही मिट्टी के बर्तनों में खाना बनने में वक़्त थोड़ा ज्यादा लगता है, लेकिन इससे सेहत को पूरा लाभ मिलता है। दूध और दूध से बने उत्पादों के लिए सबसे उपयुक्त हैमिट्टी के बर्तन। मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से पूरे १०० प्रतिशत पोषक तत्व मिलते हैं। और यदि मिट्टी के बर्तन में खाना खाया जाए तो उसका अलग से स्वाद भी आता है।

पानी पीने के पात्र के विषय में ‘भावप्रकाश ग्रंथ’ में लिखा है….

*जलपात्रं तु ताम्रस्य तदभावे मृदो हितम्।*
*पवित्रं शीतलं पात्रं रचितं स्फटिकेन यत्।*
*काचेन रचितं तद्वत् वैङूर्यसम्भवम्।*
(भावप्रकाश, पूर्वखंडः4)

अर्थात् पानी पीने के लिए ताँबा, स्फटिक अथवा काँच के पात्र का उपयोग करना चाहिए। सम्भव हो तो वैङूर्यरत्नजड़ित पात्र का उपयोग करें। इनके अभाव में मिट्टी के जलपात्र पवित्र व शीतल होते हैं। टूटे-फूटे बर्तन से अथवा अंजलि से पानी नहीं पीना चाहिए।

ब्लू व्हेल के बाद अब मोमो व्हाट्सप्प सुसाइड गेम का बच्चे हो रहे शिकार

ब्लू व्हेल चैलेंज के बाद एक और गेम वायरल हुई है, जिसके लोग शिकार हो रहें हैं। इस गेम में भी ब्लू व्हेल चैलेंज जैसे लोग सुसाइड कर रहें है। इस गेम का नाम है, मोमो व्हाट्सप्प। आइये जानते हैं क्या है मोमो व्हाट्सप्प।

आजकल व्हाट्सप्प पर एक नंबर काफी वायरल हो रहा है। उसको मोमोज व्हाट्सप्प बताया जा रहा है। इस नंबर का एरिया कोड जापान का है। इस कांटेक्ट नंबर को सेव करने पर एक बड़ी आंखों वाली लड़की की फोटो आता है। वह फोटो काफी डरावनी है।

दावा किया जा रहा है, कि जो भी इस प्रोफाइल के नंबर पर बात करता है वो सुसाइड की तरफ बढ़ने लगता है। इस प्रोफाइल में जिस मोमोज की इमेज है वो चेहरा बिलकुल 2016 में जापान में एक संग्रहालय में प्रदर्शित की गई मूर्ति से मेल खाता है। विशेषज्ञों के अनुसार यह एक कॉन्सिपिरेसी थ्योरी ( Consipiracy Theory ) है जिसका मकसद लोगों के मन में डर पैदा करना है।

DFNDR Lab सेक्यूरिटी एक्सपर्ट्स ने मोमो नंबर सेव करके बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला, ऐसे में पता करना मुश्किल है कि आखिर  इस गेम का असली क्रिएटर कौन है।

इस खतरनाक चैलेंज से ऐसे बचे:

  • अपनी कांटेक्ट लिस्ट में वह नंबर सेव करें जिनको आप जानते हो। जिनको आप नहीं जानते उनसे अपना नंबर एक्सचेंज ना करे।
  • बच्चों के फोन को पेटर्न लॉक करके रखें।
  • ब्लू व्हेल चैलेंज की तरह यह भी बच्चों को शिकार बनाती है। बच्चे सोशल मीडिया अकाउंट पर क्या शेयर कर रहें हैं, इस बात का ध्यान रखें। खास कर फोन नंबर, क्योंकि सोशल मीडिया पर कोई भी आसानी से फोन नंबर ले सकता है।
  • अपने फोन को एंटीवायरस से प्रोटेक्ट करें, ऐसा करने पर जब भी आप किसी लिंक को ओपन करेंगे तो पॉप अप आ जाएगा। यही नहीं, वो आपके वाट्सऐप, एसएमएस, और फेसबुक मैसेंजर को भी प्रोटेक्ट करेगा।

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इसलिए है वरदान हँसना, हँसी के कुछ रोचक तथ्य

 

इसीलिए तो वरदान है हँसना, हँसी के बारे में जानने योग्य बातें

हँसने का वास्तव में कोई और meaning नहीं होता। हँसने का मतलब बस हँसना ही होता है। आज हम बात करते है, हँसी यानि मुस्कान की। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग इतना बिजी हो गए हैं, कि हंसने के लिए टाइम निकालना भी भूल गए है। आपकी हंसी जहाँ आपकी हेल्थ के लिए अच्छी है वहीँ हंसने-मुस्कुराने से आपकी निजी और सोशल लाइफ भी ज़्यादा खुशनुमा बन जाती है और लोग आपके साथ समय बिताना पसंद करतें हैं। तो आइये दोस्तों आज जानतें है हँसी के बारे में जानने योग्य बातें।

  • हँसने के लिए 17 मांसपेशियों का उपयोग होता है लेकिन गुस्सा करने के लिए 43 मांसपेशियों का उपयोग होता है। अब आप खुद ही सोचिये हँसना है या गुस्सा करना है।
  • हँसने से खून का बहाव 22% तक बढ़ जाता है।
  • इंसान 300 फीट की दूरी से मुस्कान पकड़ सकता है।
  • हँसी 19 प्रकार की होती है।
  • गुदगुदी करने पर सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि चूहे भी हँसते हैं।
  • हँसना तनाव को 35% कम कर देता है।
  • इंसान का अकेले रहने पर 30% हँसना कम हो जाता है।
  • लेडीस जेंट्स से ज्यादा हँसती हैं।
  • आपका दिमाग नकली हँसी पकड़ सकता है।
  • जो लोग अपने दुःख को हँसी से छुपाते है उनको “Eccedentesiast” कहते है।
  • हँसने-मुस्कुराने वाले लोग जीवन में ज़्यादा सफल होते हैं।
  • हँसने-मुस्कुराने से ज़िन्दगी के कुछ और साल बढ़ जाते हैं।
  • हँसना इस बात पर निर्भर करता है, कि आस पास कैसे लोग है, ना कि जोक्स पर।
  • वैज्ञानिक हँसी को एक प्रकार का विज्ञान मानते हैं। इससे हमारे शरीर पर होने वाले प्रभाव को जैलोटॉलिजी कहा जाता है।
  • इंसान औसतन दिन में लगभग 13 बार हँसता हैं।
  • खुशी के स्तर को मापना मुश्किल है।
  • जो आपको आंतरिक खुशी दे सकता है वो इंसान आप खुद हो, अपनी खुशी के लिए दूसरों पर निर्भर ना हों।

तो अब आपको पता चल गया होगा एक हँसी से हमें कितने फायदे होते हैं। सो दोस्तों हँसते रहो और अपनी और औरों की ज़िन्दगी को खुशनुमा बनाते रहो। 🙂

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जब मीना कुमारी को छोड़ा था अनाथाश्रम में, जानिये “द ट्रैजेडी क्वीन” के बारे में ऐसी ही कुछ रोचक बातें

पुरानी हिंदी फिल्मों की जानी मानी अदाकारा मीना कुमारी का आज जन्म दिन है। मीना कुमारी का नाम महान कलाकारों में आता है, लेकिन बहुत ही छोटी सी उम्र (38 साल) में मीना कुमारी ने इस दुनिया को अलविदा कर दिया था। उनकी पूरी लाइफ बहुत दुख भरी थी। इसलिए मीना कुमारी को “द ट्रेजडी क्वीन” कहा जाता था।

मीना कुमारी

आइए जानते है मीना कुमारी की जीवन से जुड़ी कुछ बातें:

  • 1 अगस्त 1932 को मीना कुमारी का जन्म हुआ था। उनका असली नाम महजबीं बानो था। जब मीना कुमारी का जन्म हुआ, तब उनके पिता ( सुन्नी मुस्लिम ) और माँ ( इकबाल बेगम ) के पास डॉक्टर को देने के लिए पैसे नहीं थे। इसलिए उनके पिता ने उन्हें एक मुस्लिम अनाथालय में छोड़ दिया था। कुछ देर बाद परिवार वालों का मन नहीं माना तो वो मीना कुमारी को वापिस ले आये।
  • घर की स्थिति खराब होने के कारण उन्होंने छोटी उम्र में ही अभिनय शुरू कर दिया था। “लेदरफेस” (1939) उनकी पहली फिल्म थी। 1940 के दशक के दौरान मीना कुमारी अपने परिवार की एकमात्र कमाई करने वाली सदस्य बन गई थी। फिल्मों में उन्होंने बहुत नाम कमाया। अपने कैरियर के दौरान, उन्होंने नब्बे फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें से कुछ फिल्मों को आज क्लासिक और पंथ का दर्जा हासिल है।
  • उनकी 1962 की फिल्म ‘साहिब बीबी और गुलाम’ एक पत्नी के संघर्ष के बारे में थी। यह मीना कुमारी के जीवन के साथ समानता के लिए एक पंथ फिल्म बन गई थी।
  • उनकी मशहूर फ़िल्में है: “साहिब बीबी और गुलाम”, “पाकीज़ा”, “मेरे अपने”, “आरती”, “दिल अपना और प्रीत पराई”, “फुट पाथ”, “चार दिल चार राहे”, “दाएरा”, “आजाद”, “मिस मैरी”, “शारदा”, “दिल एक मंदिर”, और “काजल”।
  • वैसे तो मीना कुमारी का नाम बहुत से लोगों से जुड़ा,लेकिन मीना कुमारी का अफेयर कमाल अमरोही से था। कमाल अमरोही जाने माने निर्देशक थे। अमरोही ने मीना को फिल्म में काम करने का ऑफर दिया था। फिल्म की शूटिंग के दौरान मीना को चोट आ गयी थी, वह कुछ दिन हस्पताल में थी। अमरोही मीना को रोज़ हस्पताल मिलने जाते थे। यहीं से उनका अफेयर शुरू हो गया था।
  • अमरोही मीना से 15 साल बड़े थे। 1952 में 19 साल की उम्र में मीना ने अमरोही से शादी की थी। अमरोही से शादी के बाद फिल्मों में मीना का करियर शिख़र पर था, लेकिन उनकी शादीशुदा ज़िन्दगी में मुसीबतें  चल रही थी।
  • मीना ने अपनी शादीशुदा जिंदगी बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन 1964 में मीना अमरोही से अलग हो गई।
  • अमरोही को छोड़ने के बाद मीना अकेली हो गई। गुलज़ार के साथ उनके अच्छे रिश्ते थे। लेकिन उनके साथ भी दोस्ती थोड़े ही दिनों में टूट गई। उनके बाद मीना का 1-2 और हस्तियों के साथ भी नाम जुड़ा था।
  • “पाकीज़ा” फिल्म की शूटिंग के दौरान मीना बहुत बीमार हो गई थी। डॉक्टर ने मीना को आराम करने की हदायत दी थी, लेकिन मीना ने शूटिंग जारी रखी। 4 february 1972 को पाकीज़ा रिलीज़ हुई।
  • इस दौरान मीना बहुत ज़्यादा बीमार हो गई। 31 मार्च 1972 को मीना ने अंतिम सांस ली।
  • कहते है मीना पति से दूर होने के कारण बीमार रहने लगी थी। वह नींद ना आने के कारण शराब पीती थी, लेकिन उन्हें शराब की बुरी आदत लग गई और वही उनकी मौत की वजह बनी।
  • मीना को 12 फिल्मों के लिए फ़िल्मफ़ेअर अवॉर्ड मिला था।
  • मीना को कविता और शायरी लिखने का भी शोंक था।

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दुबई के बारे में कुछ बातें जो आपको पता नहीं होंगी

दुबई दुनिया के सबसे सुंदर शहरों में से एक है। दुबई की ऊँची ईमारतें, दौलत, शोहरत, सकत कानून आदि सबकुछ दुनिया भर में मशहूर है। आइए जानते है दुबई के बारे में कुछ खास बातें:

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  1. सबसे पहले बात करते हैं दुनिया की सबसे ऊँची इमारत बुर्ज खलीफा की, इसमें 164 फ्लोर हैं और इस इमारत की  लंबाई लगभग 800 मीटर है। इस इमारत को हम  90 किलोमीटर की दूरी से भी देख सकते है।
  2. इस शहर में क्राइम 0% है, तभी इसे दुनिया का सबसे सुरक्षित देश माना जाता है।
  3. इस शहर में घर में शराब रखने के लिए लाइसेंस लेना ज़रूरी होता है। लाइसेंस के बिना घर में शराब पीने की इज़ाज़त नहीं  है।
  4. यहां की पुलिस के पास लेम्बोर्गिनी, फेरारी और बेंटले जैसी कारें होती हैं।
  5. दुनियाभर के देशों में लोगों को इनकम टैक्स देना पड़ता है, दुबई में ऐसा कुछ भी नहीं है। यहां लोगों को इनकम टैक्स देने की जरूरत नहीं है।
  6. इस शहर में दुनिया का सबसे बड़ा शॉपिंग सेंटर है, जहां 1200 से भी ज्यादा स्टोर हैं।
  7. यहां पर शादी से पहले महिला-पुरुष का संबंध बनाना अवैध है। कोई ऐसा करते हुए पकड़े जाते हैं तो गिरफ्तार करने के बाद निर्वासित किया जाता है।
  8. इस शहर में कुछ ऐसे एटीएम हैं, जो सोने के सिक्के निकालते हैं।
  9. 1960 तक यहां कुछ देखने लायक कुछ भी नहीं था लेकिन अब इसे दुनिया के अमीर देशों की सूची में गिना जाता है।
  10. पेट्स के तौर पर यहां लोग कुत्ते-बिल्ली नहीं शेर और चीता पालना पसंद करते हैं।
  11. यहां इमारतों के अंदर ही नहीं बल्कि बस स्टेंड पर भी ए सी ( A.C ) लगा होता है।
  12. यहाँ के मूल निवासियों की संख्या, कुल संख्या में से केवल 17 प्रतिशत है, बाकी जनसंख्या भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अन्य यूरोपिय देशों की है।
  13. दुनिया की सबसे महंगी कारें दुबई में ही होती हैं।
  14. इस शहर में हॉर्न नहीं बजाया जाता, सब लोग व्यवस्थित चलते हैं। इस लिए दुबई की सड़कों पर ध्वनि प्रदूषण नहीं होता।
  15. इस शहर में बाकी देशों की तरह अड्रेस सिस्टम नहीं है, किसी को अड्रेस पर जाना होता है, वहां के आस-पास के मकान, होटल्स, अन्य प्लेस की जानकारी होनी चाहिए।
  16. सबसे ज्यादा क्रेन दुबई में है।
  17. यहां पर पुरषों के लिए शेख और औरतो के लिए शेखा नाम लिया जाता है।
  18. यहां पर पानी से ज्यादा सस्ती कोल्ड ड्रिंक मिलती है।
  19. दुबई में सोने ( Gold ) का व्यापार बहुत ज्यादा है, दुबई के लोग सोने के बहुत ज्यादा शौकीन होते हैं।

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कंप्यूटर की C Language के बारे में रोचक तथ्य

C Languageसी लैंग्वेज (C Language) एक सामान्य उद्देश्य, उच्च स्तरीय कम्प्यूटर भाषा (Computer Language) है जिसे मूल रूप से डेनिस एम रिची ने बेल लैब्स(Bell Labs) में यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम (UNIX Operating System) विकसित करने के लिए विकसित किया गया था। सी मूल रूप से पहली बार डीईसी पीडीपी-11 कंप्यूटर पर सन 1972 में चलाई गयी थी।

सन 1978 में, ब्रायन कर्निघान और डेनिस रिची ने C Language के पहले विवरण को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध किया, जिसे अब के एंड आर मानक (K&R Standard) के नाम से जाना जाता है।

यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम, सी कंपाइलर, और सभी यूनिक्स एप्लीकेशन प्रोग्राम्स C लैंग्वेज में लिखे गए हैं. C लैंग्वेज अब निम्नलिखित कारणों से व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली व्यावसायिक भाषा बन गयी है.

  • सीखने में आसान
  • संरचित लैंग्वेज(Structured Language)
  • C Language में  कार्य-कुशल (Efficient) और उपयोगी प्रोग्राम्स और सॉफ्टवेयर बनाये जा सकते हैं
  • यह गहन स्तर की गतिविधियों को परफॉर्म कर सकती है
  • C को विभिन्न कंप्यूटर प्लेटफार्मों पर संकलित (Compile) किया जा सकता है

C Language के बारे में रोचक तथ्य

  • C Language का आविष्कार UNIX ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने के लिए किया गया था।
  • C Language, B Language की उत्तराधिकारी भाषा है. B को 1970 के दशक के शुरू में ईजाद किया गया था।
  • 1988 में अमेरिकन नेशनल स्टैंडर्ड इंस्टीट्यूट (एएनएसआई) ने भाषा को औपचारिक रूप दिया था।
  • UNIX ऑपरेटिंग सिस्टम पूरी तरह से C लैंग्वेज में लिखा गया है।
  • आज C Language सबसे व्यापक रूप से उपयोग और सबसे लोकप्रिय सिस्टम प्रोग्रामिंग भाषा (System Programming Language) है।
  • अधिकांश अत्याधुनिक (state-of-the-art) सॉफ्टवेयर C का प्रयोग करके बनाये गए हैं।
  • आज के दौर के सबसे लोकप्रिय लिनक्स ओएस(Linux OS) और आरडीबीएमएस माईएसक्यूएल(RDMS MySQL) को सी में लिखा गया है।

खाने के बारे में कुछ रोचक और प्रसिद्ध 10 मिथक

  1. आलू: लोग मानते हैं कि आलू खाने से weight बढ़ता है। इसलिए कुछ लोग खाने में आलू का बहुत कम उपयोग करते है। लेकीन यह बात बिलकुल गलत है।
  2. तरबूज चौकोर आकार के भी होते है: तरबूज सिर्फ गोल ही नहीं, चौकोर आकार के भी होते हैं। चौकोर तरबूज जापान में पैदा किये जाते हैं, ताकि इन्हें आसानी से स्टोर किया जा सके।
  3. कॉफ़ी: पार्किसन और डायबिटीज जैसे रोगों में कॉफ़ी लाभदायक होती है और ज़्यादा कॉफ़ी पीने से कैंसर भी नहीं होता ।
  4. कोकोडेमर: यह नाम आपने कभि भी सुना नहीं होगा। यह एक फल है, जिस का वजन तकरीबन 42 किलो और इसके बीजों का वजन 17 किलो है।
  5. खाते टाइम पानी नही पीना चाहिए: माना जाता है कि खाना खाते टाइम पानी पीने से मोटापा बढ़ जाता है लेकिन, यह बात गलत है बल्कि खाना खाते टाइम पानी पीने से पाचन शक्ति मज़बूत होती है।
  6. स्ट्रॉबेरी: स्ट्रॉबेरी ऐसा फल है जिसके बीज बाहर की तरफ होते हैं, एक स्ट्रॉबेरी में लगभग 200 बीज होते हैं।
  7. अंडे: लोगों का मानना है कि अंडे में कोलेस्ट्रॉल होता है जो सीधा दिल पर अटैक करता है। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है, अंडे में बहुत लाभदायक पोषक तत्व होते है।
  8. केला: अगर केले की बात की जाये, तो ये फल नहीं बल्कि एक जड़ी-बूटी है।
  9. चावल: माईग्रेन की समस्या होने पर रात को सोने से पहले चावल को शहद के साथ मिलाकर खाने से बहुत लाभ होता है, एक हफ्ते ऐसा करने से आपको सिर के दर्द से भी रहत मिल जाती है।
  10. चॉकलेट: आप चॉकलेट खाते हैं, तो दिल की बीमारियां दूर रहती है। गहरे रंग का चॉकलेट हार्ट अटैक के खतरे को 50 प्रतिशत , क्रैनबेरी चॉकलेट बीमारी के खतरे को 10 प्रतिशत कम कर देता है। इसलिए हर दिन चॉकलेट का एक टुकड़ा खाने में कोई बुराई नहीं है। इससे कोलेस्ट्रोल भी कम होता है और यह शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्रोल को भी कम करता है। इतना ही नहीं चॉकलेट शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रोल को बढ़ाने में भी मददगार होता है।

उजालों के देश नॉर्वे के बारे में रोचक तथ्य

15 ज्ञानवर्धक और बेहद रोचक तथ्य जो आपने कहीं नहीं पढ़े होंगे!

रोचक तथ्यों की इस सीरीज में हम आपके लिए कुछ बेहद रोचक तथ्य और अनजाने तथ्य लेकर आये हैं. उम्मीद करते हैं कि आपको ये तथ्य पसंद आयेंगे और ये आपका ज्ञान भी बढ़ाएंगे. अगर पसंद आयें तो शेयर जरुर करें.

  1. जब इंसान रोना शुरू करता है तो वह और भी पुरानी बुरी बातों को याद करने लगता है ताकि थोड़ा और ज्यादा रोया जा सके
  2. सुबह 3 से 4 बजे के बीच हमारा शरीर सबसे कमजोर होता है। अधिकतर लोगों की मौत नींद में इसी समय होती है।
  3. एक रिसर्च के दौरान ऐसा पाया गया कि जो औरतें ज्यादा ऑनलाइन विडियो गेम्स खेलती है, वे अपनी रिलेशनशिप में ज्यादा खुश रहती है।
  4. बिल्ली पालने से हार्ट अटैक आने का खतरा कम हो जाता है। एक रिसर्च में पता चला है.
  5. क्या आप जानते है, जागते समय हमारा दिमाग 10 से 24 Watts तक की एनर्जी छोड़ता है जो एक बिजली के बल्ब को आसानी से चला सकती है।
  6. एक रिसर्च में पाया गया कि अगर किसी की दोस्ती 7 साल टिक गई तो वह पूरी उम्र टिक जाती है।
  7. क्या आप जानते है की हमारे पसीने में किसी तरह की कोई बदबू नहीं होती है. यह बदबू तो एक बैक्टीरिया का कमाल है जो पसीने के साथ मिलकर दुर्गन्ध पैदा करता है।
  8. ज्यादा तेज(intelligent) लोगों का दिमाग ज्यादा तेज सोचता है, और इस कारण उनकी लिखाई(hand writing) खराब हो जाती है क्योंकि ऐसे लोग लिखते समय धैर्य नहीं रख पाते।
  9. देर रात को चैट(text message) के जरिये की गई बातचीत में लोग भावनाओं में बह कर खुलकर बात करने लगते है, और उन की कुछ भी confess करने की संभावना अधिक होती है।
  10. एक रिसर्च में पाया गया है कि लोग जब विडियो गेम्स खेल रहे होते हैं तो वे सबसे तेज फैसले लेते हैं
  11. तोते अपने बच्चों के नाम रख लेते है और ये नाम उम्र भर रहते हैं।
  12. हमारे बाल भी उसी पदार्थ से बने होते है जिनसे नाखून बने होते हैं
  13. किसी इंसान की डर से मौत इसलिए हो जाती है क्योंकि डरने पर हमारी बाॅडी से बहुत ज्यादा मात्रा में ‘adrenaline‘ रिलीज होता है जो ज्यादा होने पर जहर बन जाता है
  14. अगर आप किसी सपने से जाग गए हैं और वापस उस सपने को देखना कहते हैं तो आपको जल्दी से आंखे बंद करके बिलकुल सीधा होकर सो जाएँ . हालाँकि यह तरीका हर बार काम नहीं करता!
  15. शहद एक एकलौता ऐसा खाद्य पदार्थ है जो कि हजारों सालो बाद भी खराब नहीं होता। ऐसा कहा जाता है की Egypt के पिरामिडों में फैरो बादशाह की कब्र में पाया गया शहद जब वैज्ञानिको द्वारा चखा गया तब भी वह उतना ही स्वादिष्ट था, बस उसे थोड़ा गर्म करने की जरूरत थी।

दुनिया के 5 विचित्र और दिलचस्प पुस्तकालय

पुस्तकों को इंसान का सबसे अच्छा दोस्त माना गया है. वैसे तो अब डिजिटल युग है फिर भी दुनिया में अभी भी बहुत से लोग हैं जो पुस्तके पढ़ने के लिए पुस्तकालयों में जाते है. जब भी हम किसी भी पुस्तकालय में जाते है तो वहां लम्बी लम्बी कतारों में रखी पुस्तकें और उनसे आने वाली खुशबू का जो मजा है वो एक पुस्तक प्रेमी ही समझ सकता है.

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अधिकतर लोग जो लाइब्रेरी तक नहीं पहुच पाते या इतना समय नहीं निकाल पाते की नियमित रूप से लाइब्रेरी जा पाएं। इस बात को ध्यान में रखते हुए और पुस्तकों तक पहुँच को आसान बनाने के लिए कुछ ऐसे दिलचस्प पुस्तकालय प्रचलन में आ रहे हैं जो अपने आप में अनोखे हैं और लोग पढ़ने के लिए प्रेरित भी हो रहे है.

आइये जानें इन पुस्तकालयों के बारे में जो देखने में कुछ अजीब और दिलचस्प लगते हैं.

वेंडिंग मशीन लाइब्रेरी

वेंडिंग मशीन वह मशीन होती है जिसमें पैसे डालने से सामान बाहर आता है. जैसे दूध की मशीन, ATM, कोल्ड ड्रिंक वाली वेंडिंग मशीन आदि. तो कैलिफोर्निया में स्थित इस लाइब्रेरी को वेंडिंग मशीन की तरह तैयार किया गया है. यह लाइब्रेरी 24 घंटे खुली रहती है. इसमें पैसे डालने से आपकी चुनी हुई पुस्तक निकलआती है. इस वेंडिंग मशीन से प्रभावित होकर चीन की राजधानी बीजिंग में भी ऐसी वेंडिंग मशीन लाइब्रेरी स्थापित की जा रही है.

ऊँट पर पुस्तकालय

केन्या में “ऊँट पुस्तकालय” काफी लोकप्रिय है. दरअसल यहाँ उंटों द्वारा देश के खानाबदोश लोगो तक पुस्तकें पहुचाने का काम किया जाता है. इस तरह ऊंटों पर पुस्तकें पहुचने का काम 1980 के दशक में शुरू हुआ था. उसमें बक्सों में किताबें भर कर ऊंटों में लादकर पहुंचाया जाता है.

पुस्तकालय वाला समुद्री जहाज

यह लाइब्रेरी नार्वे के होर्दोलैंड राज्य में समुद्री जहाज पर बनी है. इसमें हर वर्ष सितम्बर से लेकर अप्रैल तक जहाज पर तकरीबन 6000 पुस्तकें रख कर इसके आसपास के टापुओं पर रहने वाले लगभग 250 समुदायों तक इन पुस्तकों को पहुंचाया जाता है. इस जहाज में केवल कैप्टन, 2 लाइब्रेरियन तथा और 2 लोगों को नियुक्त किया जाता है. इस तरह  समुद्री जहाज पर पुस्तकों को ले जाने का यह काम 1959 में शुरू कर दिया गया था . इस सर्विस का फायदा लगभग तीन देशों के लोग उठा रहे है.

मेलबॉक्स लाइब्रेरी

इस तरह की लाइब्रेरी इंग्लैंड और यूरोप में अधिक देखने को मिलती है. सार्वजनिक स्थानों जैसे पार्क, स्ट्रीट में बनी इस लाइब्रेरी में लोग पढ़ी हुई पुस्तक रख देते हैं और नई पुस्तक उठा लेते हैं. वहां के लोग ईमानदार होते हैं इसलिए कोई बेवजह पुस्तक नहीं उठाता। इन मेलबॉक्स लाइब्रेरी में कम से कम 10 पुस्तकें रखी जाती है. इस तरह के मेलबॉक्स लाइब्रेरी की शुरुआत 2009 में की गयी थी लेकिन अब इस तरह की मेलबॉक्स लाइब्रेरी की लगभग ऐसी 6000 मेल बॉक्स लाइब्रेरियाँ दुनिया भर में है.

लाइब्रेरी ऑफ मास डिस्ट्रक्शन

अर्जेंटीना की यह लाइब्रेरी देश के स्याह इतिहास को दर्शाती है. यह लाइब्रेरी टैंक के आकार की बनी है और इसमें कम से कम 900 किताबे रख सकते है. असल में यह लाइब्रेरी अर्जेंटीना की स्वतंत्रता संग्राम से सम्बंधित इतिहासिक संग्रह को प्रदर्शित करती है. इस लाइब्रेरी का मुख्य उद्देश्य अर्जेंटीना के उन छोटे कस्बो तक पहुचना है जिनकी पहुच लाइब्रेरीयो तक नही है.

 

Read in english:-some interesting libraries of the world