खुश रहने के 7 आसान तरीके

खुश कौन नहीं रहना चाहता? दरअसल इस जिन्दगी का तमाम फलसफा ही हमारी खुशियों के पीछे की भागमभाग है. हर कोई अच्छा कमा, खा, पहन और रह रहा है फिर भी खुश नहीं है. दरअसल खुशियों की चाबी धन-दौलत, गाड़ी-बंगला, जमीन-जायदाद में नहीं है. ये तो नकली चाबियाँ हैं जो कभी भी काम करना बंद कर सकती हैं. खुश रहने की असली चाबी तो कुछ और ही है.

दरअसल खुश रहने की असली चाबी कुछ ऐसे अनजाने fundas हैं जिन्हें जान कर और अपना कर हर कोई खुश रहन सीख सकता है.

तो ये रहे खुश रहने के 7 आसान फंडे जिन्हें अपनाना बहुत ही आसान है.

बुरे अतीत यानि past को जाने दें

Past चाहे कितना भी बुरा रहा हो, है तो past ही! हमारे साथ बुरा हुआ या हमने कुछ ऐसा किया जिससे अंतर्मन पर बोझ बन गया. इस सोच और बोझ को अभी झटक दें. इसे ढ़ोने का कोई मतलब नहीं है. किसी और की गलतियों को ढोना तो सरासर बेवकूफी ही है. और अपनी गलतियों को ढ़ोने का मतलब है कि हमने अतीत से कोई सबक नहीं सीखा. तो अभी सही समय है. इस गलती को सुधारें और अपने present को past के काले साए से बचा लें. सच में खुश रहना चाहते हैं तो अतीत को पकड़ कर न बैठें, इसे बस जाने दें.

खुद को दूसरों के नजरिये से न देखें

बाहरी लोग आप के बारे में क्या सोचते हैं इससे आपको कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए. न तो आप दूसरों की तरह हैं न ही वे आपकी तरह हैं. खुद को आप ही सबसे बेहतर समझ सकते हैं, न को दूसरे लोग. दूसरों की वजह से खुद को परेशान करना छोड़ दें. दूसरों की टीका-टिप्पणी पर बस मुस्करा दें, और आगे बढ़ जांए. यही सबसे बेहतर तरीका है उन्हें जवाब देने का. यकीन करें. खुश रहने का बहुत ही कारगर तरीका है यह!

समय सारे घाव भर देता है

समय सारे घाव भर देता है. लगभग सारे. फिर वे शारीरिक हों या मानसिक क्या फर्क पड़ता है? जिस तरह से मजबूत शरीर अधिक तेजी से ठीक होता है उसी तरह मजबूत मन विपरीत परिस्थितियों से तेजी से उबरने में मदद करता है. हिम्मत रखें और सब्र करें. सब ठीक हो जाएगा.

कोई आपको इतना खुश नहीं रख सकता जितना आप खुद

आपकी खुशियों का कारण आप और केवल आप ही हैं. कोई आपको इतना खुश नहीं रख सकता जितना आप खुद को रख सकते है. किसी से बहुत ज्यादा उम्मीद न करें. असली ख़ुशी अन्दर ही से आती हैं और कहीं नहीं जाती. बाहरी ख़ुशी अस्थायी (temporary) होती हैं.

खुद को दूसरों से compare न करें

खुद को दूसरों के साथ compare न करें. आप यह बात कभी पूरी तरह से नहीं जान सकते कि अगर वे इस मुकाम पर हैं तो इसके पीछे क्या हालात(circumstance), परिस्थितियां(situation) या क्या भूमिका (background) रही होगी. अपने लिए खुद का तरीका(method) और रास्ता(course) चुने और बस काम पर लग जाएँ.

आप हर चीज़ में परफेक्ट नहीं हो सकते

चीज़ों के बारे में बहुत ज्यादा न सोचें. जितना हो सकता है करें और पूरे तन-मन से करें. कोई भी हर चीज़ में माहिर नहीं हो सकता. जरूरी नहीं कि आपको सब कुछ पता होना चाहिए. जैसे एक डॉक्टर एक इंजीनियर का काम नहीं जानता और एक कृषि वैज्ञानिक एक अर्थशास्त्री नहीं हो सकता उसी तरह हर व्यक्ति हर कुछ नहीं कर सकता. अपना विषय चुने और उसमें बेहतर होने की कोशिश करते रहें.

मुस्कुराने पर कोई टैक्स नहीं है

इस बात को सोचना छोड़ दें कि आप ही सबसे ज्यादा परेशान हैं. जब आप मान लेते हैं कि आप की समस्या सबसे बड़ी है तो यह सचमुच में सबसे बड़ी होती है. वैसे इसके मतलब यह भी होता है कि समस्याओं का सामना करने में आप ही सबसे कमजोर हैं क्योंकि दुनिया में तो बहुत बड़ी-2 समस्याएँ हैं. तो अगली बार आप पर कोई समस्या आन पड़े तो एक सैकंड के लिए रुक कर सोचें, क्या यह दुनिया की सबसे बड़ी समस्या है या आप सबसे कमजोर है? बात समझ में आये तो मुस्कुराना न भूलें. मुस्कुराने पर कोई टैक्स नहीं है 🙂

पोस्ट अच्छी लगे तो शेयर करना न भूलें. आखिर खुश रहने का अधिकार सबको है. हम किसी न किसी रूप में किसी अपने-पराये के काम आ जाएँ तो इससे जो ख़ुशी मिलती है उससे बढ़ कर अन्दर की ख़ुशी कोई नहीं हो सकती. 🙂

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#Republicday2018: राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजे गए 18 बच्चों की बहादुरी की कहानियां

गणतंत्र दिवस के मौक़े पर इस बार देश के 18 बहादुर बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इन 18 बच्चों में 11 लड़के हैं और 7 लड़कियां हैं. तीन बच्चों को मरणोपरांत ये राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिया गया है.

राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार पांच श्रेणियों में दिए जाते हैं, जो इस प्रकार हैं, 1. भारत पुरस्कार, 2. गीता चोपड़ा पुरस्कार, 3. संजय चोपड़ा पुरस्कार, 4. बापू गैधानी पुरस्कार, 5. सामान्य राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार

नाजिया: बच्ची जो जुए-सट्टे के अवैध व्यवसाय के खिलाफ खड़ी हुई

आगरा के मंटोला की रहने वाली 16 साल की नाज़िया को अवैध जुए और सट्टेबाज़ी के अड्डों को बंद कराने के लिए सबसे ऊंचा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार भारत अवार्ड दिया गया है. नाजिया ने जुए और सट्टे के अवैध व्यवसाय के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने अपने घर के पड़ोस में कई दशकों से चल रहे जुए और सट्टे के अवैध व्यवसाय के खिलाफ आवाज उठाई और भयावह अंजाम की संभावना का निर्भय होकर सामना किया। उन्हें धमकियां भी मिलीं. इसके बावजूद उन्होंने सबूत जुटाए और 13 जुलाई 2016 को पुलिस के सामने पूरा मामले का खुलासा किया।

नाजिया की शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई की जिसमें 4 लोगों की गिरफ्तारी हुई और सट्टे का अवैध व्यवसाय बंद हो गया। इस पूरे घटनाक्रम के बाद नाजिया का घर से निकलना मुश्किल हो गया। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को मामले की जानकारी दी, लेकिन उत्पीड़न जारी रहा। आखिर में उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मदद मांगी। जिसके बाद बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई। साथ ही नाजिया की सुरक्षा भी सुनिश्चित की गई। नाज़िया ने लड़की होते हुए अद्वितीय पराक्रम से दूसरों के लिए आवाज उठाई और एक दुर्लभ मिसाल पेश की।

करनबीर सिंह: नाले में गिरी स्कूल बस, 15 बच्चों को बचाया

पंजाब के करनबीर सिंह ने स्कूल बस के नाले में गिर जाने पर अपनी जान की परवाह किए बगैर करीब 15 बच्चों को बचाया, इसके लिए उन्हें संजय चोपड़ा अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। करनबीर सिंह की उम्र महज 16 साल और 4 महीने थी, जब उन्होंने बहादुरी का यह काम किया। पूरा मामला 20 सितम्बर, 2016 का है जब कुछ बच्चे अपनी स्कूल की बस में वापिस लौट रहे थे। अटारी गाँव के पास एक पुल को पार करते समय, बस दीवार से टकराकर नाले में जा गिरी। बस में पानी भर गया और बच्चों का दम घुटने लगा। इसी दौरान करनबीर सिंह ने बहादुरीपूर्वक बस का दरवाजा तोड़ा और बच्चों को बाहर निकालना शुरू किया। करनबीर ने 15 बच्चों का जीवन बचाया। हालांकि 7 बच्चों को बचाया नहीं जा सका। करनबीर सिंह खुद भी घायल हो गया लेकिन उसने अपने अदम्य साहस से कई बच्चों की जान बचाई।

बेट्श्वाजॉन पेनलांग: घर में आग, 3 साल के भाई को बचाया

मेघालय के 12 साल, 11 महीने के बेट्श्वाजॉन पेनलांग को उनकी बहादुरी के लिए बापू गैधानी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। घटना 23 अक्तूबर, 2016 की है जब बेट्श्वाजॉन और उसका तीन वर्षीय भाई आरबियस घर पर अकेले थे। इसी दौरान उनकी झोपड़ी में आग लग गई। बेट्श्वाजॉन उस समय घर से बाहर आया हुआ था, उसने जैसे ही देखा कि झोपड़ी में आग लग गई है वह तुरंत अपनी अपने भाई को बचाने के लिए आग की लपटों के बीच झोपड़ी में गया। खतरे और दर्द को सहते हुए बेट्श्वाजॉन ने अपने तीन साल के भाई को सुरक्षित बाहर निकाला। हालांकि इसमें उसका दाहिना हाथ और चेहरा बुरी तरह से जल गया और हाथ की उंगलियां विकृत हो गईं।

ममता दलाई: मगरमच्छ से 7 साल की बच्ची की बचाई जान

ओडिशा की 6 साल 8 महीने की ममता दलाई को उनकी बहादुरी के लिए बापू गैधानी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। घटना 6 अप्रैल 2017 को ओडिशा के केन्द्रापाड़ा जिले की है। ममता दलाई और आसन्ती दलाई (7 वर्ष) नजदीक के तालाब में स्नान के लिए गई हुई थीं। उस तालाब में पास की नदी से एक मगरमच्छ आया हुआ था। जिसने अचानक ही आसन्ती पर हमला कर दिया। पांच फुट लम्बे मगरमच्छ ने आसन्ती का दाहिना हाथ अपने जबड़ों में जकड़ लिया और तालाब में खींचने लगा। इस दौरान ममता ने बिना डरे आसन्ती हाथ मगरमच्छ के मुंह से खींचने की कोशिश की। काफी मशक्कत के बाद ममता कामयाब हुई, उन्होंने आसन्ती को सुरक्षित बचा लिया।

सेबासटियन विनसेंट: तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने से बचाई दोस्त की जान

केरल के 12 साल 3 महीने के सेबासटियन विनसेंट ने अपनी बहादुरी से अपने दोस्त की जान बचाई। उनके इस कारनामे की वजह से उन्हें बापू गैधानी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। घटना 19 जुलाई 2016 की सुबह की है जब सेबासटियन विनसेन्ट और उसके मित्र साइकिल से अपने स्कूल जा रहे थे। जब वे सब एक रेलवे क्रासिंग को पार कर रहे थे तब उसके एक दोस्त अभिजीत का जूता रेलवे ट्रैक में फंस गया। इस कारण वह साइकिल और स्कूल बैग के साथ ट्रैक पर गिर गया। इसी दौरान एक रेलगाड़ी तेज रफ्तार से उनकी आ रही थी। खतरे को देखते हुए सेबासटियन ने तुरन्त अपने दोस्त को

बचाने की कोशिश की। सेबासटियन ने शीघ्रता दिखाते हुए अभिजीत को पूरी ताकत से ट्रैक से दूर धकेला और स्वयं भी रेलगाड़ी आने से तुरन्त पहले ट्रैक से दूर जाकर गिरा। इस घटना में सेबासटियन के दाहिने हाथ की हड्डी टूट गयी, हालांकि अपनी दोस्त की जान बचाने में कामयाब रहा।

लक्ष्मी देवी: तीन अपराधियों को पकड़वाने में की मदद

पूरा मामला 02 अगस्त 2016 की रात करीब आठ बजे का है जब रायपुर की 15 साल 11 महीने की लक्ष्मी यादव और उसके एक मित्र गणेश नगर मार्ग पर बाईक खड़ी करके कुछ बात कर रहे थे। उसी समय एक अपराधी अपने दो साथियों के साथ वहां पहुंचा। उन दोनों के साथ गाली-गलौज और मार-पीट करते हुए उन्होंने उनकी मोटर साइकिल की चाबी छीन ली। इसी दौरान एक अपराधी ने जबरदस्ती लक्ष्मी को खींचते हुए बाईक पर बैठाया और तीनों उसे अगवा करके यौन शौषण के इरादे से एक सुनसान जगह पर ले गये। हालांकि लक्ष्मी ने अपना संतुलन बनाए रखा और बाइक की चाबी निकाल कर छिपा दिया। बदमाशों ने उन्हें पकड़ने की कोशिश कि लेकिन वो उन्हें धक्का देकर फरार हो गई। लक्ष्मी सीधे पुलिस चौकी पहुंची और मामले की सूचना दी। जिसमें तीनों बदमाश पुलिस के हत्थे चढ़े। इसी के लिए लक्ष्मी को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

चिंगाई वांग्सा: बुजुर्ग को जिंदा जलने से बचाया

नागालैंड के 17 साल, 7 महीने के चिंगई वांग्सा ने बुजुर्ग की जान बचाई। घटना 4 सितम्बर 2016 की सुबह की है। अधिकांश ग्रामीण चर्च में थे जब एक घर में आग लग गई। 74 वर्षीय एक बुजुर्ग घर में सो रहे थे, कि उनकी रसोई से आग की लपटें उठने लगी। तभी पड़ोस में रहने वाले चिंगई वांग्सा ने बगल वाले घर की छत से आग की लपटें उठती हुई देखीं। चिंगई वांग्सा तुरन्त दरवाजा तोड़कर बुजुर्ग के घर में पहुंच गया। वृद्ध व्यक्ति निद्रावस्था में थे। चिंगई वांग्सा ने उन्हें उठाया और सुरक्षित बाहर लेकर आया। बाद में घर के पिछले हिस्से में बंधे पशुओं को बचाया। चिंगई की बहादुर के लिए उन्हें ये सम्मानित किया गया।

समृद्धि सुशील शर्मा: बदमाश से बचाई जान

गुजरात की समृद्धि सुशील शर्मा ने 16 साल 3 महीने की उम्र में बहादुरी पुरस्कार मिला है। पूरा मामला 1 जुलाई 2016 की दोपहर का है जब समृद्धि शर्मा घर पर अकेली थी। इसी दौरान दरवाजे की घंटी बजी। उसने दरवाजा खोला तो सामने खड़ा एक नकाबपोश व्यक्ति नौकरानी के विषय में पूछताछ करने लगा। समृद्धि ने उसे बताया कि वह अपना काम खत्म करके जा चुकी है। तब उसने पीने के लिए पानी मांगा। समृद्धि ने पानी के लिए मना किया तो उस शख्स ने चाकू निकाल लिया और उसकी गर्दन पर रख दिया। हालांकि किसी तरह समृद्धि ने उस शख्स का चाकू बाहर फेंक दिया और उसे भी दरवाजे से बाहर धकेल दिया। हंगामा बढ़ने पर आरोपी बदमाश भाग गया लेकिन समृद्धि को चोट आई। उसे दो बार ऑपरेशन करवाना पड़ा।

जोनुनतुआंगा: पिता पर भालू ने किया हमला, बचाई जान

15 साल 10 महीने के जोनुनतुआंगा मिजोरम के रहने वाले हैं। घटना 20 अगस्त 2016 की सुबह की जब जोनुनतुआंगा और उसके पिता मिजोरम के सरचिप जिले में स्थित एक छोटी नदी पर जा रहे थे। रास्ते में कुछ हलचल सुनकर, उसके पिता पता लगाने के लिए रुके तो अचानक एक जंगली भालू ने उन पर हमला कर दिया। पिता को अपने बचाव का एक भी मौका न देते हुए, जंगली जानवर ने अपना हमला जारी रखा और उनके चेहरे को भयानक रूप से घायल कर दिया। जोनुनतुआंगा कुछ दूर था जब उसने उनकी चीखें सुनी और दौड़कर वहां पहुंचा। उसने निडरता से भालू से मुकाबला किया। अपने साहसिक प्रयास से वह भालू को भगाने में सफल हो गया। पिता को बचाने के लिए उन्हें नेशनल ब्रेवरी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

नदाफ इजाज अब्दुल रॉफ: दो लड़कियों की बचाई जान

महाराष्ट्र के नदाफ इजाज अब्दुल रॉफ की उम्र 16 साल, 6 महीने है। उन्होंने दो मासूम को डूबने से बचाया। घटना 30 अप्रैल 2017, गांव परडी, जिला नानदेड़, महाराष्ट्र की है। कुछ महिलायें और लड़कियां, एक नदी पर बने जलाशय के किनारे गई हुई थीं। अचानक उनमें से एक लड़की का पैर फिसला और वह पानी में गिर गयी। यह देख, शेख अफसर अपनी सहेली को बचाने के लिये जलाशय में उतरी। किन्तु पानी गहरा होने के कारण वह भी डूबने लगी। तब दो और लड़कियां शेख आफरीन और शेख तबस्सुम उन्हें बचाने के लिए गईं। हालांकि वो डूबने लगी। इसी दौरान इजाज अब्दुल रॉफ और दो अन्य व्यक्तियों ने पानी में छलांग लगा दी। वह तबस्सुम और आफरीन को बचाने में सफल हो गया। दुर्भाग्यवश दो अन्य लड़कियों को बचाया नहीं जा सका।

पंकज सेमवाल: गुलदार से अपनी मां की बचाई जान

उत्तराखंड के पंकज सेमवाल की उम्र 15 साल 10 महीने है। घटना 10 जुलाई 2016 की रात करीब एक बजे, उत्तराखण्ड के टीहरी गढ़वाल जिले में हुई। घर की दूसरी मंजिल पर बरामदे में, पंकज सेमवाल अपनी मां और भाई-बहनों के साथ सोया हुआ था। एक गुलदार, सीढ़ी के रास्ते होता हुआ बरामदे में पहुंचा और अपने पंजों से उसकी मां पर हमला कर दिया। मां की चीखें सुनकर, पंकज उठा और एक डंडा लेकर गुलदार को भगाने का प्रयास करने लगा। बाद में गांव वाले भी इकट्ठा हो गए। हालांकि पंकज अपनी मां को बचाने में कामयाब रहा।

पंकज कुमार माहंत: तीन की बचाई जान

पंकज कुमार माहंत ओडिशा के रहने वाले हैं, उनकी उम्र 13 साल, 11 महीने है। घटना 22 मई 2017 की सुबह, ओडिशा के केंदुझर जिले में घटी। तीन महिलाएं बैजयन्ती (25 वर्ष), पुष्पलता (22 वर्ष) एवं सुचिता (34 वर्ष) स्नान के लिए बैतारनी नदी पर गई हुई थीं। स्नान करते समय, गीली रेत पर बैजयन्ती का पैर फिसला और वह 20 फुट गहरे पानी में जा गिरी। अन्य दो महिलाओं ने उसे बचाने का प्रयास किया परन्तु वे भी डूबने लगी। यह देख, पंकज तुरन्त उन्हें बचाने के लिए दौड़ा और तैरकर पानी की गहराई में पहुंचा। तीनों महिलाओं का वजन, पंकज के वजन और ताकत से कहीं अधिक था। अपने जीवन को दांव पर लगाकर, उसने उन तीनों को एक-एक कर बाहर निकाला। पंकज कुमार माहंत ने अपने निर्भीक एवं साहसिक कृत्य से तीन जीवन बचाए। जिसके लिए पंकज को बहादुरी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

एफ. ललछंदामा: दोस्त को बचाने के लिए गंवाई अपनी जान

17 साल, 11 महीने के मिजोरण के एफ. ललछंदामा को मरणोपरांत बहादुरी अवॉर्ड मिला है। घटना 7 मई 2017 की दोपहर, ललछंदामा अपने सहपाठियों के साथ शहर से आठ किलोमीटर दूर त्लांग नदी पर गया जो कि मिजोरम की सबसे बड़ी नदी है। उन्होंने एक घंटे तैराकी का आनन्द लिया। जब वे वापसी की तैयारी कर रहे थे, तो अचानक उनके एक मित्र ललरेमकीमा का पैर, चट्टान पर जमी काई के कारण, फिसल गया और संतुलन बिगड़ने से वह नदी में जा गिरा। घबराहट की वजह से, वह तैर नहीं सका और मदद के लिए चिल्लाने लगा। ललछंदामा और ललमुंआसांगा ने तुरन्त पानी में छलांग लगा दी और तैरकर अपने असहाय मित्र के पास पहुंचे। डूबते हुए लड़के ने ललमुंआसांगा की गर्दन पकड़ ली जिस कारण उसे सांस लेने और तैरने में कठिनाई होने लगी। परिणामस्वरूप वे दोनों डूबने लगे। ललछंदामा ने साहस से ललमुंआसांगा को ललरेमकीमा की पकड़ से छुड़वाया और उसे किसी तरह किनारे तक पहुंचाने में सफल रहा। परिणाम की परवाह किए बिना, बहादुर ललछंदामा बगैर हिचकिचाहट, अपने दूसरे मित्र को बचाने के लिए एक बार फिर गहरे पानी में गया। निरन्तर कोशिश के बावजूद, वह अपने प्रयास में विफल हो गया और दोनों को अपने प्राण गंवाने पड़े।

नेत्रावती चव्हान: डूब रहे दो बच्चों को बचाने में गंवाई जान

कर्नाटक की 14 साल, 10 महीने की नेत्रावती चव्हान को मरणोपरांत गीता चोपड़ा अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। नेत्रावती ने अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए तालाब में डूब रहे दो बच्चों को बचाने की कोशिश की। जिसमें उनकी मौत हो गई। मामला 13 मई, 2017 का है जब नेत्रावती चव्हान, एक पत्थर की खदान के पास बने तालाब के किनारे कपड़े धो रही थी। इसी दौरान दो लड़के गणेश और मुथू तालाब में तैराकी के लिए पहुंचे, लेकिन अचानक ही ये बच्चे तालाब में डूबने लगे। नेत्रावती तुरंत ही इन बच्चों को बचाने के लिए पानी में कूद पड़ी। 30 फुट गहरे तालाब में नेत्रावती ने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए पहले 16 वर्षीय मुथु को सुरक्षित बाहर निकाल लाई। फिर वो 10 वर्षीय गणेश को बचाने के लिए तालाब में उतरी। इसी दौरान उनकी दम घुटने से मौत हो गई। उन्हें मरणोपरांत वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

मनशा एन, एन. शैंगपोन कोन्याक, योकनेई को बहादुरी अवॉर्ड

मेरीबनी (3 वर्ष) और चुम्बेन (6 वर्ष) की माता के देहान्त के बाद, मनशा उनकी देखभाल किया करती थी। 7 अगस्त 2016 की रात करीब डेढ़ बजे, मनशा ने मेरीबनी की दबी-घुटी आवाज सुनी। वह बच्ची को देखने के लिए गई। वहां मेरीबनी के पिता को उसका गला दबाकर मारने का प्रयास करते देख, वह आश्चर्यचकित रह गई। मनशा ने तुरन्त बच्ची को छीना और उसके पिता को धक्का देकर, बच्ची को अपने साथ ले गई। कुछ मिनट बाद, दुबारा उसने वैसी ही आवाज सुनी। वह तुरन्त भागकर वहां पहुंची तो देखा कि पिता अपने बेटे चुम्बेन का बेल्ट से गला घोंटने का प्रयास कर रहा था। मनशा ने उसे बच्चे से दूर धकेला और मदद के लिए चिल्लाई। इसी दौरान शेंगपॉन और योकनेई वहां पहुंचे। इसी दौरान वेनथंगो कुल्हाड़ी लेकर पहुंचा और अपने बच्चों को मारने की कोशिश की। हालांकि किसी तरह से उन बच्चों को बचाया गया। मनशा, शेंगपॉन और योकनेई की बहादुरी से मासूम बच्चों की जान बच गई।

लोकराकपाम राजेश्वरी चनु: अपनी जान देकर बचाई दो जानें

मणिपुर की 13 साल, 7 महीने लोकराकपाम राजेश्वरी चनु को बहादुरी अवॉर्ड मरणोपरांत मिला है। घटना 10 नवम्बर 2016 की है। ओगंबी केबीसाना अपनी बेटी इनंगंबी (तीन वर्षीय) और एक अन्य लड़की राजेश्वरी चनु के साथ एक लकड़ी का पुल पार कर रही थीं। छोटी बच्ची पुल पर बने छेद से नदी में गिर पड़ी। अपने बच्चे को बचाने के लिए उसकी मां भी तत्काल पानी में कूद पड़ी। परन्तु तैरना न आने के कारण, वह भी डूबने लगी। यह देख, राजेश्वरी चनु ने 30 फुट गहरे पानी में छलांग लगा दी। उसने बच्ची और उसकी मां को पकड़कर, किनारे की ओर धकेला। इस बीच कुछ लोगों ने चीख-पुकार सुनकर मां और बच्ची को बाहर निकाला। परन्तु राजेश्वरी चनु तीव्र जलधारा में बह गयी और उसे ढूंढा नहीं जा सका। राजेश्वरी चनु ने, अत्यन्त पराक्रम से, दो अमूल्य जीवन बचाने के प्रयास में, अपने प्राणों की आहूति दे दी।

साभार: @oneindia.com, @twitter

चीन-की-5 मंजिला बिल्डिंग के ऊपर बनी सड़क

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आज तक चीन दुनियाभर में अपने अनोखे अविष्कारों की वजह से मशहूर है, लेकिन एक और चीज़ चीन को मशहूर बनाती है, और वो  है वहां का ट्रैफिक। अगर आप चीन के चारों तरफ नजर घूमाओंगे तो आपको कोई न कोई नया अविष्कार देखने को मिल ही जाएगा।वहां आपको बहुत सी अजीबोगरीब तरीकों से बनी इमारते और बिल्डिंग नज़र आएंगी जिनकी कोई हद नहीं है।  आज हम आपसे एक ऐसे ही अनोखे अंदाज से बनी सड़क की बात करने जा रहे जिसको बनाने की वजह है वहां का बढता हुआ ट्रैफिक, जिसके बारे में सुनकर आप हैरत में पड़ जाएगे।

चीन के चोंगकिंग शहर में बनी इस सड़क को 5 मंजिला इमारत के ऊपर बनाया गया है। हैरानी की बात है कि मंजिल पर बनी इस 2-लेन रोड पर गाड़ियां उतनी ही तेज़ी से चलती हैं जितनी की वह एक आम सड़क पर चलती है । चोंगकिंग शहर की आबादी 8.5 मिलियन है और शहर ने  इसीलिये ये विचित्र फ़ैसला  लिया है। दरअसल, इस सड़क का निर्माण रोड कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए किया गया है।

इस सड़क के नीचे रह रहे लोगों को किसी भी तरंह की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता क्योंकि उनके घरों में खास इक्विपमेंट्स लगाएं गए हैं ,जिनसे गाड़ियों का शोर उन तक नहीं पहुंच पाता। इसके अलावा भी चीन के चोंगकिंग शहर की रियाइशी इमारतें और एक से बढ़कर एक फ्लाईओवर देखने वाले है, जिनको देखकर आप भी यहीं कहेंगे कि सच में चीन का मुकाबला कोई नहीं कर सकता ।चीन ज़रूर जाएँ और वहां का मज़ा लें।

भारत की इन जगहों पर जाने के लिए लेनी पड़ती है स्पेशल परमिशन

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भारत में कुछ जगहें ऐसी है जहां लोगों के जाने पर बैन लगा हुआ है। अगर आप इन जगहों पर जाना चाहते है तो आपको स्पेशल परमिशन लेनी पड़ेगी। स्थानीय लोगों को छोड़कर, देश-दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से आए तमाम टूरिस्टों के लिए इनर लाइन परमिट लेना अनिवार्य है। दरअसल यह सभी स्थान दूसरे देशों की सीमाओं के नजदीक स्थित हैं, ऐसे में सुरक्षा कारणों से कारण टूरिस्टों को बगैर परमिशन के एंट्री नहीं मिलती है। तो आइये जानते है उन जगहों के बारे में जहां जाने के लिए आपको इनर लाइन परमिट लेने की जरूरत पड़ेगी ।

इनर लाइन परमिट होता है क्या ?

दरअसल इनर लाइन परमिट भारत का आधिकारिक यात्रा दस्तावेज है, जो कि देश-विदेशों से आए पर्यटकों को संरक्षित क्षेत्र (Protected area) में जाने के लिए अनुमति देता है। यह परमिट एक निश्चित समय और सीमा के लिए मान्य होता है। वर्तमान में भारत के केवल तीन राज्य मिजोरम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के लिए इस परमिट की आवश्यकता पड़ती है। हालांकि, इन राज्यों के अलावा दूसरे देशों के बॉर्डर लाइन पर भी इस परमिट की आवश्यकता होती है.

नागालैंड

कोहिमा

कोहिमा नागालैंड राज्य की राजधानी है। पहाड़ की ऊंची चोटी पर बसा सुंदर शहर है, कोहिमा ।इस शहर में अधिकतर नागा जनजाति के लोग रहते हैं। इन आदिवासियों की संस्कृति बहुत रंग-बिरंगी है, जो पर्यटकों को बहुत पसंद आती है। कोहिमा के संरक्षित क्षेत्रों में यात्रा करने के लिए इनर लाइन परमिट की आवश्‍यकता पड़ती है। विदेशी पर्यटकों को कोहिमा के संरक्षित क्षेत्र में प्रवेश करने व भ्रमण करने के लिए जिले के विदेशी पंजीकरण अधिकारी के पास पंजीकृत कराना होता है। पंजीकरण कराने के 24 घंटे के अंदर ही विदेशी पर्यटक आराम से सैर कर सकते हैं।

दीमापुर

दीमापुर नागालैंड का सबसे बड़ा शहर है। यह नागालैंड में यात्रा करने के लिए दिलचस्प जगह है।यह नागालैंड के प्रवेश द्वार भी है। दीमापुर, धनसिरी के तट पर स्थित है। अक्सर इसे यूरोपीय विद्वानों द्वारा ‘ईंट सिटी’ के रूप में वर्णित किया जाता है।

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मोकोकचुंग

मोकोचुंग एक लोकप्रिय आकर्षण जिला संग्रहालय है । जो ढाल, तलवारें और परंपरागत गहने जैसे नागा कलाकृतियों को प्रस्तुत करता है। आपको यहाँ से नागा हिल्स का एक शानदार दृश्य भी मिलेगा।यह सच है कि दीमापुर और कोहिमा के बाद नागालैंड में तीसरी सबसे महत्वपूर्ण शहरी केंद्र मोकोचुंग है ।

अरुणाचल प्रदेश

ज़ीरो

भारत में अरुणाचल प्रदेश के ज़ीरो वैली को विश्व विरासत स्थल (World Heritage Site) में शुमार किया गया है। इस राज्य में देशी-विदेशी पर्यटकों को देखने के लिए कई शानदार टूरिस्ट स्थान हैं, लेकिन ज़ीरो वैली काफी प्रसिद्ध है। लेकिन यहाँ के लिए आपको इनर लाइन परमिट लेने की आवश्यकता है।

तवांग

तवांग में 400 वर्षीय पुराना मठ है । वह भारत में सबसे बड़े मठों में से एक है । ल्हासा के बाहर सबसे बड़ा मठ है।तवांग के पश्चिम में भूटान की सीमा और उत्तर में तिब्बत जिला है।लगभग 3048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, कई महत्वपूर्ण और सुंदर मठों के लिए जाना जाता है और दलाई लामा के जन्म स्थान के रूप में प्रसिद्ध है।

भालुक्पोंग

अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में हिमालय की तलहटी में स्थित एक छोटा सा शहर है, भालुकोंग। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत माहौल के लिए जाना जाता है, जो हर आगंतुक पर जादू करता है।यह ऐन्गलिंग और राफ्टिंग करने के लिए बहुत अच्छा स्थान है। यह पख्तुई वन्यजीव अभयारण्य के घने जंगल और कामेंग नदी के किनारे पर स्थित है।

मिजोरम

ऐज़ावल

ऐज़ावल भारत के मिजोरम राज्य की राजधानी है। ऐज़ावल में म्यूजियम, हिल स्टेशन, शानदार प्लेसेस हैं, जिसे देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं। यह पूर्व और दक्षिण में म्यांमार और पश्चिम में बांग्लादेश के बीच स्थित होने के कारण भारत के पूर्वोत्तर कोने में मिजोरम सामरिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण राज्य हैं।

लुंगलेई

लुंगलेई अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यह एक आदर्श गंतव्य है, उनके लिए जो एक ब्रेक लेना चाहते है और प्रकृति के सरल बनावट का मज़ा लेना चाहते है।यह शहर मिजोरम राज्य के दक्षिणी हिस्से में स्थित है, और इसका नाम पत्थर जैसे वास्तविक पुल के नाम पर रखा गया है। यह शहर ऐज़ावल शहर के करीब होने की वजह से काफी मशहूर है।

मणिपुर

लोकतक लेक

लोकटक झील भारत के मणिपुर राज्य की एक झील है। लोकटक झील अपनी सतह पर तैरते हुए वनस्पति और मिट्टी से बने द्वीपों के लिये प्रसिद्ध है, जिन्हें ‘कुंदी‘ कहा जाता है। लोकटक झील तैरते हुए भूखंड के टुकड़े मिट्टी, पेड़-पौधों और जैविक पदार्थों से मिलकर बनी हुई हैं। मिट्टी से बने भूखंड के छोटे-छोटे टुकड़े, पर्यटकों को अपनी ओर खूब आकर्षित करते है। हालांकि, इस झील को देखने के लिए भी इनर लाइन परमिट लेने की आवश्यकता है।

सिक्किम

छंगू झील

छंगू झील सिक्किम राज्य की सबसे खूबसूरत और प्रसिद्ध झील है। यह झील करीब एक किलोमीटर लम्बी, आधा किलोमीटर चौड़ी और 15 मीटर गहरी है. स्थानीय लोग इसे छंगू लेक (Changu Lake) और सोमगो लेक (Tsomgo Lake) दोनों नाम से पुकारते हैं। समुद्र तल से इसकी ऊँचाई लगभग 3757 मीटर(11271 फीट) है। सर्दियों में यह झील जम जाती है, और चारों तरफ बर्फ ही बर्फ नजर आती है। ऐसा कहा जाता है कि मौसम के हिसाब से झील अपना रंग बदल लेती है। छंगू झील पर आने वाले पर्यटकों को गंगटोक से ही परमिट बनवा कर लाना पड़ता है। यह परमिट सिक्किम पर्यटन कार्यालय (Sikkim Tourism Office) से या फिर ट्रेवल एजेंट की सहायता से बना सकते है।

कुछ सालों में इंसान को पीछे छोड़ देगी आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स

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आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स मानव बुद्धि का एक नमूना है जिसकी प्रक्रियाए मशीन के ज़रिये होती है जैसे कम्प्यूटर्स सिस्टम्स।

मनुष्य की तुलना मे इसके ज़रिये काम जल्दी और आसानी किए जा सकते है। आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स दो प्रकार से जानी जाती है:

कमज़ोर आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स और संकीर्ण आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स.

कमज़ोर आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स एक ऐसा सिस्टम है जिसे कोई एक प्रकार का काम करने के लिए बनाया गया है.

जैसे कि, वर्चुअल अस्सिटेंट फ़ोन्स में मौजूद एप में इसे कमांड दी जाती है जैसे कि, show Good mba colleges in karnataka तो आपको सारे TOP MBA कॉलेज की लिस्ट मिल जाती है।

स्ट्रॉन्ग आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स, इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स जनरल के नाम से भी जाना जाता है।

उदाहरण के लिए ऑटोमेशन जिसका मतलब है एक प्रोसेस या सिस्टम जो खुद से ही काम करे। ये वहाँ काम आता है जब हमें ज्यादा मात्रा में वही काम बार बार करना होता है। जैसे बड़ी-बड़ी फैक्ट्रीज में ज्यादा क्वांटिटी में चीजों का बनना और इसका प्रभाव लोगों की जॉब्स पर भी पड़ता है। क्योंकि कई सारे लोगों का काम अब बस एक मशीन के ज़रिये किये जा सकता है। इससे कई लोगो को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का उपयोग मशीन लर्निंग मे भी है। मशीन लर्निंग एक साइंस है जिसमे हम कंप्यूटर को बिना प्रोग्रामिंग करे काम करने देते है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स का मौसम बदलाव मे सहायता देता है।  इसके ज़रिये डाटा जांच कर आने वाले मौसम का अनुमान लगाया जा सकता है। जिसके ज़रिये लोग बदलते हुए मौसम से बचने की तैयारी कर सके।

आर्टिफिशियल इंटेलिजन्सका  का एक उदहारण रोबोट्स है जो की ऐसे काम करने की भी क्षमता रखते है जो इंसान के लिए जोखिम भरा होता है और उसे इंसान के लिए करना मुश्किल होता है. लेकिन रोबोट की मदद से इसे आसानी से किया जा सकता है।

गणतंत्र दिवस- यह 21 बच्चे राष्‍ट्रीय वीरता पुरस्कार से किये जाएंगे सम्मानित

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भारत में हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर बहादुर बच्चों को राष्‍ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। यह पुरस्कार भारतीय बाल कल्याण परिषद ने 1957 में शुरु किये थे। पुरस्कार के रूप में एक पदक, प्रमाण पत्र और नकद राशि दी जाती है, और साथ ही इन बच्चों को विद्यालय की पढ़ाई पूरी करने तक वित्तीय सहायता भी दी जाती है।

26 जनवरी को इस साल 21 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। 13 लड़कों  और 8 लड़कियों  को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2018 के लिए चुना गया है। आइए जानते हैं, पुरस्कार प्राप्त करने वाले इन 21 बच्चों की लिस्ट:-

अनिका जैमिनी (उम्र – 8 साल)

राजस्थान की अनिका जैमिनी को अपनी किडनैपिंग के दौरान दिखाए साहस के लिए बापू गैधानी अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। किडनैपर अनिका को बाइक पे उठा कर ले जा रहा था। किडनैपर ने उस पर टॉर्चनुमा हथियार से कई वार भी किए, लेकिन वह बहादुरी से लड़ी और अनिका किडनैपर से बच निकली।

कैमिलिया केथी (उम्र – 12 साल)

मेघालय की कैमिलिया कैथी को उसकी बहादुरी के लिए बापू गैधानी अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। 6 जुलाई 2017 को कैमिलिया के घर में आग लग गई थी। उसने बहादुरी दिखाते हुए मानसिक रूप से अस्वस्थ बड़े भाई को आग से बचाया था।

सीतू मलिक (उम्र – 14 साल)

ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के एक दूरस्थ गांव के सीतू मलिक को अपने चाचा को मगरमच्छ के हमले से बचाने के लिए अदम्य साहस के लिए बापू गैधानी अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। सीतू मलिक ने सूझ-बूझ दिखाते हुए तालाब में घुसे एक मगरमच्छ के पंजे से अपने चाचा बिनोद मलिक की जान बचाई थी।

मुस्कान और सीमा (उम्र – 17 और 14 साल)

हिमाचल प्रदेश की दो दोस्त मुस्कान और सीमा को उनकी बहादुरी के लिए बापू गैधानी अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। उनको स्कूल जाने के समय रस्ते में कुछ लड़के रोज छेड़ते थे, और उन पर भद्दे कमेंट भी पास करते थे। जब यह हर दिन होने लगा, तो उनको सबक सिखाने के लिए दोनों ने कराटे क्लास जॉइन की। इसके बाद दोनों ने उसी जगह जाकर उन युवकों की जमकर पिटाई की। वे उन को पुलिस स्टेशन लेकर गईं और एफआईआर दर्ज़ करवाई।

गुरुगा हिमा प्रिया (उम्र – 8 साल)

गुरुगा हिमा प्रिया को उसकी बहादुरी के लिए भारत अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। 10 फरवरी 2018 को हथियारबंद आतंकियों ने जम्मू के सुंजवन सैन्य कैंप पर हमला बोला था। हमला होने के बाद दोनों ने खुद को घर के अंदर बंद कर लिया। आतंकियों ने उनके आंगन में एक ग्रेनेड फेंका, जिसमें प्रिया घायल हो गई, लेकिन उसने आतंकियों को लंबे समय तक बातचीत में मशगूल रखा और आतंकियों से खुद को अपनी मां और दो छोटी बहनों को बचाने में सफल रही।

सौम्यदीप जाना (उम्र -13 साल)

सौम्यदीप जाना को उसकी बहादुरी के लिए भारत अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। सुंजवन आर्मी स्टेशन में आतंकी हमले के दौरान आतंकियों ने सौम्यदीप के घर का मुख्य दरवाजा तोड़ने की कोशिश की, लेकिन सौम्यदीप ने स्टील के बक्से से बैरिकेडिंग कर दी।

हमले के दौरान सौम्यदीप ने अपनी मां और बहन को एक कमरे में बंद कर दिया था और बाहर से ताला लगा दिया था। आतंकियों ने एक ग्रेनेड फेंककर एके 56 राइफल से फायरिंग कर दी। इस वजह से सौम्यदीप घायल हो गया और तीन महीने तक कोमा में रहा। उनका बायां हिस्सा पैरालाइज्ड है। घटना के चलते उनके देखने और सुनने की शक्ति भी क्षीण हो गई।

26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर विशेष, “झण्डा ऊँचा रहे हमारा” कविता, वीडियो सहित

निशिता नेगी (उम्र -15 साल)

दिल्ली की निशिता नेगी को गीता चोपड़ा अवार्ड (मरणोपरांत) से सम्मानित किया जायेगा। अंडर 17 फुटबॉल टीम की सदस्य के रूप में नितिषा पसिफिक स्कूल गेम्स के लिए ऑस्ट्रेलिया गई थीं। जहां 10 दिसंबर 2017 को एक बीच में टूर्नामेंट के बाद सागर की बड़ी लहर कुछ लोगों को बहा ले गई। नितिषा ने अपनी दोस्त को पानी में फंसा हुआ देखा। यह देखकर वह पानी में कूद गई और अपनी दोस्त को बचाने में सफल रही, लेकिन उसने अपनी जान खो दी।

गोहिल जयराज सिंह (उम्र- 6 साल)

गुजरात के गोहिल जयराज को उसकी बहादुरी के लिए संजय चोपड़ा अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। गोहिल अपने दोस्त के साथ खेल रहा था, तभी एक तेंदुए ने उसके दोस्त पर हमला कर दिया। अपने दोस्त को खतरे में देखकर गोहिल ने पत्थर उठाया और तेंदुए पर फेंक दिया, लेकिन तेंदुए ने पकड़ नहीं छोड़ी। इसके बाद गोहिल ने अपनी खिलौना कार तेदुंए की तरफ फेंकी, जिसकी आवाज सुनकर तेंदुआ भाग गया।

मंदीप कुमार पाठक (उम्र – 13)

दिल्ली के मंदीप कुमार पाठक को उसकी बहादुरी के लिए सामान्य राष्ट्रीय वीरता अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। उसने अपनी जान खतरे में डालकर सुलगे हुए पटाखों से तीन बच्चों की जान बचाई थी।

झीली बाग (उम्र – 8)

ओडिशा की झीली बाग को उसकी बहादुरी के लिए सामान्य राष्ट्रीय वीरता अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। ओडिशा के सोनपुर जिले के तरभा इलाके की इस बच्ची ने अपनी बहन को कुएं के अंदर से बचाया था।

विश्वजीत पुहान (उम्र – 10)

ओडिशा के विश्वजीत पुहान को उसकी बहादुरी के लिए सामान्य राष्ट्रीय वीरता अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले के बालीकुदा इलाके के इच्छापुर गांव में पांच साल की एक लड़की का खेलते वक्त पैर केनाल के अंदर फिसल गया। वहां पर मौजूद दूसरी एक और लड़की के चीकने की वजह से पास मौजूद विश्वजीत पुहान ने पानी में छलांग लगाकर डूब रही बच्ची को बचाया था।

रंजीता माझी (उम्र – 12)

ओडिशा की रंजीता माझी को उसके साहस के लिए सामान्य राष्ट्रीय वीरता अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। ओडिशा के कालाहंडी जिले के तुरिकेजीगुड़ा गांव की रंजिता माझी ने बाल्य विवाह जैसी कुप्रथा के खिलाफ आवाज़ उठाते हुए, अपने से देढ़ गुना बढ़े एक शराबी व्यक्ति से अपनी शादी को खुद तोड़ा था।

श्रीकांत गंजीर (उम्र – 10)

छत्तीसगढ़ के श्रीकांत गंजीर को उसकी बहादुरी के लिए सामान्य राष्ट्रीय वीरता अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। उसने अपनी सूझबूझ और बहादुरी से अपने दोस्त आशीष नेताम (9 वर्ष) को तलाब में डूबने से बचाया था।

कुंवर दिव्यांश सिंह (उम्र – 13)

उत्तर प्रदेश के कुंवर दिव्यांश सिंह को उसकी बहादुरी के लिए सामान्य राष्ट्रीय वीरता अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। उसकी छोटी बहन को साड़ मार रहा था। साड़ से लड़ते हुए उसकी तीन हड्डियां टूट गयी थी, और तीन महीने तक इलाज चला।

अन्य बच्चे

कर्नाटक के सीडी कृष्णा नायक (15), छत्तीसगढ़ के रितिका साहू (13) और झगेन्द्र साहू (11), मणिपुर के वाहेंगबम लमगांबा सिंह (13), केरल के शिगिल के (13) और अश्विन सजीव (10) को उनकी बहादुरी के लिए सामान्य राष्ट्रीय वीरता अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा।

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दुनिया का सबसे छोटा देश

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हम जिस देश में रहते है वहां अधिकतर संयुक्त परिवार होते हैं और उन संयुक्त परिवार में ही 25-30 सदस्य होते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में एक ऐसा देश भी है जिसमें केवल 27 लोग रहते हैं, जी हां यह सच है।

यह देश इंग्लैंड के पास स्थित है और इसका नाम है सीलैंड। इंग्लैंड के सफोल्क समुद्री तट से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सीलैंड खंडहर हो चुके समुद्री किले पर स्थित है, जिसे दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन के द्वारा एंटी-एयरक्राफ्ट डिफेंसिव गन प्लेटफार्म के रूप में प्रयोग किया गया था।

यह 1943 में ब्रिटिश सेना द्वारा निर्मित एक मैन्सनेल सागर किला था, और मूल रूप से इसे एच एम फोर्ट रौफ नाम दिया गया था। बाद में इसे मेजर पडी रॉय बेट्स द्वारा नामित किया गया था, जो अपने परिवार के साथ वहां रहते थे और समुद्री डाकू रेडियो स्टेशन की मेजबानी करते थे। 2011 के आकड़ों के अनुसार सीलैंड की जनसंख्या सिर्फ 27 लोगों की है। इस देश का राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सब कुछ पैडी रॉय बेट्स ही है। पैडी रॉय बेट्स का दावा है कि समुद्र में 12 मील तक उनका क्षेत्र है।

9 अक्टूबर 2012 को पैडी रॉय बेट्स को सीलैंड का प्रिंस घोषित कर दिया था। रॉय बेट्स ने सीलैंड को अलग पहचान देने के लिए पासपोर्ट, डाक टिकट और नई करेंसी निकाली और करेंसी पर उनकी पत्नी जॉन बेट्स की तस्वीर है. सीलैंड देश का अपना अलग एक झंडा भी है जोकी लाल, सफेद और काले रंग का है।

इस देश के लोगों के पास अपनी जीविका चलाने का कोई साधन नहीं है। जब पहली बार इंटरनेट के माध्यम से लोगों को इसके बारे में पता चला, तो लोगों ने इस देश को खूब डोनेशन दिया। इससे यहां रहने वाले लोगों को काफी मदद मिली।

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बॉलीवुड की मशहूर हस्तियों जिन्होंने पैसे के लिए की शादी।

कुछ लोगों को यह कहते हुए सुना है कि पैसे सब कुछ नहीं, केवल एक चीज है। मैं इस कथन से सहमत नहीं हूं पर पुष्टि यह है कि वास्तव में पैसा दुनिया को चलाता है। बॉलीवुड फिल्म उद्योग को देखते हुए, यह एक तथ्य है कि ज्यादातर अभिनेत्रियां, खासकर सुंदर अभिनेत्रियों ने अमीर लोगों तक पहुंचने का रास्ता खोज लिया है। एक निष्कर्ष है कि ज्यादातर खूबसूरत अभिनेत्रियों ने पैसे की वजह से शादी करीं हैं।  क्या आप जानते हैं कि उनमें से कुछ ने अमीरों से शादी करने के लिए अभिनय को भी धोखा दिया? शीर्ष 10 बॉलीवुड अभिनेत्रियों की सूची जिन्होंने पैसे के लिए शादी की थी।

1. Tina and Anil Ambani.

अंबानी की पत्नी, टीना अंबानी, 1980 के दशक में बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री थी। भले ही उसने अपने Career मे प्रतिष्ठा और धन दोनों हासिल किया, पर कुछ समय बाद चीजें अप्रत्याशित होनी शुरू हो गई। खुद को बहाल करने की कोशिश में, उन्होंने अमीर अंबानी को चुना।

2. Celina Jaitley to Peter Haag

सेलिना जेटली बॉलीवुड उद्योग में एक कम प्रसिद्ध नाम था। सामान्य जनता का कहना है कि , वह जो कमा रही थी वह संतोषजनक नहीं था इसीलिए प्रसिद्ध अभिनेत्री ने धनी ऑस्ट्रियन, पीटर हाग का विकल्प चुना। पीटर हाग एक व्यवसायी और बाज़ारिया रूप में आर्थिक रूप से एक अच्छी तरह से स्थापित व्यक्ति है।

3. Sridevi to Boney Kapoor

उनकी उम्र के चलते, बॉनी कपूर एक जोड़े के रूप में श्रीदेवी के लिए बहुत बूढ़ा हैं। इस वजह से अधिकांश लोगों ने निष्कर्ष निकाला कि एक पति के रूप मे बोनी कपूर का चुनाव जो की उनके पिता की उम्र के है, उसकी वजह धन से अलग नहीं हो सकती।हॉं वास्तव में इस बात मे कोइ शक नही कि वह आदमी बहुत अमीर है पर उम्र भिन्नता भी बहुत ज्यादा है।हालांकि, ये जोड़ी एक साथ खुशी से रह रहीं हैं और अपने MR INDIA Project को सफलतापूर्वक चला रहे हैं।

4. Amrita Arora to Shakeel Ladakh

सफल तलाक के बाद, अमीर व्यापारिक व्यक्ति शकील लद्दाख को एक और प्यार मिला। इस बार यह एक बॉलीवुड अभिनेत्री  अमृता अरोड़ा थी। यद्यपि अमृता को शादी से पहले गर्भवती होने के लिए बहुत सारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन वो ही समय अमृता के लिए सबसे अच्छा भविष्य लेके आया। अमृता ने आधिकारिक रूप से शकील लद्दाख से शादी की और अब वो दोनों बेटों के साथ रेह रही हैं। इसलिए, यद्यपि यह अफवाह साबित हुई की वो पैसों के लिए एक तलाकशुदा आदमी के पास गयी ।

5. Vidya Balan to Siddharth Roy Kapoor

 विद्या बालन एक बॉलीवुड अभिनेत्री है, जबकि सिद्धार्थ रॉय कपूर एक स्थापित और बॉलीवुड में एक सफल निर्माता है। जब दोनों ने एक साथ काम किया, तो उनके बीच कुछ खास अनियंत्रित आकर्षण हो गया। हमेशा की तरह, अफवाहें ये रही की विद्या ने निर्माता के धन के लिए उन्से शादी करी। यह सच है या केवल आरोप ये तो समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल, शादी बिना किसी बड़ी विवादास्पद समस्या के खुशहाली से चल नहीं है।

6. Ayesha Takia to Farhan Azmi

आयशा टाकिया न केवल एक अभिनेत्री है बल्कि एक सुंदर मॉडल भी है। इसके अलावा, वह लोकप्रिय टीवी स्टेशन के साथ एक लोकप्रिय टीवी प्रस्तोता भी है। एक समृद्ध व्यक्ति फरहान आज़मी और आयेशा टाकिया का आकर्षक साथ शादी के बंधन में बंध गया और अफवाहें आई कि दोनों के बीच के ये बंधन की वजह पैसे है। भव्य शादी का उत्सव यह बताने के लिए पर्याप्त था कि फरहान कितना अमीर है । उनके धन-प्रेम संबंध की अफवाहों के बावजूद, दंपती आज भी खुशी से विवाहित है।

7. Kim Sharma to Ali Punjani

स्पेन का कार्लोस पहला व्यक्ति था जिनके साथ फिल्म उद्योग की सुंदर किम शर्मा का नाम जोड़ा गया था। विश्वसनीय स्रोत बताते हैं कि कार्लोस की तुलना में शायद एक और अमीर आदमी था, जो किम से प्रभावित था, और वह था अली पुंजानी, एक अमीर भारतीय व्यापारी, केन्या में आधारित । अंततः किम ने अली से शादी कर ली। यह देखते हुए कि किम और कार्लोस के बीच कोई वैवाहिक समस्याएं नहीं थी, इसलिए यह माना जाता है कि किम शर्मा के बदलाव में धन भिन्नता ने एक प्रमुख भूमिका निभाई है।

8.  Dimpy Ganguly to Rahul Mahajan

डिम्पी ने अभिनय पेशे में कभी भी इतना खास काम नहीं किया। अमीर आदमी, राहुल महाजन ने उससे शादी की, और वे एक पति और पत्नी बन गए। यह माना जाता है कि फ़िल्मी क्षेत्र में डिम्पी के आने की असली वजह ही पैसा थी। इस तथ्य की पुष्टि इस बात से हो जाती है की उसने अपने अमीर पति(RAHUL)से शादी करने के बाद ही अभिनय करियर का साथ छोड़ दियाथा। इसलिए, यह एक वास्तविक पुष्टि है कि उनका अभिनय उसके जुनून पर नहीं बल्कि मौद्रिक पर आधारित था।

9. Juhi Chawla to Jay Mehta

एक और उम्र के मुद्दे ने जुही चावला पर पैसे आधारित शादी के आरोपों को जन्म दिया है। सबसे प्रभावशाली और हमेशा मुस्कुराती हुइ अभिनेत्री जूही चावला ने ज्यादातर लोगों को पागल करने वाला फैसला किया। उसने अपने अभिनय करियर को छोड़ने का फैसला किया और एक गृहिणी बनने का फ़ैसला किया ।

10. Shilpa Shetty to Raj Kundra

एक अविश्वसनीय हॉट बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने दुबई जाने का फैसला किया। उन्होंने राज कुंद्रा से विवाह करने का फ़ैसला किया जो दुबई स्थित एक बहुत ही प्रसिद्ध समृद्ध व्यापारी हैं। सभी अफवाहें और आरोपों के बावजूद, दंपति शांतिपूर्वक एक साथ रह रहे हैं और माता-पिता बन चुके हैं।

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बॉलीवुड की साल 2017 की टॉप कॉमेडी फ़िल्में

बॉलीवुड की साल 2017 की टॉप कॉमेडी फ़िल्में

फिल्मों के लिहाज़ से यह साल मिला जुला रहा. कुछ फिल्मों ने अच्छे पैसे कमाए लेकिन इस साल एक ही ब्लॉकबस्टर फिल्म हमें बाहुबली 2 – द कनक्लूजन के रूप में मिली. वहीँ इस साल काफी सारी कॉमेडी फ़िल्में आईं जिन्होंने खूब हंसाया और पैसे भी बटोरे.

यह रही साल 2017 की 10 टॉप कॉमेडी फ़िल्में:

गोलमाल अगेन (Golmal Again)

गोलमाल सीरिज़ की चौथी फिल्म गोलमाल अगेन एक बड़ी हिट फिल्म रही. निर्देशक रोहित शेट्टी की इस फिल्म में सीरिज़ की पिछली फिल्मों से कुछ हटकर स्टोरी दर्शकों के सामने रखी. हास्य के साथ-2 इस फिल्म में उन्होंने ने हॉरर का भी तड़का लगाया और उसे भुनाया भी.

कॉमेडी फ़िल्मेंयह फिल्म के मुख्य सब्जेक्ट हॉरर, हास्य, अनाथालय, प्रॉपर्टी बिज़नस, लव, हेट और क्राइम पर केन्द्रित रहे. अजय देवगन की रोहित शेट्टी के साथ यह रिकॉर्ड 10वीं फिल्म थी. कमाई: 205.52 करोड़

फुकरे रिटर्न्स

फुकरे रिटर्न्स २०१३ में आई फिल्म फुकरे का दूसरा भाग है. फिल्म में फिर से पुलकित सम्राट, वरुण शर्मा, ऋचा चड्ढा, मनजोत सिंह और अली फजल कलाकार हैं. २०१३ की फुकरे ने नई स्टारकास्ट के साथ धमाल मचा दिया था. फुकरे रिटर्न्स पहली फिल्म से थोड़ी हटकर है और इसका मुख्य किरदार चूचा भी. सभी ने अच्छा काम किया है और इसका रिजल्ट बॉक्स ऑफिस पर भी दिख रहा है.

टॉयलेट: एक प्रेम कथा(Toilet: Ek Prem Katha)

टॉयलेट: एक प्रेम कथा एक भारतीय हिन्दी फ़िल्म है जिसका निर्देशन श्री नारायण सिंह ने किया है। यह एक हास्य-व्यंग्य फिल्‍म है जो ग्रामीण इलाकों में स्‍वच्‍छता के महत्‍व जैसे गंभीर मुद्दे पर प्रकाश डालती है। फिल्‍म की कहानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्‍वच्‍छ भारत अभियान से प्रेरित है। यह फिल्म 11 अगस्त 2017 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई। इस फिल्म को देशभर में काफी पसंद किया गया.

जुड़वां 2

1997 में डेविड धवन ने जुड़वां का निर्देशन किया था. अब 2017 में उन्होंने जुड़वां 2 नाम से इस 1997 की फिल्म की रीमेक बनाई है. जुड़वां में हीरो सलमान खान थे जबकि जुड़वां 2 उनका बेटा वरुण धवन. करीब 20 साल बाद फिर से बनी जुड़वा 2 की कहानी वही पुरानी है और डायरेक्टर भी डेविड धवन ही हैं। लेकिन फिल्म को उन्होंने आज के अंदाज में एकदम नए फ्लेवर में पेश किया है जो देखने लायक है.

तुम्हारी सुलु

कॉमेडी-ड्रामा फिल्म तुम्हारी सुलु का निर्देशन विज्ञापन फिल्म निर्माता सुरेश त्रिवेणी ने किया है जबकि वह फिल्म के निर्माता भी हैं. फिल्म में विद्या बालन (सुलोचना/सलू) मुंबई में रात्रि रेडियो जॉकी की भूमिका में हैं. ‘तुम्हारी सुलु’ की सबसे खास बात ये है कि यह आज के दौर की फिल्‍म लगती है. देखते समय ऐसा लगता है कि किसी बड़े शहर के मध्यम वर्ग या निम्न मध्यम वर्ग के परिवार की कहानी हम देख रहे हैं.

बद्रीनाथ की दुल्हनिया

‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’ एक रोमांटिक कॉमेडी फ़िल्म है जिसका निर्देशन शशांक खैतन ने किया है. फिल्म का निर्माण करण जौहर ने धर्मा प्रोडक्शन्स के बैनर तले किया है।। इस फ़िल्म में मुख्य भूमिका में वरुण धवन, आलिया भट्ट और गौहर खान आदि हैं। यह फ़िल्म हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया से शुरू हुई फ्रैंचाइज़ी का दूसरा हिस्सा है। यह 10 मार्च 2017 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई और इसने अच्छी कमाई की।

जॉली एलएलबी 2

द स्टेट बनाम जॉली एलएलबी 2 एक ब्लैक कॉमेडी है जिसका लेखन तथा निर्देशन सुभाष कपूर ने किया है। इसमें मुख्य भूमिका में अक्षय कुमार, हुमा कुरेशी, अन्नू कपूर, कुमुद म‍िश्रा तथा सौरभ शुक्ला हैं। यह फ़िल्म 2013 में आई जॉली एलएलबी का सीक्वल है। यह फ़िल्म एक व्यंग्यात्मक कोर्टरुम ड्रामा है, जो कि भारतीय कानूनी प्रणाली और आम आदमी पर न्यायिक प्रणाली के पड़े प्रभाव पर कटाक्ष करती है। यह १० फरवरी २०१७ को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई।

तो ये थी २०१७ की कुछ कॉमेडी फ़िल्में. यदि आप किसी और फिल्म का नाम इस लिस्ट में देखना चाहते हैं तो कमेंट करके उसके नाम लिखें.

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अनुष्का-विराट ने रिसेप्शन में जम कर डाला भांगड़ा, मुहं में नोट दबा कर नाची नुश!

11 दिसंबर को इटली में हुई शादी के बाद से ही अनुष्का-विराट सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं. स्टार सेलिब्रिटीज इंडियन क्रिकेट कप्तान विराट कोहली और ऐक्ट्रेस अनुष्का शर्मा की शादी की रिसेप्शन वीरवार को दिल्ली के ताज होटल में हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुएऔर नयी जोड़ी को आशीर्वाद दिया. इसके अलावा कई भारतीय क्रिकेटर, दोस्त और सगे-सम्बन्धी पहुंचे.

अनुष्का-विराट की शादी की खूबसूरत फोटो, नई जोड़ी और सम्बन्धी:

विराट और अनुष्का पंजाबी गानों की धुन पर थिरकते नजर आये. पंजाबी परिवार में जन्में विराट कोहली को वैसे भी पंजाबी गाने ख़ास तौर पर पसंद हैं.

मुंह में नोट दबा कर नाची अनुष्का. धूम मचा दी अनुष्का ने!

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विराट कोहली और शिखर धवन ने गुरदास मान के साथ जम कर भांगड़ा डाला

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शाम को प्रसिद्ध पंजाबी गायक गुरदास मान ने अपने गानों और बोलियों से लोगों का खूब मनोरंजन किया.

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