ये है पाकिस्तानी दंगल गर्ल्स

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आज के युग में लड़कियां भी लड़को से कम नहीं यह बात अब इन पाकिस्तान की दंगल गर्ल्स ने भी साबित कर दी है, जी हां आपको बता दें कि सिंगापुर में आयोजित ओशिनिया पैसिफिक पॉवरलिफ्टिंग चैंपियनशिपस में पाकिस्तानी दंगल गर्ल्स ने 57 किलोग्राम वर्ग की स्कवैट, बैंच प्रेस, डैड लिफ्ट तथा एग्रीगेट वेट श्रेणियों में चार स्वर्ण पदक जीते.

स्वर्ण पदक जीतने वाली सनेहा गफूर कहती है, “वहां मुकाबला बहुत कठिन था. दूसरी लड़कियां बहुत अच्छी लग रही थी. हमें खुद से ज्यादा अपेक्षाएं नहीं थी. मेरा मुकाबला सिंगापुर की एक लड़की से था. मैंने पहले ही प्रयास में सफलतापूर्वक वजन उठा कर उसे हरा दिया. वह रो पड़ी क्योंकि मैंने उसका स्वर्ण पदक छीन लिया था.”

आपको बता दे कि सनेहा वेटलिफ्टिंग चैंपियंस के परिवार से संबंधित है. उनके पिता अब्दुल गफूर ने 1970 के कामनवेल्थ खेलों में रजत पदक जीता था. उनके भाई इशितयाक तथा अब्दुल्ला भी वेटलिफ्टर है जिन्होंने अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई पदक जीते थे.

गत वर्ष सिंगापुर में केवल सानेहा ने ही नहीं, बल्कि दो बहनों ट्विंकल तथा साइबिल सोहेल ने भी 47 तथा 72 किलोग्राम वर्गों में 4 पदक अपने नाम किए. उन दोनों की दो अन्य बहनें 23 वर्षीय मरियम (57 किलो वर्ग) तथा 14 वर्षीय वेरोनिका (44 किलो वर्ग) भी पॉवरलिफ्टिंग की ट्रेनिंग ले रही है.

ट्विंकल बताती है, “हमारे घर में सभी खेलों से जुड़े है.” हमारा एक भाई नेशनल साइकिलिंग चैंपियन है. हमारे माता-पिता ने हमेशा हमारा होसला बढाया है. हमारी सफलता का श्रेय हमारे पिता को जाता है. उनके लिए भी यह आसान नहीं था. जब हम बहनों ने पॉवरलिफ्टिंग शुरू की तो हमारे दादा ने इसका विरोध किया था कि क्यों परिवार की लड़कियां वजन उठाने का खेल खेल रही है. लोगों के तानों के बावजूद पिता जी ने हमारा खेल रुकने नहीं दिया. लोगों की धारना तब बदली जब हम पदक जीत कर देश लौटीं और अब उन्हें हम पर गर्व है.

इसके बाद 2011 में कुलसूम ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में पकिस्तान की और से हिस्सा लिया था. दोहरी नागरिकता की वजह से वह पाकिस्तान में न रहते हुए भी उसकी और से अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकी, परन्तु अक्टूबर 2015 में जाकर पकिस्तान की पहली महिला पॉवरलिफ्टिंग टीम ने किसी अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था .

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850 साल पुराना नोट्रे डेम गिरजाघर

आज हम आपको दुनिया के सबसे पुराने और खूबसूरत गिरजाघर के बारे में बताने जा रहे हैं. आपको बता दें कि इस गिरजाघर का नाम नोट्रे डेम है और वह फ्रांस की राजधानी पेरिस में बना हुआ है. हर साल लाखों पर्यटक नोट्रे डेम गिरजाघर को देखने के लिए वहां जाते हैं.

चर्च का निर्माण और अब की हालत

इस चर्च का निर्माण वर्ष 1163 में शुरू हुआ था और इसको बनने में 180 साल लगे थे. अब यह गिरजाघर 850 वर्ष से अधिक पुराना हो चुका है और इसकी हालत भी अब बहुत खराब हो चुकी है.

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ह्यूगो ने इस चर्च की हालत को देखकर लिखा था,” निश्चित रूप से पैरिस का नोट्रे डेम गिरजाघर एक शानदार इमारत है और जैसे-जैसे यह महान इमारत बूढी हो रही है, अफ़सोस होता है कि वक़्त और इंसानों दोनों की मार से इसकी हालत बहुत खराब हो गई है.

चर्च की ख़ासियत

इस चर्च की एक ख़ासियत यहां का संगीत है. चर्च का इतिहास बताता है कि संगीत यहां हमेशा से मौजूद रहा है. इस चर्च में पूरे साल में संगीत की तीन गायक मंडलियां अपने कार्यक्रम प्रस्तुत करतीं हैं.

इसके अलावा चर्च की एक और ख़ास बात आपको बता दें कि यहां मौजूद घंटियों की आवाज़ बेहद लोकप्रिय है. इसमें सबसे बड़ी घंटी चर्च के दक्षिणी टॉवर में वर्ष 1685 में लगाई गई थी और इस घंटी की आवाज़ से ही वर्ष 1944 में फ्रांस की आज़ादी को ध्वनित किया गया था.

इतिहास में दर्ज हुआ गिरजाघर का नाम

अब इस चर्च का नाम इतिहास में ‘मास्टरपीस‘ के तौर पर दर्ज हो चुका है.

आपको बता दें कि हाल ही में गिरजाघर आने वाले पर्यटकों से फीस लेने के प्रस्ताव में गर्मागर्म बहस छिड़ गई थी. फ्रांसीसी चर्च ने इस विचार को सिरे से ख़ारिज करते हुए कहा है कि नोट्रे डेम को देखना नि:शुल्क रहना चाहिए.

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TV के सितारें, जो असल ज़िन्दगी में हैं भाई-बहन

टेलीविज़न की रंगीन दुनिया में कई भाई-बहन की जोड़ियां काम करती हैं, लेकिन उन जोड़ियों को बहुत कम ही लोग जानते है. इनमें से कुछ भाई-बहन की जोड़ी तो Equally Famous हैं, लेकिन कुछ ऐसी भी जोड़ियाँ है जिनमे दोनों में से एक को ही शौहरती की ऊंची छलांग लगाने को मिली.

आईये मिलते है टीवी की दुनिया के कुछ ऐसी प्रसिद्ध भाई-बहन की जोड़ियों से:

मिश्कत वर्मा और मिहिका वर्मा

‘ये हैं मोहब्बतें’ में मिहिका ने काफ़ी प्रभावशाली अभिनय किया था. मिश्कत के लुक्स की तो लड़कियां दीवानी हैं. ‘और प्यार हो गया’ सीरियल से उन्होंने नाम कमाया.

पीयूष सहदेव और मेहर विज

महर ने ‘बजरंगी भाईजान’, ‘दिल विल प्यार व्यार’, ‘लकी…नो टाइम फॉर लव’ जैसी फ़िल्मों और ‘किस देश में है मेरा दिल’, ‘राम मिलाए जोड़ी’जैसे डेली सोप्स में काम किया है. ‘बेहद’,’सपने सुहाने लड़कपन के’ में नज़र आने वाले पीयूष सहदेव उनके रियल लाइफ़ में ब्रदर सिस्टर हैं.

वरुण बडोला और अल्का कौशल

‘बनेगी अपनी बात’, ‘देश में निकला होगा चांद’, ‘कोशिश-एक आशा’, ‘अस्तित्व…एक प्रेम कहानी’ में नज़र आ चुके हैं वरुण. अल्का कौशल ने ‘कुमकुम’, ‘सरोजिनी’, ‘स्वरागिनी’ जैसे सीरियल्स में काम किया है.

अयान जुबैर और जन्नत ज़ुबैर रहमानी

फूलवा फेम बाल कलाकार जन्नत और जोधा अक़बर में छोटे सलीम का किरदार निभा चुके अयान असल ज़िन्दगी में भाई-बहन हैं.

अक्षय डोगरा और रिद्धि डोगरा

रिद्धी डोगरा ने कई सीरियल में काम किया है. ‘मर्यादा… लेकिन कब तक’, ‘सावित्री’ में उन्होंने अपनी ऐक्टिंग स्कील्स का प्रदर्शन कर दर्शकों के दिलों में जगह बनाई. ‘इस प्यार को क्या नाम दूं’ में अक्षय डोगरा ने अभिनय किया था.

बख्तियार ईरानी और डेलनाज ईरानी

बख्तियार ने ‘इस प्यार को क्या नाम दूं?’, ‘लो हो गई पूजा इस घर की’,’मिले जब हम तुम’ जैसे डेली सोप्स में काम किया था. ‘कल हो ना हो’, ‘हमको दीवाना कर गए’ जैसी फ़िल्मों और ‘यस बॉस’, ‘शरारत’, ‘बा, बहू और बेबी’ जैसे सीरियल में काम कर चुकी डेलनाज़ ईरानी उनकी रियल लाइफ़ सिस्टर हैं.

आलोक नाथ और विनीता मलिक

बॉलीवुड में कई फ़िल्मे और छोटे पर्दे पर कई सीरियल्स में काम कर चुके आलोकनाथ की बहन हैं विनीता मलिक. वीनिता ने ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’, ‘कसौटी ज़िन्दगी की’,’काव्यांजलि’ जैसे लोकप्रिय डेली सोप्स में काम किया है.

आरती सिंह और कृष्णा अभिषेक

कॉमिडियन क्रुष्णा ने ‘बोल बच्चन’, ‘एंटरटेनमेंट’ जैसी फ़िल्मों में काम किया है. ‘मायका’, ‘गृहस्थी’, ‘परिचय’ जैसे डेली सोप्स में नज़र आ चुकी आरती, कृष्णा की रियल लाइफ़ सिस्टर हैं.

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हम में से बहुत से अपने जीवन में कई संयोग देखते हैं। कुछ ऐसी संयोग की घटनाएं भी होती हैं जो हमें सवाल करने पर मजबूर कर देती हैं कि “ये कैसे हो सकता है?” खैर, कुछ सवालों के जवाब नहीं होते । कुछ लोग संयोगों को ईश्वर का चिन्ह मानते हैं जबकि अन्य इन संयोगों को अनदेखा कर देते हैं। यहां हम इतिहास में से कुछ आश्चर्यजनक संयोग की सूची दे रहे है:

जन्म से बिछड़े जुड़वाँ भाइयों की हैरतअंगेज दास्ताँ


घटना है 1940 की. दो जुड़वाँ भाइयों जिम लेविस और जिम स्प्रिन्जेर को जन्म से ही अलग कर दिया गया और उन्हें अलग अलग परिवारों द्वारा पाला गया. संयोगवश, दोनों परिवारों ने लड़कों का नाम जेम्स रखा। दोनों ने कानून प्रवर्तन में प्रशिक्षण किया, दोनों ही यांत्रिक ड्राइंग और बढ़ईगीरी में दक्ष थे, और दोनों ने ही लिंडा नाम की महिलाओं से शादी की। संयोग से दोनों के बेटे हुए, और इनमें से एक का नाम जेम्स एलन रखा और दूसरे का नाम जेम्स एलान रखा गया। दोनों ही भाइयों ने अपनी अपनी पत्नियों को तलाक दिया और अन्य महिलाओं से शादी की. दोनों ने ही जिन महिलाओं से शादी की उनका नाम बेट्टी था. अलग अलग रहते हुए भी उन दोनों ने अपने-अपने कुत्ते को टॉय(toy) नाम दिया था। पढ़ें: जन्म से जुदा हुए जुड़वाँ भाईयों की अविश्वसनीय कहानी

गोली का 20 साल बाद बदला

1883 में टेक्सास, अमेरिका के हेनरी ज़ीग्लैंड(Henry Ziegland) ने अपनी प्रेमिका के साथ रिश्ता तोड़ दिया. प्रेमिका ने दुखी होकर आत्महत्या कर ली. लड़की के भाई ने गुस्से में आकर ज़ीग्लैंड को गोली मार दी. ज़ीग्लैंड की हत्या करने के अपराध बोध में लड़की के भाई ने अपने आप को गोली मार ली. हालांकि, वास्तव में ज़ीग्लैंड की मौत हुई ही नहीं थी. बुलेट ने केवल उसके चेहरे को छुआ और एक पेड़ में घुस गई. कई सालों बाद, ज़ीग्लैंड ने उस पेड़ को काटने का फैसला किया, जिसमें अभी भी गोली थी।

विशाल वृक्ष को काटना इतना कठिन था कि उसने इसे डायनामाइट के साथ उड़ाने का फैसला किया. जब डायनामाइट विस्फोट हुआ तो वही गोली निकल कर ज़ीग्लैंड के सिर में जा लगी, जिससे वहीँ पर उसकी मौत हो गई. इस तरह गोली ने 20 साल बाद बदला पूरा किया. पढ़ें पोस्ट

एक टैक्सी और जुड़वां भाइयों की त्रासद मौत


1975 में हैमिल्टन, बरमूडा में एक 17 साल का लड़का मोपेड की सवारी कर रहा था. उसे अचानक एक टैक्सी ने टक्कर मारी और वह वहीँ पर मर गया। एक साल बाद, उस के सगे भाई की मौत भी उसी तरह हो गई। वास्तव में, वह भी अपने भाई की तरह उसी मोपेड पर सवारी कर रहा था। हैरानी की बात थी कि मोपेड को हिट करने वाली यह वही टैक्सी थी और उसे चलाने वाला ड्राईवर भी वही था और यहाँ तक की उस टैक्सी में बैठा पैसेंजर भी वही था और जहाँ दुर्घटना हुई वह गली भी वही थी.

पुनर्जन्म: अविश्वसनीय संयोग?

यह थोड़ा आश्चर्यजनक है कि कैसे जेनिफर लॉरेंस क्लासिक की शकल मिस्री अभिनेत्री जुबैदा थरवट से इतनी ज्यादा मिल रही है. आंखों से होंठों तक, चेहरे की संरचना तक सब कुछ एक जैसा है- यह कैसे संभव है?!

फेरारी के संस्थापक एंजो फेरारी की 1988 में मृत्यु हो गई थी। बस एक महीने बाद, फुटबॉल स्टार मेसुट ओज़ील का जन्म हुआ था। यह बहुत अजीब है कि वे हैरतअंगेज तरीके से एक जैसे कैसे दिखते हैं – क्या यह पुनर्जन्म का प्रमाण है? यह समानता असत्य जैसी लगती है.

दो राष्ट्रपति, अलग-2 समय, पर एक जैसा जीवन

इब्राहीम लिंकन और जॉन एफ कैनेडी दोनों ही लोकप्रिय अमेरिकी राष्ट्रपति थे. अब्राहम लिंकन और जॉन एफ कैनेडी के बीच के अभूतपूर्व संयोग अब भी अमेरिकी समाज में सर्वाधिक चर्चित कथाओं में से हैं। ये संयोग इतने अधिक हैरानीजनक और लोकप्रिय हैं इन पर कई टीवी शोज मे चर्चा हुई और इनको लेकर कई शोध और कॉन्टेस्ट हो चुके हैं। इनमें से कुछ ऐसे हैं:

  • दोनों राष्ट्रपतियों को सिर में गोली मारी गई थी
  • दोनों राष्ट्रपतियों को शुक्रवार को गोली मारी गयी थी।
  • लिंकन को फोर्ड के एक थिएटर में शूट किया गया था जबकि कैनेडी को एक फोर्ड कार में गोली मार दी गई थी जिसका नाम “लिंकन लिमोजन” था।
  • लिंकन का कैनेडी नाम का एक सेक्रेटरी था जिसने उसे थिएटर में न जाने के लिए कहा था। वहीं कैनेडी की एवलिन लिंकन(जिनके पति हेरोल्ड का उपनाम अबे Abe था) नाम की सेक्रेटरी थी और जिसने उन्हें Dallas न जाने की चेतावनी दी थी जहां उनकी हत्या हुई।
  • दोनों के हत्यारों “ओस्वाल्ड” Oswald और “बूथ” Booth की सुनवाई से पहले ही हत्या कर दी गई थी।
  • “लिंकन” Lincoln और “कैनेडी” Kennedy प्रत्येक में 7 letters हैं।
  • दोनों के हत्यारों के full name John Wilkes Booth और Lee Harvey Oswald में 15 letters हैं।

पढ़ें पूरी पोस्ट: सौ साल के अंतराल में बने दो अमेरिकी राष्ट्रपति जो जिए एक जैसा जीवन!

पिता-पुत्र की बांध की साइट में दुःखद मौत

20 दिसंबर, 1921 को बांध के लिए सर्वेक्षण करने गया एक दल बाढ़ में फंस गया और जॉन ग्रेगरी टिर्नी नाम का एक आदमी इस पहले हादसे में कोलाराडो नदी में हमेशा के लिए खो गया। फिर 20 दिसंबर, 1935 में, 14 साल बाद,  साइट को इसकी अपनी अंतिम दुर्घटना का सामना करना पड़ा, जब एक कर्मचारी पैट्रिक विलियम टिर्नी की ब्लैक कैन्यन की एरिज़ोना साइड में लगे दो टावरों में से एक के गिरने से मृत्यु हो गई. यह आदमी पैट्रिक विलियम टिर्नी, जॉन ग्रेगरी टिर्नी का एकमात्र बेटा था.

ऐनी हैथवे और शेक्सपियर के हमशक्ल

ऐनी हैथवे के पति, एडम शलमन की शकल विलियम शेक्सपियर से मिलती हैं.  मजे की बात ये है कि, विलियम शेक्सपियर की ऐन हैथवे नाम की महिला से शादी हुई थी.

अगस्तस – रोम के पहले और आखिरी सम्राट

रोमूलस नामक व्यक्ति द्वारा रोम की स्थापना की गई थी. रोमन साम्राज्य के पहले सम्राट को अगस्तस कहा जाता था.  अजीब बात है, रोम के आखिरी सम्राट का नाम रोमोलस अगस्टस था.

तीन सबसे बड़े समुद्री जहाज हादसों की एकमात्र गवाह

वायलेट कॉन्स्टेंस जेसोप – Violet Constance Jessop (2 अक्टूबर 1887 – 5 मई 1971) एक आयरिश अर्जेण्टीनी ओशन लाइनर की परिचारिका और नर्स थी, जो क्रमशः 1912 और 1916 में, आरएमएस टाइटैनिक और शिप एचएमएचएस मैथेनिक दोनों की विनाशकारी डूबने की दुर्घटनाओं से बचने के लिए जानी जाती है।

दरअसल वह पिछली शताब्दी की तीन सबसे प्रसिद्ध जहाजों की दुर्घटनाओं के दौरान वह इन तीनों ही जहाजों में मौजूद थी और वह हर बार दुर्घटना में बच निकलीं. पहली बार जब 20th September 1911 को आरएमएस ओलंपिक RMS Olympic एचएमएस हॉक HMS Hawke से टकराया। दूसरी बार जब 14-15 April 1912 को टाइटैनिक एक हिमखंड के साथ टकराया और डूब गया और तीसरी बार जब 21 November 1916 को एचएमएचएस ब्रिटानिक HMHS Britannic एक खदान से टकराया और डूब गया, तीनो वक़्त जोसफ जहाज़ में मौजूद थी और बचा ली गयी।

10. Bad Luck of Brothers

2002 में, सबसे असामान्य सड़क दुर्घटनाओं में से एक हेलसिंकी के उत्तर में 600 किलोमीटर की दूरी पर हुई थी. राजमार्ग को पार करने का प्रयास करते समय एक सत्तर वर्ष का बूढ़ा ट्रक की टक्कर से मारा गया. बाद में पता चला कि एक बिल्कुल ऐसी ही दुर्घटना दो घंटे पहले वहां से 1.5 किलोमीटर दूर हुई थी. वहां भी राजमार्ग पार करने की कोशिश करते हुए एक 70 साल के बूढ़े व्यक्ति को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी। आगे की जांच से पता चला कि न केवल इन दोनों व्यक्तियों की आयु 70 वर्ष थी, बल्कि जुड़वाँ भाई थे। क्या यह सामूहिक आत्महत्या थी या सयोंगवश एक सुखद/दुःखद पुनर्मिलन?

फ़िल्में जिनके रिलीज़ से पहले मचा विवाद

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बॉलीवुड में एक साल में सैकड़ों फ़िल्में रिलीज़ की जाती हैं. इन फिल्मों में कुछ ऊंचाईयां छूती है, तो कुछ गुमनाम हो जाती हैं. वहीं कुछ ऐसी फ़िल्में है, जो अपने विवादस्पद सीन या कंटेंट की वजह से सेंसर बोर्ड से हरी झंडी नहीं पाती. आज हम बॉलीवुड की ऐसी ही टॉप फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जो विवादों में रही जिसके चलते या तो रिलीज़ नहीं हो पाई या उसमें कांट-छांट करने के बाद रिलीज़ हुई. तो आइये जानते हैं ऐसी ही कुछ विवादस्पद फिल्मों के बारे में

Rang De Basanti

मल्टी-स्टारर फ़िल्म ‘रंग दे बसंती’ पर आरोप लगा था कि इसकी शूटिंग में जानवरों को इस्तेमाल करने के लिए अनुमति नहीं मांगी गई थी. घोड़े के एक सीन को फ़िल्म से हटा दिया गया था.

Lipstick Under My Burkha

बॉलीवुड फ़िल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्क़ा’ को सेंसर बोर्ड द्वारा बैन कर दिया गया था. कई सारे कट लगाये जाने के बाद फ़िल्म रिलीज़ की गयी. इस फ़िल्म के कुछ दृश्यों को अश्लील बताया गया था.

Padmavat

ये फ़िल्म रानी पद्मिनी और अलाउद्दीन खिलजी की कहानी पर आधारित है. इसे लेकर करणी सेना और राजपूत समाज में बहुत आपत्ति है. फ़िल्म के कारण दीपिका पादुकोण की नाक काटने तक की धमकी दी जा चुकी है.

The Dirty Picture

पहले तो फ़िल्म के पोस्टर को लेकर विवाद हुआ, फिर सिल्क स्मिता के भाई वी. नागा वारा प्रसाद ने फ़िल्म के डायरेक्टर मिलन लुथरिया और प्रोड्यूसर एकता कपूर को सिल्क स्मिता के परिवार की अनुमति के बगैर फ़िल्म बनाने के लिए लीगल नोटिस भेज दिया था.

Jodha Akbar

राजस्थान में राजपूतों ने निर्देशक आशुतोष गोवारिकर पर इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाकर फिल्म की स्क्रीनिंग को रोक दिया था. उनके मुताबिक, जोधा मारवाड़ के उदय सिंह की बेटी थी और उनकी शादी अकबर के बेटे सलीम से हुई थी. फ़िल्म में दिखाया गया था कि जोधा की शादी अकबर से हुई थी.

PK

‘पीके’ पर बहुत से धार्मिक गुटों की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा था. फ़िल्म में धर्मों के कुछ रीति-रिवाज़ों को अंधविश्वास के तौर पर दिखाया गया था.

Udta Punjab

अनुराग कश्यप की इस फ़िल्म से जहां सेंसर बोर्ड ने कई सीन हटाये थे. फ़िल्म पर पंजाब की छवि बिगाड़ने का आरोप भी लगा था. फ़िल्म पंजाब के युवाओं में बढ़ती नशे की लत पर आधारित थी.

OMG

धर्म के बारे में फ़िल्म हो, तो विवाद होना तो तय है. फ़िल्म पर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप लगे और यूएई में भी इसे बैन कर दिया गया था. 2012 में आई इस फिल्म को लेकर भी खूब हो-हल्ला मचा. अभिनेता परेश रावल पर पवित्र गंगा जल में विस्की मिलाकर आरती की थाली में थूकने का आरोप भी लगा. फिल्म में एक जगह रावल यह भी कहते हैं कि ‘एड्स जैसी बीमारियां मंदिरों के कारण फैली हैं’. जिसकी खूब निंदा हुई. हालाँकि, फिल्म रीलिज होने के बाद इसमें दिए गए सन्देश की लोगों ने खूब सराहना की.

Haider

2014 में आई शाहिद कपूर, श्रद्धा कपूर और तब्बू स्टारर ‘हैदर’ भी विवादों से घिरी रही थी. दरअसल, फ़िल्म में भारतीय आर्मी को जिस तरह से दिखाया गया था, उससे कुछ लोग खुश नहीं थे.

Fire

फ़िल्म में दो महिलाओं के बीच समलैंगिक रिश्तों को दिखाया गया था, जिस कारण ये काफी विवादों में घिरी रही. इस फ़िल्म में शबाना आज़मी और स्मिता पाटिल ने ज़बरदस्त एक्टिंग की है.1996 में बनी दीपा मेहता की फिल्म फायर को विवादों के बाद सेंसर बोर्ड को बैन करना पड़ा. इस फिल्म की कहानी एक हिंदू परिवार की दो सिस्टर-इन-लॉ की है. इसमें दोनों को लैसबियन दिखाया गया है. यही कारण है कि इस फिल्म का शिव सेना जैसे हिंदू संगठनों ने विरोध किया जिसके बाद इसे बैन कर दिया गया.

Parzania

साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों को केंद्र में रखकर बनी यह फिल्म साल 2007 में आई थी. दंगे और सांप्रदायिक हिंसा फैलने के डर से कई राजनीतिक पार्टियों ने इसकी रिलीजिंग का विरोध किया,जिसके बाद इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया. निर्देशक राहुल ढोलकिया की इस फिल्म ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते.

Ramleela

संजय लीला भंसाली की 2013 में आई फिल्म ‘गोलियों की रासलीला: रामलीला’ में रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण लीड रोल में थे. फिल्म का नाम पहले ‘राम लीला’ था, लेकिन इससे कुछ हिंदुओं की भावनाएं आहत हो गई थीं. क्योंकि फिल्म का नाम हिंदू पौराणिक कथा पर आधारित था. इसके चलते भंसाली, दीपिका और रणवीर पर एफआईआर भी दर्ज करवा दी गई थी. बाद में फिल्म का नाम बदलकर ‘गोलियों की रासलीला: रामलीला’ कर दिया गया.

The Pink Mirror

भारत जैसे देश में समलैंगिकता का मुद्दा सदैव ही संवेदशील रहा है. इसी पर आधारित वर्ष 2003 में रिलीज हुई फिल्म पिंक मिरर को बैन कर दिया गया. पश्चिमी देशों की तरह भी अब भारत में समलैंगिक लोग खुल कर सामने आ रहे हैं, लेकिन फिल्म जब बनकर तैयार हुई तब ऐसा दौर नहीं था.

 

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10 अदभुत वाटरफॉल्स

 

 

10 अदभुत वाटरफॉल्स

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आज हम आपको दुनियाभर के कुछ ऐसे वाटरफॉल्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने अनोखेपन की वजह से लोगों को पसंद आते हैं. इनमें से किसी से आग निकलने का आभास होता है तो किसी से खून. कोई हजारों फीट की ऊंचाई से गिरता है तो कोई समुद्र के अंदर.

Horsetail Fall, Yosemite National Park, California

यह झरना 1560 फीट ऊंचे कैप्टन माउंटेन से गिरता है. विंटर और स्प्रिंग सीजन में इसका बहाव तेज हो जाता है. फरवरी के आखिरी दो हफ्ते में यह झरना रंग बदल लेता है. यह हॉर्सटेल फॉल से फायर फॉल में बदल जाता है. जैसे ही रात होती है यह झरना लाल रंग का हो जाता है. इसको देखकर ऐसा लगता है जैसे इससे आग की लपटें निकल रही हैं.

Cameron Falls , Alberta, Canada

कैमरॉन फॉल कनाडा के अल्बर्टा में है. अगर आप जून में इस झरने को देखने जाते हैं तो यह पिंक कलर में मिलेगा. इसकी वजह एक विशेष प्रकार का पदार्थ एग्रीलाइट है, जो पानी में मिल जाता है. ऐसे में जब सूरज की रोशनी इस पर पड़ती है तो यह पिंक रंग का दिखाई देता है.

Blood Falls, Antarctica

अंटार्कटिका की ड्राई वैली में यह 5 स्टोरी बिल्डिंग जितना बड़ा रेड वाटरफॉल है, जिसे देखकर लगता है मानो इसमें खून बह रहा हो. दरअसल, इस फॉल के पानी के लाल होने की वजह ऑक्सीजन, आइस और आयरन का केमिकल रिएक्शन है. इसे ब्लड फॉल के नाम से भी जाना जाता है.

Pamukkale Waterfall, Denizli Province, Turkey

तुर्की में पामुकक्ले का मतलब रूई का महल होता है. यह तुर्की के साउथ-वेस्ट में स्थित है. 1970 में इसे UNESCO ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट पर जगह दी थी. यह झरना 8860 फीट लंबा, 1970 फीट चौड़ा और 525 ऊंचा है. यह कार्बोनेट मिनरल्स के कारण बनने वाली टेरेस के कारण फेमस है. इसमें चट्टानों के ऊपर एक टेरेस बन जाती है. अपने औषधीय गुणों और गर्म पानी की वजह से यह जगह सदियों से बाथिंग स्पॉट के रूप में प्रसिद्ध है.

Devil’s Kettle Falls, Grand Marais, MN

यह झरना लेक सुपीरियर झील के उत्तरी किनारे पर स्थित है. यह वाटरफॉल एक तरफ से नदी में गिरता है तो दूसरी तरफ यह पहाड़ के अंदर चला जाता है. किसी को नहीं पाता यह पानी कहां जाता है. रिसर्च इसका पता लगाने में लगे हैं लेकिन आज तक इसका पता नहीं चल पाया है.

Ruby Falls, Chattanooga, Tennessee

यह वाटरफॉल अमेरिका का सबसे गहरा वाटरफॉल माना जाता है. हर साल यहां 4 लाख से अधिक विजिटर्स आते हैं. यह सुरंग की तरह दिखाई देता है. इस 145 फीट के वाटर फॉल का नाम रूबी लेमबर्ट इसकी खोज करने वाली महिला के नाम पर पड़ा है. इसके पानी में अधिक मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है.

Fog Waterfall, Djupadal, Iceland

फॉग वाटरफॉल चट्टानों के बीच से बहता है. इसकी फोटोज 2015 में आइस कलैंडर के लिए ली गई थी. इन फोटोज में इस झरने के चारों ओर फॉग नजर आ रहा है. ऐसा माना जाता है कि ऐसे फॉग का बनना टेम्परेचर इनवर्जन के कारण होता है.

Horizontal Falls, Kimberley, Western Australia

दुनिया में सिर्फ दो होरिजोन्टल वाटर फॉल्स हैं. दोनों ही वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में स्थित हैं. पहाड़ों के बीच इस वाटरफॉल में पानी हवा के तेज बहाव से आगे बढ़ता है. इससे वाटरफॉल्स की हाइट 5 मीटर बढ़ जाती है.

Bigăr Waterfall, Caraş-Severin County, Romania

रोमानिया में स्थित इस झरने का कोई विशेष फ्लो या साइज नहीं है।. लेकिन इसका शेप और लोकेशन अनोखा है. यह चट्टान और दलदल से घिरा हुआ है. झरना भूमध्य रेखा और उत्तरी ध्रुव के बीच 45 समानांतर में स्थित है. यह दुनिया के सबसे अनूठे झरने में से एक है.

Underwater Waterfall, Mauritius

पानी के अंदर झरना होना संभव नहीं है. लेकिन मॉरिशस के तट के निकट हिन्द महासागर में ऐसा वाटरफॉल होने का अहसास होता है. यह बालू और गाद की वजह से होता है. यह झरना काफी गहराई में नजर आता है.

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एक मंदिर जहाँ शिवजी पर चढ़ाई जाती हैं झाडू

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भगवान शिवजी पर बेलपत्र और धतूरे का चढ़ावा तो आपने सुना होगा, लेकिन उत्तरप्रदेश के एक शिव मंदिर में भक्त उनकी आराधना झाड़ू चढ़ाकर करते हैं. मुरादाबाद जिले के बीहाजोई गांव के प्राचीन शिवपातालेश्वर मंदिर में श्रद्धालु अपने त्वचा संबंधी रोगों से छुटकारा पाने और मनोकामना पूर्ण करने के लिए झाड़ू चढ़ाते हैं. इस मंदिर में दर्शन के लिए भारी संख्या में भक्त सिर्फ मुरादाबाद जिले से ही नहीं बल्कि आस-पास के जिलोंऔर दूसरे प्रांतों से भी आते हैं.

मंदिर के एक पुजारी का कहना है कि यह मंदिर करीब 150 वर्ष पुराना है. इसमें झाड़ू चढ़ाने की रस्म प्राचीन काल से ही है. इस शिव मंदिर में कोई मूर्ति नहीं बल्कि एक शिवलिंगजिस पर श्रद्धालु झाडू अर्पित करते हैं.पुजारी ने बताया कि वैसे तो शिवजी पर झाडू चढ़ाने वाले भक्तों की भारी भीड़ रोज लगती है, लेकिन सोमवार को यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. धारणा है कि इस मंदिर की चमत्कारी शक्तियों से त्वचा के रोगों से मुक्ति मिल जाती है. इस धारणा के पीछे एक दिलचस्प कहानी है.

इस गांव में भिखारीदास नाम का एक व्यापारी रहता था,जो गांव का सबसे धनी व्यक्ति था. वह त्वचा रोग से ग्रसित था।. उसके शरीर पर काले धब्बे पड़ गए थे, जिनसे उसे पीड़ा होती थी. एक दिन वह निकट के गांव के एक वैद्यउपचार कराने जा रहा था कि रास्ते में उसे जोर की प्यास लगी. तभी उसे एक आश्रम दिखाई पड़ा. जैसे ही भिखारीदास पानी पीने के लिए आश्रम के अंदर गया वैसे ही दुर्घटनावश आश्रम की सफाई कर रहे महंत के झाडू से उसके शरीर का स्पर्श हो गया. झाडू के स्पर्श होने के क्षण भर के अंदर ही भिखारीदास दर्द ठीक हो गया. जब भिखारीदास ने महंत से चमत्कार के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वह भगवान शिव का प्रबल भक्त है.

 यह चमत्कार उन्हीं की वजह से हुआभिखारीदास ने महंत से कहा कि उसे ठीक करने के बदले में सोने की अशर्फियों से भरी थैली ले लें। महंत ने अशर्फी लेने से इंकार करते हुए कहा कि वास्तव में अगर वह कुछ लौटाना चाहते हैं तो आश्रम के स्थान पर शिव

मंदिर का निर्माण करवा दें।कुछ समय बाद भिखारीदास ने वहां पर शिव मंदिर का निर्माण करवा दिया। धीरे-धीरे मान्यता हो गई कि इस मंदिर में दर्शन कर झाडू चढ़ाने से त्वचा के रोगों से मुक्ति मिल जाती है। हालांकि इस मंदिर में ज्यादातर श्रद्धालु त्वचा संबंधी रोगों से छुटकारा पाने के लिए आते हैं, लेकिन संतान प्राप्ति व दूसरी तरह की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए भी श्रद्धालु भारी संख्या में मंदिर में झाडू चढ़ाने आते हैं।

 

गुस्सा कम करने के आसान उपाय

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वैज्ञानिकों के अनुसार गुस्सा करना अपनी भावना व्यक्त करने का माध्यम है, जैसे हम जब ज्यादा परेशान हो जाते हैं, या हमारे मन में कोई डर बैठ जाता है. या फिर हमें किसी चीज के खो जाने का डर होता है. जैसे हमारे अपने, हमारी इज़्ज़त, संपत्ति, या खुद की पहचान, और ख़ास कर तब, जब हमारे पास ऐसे हालत से निपटने के लिए कोई हल नजर नहीं आता.

उदाहरण के लिए:

हम किसी को कोई बात समझाना चाहते हैं, और वह व्यक्ति उस बात को समझने की बजाय आप से वाद-विवाद करने लगे, तो आप अपनी भावना को व्यक्त करने के लिए गुस्से का सहारा लेते हैं. या फिर हमें पता चलता है, कि हमारे अपनों को, कोई नुकसान पहुंचाना चाहता है पर हम कुछ कर नहीं पाते हैं, तो हमें खुद पर गुस्सा आता है. अगर आप अपने गुस्से को काबू में नहीं रख पाते, तो इससे आपका ही नुकसान है. आपका स्वास्थ्य खराब होता है. आपके मस्तिष्क को हानि पहुँचती है. आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है.

यहाँ तक, इसके अधिक प्रचार से दिमाग की नसें फट सकती है, और इंसान की मौत भी हो सकती है. हम गुस्से में अपना साधारण स्वभाव भूल जाते है, क्योंकि इसकी वजह से हमारे मस्तिष्क में हॉर्मोन्स के प्रभाव से दिमाग सुन्न हो जाता है. हमारे सोचने की क्षमता पर असर पड़ता है. हम ऐसा बुरा व्यव्हार करते हैं जिसका बाद में हमें पछतावा होता है.

क्रोध से हम सिर्फ अपना ही नहीं, हमारे अपनों की भी हानि करते हैं. हमारे अतिरिक्त गुस्से से वे भी परेशान हो जाते हैं. उन्हें हमारे कठोर जवाबों से दुःख और तकलीफ होती है, धीरे धीरे वह हमसे दूर होने लगते हैं. बाहर भी, क्रोधित इंसान के स्वभाव की वजह से, कोई उन्हें पसंद नहीं करता. क्रोध को नियंत्रण में लाने के लिए, पहले उसके होने वाले कारण को पहचानना जरूरी है.

आइये जाने गुस्से को काबू में करने के कुछ गुण:

1.बात करते वक़्त, अगर वाद-विवाद की संभावना दिखे तो खुद को तर्क से दूर रखिये.
2.गुस्से को शांत करने के लिए अच्छा गाना गायें या सुनें (जो आपको पसंद हो).
3.अच्छी चीज़ें सोचें, जो चीज़ें आपको ख़ुशी देती है.
4.क्रोध को कम करने के लिए बातचीत बंद करें, और खाने में जो चीज़ पसंद है, उसे स्वयं के लिए बनाना शुरू करें, तो कुछ ही समय में आप क्रोध को भूल जायेंगे.
5.योगा, हमारे शरीर और मन की संतुलन को ठीक रखने में हमारी मदद करता है। हर रोज़ योगा का और मैडिटेशन का प्रयास, क्रोध को नियंत्रण करने में बहुत हद तक मदद करता है.

अगर कुछ काम ना आये तो ज्ञानी पुरुषों की बात मानें और अकेले में “ॐ” स्वर का प्रयोग करें.

ये हैं बॉलीवुड के वो सितारे जिन्होंने तलाक के बाद नहीं की शादी

बॉलीवुड में हमारे काफी सारे पसंदीदा सितारे की परदे की जिंदगी के साथ हम उनकी करीबी लाइफ के बारे में भी सब कुछ जानना चाहते हैं। कई ऐसे सितारे हैं जिनकी पर्सनल लाइफ इतनी अच्छी नहीं है जितना कि हम सोचते हैं।कैरियर में अपनी ऊचाईयों तक पहुंचने के बाद बहुत से स्टार्स ने अपने आप को अपने साथी के साथ रिश्ते में बांध लेना ही सही समझा और उनका यह फैसला ठीक भी साबित हुआ है। तो वहीं कुछ ऐसे स्टार्स भी हैं जिनकी शादी तलाक पर आकर ही खत्म हुई। तो आइए जानते हैं बॉलीवुड के उन स्टार्स के बारे में जिन्होंने तलाक होने के बाद दोबारा शादी नहीं की।

ऋतिक रोशन

ऋतिक रोशन और सुजैन खान की शादी 17 साल तक चली। बॉलीवुड में इनके रिश्ते की मिसाल भी दी जाती थी लेकिन इन दोनों के अचानक तलाक की खबर ने सबको चौका दिया। इन दोनों की वजह सुजैन की अर्जुन रामपाल से नजदीकियां और ऋतिक का कंगना के साथ रिलेशनशिप इसकी वजह माना जाता है। तलाक के बाद इन दोनो ने दोबारा शादी नहीं की।

करिश्मा कपूर

करिश्मा कपूर ने पहले से तलाकशुदा दिल्ली के बिजनेसमैन संजय से शादी की थी। इन दोनों का रिश्ता भी ज्यादा देर नहीं चला और दोनों ने तलाक ले लिया। दो बच्चों की मां करिश्मा कपूर ने भी अभी शादी नहीं की।

अमृता सिंह

सैफ अली खान की पहली पत्नी अमृता सिंह ने 13 साल की शादी के बाद सैफ से तलाक ले लिया सैफ अली खान ने दोबारा शादी कर ली लेकिन अमृता अभी भी सिंगल है।

मनीषा कोइराला

अपने जमाने की फेमस हीरोइन मनीषा कोइराला ने 2010 में नेपाल के बिजनेसमैन से शादी कर ली थी. अचानक की दो साल बाद इन दोनो ने तलाक ले लिया. तलाके के बाद मनीषा ने दोबारा शादी नहीं की.

कल्कि कोचलिन

इस अभिनेत्री ने अपने पति निर्देशक अनुराग कश्यप को 2015 में तलाक दे दिया, और उसके बाद से अपने अभिनय के करियर पर ध्यान देना शुरू कर दिया.

पूजा भट्ट

इस अभिनेत्री की शादी मनीष माखीजा से हुई थी. 2014 में पूजा ने अपनी 11 साल की शादी ख़तम कर दी, और मनीष से तलाक ले लिया. वे अभी भी करीबी दोस्त है.

कोंकणा सेन

रणवीर शोरी के साथ अपने चौंकाने वाले तलाक के बाद, कोंकोना अब एक अकेली मां है।

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भारत के दस मुख्‍य पर्यटन केंद्र

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भारत अपनी संस्‍कृति में विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए हमेशा से ही दुनिया भर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। जहां गोवा जैसे राज्‍य इसकी समुद्र तटीय सुंदरता के लिए जाने जाते हैं, वहीं केरल और कश्‍मीर प्राकृतिक सुंदरता के लिए। इसके अलावा कन्‍याकुमारी का तो एक अलग ही अध्‍यात्मिक आकर्षण है। राजस्‍थान भारत की ऐतिहासिक धरोहर से परिपूर्ण राज्‍य है तो ताज महल भारत की एक पहचान बन चुका है। पूरे भारत में फैली विविधता, सौन्‍दर्य और आकर्षण बरबस ही दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर खींच लेता है। आइये देखें कि भारत के मुख्‍य पर्यटन केंद्र कौन-कौन से हैं-

आगरा

ऐतिहासिक इमारत ताजमहल के कारण आगरा हमेशा से ही पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। राजनयिक सम्‍बन्‍धों के लिए भारत आने वाले मेहमान भी इसे देखने जरूर आते हैं। आगरा में ताजमहल के अलावा आगरा का किला, फतेहपुर सीकरी, अकबर का मकबरा, रामबाग और सिकंदर का किला दर्शनीय स्‍थलों में से हैं।

कश्‍मीर

अपनी जीवंत सुंदरता के लिए कश्‍मीर दुनिया भर में प्रसिद्ध है। कश्‍मीर के दर्शनीय स्‍थलों में से श्रीनगर, गुलमर्ग, डलझील, नागिन झील, परी महल और पहलगाम है। अपनी सुरम्‍य वादियों और पहाड़ों पर बसे गांवों के लिए यह पर्यटकों के बीच अलग ही स्‍थान रखता है।

गोवा

गोवा भारत का सबसे छोटा राज्‍य है जो कि समुद्री बीच के लिए जाना जाता है। यहां का सी-फूड, जल में खेले जाने वाले खेल इसे एक आनंद के स्‍थान के रूप में पहचान देते हैं। यहां स्थित अलोना का किला, गोवा म्‍यूजियम, चापोरा का किला अन्‍य पर्यटन आकर्षण हैं।

कन्‍याकुमारी

कन्‍याकुमारी को केप कोमोरिन के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर हिंद महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के जल का मिलन होता है। यहां से दिखने वाला सूर्यास्‍त का दृश्‍य मनोरम होता है।

जयपुर और उदयपुर

राजस्‍थान में स्थित जयपुर और उदयपुर अपनी कलात्‍मक और वास्‍तु सुंदरता के लिए जाने जाते हैं। उदयपुर में स्थित लेक पैलेस दुनिया के सबसे सुंदर स्‍थानों में से एक हैं। जयपुर में ही हवामहल भी है जो वास्‍तुकला का उत्‍कृष्‍ट उदाहरण माना जाता है।

केरल

भारत के सर्वाधिक सम्‍पन्‍न और शिक्षित राज्‍यों में से एक केरल मंत्रमुग्‍ध कर देने वाली सुंदरता के लिए भी जाना जाता है। यहां फैली हरी भरी सुंदरता और नदियों में बोटिंग का अपना अलग ही आनंद है।

दिल्‍ली

दिल्‍ली भारत का आर्थिक केंद्र होने के साथ ही देश की राजधानी भी है। यहां पर स्थित इंडिया गेट, राष्‍ट्रपति भवन, जामा मस्जिद और कुतुब मीनार को देखने के लिए पर्यटक वर्ष भर आते रहते हैं।

दार्जिलिंग

दार्जिलिंग को पहाड़ों की राजधानी कहा जाता है जो कि समुद्र तल से 2134 मीटर ऊपर स्थित है। यहां पर स्थित चाय के बागानों के लिए यह दुनिया भर में जाना जाता है।

मैसूर

मैसूर कर्नाटक की सांस्‍कृतिक राजधानी है जो अपने महलों के लिए जाना जाता है। यहां पर स्थित मैसूर का महल विश्‍व प्रसिद्ध है, इस महल को ‘अंबा विला’ के नाम से भी जाना जाता है। इस महल को देखने के लिए प्रतिवर्ष लगभग 2.7 मिलियन पर्यटक आते हैं।

अजंता एलोरा

महाराष्‍ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित, चट्टानों को काटकर बनायी गयी ये मूर्तियां बौद्ध धार्मिक कला का अद्भुत उदाहरण हैं। यहां पर पत्‍थरों की गुफाओं में बने मंदिर पर्यटकों को अपनी खूबसूरती से आश्‍चर्य चकित कर देते हैं।

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