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राजस्थान की रंगों से भरी इन जगहों पर लगता है पर्यटकों का मेला

राजस्थान भारत के उन राज्यों में से है जो पर्यटकों को सबसे अधिक लुभाता है। राजस्थान के शहर पूरी दुनिया में उनके रंगों की खासियत के कारण जाने जाते हैं। आज इस पोस्ट में हम राजस्थान के रंग बिरंगे खूबसूरत शहरों के बारे में जानेंगे, तो चलिए जानते हैं :-

‘पिंक सिटी’ -जयपुर

आज देश-विदेश के कोने-कोने में जयपुर को पिंक सिटी’ यानी ‘गुलाबी नगर’ के नाम से जाना जाता है। पर क्या आप जानते हैं कि इसका यह नाम कब और क्यों पड़ा?

दरअसल, जयपुर की स्थापना के 100 साल से भी ज्यादा समय बाद इस नगर को गुलाबी नगर की संज्ञा दी गई। इससे पहले इस शहर को केवल जयपुर के ही नाम से जाना जाता था।

महाराजा सवाई जयसिंह (द्वितीय) ने 1727 में इस शहर की नींव रखी थी और उन्हीं के नाम पर इस शहर का नामकरण हुआ। वर्ष 1876 में इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट जयपुर आने वाले थे।

महाराजा को सूझा कि क्यों न पूरे शहर को एक रंग में रंग दिया जाए। उच्च अधिकारियों से मंत्रणा कर उन्होंने पूरे शहर को गुलाबी रंग से रंगवा दिया। तब से यह शहर गुलाबी हो गया, जो बाद में गुलाबी नगर कहलाया।

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‘गोल्डन सिटी’ जैसलमेर

यहां निकलने वाले पीले रंग के पत्थरों से बनी इमारतों पर जब सूरज की किरणें पड़ती हैं तो ये सभी सोने के समान दमकती नजर आती हैं। राजस्थान के थार रेगिस्तान में स्थित स्वर्णिम शहर जैसलमेर अपनी डेजर्ट सफारी और भव्य किले के लिए प्रसिद्ध है।

यह किला पीले बलुआ पत्थर से निर्मित है और शाम की रोशनी जब इस किले पर पड़ती है तो यह स्वर्णिम आभा ओढ़ लेता है। इसी कारण इसे सोनार किला भी कहा जाता है।

साथ ही यहां अन्य प्राचीन इमारतें भी इसी पीले बलुआ पत्थर से बनी हैं, इसीलिए इसे स्वर्णिम शहर यानी कि ‘गोल्डन सिटी’ की संज्ञा दी गई है।

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‘ब्लू सिटी’ जोधपुर

राजस्थान का जोधपुर ‘ब्लू सिटी’ कहलाता है। यह लगभग 558 साल पहले बसाया गया था। यह एक बहुत ही खूबसूरत शहर है और यह शहर अपने रंग की वजह से जाना जाता है।

इसके बारे में कहा जाता है कि 1459 में राव जोधा ने जोधपुर शहर बसाया था। जोधा राठौड़ समाज के मुखिया और जोधपुर के 15वें राजा थे। उनके नाम से ही इस शहर का नाम ‘जोधपुर’ पड़ा, इससे पहले इस शहर का नाम मारवाड़ था।

यह शहर रेगिस्तान के बीचो-बीच बसा हुआ है। यहां आपको सभी घर नीले रंग में रंगे दिखाई देंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी से बचने के लिए यहां के सभी घरों में नीला रंग लगाया गया है।

यही वजह है कि इस शहर को नीला शहर यानी ‘ब्लू सिटी’ कहा जाता है। ब्लू सिटी में स्थित ऐतिहासिक किले, पुराने महल और प्राचीन मंदिर जोधपुर के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक हैं।

इस शहर का हस्तशिल्प, लोकनृत्य, भोजन और गीतसंगीत सभी अपने आप में निराले हैं, जो इस शहर की शोभा को कई गुना बढ़ा देते हैं। यह शहर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय और भी खूबसूरत दिखाई देता है।

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‘व्हाइट सिटी’ उदयपुर

उदयपुर को व्हाइट सिटी इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां ज्यादातर इमारतें संगमरमर यानी मार्बल की बनी हैं। कई खूबसूरत झीलों के कारण इसे “पूर्व का वेनिस” भी कहते हैं।

साथ ही “झीलों का शहर”, “राजस्थान का कश्मीर” आदि कई और नामों से भी इसे पुकारा जाता है। उदयपुर शहर की स्थापना महाराणा प्रताप के पिता महाराणा उदयसिंह ने 1559 में की थी।

विभिन्न ऐतिहासिक स्मारक, सफेद संगमरमर के महल, सुंदर झीलें और बगीचे, मंदिर, रंगीन त्योहार दुनियाभर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

यहां हर वर्ष बड़ी तादाद में देश विदेश से पर्यटक पहुंचते हैं। यहां पर संगमरमर से बनी कई आकर्षक और अनोखी इमारतें हैं, इसी कारण इसे व्हाइट सिटी यानी ‘सफेद शहर’ के नाम से जाना जाता है।

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