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जन्माष्टमी: कब और कैसे करें जन्माष्टमी व्रत

जन्माष्टमी हिन्दू धर्म में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है। इस पर्व को बाल-गोपाल श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी पूरी श्रद्धा और उल्लास से मनाया जाता है।

हर साल हिन्दू कैलेंडर के भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। हिन्दू धर्म की मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म पांच हजार साल पहले भाद्रपद मास में रोहिणी नक्षत्र में अष्टमी तिथि की आधी रात को हुआ था।

जन्माष्टमीकब है जन्माष्टमी व्रत

इस साल 2023 को स्मार्त यानि गृहस्थियों के लिए जन्माष्टमी व्रत 6 सितम्बर को है l परंपरा के अनुसार अष्टमी की आधी रात के बाद ही भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद पूजा की जाती है।

इस दिन व्रतानुष्ठान अष्टमी तिथि से शुरू होती है और अगले दिन नवमी पर खत्म होती है। फिर भी कई लोग, अर्द्धरात्रि पर रोहिणी नक्षत्र का योग होने पर सप्तमी और अष्टमी पर व्रत रखते हैं। कुछ भक्तगण उदयव्यापिनी अर्थात शुरू होती अष्टमी पर उपवास करते हैं।

शास्त्रकारों ने व्रत -पूजन, जपादि के लिए अर्द्धरात्रि अर्थात अष्टमी और नवमी के बीच की रात्रि में रहने वाली तिथि को ही मान्यता दी है।

विशेषकर स्मार्त लोग अर्द्धरात्रिव्यापिनी अष्टमी को यह व्रत करते हैं। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, चंडीगढ़ आदि में में स्मार्त धर्मावलम्बी अर्थात गृहस्थ लोग इसी परम्परा का अनुसरण करते हुए सप्तमी युक्ता अर्द्धरात्रिकालीन वाली अष्टमी को व्रत, पूजा आदि करते आ रहे हैं जबकि मथुरा, वृंदावन सहित उत्तर प्रदेश आदि प्रदेशों में उदयकालीन अष्टमी के दिन ही कृष्ण जन्मोत्सव मनाते आ रहे हैं।

भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा की परम्परा को आधार मानकर मनाई जाने वाली जन्माष्टमी के दिन ही केन्द्रीय सरकार अवकाश की घोषणा करती है। वैष्णव संप्रदाय के अधिकांश लोग उदयकालिक नवमी युता जन्माष्टमी व्रत के लिए ग्रहण करते हैं।

कैसे करें जन्माष्टमी व्रत

व्रत अष्टमी तिथि से शुरू होता है। इस दिन सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद घर के मंदिर को साफ सुथरा करें और जन्माष्टमी की तैयारी शुरू करें।

रोज की तरह पूजा करने के बाद बाल कृष्ण लड्डू गोपाल जी की मूर्ति मंदिर में रखें और इसे अच्छे से सजाएं। माता देवकी, वासुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा जी का चित्र भी लगा सकते हैं।

इसके बाद, जप-ध्यान व व्रतानुष्ठान करके ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जाप करें। पूरा दिन व्रत रखें। फलाहार कर सकते हैं। इसके साथ ही यथा संभव भगवान का भजन-कीर्तन, स्वाध्यान, पाठ व भगवान से संबन्धित प्रसंगों का अध्ययन व सेवन करें।

मन और वाणी को संयम में रखें। काम, क्रोध, लोभ, द्वेष, हिंसा, क्लेश, दुर्वचन, ठेस लगाना आदि अप्रिय कार्यों और मांस-मदिरा आदि दुर्व्यसनों से दूर रहने का अभ्यास करना ही उपवास है। इसके लिए ध्यान करें। उपवास केवल अन्न से सिद्ध नहीं होता बल्कि यह क्रिया-कलापों और आचरण से भी परिलक्षित होना अनिवार्य है।

जन्माष्टमी पर मंत्र साधना

भगवान कृष्ण की आराधना के लिए आप यह मंत्र पढ़ सकते हैं

ज्योत्स्नापते नमस्तुभ्यं नमस्त ज्योतिशां पते!
नमस्ते रोहिणी कान्त अध्य मे प्रतिगृह्यताम्!!

संतान प्राप्ति के लिए: संतान की इच्छा रखने वाले दंपति, संतान गोपाल मंत्र का जाप पति-पत्नी दोनों मिलकर करें।

देवकीसुत गोविंद वासदेव जगत्पते!
देहिमे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:!! दूसरा मंत्र:
क्लीं ग्लौं श्यामल अंगाय नमः!!

विवाह में हो रहे विलम्ब के लिए:

ओम् क्ली कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।

इन मंत्रों की एक माला अर्थात 108 मंत्र कर सकते हैं।

जन्माष्टमी व्रत यानि व्रतराज

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूजन के साथ-साथ व्रत रखना बहुत फलदायी माना जाता है। इसे व्रत व्रतराज भी कहा जाता है। इस व्रत का विधि-विधान से पालन करने से कई गुना पुण्य की प्राप्ति होती है। यह व्रत सबसे आसान व्रत कहा जा सकता है जिसमें फलाहार, उबले आलू, साबुदाना आदि का सेवन किया जा सकता है।

रात्रि बारह बजे तक व्रत का पालन

जन्माष्टमी का व्रत रात बारह बजे तक किया जाता है। इस व्रत को करने वाले रात बारह बजे तक कृष्ण जन्म का इंतजार करते हैं। उसके पश्चात् पूजा आरती होती है और फिर प्रसाद मिलता है। प्रसाद के रूप में धनिया और माखन मिश्री दिया जाता है क्योंकि ये दोनों ही वस्तुएं श्री कृष्ण को अत्यंत प्रिय हैं। उसके पश्चात् प्रसाद ग्रहण करके व्रत पारण किया जा सकता है। हालांकि सभी के यहां परम्पराएं अलग-अलग होती हैं। कोई प्रात:काल सूर्योदय के बाद व्रत पारण करते हैं तो कोई रात में प्रसाद खाकर व्रत खोल लेते हैं। आप अपने परिवार की परम्परा के अनुसार ही व्रत पारण करें।।

दिन भर अन्न ग्रहण नहीं करें। मध्य रात्रि को एक बार फिर पूजा की तैयारी शुरू करें। रात को 12 बजे भगवान के जन्म के बाद भगवान की पूजा करें और भजन करें। गंगा जल से श्री कृष्ण को स्नान कराएं और उन्हें सुंदर वस्त्र और आभूषण पहनाएं। भगवान को झूला झुलाएं और फिर भजन, गीत-संगीत के बाद प्रसाद का वितरण करें।

ऊष्माघात यानि लू क्या है और इससे कैसे बचें?

आम तौर पर अधिक गर्म हवाओं को लू कहा जाता है. गर्मियों में यह मैदानी क्षेत्रों में आम हैं. दिल्ली से आंध्रप्रदेश तक सैकड़ों लोग लू लगने से मर रहे हैं। हम सभी धूप में घूमते हैं, फिर कुछ लोगों की ही धूप में जाने के कारण अचानक मृत्यु क्यों हो जाती है? लू हमें कैसे प्रभावित करती है?

हमारे शरीर का तापमान हमेशा 37° डिग्री सेल्सियस होता है, इस तापमान पर ही हमारे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम कर पाते है। पसीने के रूप में पानी बाहर निकालकर शरीर 37° सेल्सियस टेम्प्रेचर मेंटेन रखता है, लगातार पसीना निकलते वक्त भी पानी पीते रहना अत्यंत ज़रुरी और आवश्यक है।

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पानी शरीर में इसके अलावा भी बहुत कार्य करता है, जिससे शरीर में पानी की कमी होने पर शरीर पसीने के रूप में पानी बाहर निकालना बंद कर देता है। जब बाहर का टेम्प्रेचर 45° डिग्री के पार हो जाता है और शरीर की कूलिंग व्यवस्था ठप्प हो जाती है, तब शरीर का तापमान 37° डिग्री से ऊपर पहुँचने लगता है।

शरीर का तापमान जब 42° सेल्सियस तक पहुँच जाता है तब रक्त गरम होने लगता है और रक्त मे उपस्थित प्रोटीन  पकने लगता है, ठीक उसी तरह से जैसे उबलते पानी में अंडा पकता है. स्नायु कड़क होने लगते है, इस दौरान सांस लेने के लिए ज़रुरी स्नायु भी काम करना बंद कर देते हैं।

शरीर का पानी कम हो जाने से रक्त गाढ़ा होने लगता है, ब्लडप्रेशर low हो जाता है, महत्वपूर्ण अंग, विशेषतः ब्रेन तक ब्लड सप्लाई रुक जाती है। व्यक्ति कोमा में चला जाता है और उसके शरीर के एक- एक अंग कुछ ही क्षणों में काम करना बंद कर देते हैं, और अंतत उसकी मृत्यु हो जाती है।

लू से बचने के लिए क्या करें

गर्मी के दिनों में ऐसे अनर्थ को टालने के लिए लगातार थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहना चाहिए. हमारे शरीर का तापमान 37° के आसपास मेन्टेन किस तरह रह पायेगा इस ओर ध्यान देना चाहिए।

दोपहर के समय, खासकर दोपहर 12 से 3 के बीच ज़्यादा से ज़्यादा घर, कमरे या ऑफिस के अंदर रहने का प्रयास करें।स्वयं को और अपने जानने वालों को पानी की कमी से ग्रसित न होने दें। किसी भी अवस्था मे कम से कम 3 लीटर से 6 लीटर पानी ज़रूर पीएं। किडनी की बीमारी वाले प्रति दिन कम से कम 6 से 8 ली. पानी ज़रूर पीएं।

ब्लड प्रेशर पर नज़र रखें। हीट स्ट्रोक किसी को भी हो सकता है। ठंडे पानी से नहाएं। चिकन का प्रयोग छोड़ें या कम से कम करें। फल और सब्ज़ियों को भोज़न में ज़्यादा स्थान दें। हीट वेव कोई मज़ाक नहीं है।

एक बिना प्रयोग की हुई मोमबत्ती को कमरे से बाहर या खुले मे रखें, यदि मोमबत्ती पिघल जाती है, तो ये गंभीर स्थिति है। शयन कक्ष और अन्य कमरों में 2 आधे पानी से भरे ऊपर से खुले पात्रों को रख कर कमरे की नमी बरकरार रखी जा सकती है। अपने होठों और आँखों को नम रखने का प्रयत्न करें।

पढ़ें:  गर्मीयों में क्या करें और क्या ना करें?

 

26 जनवरी का इतिहास

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26 जनवरी का इतिहास:-

  • 1556 – मुग़ल सम्राट हुमायूँ की मृत्यु।
  • 1823 – प्रसिद्ध कायचिकित्सक एडवर्ड जेनर का निधन।
  • 1923 – प्रसिद्ध कवि देवनाथ पाण्डेय ‘रसाल’ का जन्म।
  • 1930 – ब्रिटिश शासन के अंतर्गत भारत में पहली बार स्वराज दिवस मनाया गया।
  • 1931 – सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान ब्रिटिश सरकार से बातचीत के लिए महात्मा गांधी रिहा किए गए।
  • 1950 – भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित हुआ और भारत का संविधान लागू हुआ।
  • 1950 – स्वतंत्र भारत के पहले और अंतिम गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने अपने पद से त्यागपत्र दिया और डा. राजेंद्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति बने।
  • 1950 – उत्तर प्रदेश के सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ के शेरों को राष्ट्रीय प्रतीक की मान्यता मिली।
  • 1950 – वर्ष 1937 में गठित भारतीय संघीय न्यायालय (फैडेरल कोर्ट ऑफ इंडिया) का नाम सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया) कर दिया गया।
  • 1963 – मोर के अद्भुत सौंदर्य के कारण भारत सरकार ने 26 जनवरी को इसे राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया।
  • 1972 – युद्ध में शहीद सैनिकों की याद में दिल्ली के इंडिया गेट पर अमर जवान राष्ट्रीय स्मारककी स्थापना की गयी।
  • 1981 – पूर्वोत्तर भारत में हवाई यातायात सुगम बनाने को ध्यान में रखते हुए हवाई सेवा वायुदूत प्रारम्भ हुई।
  • 1994 – रावलपिंडी (पाकिस्तान) में प्रथम महिला पुलिस थाने का उद्घाटन।
  • 2002 – भारत के 53वें गणतंत्र दिवस पर अग्नि-2 मिसाइल आकर्षण का केंद्र रही।
  • 2004 – ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने माइक्रोसाफ़्ट अध्यक्ष बिल गेट्स को नाइट की उपाधि प्रदान करने की घोषणा की।
  • 2005 – गणतंत्र दिवस के मौक़े पर मणिपुर असम में बम फटे पर कोई हताहत नहीं हुआ।
  • 2005 – प्रख्यात इतिहासकार विलियम दाएकिन का निधन।
  • 2008 – 59वें गणतन्त्र दिवस के अवसर पर देश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने परेड की सलामी ली।
  • 2010 – भारत ने मीरपुर में बांग्लादेश से दूसरा टेस्ट 10 विकेट से जीतते हुए सीरीज़ पर 2-0 से कब्ज़ा कर लिया।
  • 2010 – भारत की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने पद्म पुरस्कार पाने वाले 130 व्यक्तियों के नामों की घोषणा की। इनमें रंगमंच जगत् की किंवदंति इब्राहिमअलक़ाज़ी और जोहरा सहगल, मशहूर अदाकार रेखा और आमिर ख़ान, ऑस्कर विजेता आर रहमान और रसूल पोकुटटी, फार्मूला़ रेसर नारायण कार्तिकेयन, क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग, बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल और क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के गुरु रमाकांत आचरेकर शामिल हैं।
  • 2012 – पंजाबी, हिंदी और उर्दू भाषाओं में लिखने वाले प्रसिद्ध साहित्यकारक करतार सिंह दुग्गल का निधन।
  • 2015 – मशहूर कार्टूनिस्ट आर. के. लक्ष्मण का निधन।

History of 26 January 

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गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के बारे में रोचक तथ्य

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भारतीय गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। 26 जनवरी 1950 का दिन वह दिन था जब भारत ने अपना संविधान प्राप्त किया और एक सम्पूर्ण लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया। 26 जनवरी इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दिन पूर्ण स्वराज (स्वतंत्रता की घोषणा) की वर्षगांठ भी है। जिसे 26 जनवरी 1930 को में आधिकारिक रूप से पूर्ण स्वराज का लक्ष्य घोषित किया गया थाl

क्या है गणतंत्र का अर्थ

गणतंत्र संस्कृत के दो शब्दों से बना है। गण का मतलब जन अर्थात मैं और आप, यानी कोई भी आम व्यक्ति। तंत्र का अर्थ है सिस्टम या प्रणाली या व्यवस्था। गणतंत्र एक ऐसी प्रणाली है जिसमें राज्य की शक्ति इसमें रहने वाले लोगों या राज्य की सामान्य आबादी में निहित होती है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार , लोकतंत्र “एक ऐसा वातावरण प्रदान करता है जो मानव अधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान करता है, और जिसमें लोगों की स्वतंत्र रूप से व्यक्त इच्छा को महत्व दिया जाता है।”

क्या है हम भारतवासियों के लिए 26 जनवरी का महत्व

15 अगस्त 1947 को भारत ने स्वतंत्रता हासिल तो कर ली लेकिन देश का शासन अभी भी अंग्रेजों के बनाये कायदे-क़ानून के अनुसार चल रहा था। अंग्रेजों के बनाये अधिकतर नियम और क़ानून बलपूर्वक थोपे जाते थे जिनके रहते पूर्ण स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं था। ये नियम-क़ानून बनाने वालों और जिनपे ये लागू होते थे उन पर अलग-अलग प्रभाव रखते थे। अर्थात पक्षपाती थे। भारत को एक ऐसे संविधान की दरकार थी जो शासन और शासित दोनों के लिए सामान रूप से प्रभाव रखते हों।

संविधान का निर्माण

एक पक्षपात रहित व्यवस्था के लिए यह आवश्यक था कि नियम-क़ानून लिखित में हों ताकि ज़रूरत पड़ने पर उनका हवाला दिया जा सके। इसके लिए संविधान के निर्माण की आवश्यकता थी। सम + विधान अर्थात सभी के लिए समान व्यवस्था या समान नियम क़ानून। संविधान के निर्माण की ज़िम्मेवारी डॉ भीवराव आंबेडकर को सौंपी गयी जिन्होंने 2 साल 11 महीनों में संविधान का पहला ड्राफ़्ट तैयार किया।

26 जनवरी के बारे में रोचक तथ्य

  1. गणतंत्र दिवस स्वतंत्रता मिलने के तीन साल बाद यानी जनवरी 26, 1950 को मनाया गया था। वास्तव में, भारतीय संविधान का प्रारूप तैयार करने में 2 साल 11 महीने का समय लगा था।
  2. डॉ भीवराव आंबेडकर लगभग वन मैन आर्मी बन का संविधान का पहला ड्राफ़्ट तैयार कर दिया। इस भगीरथी कार्य के लिए उन्हें संविधान निर्माता की प्रतिष्ठित उपाधि प्राप्त है।
  3. दरअसल, संविधान सभा की प्रारूप समिति में जिन सात लोगों को रखा गया उनमें से एक सदस्य बीमार हो गए, दो दिल्ली के बाहर थे, एक विदेश में थे, एक ने बीच में इस्तीफा दे दिया वहीं एक सदस्य ने जॉइन नहीं किया। इस तरह से सात सदस्यों वाली कमेटी में केवल आंबेडकर के कंधों पर संविधान का ड्राफ्ट बनाने की सारी जिम्मेदारी आ गई।
  4. भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी, 1950 को पहली बार राष्ट्रपति पद की शपथ सरकारी आवास पर ली।
  5. गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान, एक ईसाई गीत “एबाइड विद मी” बजाया जाता है जोकि महात्मा गांधी के पसंदीदा गीतों में से एक माना जाता है।
  6. भारत के बारे में एक मजेदार तथ्य यह है कि इसमें दुनिया का सबसे लंबा संविधान होने का रिकॉर्ड है, जिसमें कुल मिलाकर 448 लेख हैं।
  7. इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो गणतंत्र दिवस समारोह में पहले मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
  8. गणतंत्र दिवस के महत्व का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि यह 29 जनवरी को एक बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के साथ मनाए जाने वाले उत्सवों के साथ एक तीन दिवसीय लंबा संबंध है।
  9. 26 जनवरी, 1965 को हिंदी को भारत की राष्ट्रीय भाषा घोषित किया गया।
  10. 26 जनवरी 1930 को, भारत ने पूर्ण स्वराज या पूर्ण स्वराज की लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया था और इसीलिए, हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने इस तिथि को महत्व देना चाहा। नतीजा यह निकला कि 26 जनवरी, 1950 को भारत को एक संप्रभु राज्य बनने के लिए चुना गया था
  11. हमारे संविधान में अन्य देशों के संविधान के सर्वोत्तम पहलू हैं। स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को फ्रांसीसी संविधान से अपनाया गया था, जबकि पंचवर्षीय योजना यूएसएसआर संविधान से आई थी।
  12. पहला गणतंत्र दिवस परेड मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आयोजित किया गया था और इसमें 15,000 नागरिकों ने भाग लिया था।
  13. भारतीय संविधान के बारे में एक दिलचस्प तथ्य यह है कि यह दो भाषाओं में लिखा जाता है- हिंदी और अंग्रेजी। 24 जनवरी 1950 को इस पर 308 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए और दो दिन बाद प्रभावी हो गए।
  14. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या को भारत रत्न, कीर्ति चक्र, पद्म पुरस्कार जैसे अधिकांश राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा के लिए चुना जाता है।
  15. भारतीय गणतंत्र दिवस लागू होने के बाद, भारत ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत सरकार अधिनियम, 1935 का पालन किया।
  16. प्रथम गणतंत्र दिवस 1950 को सुबह 10:30 बजे, हमारे पहले राष्ट्रपति को बधाई देने के लिए 31 तोपों की सलामी ली गई।
  17. गणतंत्र दिवस पर, भारतीय वायु सेना अस्तित्व में आई। इससे पहले, भारतीय वायु सेना एक नियंत्रित निकाय थी लेकिन गणतंत्र दिवस के बाद, भारतीय वायु सेना एक स्वतंत्र निकाय बन गई।

26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर विशेष, “झण्डा ऊँचा रहे हमारा” कविता, वीडियो सहित

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गणतंत्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है. यह प्रतिवर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। 26 जनवरी भारत सरकार अधिनियम (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। झण्डा ऊँचा रहे हमारा, यह भारत का मुख्य राष्ट्रवादी नारा है।

एक स्वतंत्र राज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया. 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था। 26 जनवरी के दिन को इसलिए भी चुना गया क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत का पूर्ण स्वराज घोषित किया था।

नीचे पढ़ें, झण्डा ऊँचा रहे हमारा कविता:

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
सदा शक्ति बरसाने वाला,
प्रेम सुधा सरसाने वाला
वीरों को हरषाने वाला
मातृभूमि का तन-मन सारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।

स्वतंत्रता के भीषण रण में,
लखकर जोश बढ़े क्षण-क्षण में,
काँपे शत्रु देखकर मन में,
मिट जावे भय संकट सारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।

इस झंडे के नीचे निर्भय,
हो स्वराज जनता का निश्चय,
बोलो भारत माता की जय,
स्वतंत्रता ही ध्येय हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।

आओ प्यारे वीरों आओ,
देश-जाति पर बलि-बलि जाओ,
एक साथ सब मिलकर गाओ,
प्यारा भारत देश हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।

इसकी शान न जाने पावे,
चाहे जान भले ही जावे,
विश्व-विजय करके दिखलावे,
तब होवे प्रण-पूर्ण हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।

  • श्यामलाल गुप्त प्रसाद

देखें 26 जनवरी पर झण्डा ऊँचा रहे हमारा की वीडियो:

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25 जनवरी को मनाया जाता है राष्ट्रीय मतदाता दिवस? जाने महत्व और इस वर्ष की थीम

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हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस का उद्देश्य नागरिकों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के प्रति जागरूक करना है।

जागरूक करने के अलावा राष्ट्रीय मतदाता दिवस के जरिए देश के नागरिकों को निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है। देश में आज भी ऐसे कई लोग हैं जिनका वोटर आईडी कार्ड नहीं बना है।

ऐसे में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाकर नए मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल किया जाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर भारत का निर्वाचन आयोग कई कार्यक्रमों का आयोजन करता है।

यह दिन भारत के चुनाव आयोग की स्थापना, यानी 25 जनवरी 1950 को चिह्नित करने के लिए 2011 से पूरे देश में मनाया जाता है।

इसे हर साल एक खास थीम के साथ मनाया जाता है। यह न केवल युवाओं को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है बल्कि मूल अधिकार के रूप में वोट देने के अधिकार पर भी ध्यान केंद्रित करता है।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का इतिहास

25 जनवरी भारतीय चुनाव आयोग (ECI) का स्थापना दिवस है जो 1950 में अस्तित्व में आया था। युवा मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यह दिन पहली बार 2011 में मनाया गया था।

इसमें कोई शक नहीं कि यह मतदान के अधिकार और भारत के लोकतंत्र का जश्न मनाने का दिन है। चुनाव आयोग का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं, विशेषकर योग्य मतदाताओं का नामांकन बढ़ाना है।

पहले मतदाता की पात्रता आयु 21 वर्ष थी लेकिन 1988 में इसे घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया। 1998 के 61वें संशोधन विधेयक ने भारत में मतदाता की पात्रता आयु कम कर दी थी।

महत्व

भारत एक लोकतांत्रिक देश है। प्रत्येक नागरिक को वोट देने का मूल अधिकार है। उन्हें अपने नेता को चुनने का अधिकार है जिसे वे सोचते हैं कि वह देश का नेतृत्व करने, आम लोगों की समस्याओं को हल करने, परिवर्तन लाने आदि में सक्षम है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस भारत की एक महत्वपूर्ण जड़ है क्योंकि इसमें देश का भविष्य निहित है। उस नेता में जिसे हम चुनते हैं।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2024 थीम

वर्ष 2024 एनवीडी की थीम, ‘नथिंग लाइक वोटिंग, आई वोट फॉर श्योर’ मतदाताओं को समर्पित है और अपने वोट की शक्ति के माध्यम से चुनावी प्रक्रिया में भागीदारी के प्रति व्यक्तियों की भावनाओं और आकांक्षाओं को व्यक्त करती है।

 

25 जनवरी का इतिहास

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25 जनवरी का इतिहास

  • 1565 – तालिकोटा की लड़ाई में विजयनगर साम्राज्य नष्ट हुआ।
  • 1579 – डच गणराज्य की स्थापना हुई।
  • 1824 – बंगला भाषा के प्रसिद्ध कवि माइकल मधुसूदन दत्त का जन्म।
  • 1831 – पोलैंड की संसद ने स्वतंत्रता की घोषणा की।
  • 1874 – ब्रिटिश साहित्यकार समरसेट मॉम का जन्म हुआ।
  • 1918 – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष विलियम वेडरबर्न का निधन।
  • 1930 – भारत के प्रसिद्ध साहित्यकार, पत्रकार और कादम्बिनी पत्रिका के सम्पादक राजेन्द्र अवस्थी का जन्म।
  • 1953 – भारतीय व्यापारी, उद्योगपति, अर्थशास्त्री और सार्वजनिक नेता नलिनी रंजन सरकार का निधन।
  • 1969 – भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारियों में से एक अनंता सिंह का निधन।
  • 1971 – हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य घोषित किया गया।
  • 1980 ‌- मदर टेरेसा को भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
  • 1983 – आचार्य विनोबा भावे को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा।
  • 2001 – भारतीय जनता पार्टी की प्रसिद्ध नेता विजयाराजे सिंधिया का निधन।
  • 2002 – अर्जुन सिंह भारतीय वायु सेना के पहले एयर मार्शल बने।
  • 2003 – चीन के लोकतंत्र समर्थक नेता फेंग जू को देश निकाला दिया गया।
  • 2004 – अंतरिक्ष यान ऑपर्च्युनिटी मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक उतरा।
  • 2008 – सरकार ने 13 लोगों को वर्ष 2008 के प्रतिष्ठित नागरिक अलंकरण पद्म विभूषण से सम्मानित करने की घोषणा की।
  • 2015 – मिस कोलंबिया पोलिना वेगा वर्ष 2014 की मिस यूनिवर्स बनीं।

24 जनवरी का इतिहास

24 जनवरी का इतिहास

  • 1826 – प्रथम भारतीय बैरिस्टर ज्ञानेन्द्र मोहन टैगोर का जन्म।
  • 1857 – कलकत्ता विश्वविद्यालय की स्थापना।
  • 1914 – आज़ाद हिन्द फ़ौज के अधिकारी शाहनवाज़ ख़ान का जन्म।
  • 1924 – स्वतंत्रता सेनानी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर का जन्म।
  • 1943 – हिन्दी फ़िल्मों के निर्माता-निर्देशक सुभाष घई का जन्म।
  • 1950 – जन गण मन को राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया गया।
  • 1950 – डॉ. राजेंद्र प्रसाद स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने।
  • 1951 – प्रेम माथुर भारत की पहली महिला कमर्शियल पायलट बनीं।
  • 1952 – मुंबई में पहला अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव आयोजित किया गया।
  • 1958 – प्रसिद्ध साहित्यकार चन्द्रबली पाण्डेय का निधन।
  • 1965 – ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री सर विंस्टन चर्चिल का निधन।
  • 1966 – एयर इंडिया का बोइंग आल्पस में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिसमें डॉ. होमी भाभा सहित 114 लोग मारे गए। प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक और देश के परमाणु कार्य्रकम के जनक होमी जहांगीर भाभा का निधन हुआ।
  • 2002 – भारतीय उपग्रह इनसेट-3सी सफलतापूर्वक अपनी कक्षा में स्थापित।
  • 2003 – भारत और फ्रांस के बीच प्रत्यर्पण संधि।
  • 2007 – रूस और भारत के बीच एटमी रिएक्टर बनाने हेतु समझौता हुआ।
  • 2010 – वर्ष 2008 के लिए 56वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों की घोषणा की गई। फ़िल्म अंतहीन को सर्वश्रेष्ठ फीचर फ़िल्म, मराठी अभिनेता उपेंद्र लिमये को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री चुना गया। श्रीबाला को तमिल फ़िल्म नान कादाउद के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार के लिए चुना गया। फरहान अख्तर की फ़िल्म रॉक ऑन को सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फ़िल्म के राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।
  • 2011 – भारत रत्न सम्मानित शास्त्रीय गायक भीमसेन जोशी का निधन।

23 जनवरी का इतिहास

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23 जनवरी का इतिहास:-

  • 1556 – चीन के शेनसी प्रांत में आये विनाशकारी भूकंप में हजारों लोग मारे गए।
  • 1570 – स्कॉटलैंड के रीजेट मोरे के अर्ल की हत्या हुई।
  • 1668 – इंग्लैंड और हॉलैंड ने आपसी सहयोग समझौता किया।
  • 1799 – फ्रांसीसी सैनिकों ने नेपल्स इटली पर कब्जा किया।
  • 1809 – भारतीय स्वतंत्रता सेनानी वीर सुरेन्द्र साई का जन्म।
  • 1814 – ब्रिटिश पुरातत्वशास्त्री कनिंघम का जन्म, जिसे “भारत के पुरातत्त्व अन्वेषण का पिता” कहा जाता है।
  • 1849 – एलिजाबेथ ब्लैकवेल मेडिकल डिग्री हासिल करने वाली पहली अमेरिकी महिला बनीं।
  • 1897 – नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म कटक में हुआ था।
  • 1924 – सऊदी अरब के राजा शाह अब्दुल्ला का निधन।
  • 1926 – भारतीय राजनेता और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का जन्म।
  • 1930 – पश्चिम भारतीय लेखक और नोबेल पुरस्कार विजेता डेरेक वॉलकोट का जन्म।
  • 1963 – भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारी नरेन्द्र मोहन सेन का निधन।
  • 1966 – इंदिरा गांधी भारत की तीसरी प्रधानमंत्री बनीं।
  • 1973 – अमेरिका और वियतनाम के बीच शांति समझौते की घोषणा हुई।
  • 1977 – जनता पार्टी का गठन हुआ।
  • 2004 – मध्य प्रदेश में गोवंश वध पर पूर्णतया प्रतिबंध लागू।
  • 2005 – उत्तर प्रदेश के फिरोज़ाबाद में सेना के जवानों ने फरक्का एक्सप्रेक्स से 6 लोगों को बाहर फेंक दिया। 5 लोग मरे और एक घायल हुआ।
  • 2006 – भारत ने पाक को सर्वाधिक वरीयता प्राप्त राष्ट्र का दर्जा देने की सिफारिश को मंजूर कर लिया।
  • 2007 – भारत और रूस के बीच मध्यम आकार के बहुउद्देश्सीय परिवहन विमान के उत्पादन हेतु एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर हुए।
  • 2009 – फ़िल्मी और टेलीविज़न कार्यक्रमों में धूम्रपान दृश्यों पर लगा प्रतिबंध समाप्त हो गया।

HISTORY OF 23 JANUARY 

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22 जनवरी का इतिहास

22 जनवरी का इतिहास:-

  • 1517 – तुर्की ने काहिरा पर कब्जा किया।
  • 1666 – मुगल बादशाह शाहजहां का निधन हुआ था।
  • 1760 – हुए वांदीवाश के युद्ध में अंग्रेजों ने फ्रांसिसियों को हराया।
  • 1837 – दक्षिणी सीरिया में भूकंप से हजारों लोग मरे।
  • 1892 – भारत की आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाले क्रांतिकारियों में से एक ठाकुर रोशन सिंह का जन्म।
  • 1901 – इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया का निधन हुआ था।
  • 1905 – रूस के सेंट पीट्सबर्ग में मजदूरों पर गोलियां चलाई गयी, जिसमें 500 से ज्यादा लोग मरे।
  • 1909 – बर्मा के राजनयिक तथा संयुक्त राष्ट्र के तीसरे महासचिव यू. थांट का जन्म।
  • 1963 – देहरादून में दृष्टिहीनों के लिए राष्ट्रीय पुस्तकालय की स्थापना हुई।
  • 1965 – पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में इस्पात कारखाना शुरू हुआ।
  • 1970 – बोइंग 747 का न्यूयॉर्क और लंदन के बीच पहली व्यावसायिक उड़ान शुरु हुई।
  • 1972 – भारतीय अभिनेत्री नम्रता शिरोडकर का जन्म।
  • 1973 – अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात को कानूनी मान्यता दे दी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि महिलाएं गर्भवती होने के पहले 6 महीने के भीतर गर्भपात करवा सकती हैं।
  • 1976 – कर्नाटक संगीत शैली के प्रसिद्ध गायक तथा मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त व्यक्ति टी. एम. कृष्णा का जन्म।
  • 1993 – इंडियन एयरलाइंस का विमान औरंगाबाद में दुर्घटनाग्रस्त, 61 यात्रियों की मौत।
  • 1996 – कैलीफ़ोर्निया विश्वविद्यालय की वेधशाला के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से लगभग 3,50,000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर दो नए ग्रहों की खोज की।
  • 2008 – राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी को आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान भावी प्रधानमंत्री के रूप में पेश करने के प्रस्ताव का समर्थन किया।
  • 2014 – भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध तेलुगु फिल्म अभिनेता और फिल्म निर्माता ए. नागेश्वर राव का निधन।

21 जनवरी का इतिहास

21 जनवरी का इतिहास

  • 1720 – स्टॉकहोम संधि पर पर्सिया और स्वीडन ने हस्ताक्षर किए।
  • 1789 – विलियम हिल ब्राउन की पुस्तक ‘द पॉवर ऑफ सिम्पथी’ बोस्टन में छपी थी।
  • 1840 – अंग्रेजी वर्णाक्षर टेलीग्राफ का पेटेंट विलियम कूक और चार्ल्स व्हीलस्टोन को दिया गया था।
  • 1853लिफाफे मोड़ने वाली मशीन का पेटेंट रसेल हावेस ने करवाया था।
  • 1865 – में आज ही के दिन पहली बार एक तेल के कुएँ को तारपीडो से ड्रिल किया गया था।
  • 1922 – ‘क्वीज शो, ‘ ए मैन ऑफ और ऑल सीजन जैसी फिल्मों में अभिनय करने वाले हॉलीवुड अभिनेता पॉल स्कोफील्ड का जन्म।
  • 1924 – ब्रिटेन में पहली बार लेबर पार्टी की सरकार बनी, रैक्जे मैक्डोनाल्ड बने प्रधानमंत्री।
  • 1943 – उड़िया भाषा की प्रसिद्ध लेखिका प्रतिभा राय का जन्म।
  • 1945 – प्रख्यात वकील और शिक्षाविद रास बिहारी बोस का निधन।
  • 1950 – अंग्रेजी के मशहूर लेखक जॉर्ज ऑरवेल का निधन।
  • 1950 – पश्चिम भारतीय संगीतकार बिली ओशन का जन्म आज ही के दिन हुआ।
  • 1958 – कॉपीराइट अधिनियम लागू किया गया।
  • 1959 – भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक तथा अनुसंधानकर्ता ज्ञान चंद्र घोष का निधन।
  • 1963 – हिन्दी साहित्य के एक उपन्यासकार, कहानीकार, सम्पादक और पत्रकार शिवपूजन सहाय का निधन।
  • 1972 – मणिपुर मेघालय और त्रिपुरा राज्य का स्थापना दिवस।
  • 1981 – तेहरान में अमेरिकी दूतावास में बंधक बनाए गए सभी लोगों को छुड़ाया गया।
  • 1981 – भारतीय राजनीतिज्ञ, स्वतंत्रता सेनानी और असम के दूसरे मुख्यमंत्री विष्णु राम मेधी का निधन।
  • 1996 – इंडोनेशिया के सुमात्रा तट के पास यात्रियों से भरी नाव डूबने से लगभग 340 लोगों की मौत।
  • 2007 – भारत ने वेस्टइंडीज से वनडे क्रिकेट श्रृंखला जीती।
  • 2008 – भारत ने इस्त्रायल का एक जासूसी सैटेलाइट का प्रक्षेपण कर उसे सफलतापूर्वक पोलर आर्बिट में स्थापित किया।
  • 2009 – कर्नाटक के बीदर में वायुसेना का एक प्रशिक्षण विमान सूर्यकिरण दुर्घटनाग्रस्त हुआ।
  • 2016 – भारत की प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना मृणालिनी साराभाई का निधन।

20 जनवरी का इतिहास

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20 जनवरी का इतिहास:-

  • 1892 – पहली बार बास्केटबॉल खेला गया।
  • 1915 – पाकिस्तान के राष्ट्रपति गुलाम इश्क़ ख़ान का जन्म।
  • 1920 – इतालवी फ़िल्म निर्देशक फेडरिको फेलिनी का जन्म।
  • 1926 – भारतीय और पाकिस्तानी उपन्यासकार क़ुर्रतुलऐन हैदर का जन्म।
  • 1930 – आज के दिन चांद पर बज एल्ड्रिन ने कदम रखा था। वे चांद पर जाने वाले दूसरे इंसान थे।
  • 1940 – भारतीय अभिनेता और राजनेता कृष्णम राजू का जन्म।
  • 1945 – सर्जिकल स्‍ट्राइक के मास्‍टर माइंड माने जाने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का जन्म।
  • 1948 – प्रसिद्ध नाटककार एवं रंगमंच निर्देशक रतन थियम का जन्म।
  • 1951 – अपनी सेवा‌ कार्यों के लिये प्रसिद्ध भारतीय ठक्कर बाप्पा का निधन।
  • 1955 – भारत के प्रसिद्ध शिक्षाविद, राजनेता, समाज सुधारक, न्यायविद और लेखक हरविलास शारदा का निधन।
  • 1957 – भारत की पहली परमाणु भट्टी अप्सरा का उद्घाटन हुआ।
  • 1958 – अंटार्कटिक को पार करने के मिशन के साथ में आज ही के दिन खोजी दल साउथ पोल पर मिला था। यह अंटार्कटिक को सतह से पार करने का पहला प्रयास था।
  • 1959 – स्वतंत्रता सेनानी तेज बहादुर सप्रू का निधन।
  • 1988 – भारत रत्न सम्मानित महान् स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल गफ़्फ़ार ख़ान का निधन।
  • 1993 – परमवीर चक्र सम्मानित भूतपूर्व भारतीय सैनिक  लांस नायक करम सिंह का निधन।
  • 2002 – क्यूबा स्थित अमरीकी सैनिक अड्डे ग्वांतानामो बे की जेल में बंद कैदियों की तस्वीरें पहली बार सार्वजनिक हुई थीं और उनको लेकर काफ़ी विवाद हुआ था।
  • 2005 – ग्‍लैमरस भूमिकाओं के दम पर अभिनेत्रिओं की छवि बदलने वाली परवीन बॉबी का निधन।
  • 2006 – नासा ने प्लूटो के बारे में और जानकारी के लिए न्यूहोराइजन यान को प्रक्षेपित किया।
  • 2008 – बॉलीवुड अभिनेता देवानंद को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड़‘ प्रदान किया गया।
  • 2010 – भारत में मोबाइल पोर्टेबिलिटी सेवाओं की शुरुआत हुई।
  • 2018 – भारत ने लगातार दूसरी बार नेत्रहीन क्रिकेट विश्व कप जीता।

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