बुलडॉग मास्टिफ प्रकार के कुत्तों की एक ब्रिटिश नस्ल है। इसे अंग्रेजी बुलडॉग या ब्रिटिश बुलडॉग के रूप में भी जाना जाता है। बुलडॉग कुत्तों की नस्ल एक बहुत ही प्रसिद्ध और पसंद की जाने वाली प्रजाति है। इस नस्ल के कुत्तों का स्वभाव बहुत ही शांतिपूर्ण होता है। यह आकार में छोटे और बेहद प्यारे होते है।
मुख्य रूप से यह अपने आकार और स्वरुप के वजह से पूरे विश्व में इतने ज्यादा लोकप्रिय हैं एवं पसंद किये जाते हैं। बुलडॉग नस्ल के कुत्ते, इंसानों के साथ बहुत जल्दी घुल मिल जाते हैं।
इसी वजह से ज्यादातर लोग बुलडॉग को पालना पसंद करते हैं। इस लेख में हम जानेंगे इस प्यारी नस्ल से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में, तो चलिए जानते हैं :-
आकार
इस नस्ल के कुत्ते मध्यम आकार के होते हैं इनके माथे के अगले हिस्से पर खाल की मोटी परत होती है, साथ ही गोल, काली आंखें, तथा गले के नीच लटकती खाल और मुड़े होंठ, छोटे बाल तथा नुकीले दांत होते हैं।
इसका रंग लाल, हल्का पीला, सफ़ेद, ब्रिन्डल (लहरों अथवा पट्टियों के रूप में मिश्रित रंग) तथा इन सभी के साथ चितकबरे रंग में भी पाए जाते हैं।
एक वयस्क नर बुलडॉग का वजन 50 पौंड (23 किलोग्राम) होता है, जबकि वयस्क मादा का वजन लगभग 40 पौंड (18 किलोग्राम) होता है।
भोजन
अन्य किसी भी नस्ल की तरह ही बुलडॉग को एक उच्च गुणवत्ता वाले भोजन की आवश्यकता होती है। भोजन की मात्रा इसके आकार उम्र पाचन प्रक्रिया और दैनिक गतिविधि पर निर्भर करता है।
बुलडॉग के उचित स्वास्थ्य के लिए सही भोजन का चुनाव बहुत जरुरी होता है। एक सही और उच्च गुणवत्ता वाला भोजन बुलडॉग के विकास दर को सुनिश्चित करता है तथा उसे सेहतमंद बनाये रखने में सहायक होता है। बुलडॉग को दिन में कम से कम दो से तीन बार भोजन देने की आवश्यकता होती है।
भोजन में पशु चिकित्सक एक बढ़िया डॉग फ़ूड देने की सलाह देते हैं जिसमें की सभी पोषक तत्व संतुलित मात्रा में उपस्थित होते हैं।
बुलडॉग स्वास्थ्य
वैसे तो यह एक स्वस्थ्य नस्ल है लेकिन बाकी अन्य नस्लों की तरह ही बुलडॉग भी कुछ बिमारियों से ग्रसित होते हैं सभी बुलडॉग्स में यह बीमारियों देखने को नहीं मिलती है लेकिन इन सभी बिमारियों के प्रति जागरूक रहना बेहद जरुरी होता हैं।
बुलडॉग में हिप डिस्प्लेसिया (hip dysplasia) होने वाली एक ऐसी समस्या है जिसमें कूल्हे की हड्डी प्रभावित होती है जिसके कारण पिछले पैरो में लंगड़ापन जैसी समस्या होती है।
आँखों का सूखापन – यह अधिकांश बुलडॉग्स नस्लों में पाए जाने वाली समस्याओं में से एक है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें कि प्राकृतिक रूप से आंसुओ का निर्माण नहीं होता है जिसके परिणाम स्वरुप आँखों में रूखापन, धुंधला दिखना आदि समस्याएँ पैदा होती हैं
बुलडॉग क्लब इस प्रजाति की औसत आयु 8 से 12 वर्ष आंकता हैं, हालांकि ब्रिटेन में किये गए एक सर्वेक्षण के अनुसार यह 6.5 वर्ष मानी गयी है।
सर्वेक्षण में पता चला कि इसकी मृत्यु के प्रमुख कारण ह्रदय सम्बन्धी रोग (20%), कैंसर (18%) तथा अधिक आयु (9%) थे। जिनकी मृत्यु अधिक आयु के कारण हुई, उनकी औसत आयु 10 से 11 वर्ष रही।
कीमत
भारत में बुलडॉग की कीमत 10 हज़ार रुपये से शुरू होकर 60 हज़ार तक है।
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