जन्मदिन विशेष : अल्बर्ट आइंस्टीन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

  • “फादर ऑफ मॉडर्न फिजिक्स” कहे जाने वाले अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी में हुआ था।
  • अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म जर्मनी में वुटेमबर्ग के एक यहूदी परिवार में हुआ। आइंस्टीन के पिता एक इंजीनियर और सेल्समैन थे तथा उनकी मां पौलिन एक आइंस्टीन थी।
  • आइंस्टीन को दुनिया का सबसे महान वैज्ञानिक माना जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि वह बचपन में पढ़ने और लिखने में कमजोर और धीमे थे। एक बार वह यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए पहले एंट्रेंस एग्जाम में फेल हो गए थे।
  • मशहूर वैज्ञानिक आइंस्टीन का दिमाग एक डॉक्टर द्वारा चोरी कर लिया गया था, जिसने उनके शरीर के साथ परीक्षण किए। उस डॉक्टर ने आइंस्टीन का दिमाग 20 वर्षों तक एक जार में संभाल कर रखा था।
  • ऐल्बर्ट आइंस्टाइन ने कभी भी मोज़े नहीं पहने और न ही ज़िंदगी में कभी शेविंग क्रीम का उपयोग किया।
  • ज्यूरिख विश्वविद्यालय में उनको प्रोफेसर की नियुक्ति मिली और लोगों ने उन्हें महान वैज्ञानिक मानना शुरू कर दिया। इन्हें लोगों के द्वारा महान वैज्ञानिक का दर्जा दिया गया और यही से इनकी चर्चा सम्पूर्ण विश्व में होने लगी।
  • आइंस्टीन अपनी खराब याददाश्त के लिए बदनाम थे। अक्सर वह तारीखें, नाम और फोन नंबर भूल जाते थे।
  • 1952 में अमेरिका ने ऐल्बर्ट आइंस्टाइन को इजरायल का राष्ट्रपति बनने की पेशकश की, परन्तु आइंस्टीन ने यह पेशकश यह कहकर ठुकरा दी कि वह राजनीति के लिए नहीं बने।
  • आइंस्टीन अपने ऑटोग्राफ के लिए $5 और भाषण के लिए $1000 लेते थे, ये सारा पैसा वह गरीबों में दान कर देते थे।
  • एक बार आइंस्टीन से किसी ने प्रकाश की गति पूछी, तो वो कहते थे, मैं वो चीज़ याद नहीं रखता हूँ, जो कि किताबों में देख के बताई जाती है।
  • आइंस्टीन ने कई नए विचारों की खोज की, जिसमें से सापेक्षतावाद का सिद्धांत (Theory of Relativity; E=mc^2) बहुत प्रसिद्ध हैं।
  • सापेक्षता के सिद्धांत की मदद से आइंस्टीन ने यह अनुमान लगाया था की ब्रह्माण्ड के बढ़ने की कोई निश्चित दर नहीं है, ब्रह्माण्ड की सभी चीज़े एकदूसरे के सापेक्ष बढ़ रही हैं। इसलिए इसे सामान्य सापेक्षता का सिध्धांत कहाँ जाता है।

13 मार्च का इतिहास

13 मार्च का इतिहास

  • 1800 – एक मराठा राजनेता नाना फड़नवीस का निधन।
  • 1940 – भारतीय क्रांतिकारी ऊधम सिंह ने अंग्रेजों से जलियांवाला बाग का बदला लेने के लिए जनरल डायर पर लंदन में गोलियां चलाईं।
  • 1961 – ब्रिटेन की दो महिला और तीन पुरुष अधिकारियों पर रूस के लिए जासूसी करने का आरोप लगा था, कहा गया था कि वो देश के सुराग रूस भेज रहे थे।
  • 1971 – हिंदी के प्रसिद्ध कवि आत्मा रंजन का जन्म।
  • 1980 – एक युवा राजनेता वरुण गांधी का जन्म।
  • 1996 – स्कॉटलैंड के डनब्लेन के स्कूल में एक बंदूकधारी ने घुसकर गोलियों की बौछार कर दी, जिसमें 16 बच्चे और उनके शिक्षक की मौत हो गई।
  • 1996 – हिन्दी फ़िल्मों के अभिनेता शफ़ी ईनामदार का निधन।
  • 1997 – सिस्टर निर्मला का चयन नेता के रूप में ईन्डियन मिशनरीज ऑफ चैरिटी में मदर टेरेसा द्वारा किया गया।
  • 1999 – शेख हमाद बिन ईसा अल ख़लीफ़ा बहरीन के नए शासक बने।
  • 1999 – 23 वर्षों के अंतराल के बाद श्रीलंका सरकार ने हत्या एवं मादक द्रव्य तस्करी सदृश अपराधों के लिए मृत्युदंड की सज़ा पुन: बहाल करने का निश्चय किया।
  • 2002 – रॉबर्ट मुगाबे पुन: जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति निर्वाचित।
  • 2002 – पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ की जापान यात्रा प्रारम्भ, सी.टी.बी.टी. पर हस्ताक्षर के लिए समय मांगा।
  • 2003 – इराक पर ब्रिटेन के प्रस्तावों को फ्रांस ने मंजूर किया।
  • 2004 – भारत के प्रसिद्ध सितार वादक विलायत ख़ाँ का निधन।
  • 2008 – ‘हिन्दुस्तान टाइम्स और पाकिस्तान के अखबार डॉन को पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए कुलिश सम्मान प्रदान किया गया।
  • 2008 – नासा का अंतरिक्ष यान एंडेवर सकुशल अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुँचा।
  • 2009 – सार्क साहित्य उत्सव आगरा में शुरू हुआ।
  • 2018 – छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों के हमलें में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 9 जवानों की मौत।

12 मार्च का इतिहास

12 मार्च का इतिहास:-

  • 604 – ईसाई धर्म का सर्वोपरि नेता चुने जाने के पहले रोमन सिनेटर का सम्मान प्राप्त पोप ग्रेगरी प्रथम का निधन।
  • 1913 – भारतीय राजनीतिज्ञ यशवंतराव चव्हाण का जन्म।
  • 1922 – महात्मा गांधी को यूरोप के बने सामान को खरीदने और ब्रिटिश शासन की मशीनों के साथ काम करने के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन के लिए अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया था।
  • 1927 – अर्जेंटीना के राष्ट्रपति राउल अलफोन्सा का जन्म।
  • 1930 – महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम से दांडी मार्च की शुरुआत की, इसका उद्देश्‍य अंग्रेज़ों द्वारा बनाए गए नमक क़ानून को तोड़ना था।
  • 1984 – भारतीय गायिका श्रेया घोषाल का जन्म।
  • 1992 – मॉरीशस गणराज्य घोषित।
  • 1993 – मुंबई में कई बम धमाकें हुए और उनमें 300 लोग मारे गए और सैकड़ों से अधिक घायल हो गए।
  • 1998 – प्रथम टर्बोजेट इंजन निर्माता हेन्स जोशिम पास्ट वन कोहेन का निधन।
  • 2003 – सर्बिया के प्रधानमंत्री जोरान जिनजिब की बेलग्रेड में हत्या।
  • 2004 – दक्षिण कोरियाई संसद में महाभियोग पारित होने के बाद राष्ट्रपति रोह मू हुन पद से निलम्बित।
  • 2006 – इराक में सद्दाम हुसैन के विरुद्ध मुकदमे की सुनवाई प्रारम्भ।
  • 2007 – जमैका में 9वें विश्व कप क्रिकेट का उद्घाटन हुआ।
  • 2008 – अमेरिकी वायुसेना ने विश्व के पहले स्टील्थ लड़ाकू विमान एफ़-117 को अपने बेड़े से हटाया।
  • 2008 – विश्व की सबसे लम्बी आयु की समझी जाने वाली महिला वारवा सेमेनिकोवा का रूस में 117 वर्ष की आयु में निधन।
  • 2009 – वायुसेना में आपरेशंस निदेशालय के पहले महानिदेशक के तौर पर एयर मार्शल डी॰ सी॰ कुमारिया ने कार्यभार सम्भाला।
  • 2018 – नेपाल के त्रिभुवन अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र में यूएसबांग्ला एयरलाइन्स का विमान दुर्घटनाग्रस्त, कम से कम 51 लोगों की मृत्यु।

अंसार शेख की प्रेरक कहानी : सबसे कम उम्र के आईएएस अधिकारी

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यूपीएससी की परीक्षा को भारत की सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षा माना जाता है। इसमें सफलता प्राप्त करना एक कठिन कार्य है जिसके लिए अटूट समर्पण, अपार बलिदान, अथक परिश्रम और दृढ़ निरंतरता की आवश्यकता होती है। यह यात्रा उन व्यक्तियों के लिए और भी कठिन हो जाती है जिनके पास वित्तीय बाधाओं के कारण आवश्यक अध्ययन सामग्री और संसाधनों तक पहुंच नहीं होती।

फिर भी, इन चुनौतियों के बीच, सभी बाधाओं के बावजूद जीत की कई कहानियाँ मौजूद हैं। ऐसी ही एक प्रेरक कहानी है आईएएस अंसार शेख की, जिनकी यात्रा कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प की मिसाल है।

महाराष्ट्र के मराठवाड़ा जिले में एक साधारण परिवार में जन्मे शेख के पिता एक ऑटोरिक्शा चालक थे, जबकि उनकी मां खेतों में मेहनत करती थीं। उनकी पारिवारिक स्थिति अच्छी नहीं थी।

ansar-sheikh youngest ias officers

वित्तीय संघर्ष बढ़ने के साथ, उनके परिवार ने शिक्षा के बजाय कमाई को प्राथमिकता दी, जिससे उनके भाई को घर का खर्च चलाने के लिए स्कूली शिक्षा छोड़नी पड़ी। उनकी दो बहनों की शादी भी जल्दी कर दी गयी थी।

आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते अंसार के पिता उनके स्कूल में उनका नाम कटवाने पहुंच गए थे। इसके बाद स्कूल में टीचरों द्वारा उनके पिता को बताया गया कि अंसार पढ़ाई में अच्छे हैं इसलिए उन्हें आगे बढ़ने का मौका दिया जाए, जिसके बाद उनके पिता इस पर राजी हो गए।

अंसार शेख पढ़ाई में शुरुआत से बहुत अच्छे थे। उन्होंने 12वीं क्लास 91 प्रतिशत अंकों के साथ वहीं ग्रेजुएशन 73 फीसदी अंको के साथ उत्तीर्ण किया। उन्होंने ग्रेजुएशन पुणे के फॉर्ग्यूसन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस विषय से पास किया।

उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए पहले एक वर्ष के लिए कोचिंग की और उसके बाद लगातार तीन सालों तक कड़ी मेहनत करके इसकी तैयारी की। इसके बाद उन्होंने यूपीएएसी परीक्षा में भाग लिया और अपने पहले ही प्रयास में 361 रैंक हासिल कर आईएएस बन गए।

अंसार शेख ने अपने पहले ही प्रयास में आईएएस बनने का सपना पूरा करने के साथ ही एक नया रिकॉर्ड भी अपने नाम दर्ज किया। वे देश के सबसे कम उम्र में आईएएस बनने वाले पहले व्यक्ति बन गए। उन्होंने यह उपलब्धि मात्र 21 वर्ष में हासिल की। शेख आमतौर पर प्रति दिन 10-12 घंटे पढ़ाई करते थे। मुख्य परीक्षा के लिए शेख़ ने प्रतिदिन 14-15 घंटे मेहनत की।

इन आसान उपायों से बढ़ाएं “स्मरण शक्ति”

बालक, किशोर, युवा, प्रौढ़, वृद्ध सबके लिए स्मरण शक्ति का बेहतर होना अति आवश्यक है क्योंकि व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास बेहतर स्मरण शक्ति पर ही निर्भर होता है।

लेकिन वर्तमान में विभिन्न कारणों से लोगों की स्मरण शक्ति कमजोर पड़ जाती है, जिसके फलस्वरूप इसका दुष्परिणाम विभिन्न रूपों में भुगतना पड़ता है। अतः सभी को स्मरण शक्ति को संतोषजनक बनाए रखने पर पूरा ध्यान देना चाहिए।

स्मरण शक्ति को कमजोर करने के लिए कई तरह के कारण व परिस्थितियां उत्तरदायी हो सकती हैं, जिनमें पौष्टिक आहार का अभाव, मानसिक विकार आदि प्रमुख हैं ।

आधुनिक परिवेश में पाश्चात्य जीवनशैली और आहार- विहार संबंधी त्रुटियां स्मरण शक्ति को कमजोर करती हैं। फास्ट फूड व डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ विभिन्न रासायनिक पदार्थों से निर्मित होते हैं, जो शरीर में अम्लता की वृद्धि करके मस्तिष्क को हानि पहुंचाते हैं।

फास्ट फूड से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी हानि पहुंचती है। स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए सेवन योग्य प्रमुख पदार्थ निम्नलिखित हैं।

सेब : सेब में फास्फोरस और लौह तत्व अधिक मात्रा में होता है। फास्फोरस मस्तिष्क को शक्ति प्रदान करता है और इससे स्मरण शक्ति प्रबल होती है। अतः स्मरण शक्ति में वृद्धि हेतु प्रतिदिन सेब का सेवन करना चाहिए।

तैलीय मछलियाँ : तैलीय मछलियाँ ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक बड़ा स्रोत है, जो उन्हें याददाश्त के लिए अच्छे खाद्य पदार्थों में से एक बनाती है। मस्तिष्क का लगभग 60% भाग वसा से बना है, और मस्तिष्क की 50% वसा में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। ओमेगा-3 मस्तिष्क और तंत्रिका कोशिकाओं के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाता है और याददाश्त को बेहतर बनाता है।

नट्स और बीज : तैलीय मछली की तरह, नट्स और बीजों में भी उच्च स्तर का ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो उन्हें मस्तिष्क के लिए सबसे अच्छे खाद्य पदार्थों में से एक बनाते हैं। ये विटामिन ई से भरपूर होते हैं, जो बुढ़ापे में मस्तिष्क को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने के लिए जाना जाता है।

अंडे : अंडे कई आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं जो उन्हें याददाश्त के लिए उत्कृष्ट भोजन बनाते हैं। विटामिन बी-6, बी-12 और फोलिक एसिड से भरपूर, अंडे का नियमित सेवन आपके मस्तिष्क को सिकुड़ने से बचा सकता है। इसके अतिरिक्त, अंडे की जर्दी कोलीन का एक बड़ा स्रोत है, जो मस्तिष्क की कार्यप्रणाली और याददाश्त में सुधार के लिए जाना जाता है।

इसके आलावा इन फ्रूट्स का सेवन करें

गाजर : गाजर का जूस पीने से मानसिक कमजोरी दूर होती हैं और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
अनार : अनार के जूस में मिश्री मिलाकर सेवन करें।
आम : आम खाने और दूध पीने से स्मरण शक्ति बेहतर होती है।
आंवला : आंवले का मुरब्बा और दूध पीने से स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।
नाशपाती : नाशपाती का सेवन करने से मस्तिष्क, हृदय और फेफड़े को बहुत शक्ति मिलती है।
बेलगिरी : बेलगिरी का मुरब्बा खाने से शारीरिक – मानसिक शक्ति बढ़ती है।
गुलाब : गुलाब के फूलों से निर्मित गुलकंद दस-बीस ग्राम की मात्रा में सेवन करके दूध पीएं।

इसके अलावा प्रतिदिन दो-तीन बादाम गिरी पीसकर उसमें पांच ग्राम अश्वगंधा का चूर्ण, शुद्ध घी और शहद मिलाकर सेवन करके ऊपर से दूध पीएं।

पंजाब केसरी से साभार

11 मार्च का इतिहास

11 मार्च का इतिहास:-

  • 1699 – शिवाजी के ज्येष्ठ पुत्र और उत्तराधिकारी शम्भाजी का निधन।
  • 1915 – भारत के जाने माने क्रिकेट खिलाड़ी विजय हजारे का जन्म।
  • 1925 – हैदराबाद रियासत के साथ संघर्ष करने वाले प्रमुख व्यक्तियों में से एक मदनसिंह मतवाले का जन्म।
  • 1927 – रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता भारतीय महिला चिकित्सक वी. शांता का जन्म।
  • 1961 – अबु धाबी के राजकुमार मोहम्मद बिन ज़ायद अल नाहयान का जन्म।
  • 1980 – प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री चन्द्रभानु गुप्त का निधन।
  • 1985 – मिखाइल गोर्बाचेव सोवियत संघ के सर्वोच्च नेता बने।
  • 1996 – सैटेनिक वर्सेज के लेखक सलमान रुश्दी के ख़िलाफ़ फ़तवा को ईरान ने वापस लिया।
  • 1999 – इंफोसिस कंपनी पहली भारतीय कंपनी है, जो नशदाक (NASDAQ) अंतरराष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज की सूची में आई।
  • 2001 – संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफी अन्नान का एशिया के चार देशों की यात्रा पाकिस्तान से प्रारम्भ, अन्नान कश्मीर पर भारत के रुख़ से सहमत, बौद्ध प्रतिमाओं के ध्वंस के संबंध में तालिबान ने अन्नान का अनुरोध ठुकराया।
  • 2004 – स्पेन में तीन रेलवे स्टेशनों पर हुए बम विस्फोटों में 190 मरे, 1200 घायल।
  • 2006 – यूनानी संसद ने दाह-संस्कार को अनुमति देने वाले क़ानून को बहुमत से पारित किया।
  • 2008 – पाकिस्तान के लाहौर में दो आत्मघाती विस्फोटों में 26 लोग मारे गए।
  • 2008 – अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के यान एंडेवर ने अंतरिक्ष स्टेशन की ओर उड़ान भरी।
  • 2011- भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों ने उड़ीसा के समुद्र तट पर 350 किलोमीटर दूर तक मार करने वाली धनुष और पृथ्वी मिसाइलों का सफल परीक्षण किया।
  • 2011 – तोहोकू के नज़दीक भूकंप से जापान में सुनामी, यहां की नेशनल पुलिस एजेंसी के अनुसार भूकंप और सुनामी के चलते 15850 लोग मारे गए थे।

10 मार्च का इतिहास

10 मार्च का इतिहास:-

  • 1876 – ग्राहम वेल ने पहली बार टेलिफोन पर अपने मित्र से बात की, उन्होंने अपने मित्र से कहा कि मेरी आवाज़ सुनो, मैं एलेक्ज़ेंडर ग्राहम बेल
  • 1897 – भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक सावित्रीबाई फुले का निधन।
  • 1922 – महात्मा गांधी गिरफ्तार किए गए, राजद्रोह का आरोप, छेह वर्षो की क़ैद, परन्तु दो वर्ष बाद रिहा किए गए।
  • 1922 – चीन द्वारा परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर।
  • 1932 – अंतरिक्ष वैज्ञानिक और इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के भूतपूर्व अध्यक्ष उडुपी रामचन्द्र राव का जन्म।
  • 1945 – अमेरिकी सेना ने जापान में बमबारी की, जिससे लाखों लोग घायल हुए।
  • 1959 – तिब्बत की राजधानी ल्हासा में चीन की नीतियों के खिलाफ विद्रोह शुरू हुआ, हालांकि चीन एक दशक पहले अक्टूबर 1950 से ही तिब्बत को अपने कब्जे में लेना शुरू कर चुका था।
  • 1959 – प्रसिद्ध शिक्षाशास्त्री, समाजसेवक, न्यायाधीश, विधि विशारद तथा संविधानशास्त्रज्ञ मुकुन्द रामाराव जयकर का निधन।
  • 1969 – मार्टिन लूथर किंग के हत्यारे हत्यारे जेम्स अर्ल रे को 99 साल की कैद की सजा सुनाई थी।
  • 1973 – एटलांटिक महासागर के इलाके में स्थित बरमूदा में आज के दिन ही ब्रितानी गवर्नर और उनके सहयोगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
  • 1981 – भारत के प्रसिद्ध चित्रकार और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त आयरन नेल आर्टिस्ट, पेटेंट धारक तथा आविष्कारक वाजिद ख़ान का जन्म।
  • 1998 – इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुहार्तो लगातार सातवीं बार राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित।
  • 2002 – फिलिस्तीन के राष्ट्रपति यासिर अराफात के आने-जाने पर लगा प्रतिबंध हटा।
  • 2003 – उत्तर कोरिया ने क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया।
  • 2006 – पाकिस्तान के क्वेटा शहर में बारूदी सुरंग विस्फोट में 26 मारे गए।
  • 2007 – यूक्रेन के वैसिलीइवानचुक को हराकर विश्वनाथन आनन्द शतरंज में प्रथम स्थान पर पहुँचे।
  • 2008 – माणिक सरकार की अगुवाई में त्रिपुरा में पुन: लेफ़्ट फ़्रंट ने सत्ता संभाली।
  • 2010 – भारतीय संसद की ऊपरी सदन राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पारित हो गया।
  • 2017- दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्यूनहाय को संवैधानिक कोर्ट ने पद से हटा दिया।
  • 2018 – श्रीलंका में साम्प्रदायिक दंगों में दो लोगों की मृत्यु, दस घायल।

9 मार्च का इतिहास

9 मार्च का इतिहास:-

  • 1915 – भारत के प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार डॉ. नगेन्द्र का जन्म।
  • 1934 – भूतपूर्व सोवियत संघ के विमान चालक और अंतरिक्ष यात्री यूरी गागरीन का जन्म।
  • 1941 – प्रसिद्ध इतिहासकार, अंग्रेज़ी साहित्यकार तथा अन्वेषक जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन का निधन।
  • 1951 – मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म।
  • 1959 – दुनिया में सबसे ज्‍यादा पसंद की जाने वाली बार्बी डॉल ने न्यूयॉर्क के अमेरिकन टॉय फेयर में अपनी जिंदगी शुरू की थी।
  • 1967 – तत्कालीन सोवियत संघ के नेता जोसेफ स्टैलिन की पुत्री स्वेतलाना अलीलुयेवा देश छोड़ कर चली गई थीं।
  • 1969 – टाटा समूह और भारत के एक प्रशासक के साथ जुड़े एक प्रख्यात पारसी व्यापारी हारमसजी पेरोशा मोदी का निधन।
  • 1973 – उत्तरी आयरलैंड में हुए एक जनमत संग्रह में जनता ने ब्रिटेन के साथ रहने के पक्ष में वोट डाला था।
  • 1985 – भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी पार्थिव पटेल का जन्म।
  • 1994 – भारतीय अभिनेत्री देविका रानी का निधन।
  • 1999 – ब्रिटिश उद्योगपति स्वराज पाल को सेंट्रल बर्मिघम विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई।
  • 2003 – पेरू के पूर्व राष्ट्रपति अलवर्टो फूजीमोरी के ख़िलाफ़ इंटरपोल ने गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया।
  • 2004 – पाकिस्तान ने 2000 किमी. की मारक क्षमता वाले सतह तक मार करने वाले शाहीन-2 (हत्फ-6) प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण किया।
  • 2005 – थाक्सिन शिनवात्रा दूसरे कार्यकाल के लिए थाइलैंड के प्रधानमंत्री चुने गए।
  • 2007 – ब्रिटेन में भारतीय डॉक्टरों को भेदभाव वाले प्रवासी नियमों पर क़ानूनी कामयाबी मिली।
  • 2008 – गोवा के राज्यपाल एस.सी.जमीर ने महाराष्ट्र के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण किया।
  • 2008 – मलेशिया में हुए संसदीय चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री अब्दुल्ला अहमद बदावी पराजित हुए।
  • 2009 – तमिलनाडु ने पश्चिम बंगाल को 66 रनों से पराजित कर विजय हरारे ट्राफी जीती।
  • 2018 – बिप्लब कुमार देब ने भारतीय राज्य त्रिपुरा के दसवें मुख्यमन्त्री के रूप में शपथ ली।

History Of 8 March

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8 मार्च का इतिहास

8 मार्च का इतिहास:-

  • 1535 – मेवाड़ की रानी रानी कर्णावती का निधन।
  • 1864 – प्रसिद्ध मराठी भाषी उपन्यासकार, नाटककार तथा कवि हरि नारायण आपटे का जन्म।
  • 1889 – गाँधी स्मारक निधि के प्रथम अध्यक्ष, गाँधीवादी नेता, स्वतंत्रता सेनानी और पंजाब के प्रथम मुख्यमंत्री गोपी चन्द भार्गव का जन्म।
  • 1909 – अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस प्रथम बार मनाया गया था।
  • 1948 – एअर इंडिया इंटरनेशनल की स्थापना की गई थी।
  • 1955 – भारत के ही नहीं बल्कि विश्व के दस सर्वश्रेष्ठ वॉलीबॉल खिलाड़ियों में से एक जिम्मी जॉर्ज का जन्म।
  • 1957 – भारत के प्रसिद्ध राष्ट्रीय नेता बाल गंगाधर खेर का निधन।
  • 1972 – अमेरिका के लास वेगास हवाई अड्डे पर एक हवाई जहाज में बम धमाका हुआ था।
  • 1975 – भारतीय अभिनेता फरदीन खान का जन्म।
  • 1985 – बैरुत में हुए एक कार बम धमाके में 80 लोगों की मौत हो गई थी और 175 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
  • 1989 – भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी हरमनप्रीत कौर का जन्म।
  • 2001 – इजरायल में शेरों के नेतृत्व में राष्ट्रीय एकता सरकार ने शपथ ली।
  • 2006 – रूस ने ईरान मामले पर अपना प्रस्ताव वापस लिया।
  • 2008 – बम्बई शेयर बाज़ार ने सूचीबद्धता से संबंधित प्रावधानों को पूरा नहीं करने के कारण दस कंपनियों के शेयरों में कारोबार निलंबित कर दिया।
  • 2008 – फ़िल्म फ़ेयर आफ़ फ़ुटपाथ ने काहिरा इंटरनेशनल फ़ेस्टीवल फ़ॉर चिल्ड्रेन में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
  • 2009- भारत के अग्रणी गोल्फ खिलाड़ी ज्योति रंधावा ने थाईलैंड ओपन ख़िताब जीता।
  • 2015 – आउटलुक के संस्थापक एवं प्रसिद्ध पत्रकार विनोद मेहता का निधन।
  • 2017- मध्य प्रदेश में भोपालउज्जैन पैसेंजर ट्रेन में हुए ब्लास्ट पर ISIS पर संदेह, देश पर ISIS का पहला हमला।
  • 2018- नेफियू रियो ने भारतीय राज्य नागालैण्ड के 9वें मुख्यमन्त्री के रूप में शपथ ली।
  • 2018- भारत के उच्चतम न्यायालय ने सशर्त इच्छामृत्यु की अनुमति दी।

भगवान शिव के बारे में 35 रहस्यपूर्ण रोचक तथ्य

हिंदू धर्म में भगवान शिव त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, शिव) में एक देव हैं। पार्वती के पति शंकर जिन्हें भोलेनाथ, आदिनाथ आदि कहा जाता है, देवों के देव महादेव माना जाता है।

शंकर जी को संहार का देवता कहा जाता है। शंंकर जी सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं। अन्य देवों से माना गया है। सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव हैं।

यहाँ प्रस्तुत है भगवान शिव के बारे में रोचक और रहस्य से भरपूर 35 तथ्य:

1. आदिनाथ शिव : – सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें ‘आदिदेव‘ भी कहा जाता है। ‘आदि‘ का अर्थ प्रारंभ। आदिनाथ होने के कारण उनका एक नाम ‘आदिश‘ भी है।

2. शिव के अस्त्र-शस्त्र : – शिव का धनुष पिनाक, चक्र भवरेंदु और सुदर्शन, अस्त्र पाशुपतास्त्र और शस्त्र त्रिशूल है। उक्त सभी का उन्होंने ही निर्माण किया था।

3. भगवान शिव का नाग : – शिव के गले में जो नाग लिपटा रहता है उसका नाम वासुकि है। वासुकि के बड़े भाई का नाम शेषनाग है।

4. शिव की अर्द्धांगिनी : – शिव की पहली पत्नी सती ने ही अगले जन्म में पार्वती के रूप में जन्म लिया और वही उमा, उर्मि, काली कही गई हैं।

5. शिव के पुत्र : – शिव के प्रमुख 6 पुत्र हैं- गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, अयप्पा और भूमा। सभी के जन्म की कथा रोचक है।

6. शिव के शिष्य : – शिव के 7 शिष्य हैं जिन्हें प्रारंभिक सप्तऋषि माना गया है। इन ऋषियों ने ही शिव के ज्ञान को संपूर्ण धरती पर प्रचारित किया जिसके चलते भिन्न-भिन्न धर्म और संस्कृतियों की उत्पत्ति हुई। शिव ने ही गुरु और शिष्य परंपरा की शुरुआत की थी। शिव के शिष्य हैं- बृहस्पति, विशालाक्ष, शुक्र, सहस्राक्ष, महेन्द्र, प्राचेतस मनु, भरद्वाज इसके अलावा 8वें गौरशिरस मुनि भी थे।

7. शिव के गण : – शिव के गणों में भैरव, वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, जय और विजय प्रमुख हैं। इसके अलावा, पिशाच, दैत्य और नाग-नागिन, पशुओं को भी शिव का गण माना जाता है।

8. शिव पंचायत : – भगवान सूर्य, गणपति, देवी, रुद्र और विष्णु ये शिव पंचायत कहलाते हैं।

9. शिव के द्वारपाल : – नंदी, स्कंद, रिटी, वृषभ, भृंगी, गणेश, उमा-महेश्वर और महाकाल

10. शिव पार्षद : – जिस तरह जय और विजय विष्णु के पार्षद हैं उसी तरह बाण, रावण, चंड, नंदी, भृंगी आदि शिव के पार्षद हैं।

11. सभी धर्मों का केंद्र शिव : – शिव की वेशभूषा ऐसी है कि प्रत्येक धर्म के लोग उनमें अपने प्रतीक ढूंढ सकते हैं। मुशरिक, यजीदी, साबिईन, सुबी, इब्राहीमी धर्मों में शिव के होने की छाप स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। शिव के शिष्यों से एक ऐसी परंपरा की शुरुआत हुई, जो आगे चलकर शैव, सिद्ध, नाथ, दिगंबर और सूफी संप्रदाय में वि‍भक्त हो गई।

12. बौद्ध साहित्य के मर्मज्ञ अंतरराष्ट्रीय : – ख्यातिप्राप्त विद्वान प्रोफेसर उपासक का मानना है कि शंकर ने ही बुद्ध के रूप में जन्म लिया था। उन्होंने पालि ग्रंथों में वर्णित 27 बुद्धों का उल्लेख करते हुए बताया कि इनमें बुद्ध के 3 नाम अतिप्राचीन हैं- तणंकर, शणंकर और मेघंकर

13. देवता और असुर दोनों के प्रिय शिव : – भगवान शिव को देवों के साथ असुर, दानव, राक्षस, पिशाच, गंधर्व, यक्ष आदि सभी पूजते हैं। वे रावण को भी वरदान देते हैं और राम को भी। उन्होंने भस्मासुर, शुक्राचार्य आदि कई असुरों को वरदान दिया था। शिव, सभी आदिवासी, वनवासी जाति, वर्ण, धर्म और समाज के सर्वोच्च देवता हैं।

14. शिव चिह्न : – वनवासी से लेकर सभी साधारण व्‍यक्ति जिस चिह्न की पूजा कर सकें, उस पत्‍थर के ढेले, बटिया को शिव का चिह्न माना जाता है। इसके अलावा रुद्राक्ष और त्रिशूल को भी शिव का चिह्न माना गया है। कुछ लोग डमरू और अर्द्ध चन्द्र को भी शिव का चिह्न मानते हैं, हालांकि ज्यादातर लोग शिवलिंग अर्थात शिव की ज्योति का पूजन करते हैं।

15. शिव की गुफा : – शिव ने भस्मासुर से बचने के लिए एक पहाड़ी में अपने त्रिशूल से एक गुफा बनाई और वे फिर उसी गुफा में छिप गए। वह गुफा जम्मू से 150 किलोमीटर दूर त्रिकूटा की पहाड़ियों पर है। दूसरी ओर भगवान शिव ने जहां पार्वती को अमृत ज्ञान दिया था वह गुफा ‘अमरनाथ गुफा‘ के नाम से प्रसिद्ध है।

16. शिव के पैरों के निशान : – श्रीपद- श्रीलंका में रतन द्वीप पहाड़ की चोटी पर स्थित श्रीपद नामक मंदिर में शिव के पैरों के निशान हैं। ये पदचिह्न 5 फुट 7 इंच लंबे और 2 फुट 6 इंच चौड़े हैं। इस स्थान को सिवानोलीपदम कहते हैं। कुछ लोग इसे आदम पीक कहते हैं।

रुद्र पद– तमिलनाडु के नागपट्टीनम जिले के थिरुवेंगडू क्षेत्र में श्रीस्वेदारण्येश्‍वर का मंदिर में शिव के पदचिह्न हैं जिसे ‘रुद्र पदम’ कहा जाता है। इसके अलावा थिरुवन्नामलाई में भी एक स्थान पर शिव के पदचिह्न हैं।

तेजपुर– असम के तेजपुर में ब्रह्मपुत्र नदी के पास स्थित रुद्रपद मंदिर में शिव के दाएं पैर का निशान है।

जागेश्वरउत्तराखंड के अल्मोड़ा से 36 किलोमीटर दूर जागेश्वर मंदिर की पहाड़ी से लगभग साढ़े 4 किलोमीटर दूर जंगल में भीम के पास शिव के पदचिह्न हैं। पांडवों को दर्शन देने से बचने के लिए उन्होंने अपना एक पैर यहां और दूसरा कैलाश में रखा था।

रांची– झारखंड के रांची रेलवे स्टेशन से 7 किलोमीटर की दूरी पर ‘रांची हिल’ पर शिवजी के पैरों के निशान हैं। इस स्थान को ‘पहाड़ी बाबा मंदिर‘ कहा जाता है।

17. शिव के अवतार : – वीरभद्र, पिप्पलाद, नंदी, भैरव, महेश, अश्वत्थामा, शरभावतार, गृहपति, दुर्वासा, हनुमान, वृषभ, यतिनाथ, कृष्णदर्शन, अवधूत, भिक्षुवर्य, सुरेश्वर, किरात, सुनटनर्तक, ब्रह्मचारी, यक्ष, वैश्यानाथ, द्विजेश्वर, हंसरूप, द्विज, नतेश्वर आदि हुए हैं। वेदों में रुद्रों का जिक्र है। रुद्र 11 बताए जाते हैं- कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, आपिर्बुध्य, शंभू, चण्ड तथा भव

18. शिव का विरोधाभासिक परिवार : – शिवपुत्र कार्तिकेय का वाहन मयूर है, जबकि शिव के गले में वासुकि नाग है। स्वभाव से मयूर और नाग आपस में दुश्मन हैं। इधर गणपति का वाहन चूहा है, जबकि सांप मूषकभक्षी जीव है। पार्वती का वाहन शेर है, लेकिन शिवजी का वाहन तो नंदी बैल है। इस विरोधाभास या वैचारिक भिन्नता के बावजूद परिवार में एकता है।

19. ति‍ब्बत स्थित कैलाश पर्वत पर उनका निवास है। जहां पर शिव विराजमान हैं उस पर्वत के ठीक नीचे पाताल लोक है जो भगवान विष्णु का स्थान है। शिव के आसन के ऊपर वायुमंडल के पार क्रमश: स्वर्ग लोक और फिर ब्रह्माजी का स्थान है।

20.शिव भक्त : – ब्रह्मा, विष्णु और सभी देवी-देवताओं सहित भगवान राम और कृष्ण भी शिव भक्त है। हरिवंश पुराण के अनुसार, कैलास पर्वत पर कृष्ण ने शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। भगवान राम ने रामेश्वरम में शिवलिंग स्थापित कर उनकी पूजा-अर्चना की थी।

21.शिव ध्यान : – शिव की भक्ति हेतु शिव का ध्यान-पूजन किया जाता है। शिवलिंग को बिल्वपत्र चढ़ाकर शिवलिंग के समीप मंत्र जाप या ध्यान करने से मोक्ष का मार्ग पुष्ट होता है।

22.शिव मंत्र : – दो ही शिव के मंत्र हैं पहला- ॐ नम: शिवाय। दूसरा महामृत्युंजय मंत्र- ॐ ह्रौं जू सः। ॐ भूः भुवः स्वः। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्। स्वः भुवः भूः ॐ। सः जू ह्रौं ॐ ॥ है।

23.शिव व्रत और त्योहार : – सोमवार, प्रदोष और श्रावण मास में शिव व्रत रखे जाते हैं। शिवरात्रि और महाशिवरात्रि शिव का प्रमुख पर्व त्योहार है।

24. शिव प्रचारक : – भगवान शंकर की परंपरा को उनके शिष्यों बृहस्पति, विशालाक्ष (शिव), शुक्र, सहस्राक्ष, महेन्द्र, प्राचेतस मनु, भरद्वाज, अगस्त्य मुनि, गौरशिरस मुनि, नंदी, कार्तिकेय, भैरवनाथ आदि ने आगे बढ़ाया। इसके अलावा वीरभद्र, मणिभद्र, चंदिस, नंदी, श्रृंगी, भृगिरिटी, शैल, गोकर्ण, घंटाकर्ण, बाण, रावण, जय और विजय ने भी शैवपंथ का प्रचार किया। इस परंपरा में सबसे बड़ा नाम आदिगुरु भगवान दत्तात्रेय का आता है। दत्तात्रेय के बाद आदि शंकराचार्य, मत्स्येन्द्रनाथ और गुरु गुरुगोरखनाथ का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।

25.शिव महिमा : – शिव ने कालकूट नामक विष पिया था जो अमृत मंथन के दौरान निकला था। शिव ने भस्मासुर जैसे कई असुरों को वरदान दिया था। शिव ने कामदेव को भस्म कर दिया था। शिव ने गणेश और राजा दक्ष के सिर को जोड़ दिया था। ब्रह्मा द्वारा छल किए जाने पर शिव ने ब्रह्मा का पांचवां सिर काट दिया था।

26.शैव परम्परा : – दसनामी, शाक्त, सिद्ध, दिगंबर, नाथ, लिंगायत, तमिल शैव, कालमुख शैव, कश्मीरी शैव, वीरशैव, नाग, लकुलीश, पाशुपत, कापालिक, कालदमन और महेश्वर सभी शैव परंपरा से हैं। चंद्रवंशी, सूर्यवंशी, अग्निवंशी और नागवंशी भी शिव की परंपरा से ही माने जाते हैं। भारत की असुर, रक्ष और आदिवासी जाति के आराध्य देव शिव ही हैं। शैव धर्म भारत के आदिवासियों का धर्म है।

27.शिव के प्रमुख नाम : – शिव के वैसे तो अनेक नाम हैं जिनमें 108 नामों का उल्लेख पुराणों में मिलता है लेकिन यहां प्रचलित नाम जानें- महेश, नीलकंठ, महादेव, महाकाल, शंकर, पशुपतिनाथ, गंगाधर, नटराज, त्रिनेत्र, भोलेनाथ, आदिदेव, आदिनाथ, त्रियंबक, त्रिलोकेश, जटाशंकर, जगदीश, प्रलयंकर, विश्वनाथ, विश्वेश्वर, हर, शिवशंभु, भूतनाथ और रुद्र

28.अमरनाथ के अमृत वचन : – शिव ने अपनी अर्धांगिनी पार्वती को मोक्ष हेतु अमरनाथ की गुफा में जो ज्ञान दिया उस ज्ञान की आज अनेकानेक शाखाएं हो चली हैं। वह ज्ञानयोग और तंत्र के मूल सूत्रों में शामिल है। ‘विज्ञान भैरव तंत्र‘ एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें भगवान शिव द्वारा पार्वती को बताए गए 112 ध्यान सूत्रों का संकलन है।

29.शिव ग्रंथ : – वेद और उपनिषद सहित विज्ञान भैरव तंत्र, शिव पुराण और शिव संहिता में शिव की संपूर्ण शिक्षा और दीक्षा समाई हुई है। तंत्र के अनेक ग्रंथों में उनकी शिक्षा का विस्तार हुआ है।

30.शिवलिंग : – वायु पुराण के अनुसार प्रलयकाल में समस्त सृष्टि जिसमें लीन हो जाती है और पुन: सृष्टिकाल में जिससे प्रकट होती है, उसे लिंग कहते हैं। इस प्रकार विश्व की संपूर्ण ऊर्जा ही लिंग की प्रतीक है। वस्तुत: यह संपूर्ण सृष्टि बिंदु-नाद स्वरूप है। बिंदु शक्ति है और नाद शिव। बिंदु अर्थात ऊर्जा और नाद अर्थात ध्वनि। यही दो संपूर्ण ब्रह्मांड का आधार है। इसी कारण प्रतीक स्वरूप शिवलिंग की पूजा-अर्चना है।

31.बारह ज्योतिर्लिंग : – सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ॐकारेश्वर, वैद्यनाथ, भीमशंकर, रामेश्वर, नागेश्वर, विश्वनाथजी, त्र्यम्बकेश्वर, केदारनाथ, घृष्णेश्वर। ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति के संबंध में अनेकों मान्यताएं प्रचलित है। ज्योतिर्लिंग यानी ‘व्यापक ब्रह्मात्मलिंग‘ जिसका अर्थ है ‘व्यापक प्रकाश‘। जो शिवलिंग के बारह खंड हैं। शिवपुराण के अनुसार ब्रह्म, माया, जीव, मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार, आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी को ज्योतिर्लिंग या ज्योति पिंड कहा गया है।

दूसरी मान्यता अनुसार शिव पुराण के अनुसार प्राचीनकाल में आकाश से ज्‍योति पिंड पृथ्‍वी पर गिरे और उनसे थोड़ी देर के लिए प्रकाश फैल गया। इस तरह के अनेकों उल्का पिंड आकाश से धरती पर गिरे थे। भारत में गिरे अनेकों पिंडों में से प्रमुख बारह पिंड को ही ज्‍योतिर्लिंग में शामिल किया गया।

32.शिव का दर्शन : – शिव के जीवन और दर्शन को जो लोग यथार्थ दृष्टि से देखते हैं वे सही बुद्धि वाले और यथार्थ को पकड़ने वाले शिवभक्त हैं, क्योंकि शिव का दर्शन कहता है कि यथार्थ में जियो, वर्तमान में जियो, अपनी चित्तवृत्तियों से लड़ो मत, उन्हें अजनबी बनकर देखो और कल्पना का भी यथार्थ के लिए उपयोग करो। आइंस्टीन से पूर्व शिव ने ही कहा था कि कल्पना ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है।

33.शिव और शंकर : – शिव का नाम शंकर के साथ जोड़ा जाता है। लोग कहते हैं- शिव, शंकर, भोलेनाथ। इस तरह अनजाने ही कई लोग शिव और शंकर को एक ही सत्ता के दो नाम बताते हैं। असल में, दोनों की प्रतिमाएं अलग-अलग आकृति की हैं। शंकर को हमेशा तपस्वी रूप में दिखाया जाता है। कई जगह तो शंकर को शिवलिंग का ध्यान करते हुए दिखाया गया है। अत: शिव और शंकर दो अलग अलग सत्ताएं है। हालांकि शंकर को भी शिवरूप माना गया है। माना जाता है कि महेष (नंदी) और महाकाल भगवान शंकर के द्वारपाल हैं। रुद्र देवता शंकर की पंचायत के सदस्य हैं।

34. देवों के देव महादेव : देवताओं की दैत्यों से प्रतिस्पर्धा चलती रहती थी। ऐसे में जब भी देवताओं पर घोर संकट आता था तो वे सभी देवाधिदेव महादेव के पास जाते थे। दैत्यों, राक्षसों सहित देवताओं ने भी शिव को कई बार चुनौती दी, लेकिन वे सभी परास्त होकर शिव के समक्ष झुक गए इसीलिए शिव हैं देवों के देव महादेव। वे दैत्यों, दानवों और भूतों के भी प्रिय भगवान हैं। वे राम को भी वरदान देते हैं और रावण को भी।

35. शिव हर काल में : – भगवान शिव ने हर काल में लोगों को दर्शन दिए हैं। राम के समय भी शिव थे। महाभारत काल में भी शिव थे और विक्रमादित्य के काल में भी शिव के दर्शन होने का उल्लेख मिलता है। भविष्य पुराण अनुसार राजा हर्षवर्धन को भी भगवान शिव ने दर्शन दिए थे,।

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