सपने प्रत्येक व्यक्ति को आते हैं। वास्तव में यह नींद के दौरान मस्तिष्क में होने वाली क्रियाओं का परिणाम है। कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें सपने नहीं दिखाई देते, वहीं कुछ दूसरे लोगों का कहना है कि उन्हें बहुत सपने दिखाई देते हैं।
वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार नींद में हर व्यक्ति को हर रोज दो-तीन बार सपने आते हैं। सपनों के दृश्य कुछ लोगों को याद रहते हैं, तो कुछ लोग भूल जाते हैं।
सपनों के विषय में अलग अलग धारणाएं है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सोते समय व्यक्ति की जो मानसिक स्थिति होती है, उसी से संबंधित सपने उसे दिखाई देते हैं।
उदाहरण के लिए यदि व्यक्ति सोते समय भूखा या प्यासा है, तो उसे भोजन और पानी के विषय में सपने दिखाई देंगे।
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वहीं कुछ दूसरे विशेषज्ञों के अनुसार जो इच्छाएँ हमारे जीवन में पूरी नहीं हो पाती हैं, वे सपनों में पूरी हो जाती हैं। सपनों के द्वारा मानसिक तनाव भी कम होता है।
हम सोने के दौरान रैपिड आई मूवमेंट से गुजरते हैं
वैज्ञानिकों ने सपनों को लेकर रिसर्च और स्टडी की है उनके अनुसार सोने के दौरान हम कई बार रैपिड आई मूवमेंट (REM) से गुजरते हैं और इसी दौरान हमें सपने दिखाई देते हैं। यह मूवमेंट सोने के 10 मिनट बाद ही शुरू हो जाता है।
दरअसल, सोते वक्त REM के दौरान हमारा दिमाग पूरी तरह से शांत नहीं होता और एक्टिव मोड में रहता है। इस समय दिमाग में कुछ न कुछ चीजें चल रही होती हैं और यही वजह है कि हमें सपने दिखाई देते हैं।
रात में सोने के बाद हर डेढ़ घंटे के अंतराल में हम REM में होते हैं। REM की ये अवधि करीब 20 से 25 मिनट तक रहती है और इसी दौरान हम तरह-तरह के सपने देखते हैं।
आर.ई.एम. नींद की सबसे लंबी अवधि सुबह के समय होती है। यदि आप इस चरण के दौरान जागते हैं तो आपके लिए यह याद रखना आसान हो जाता है कि आप कौन-सा सपना देख रहे थे।
क्यों याद नहीं रहते सपने
अमेरिका के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में नींद को लेकर स्टडी करने वाले रॉबर्ट स्टिकगोल्ड ने बताया कि कई लोग सपने में देखे गए दृश्यों को भूल जाते हैं जबकि कई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें अपने सपने याद रहते हैं।
उनके मुताबिक इन दोनों परिस्थितियों के पीछे अलग-अलग वजह होती हैं। रॉबर्ट के अनुसार जो लोग एक निश्चित समय पर सोते हैं और अलार्म बजने के बाद उठकर तुरंत अपने काम में लग जाते हैं, ऐसे लोगों को सपने याद रखने की संभावना बहुत कम होती है।
वहीं दूसरी ओर, जिन लोगों के पास ज्यादा काम नहीं होता और नींद खुलने के बाद भी आंखें बंद किए रहते हैं, उन्हें सपने भूलने की संभावना बहुत कम होती है।
आपको बता दें कि कई रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि जो लोग सपने भूल जाते हैं, वे मानसिक रूप से स्वस्थ होते हैं जबकि जिन लोगों को कई सपने याद रहते हैं वे मानसिक रूप से थोड़े अस्थिर हो सकते हैं।
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