रात्रि में नींद क्यों नहीं आती?

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नींद शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक तत्वों में से एक है। एक स्वस्थ और प्रसन्न जीवन जीने के लिए भरपूर नींद लेना बहुत जरूरी है।

वर्तमान की भागदौड़ भरी जिन्दगी में नींद न आना एक बहुत आम समस्या बनती जा रही है। खास कर शहरों में लोग अपनी दिनचर्या में इतने उलझे होते हैं कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरुरीआठ घंटें की नींद नहीं ले पाते।

कारण

  • सोने से पहले भरपेट तथा भारी भोजन करना।
  • असफलता या अपमानित होने का भय।
  • बजट से ज्यादा खर्च करने की परिस्थितियां बन जाना।
  • बहुत देर तक टी.वी. की स्क्रीन की या कम्प्यूटर पर काम करने से दिमाग के सोने वाले एक्टीवेटिंग सिस्टम’ में बाधा होना।
  • ऐसे चित्र या टी.वी. चैनल देखना जो दिमाग में कामोद्दीपक या गंदे विचार लाएं।
  • अगले दिन कुछ अप्रत्याशित होने की खुशी या गम।
  • किसी का बुरा करने की सोच रखना।
  • किसी की बात का बहुत ज्यादा बुरा मान जाना और अनचाही परिस्थिति का शिकार हो जाना।
  • अनियमित दिनचर्या का होना।
  • नींद की गोली खाने का आदी हो जाना।
  • डायबिटीज, रक्तचाप आदि बीमारियों का दुष्प्रभाव होना।
  • विटामिन, प्रोटीन युक्त भोजन की कमी।
  • अत्यधिक व्यस्तता से तनावमय जीवन होना।
  • नींद न आने का मुख्य कारण भय और चिंता भी है।
  • दिमाग में किसी भी काम की व्यस्तता या उत्तेजना।

नींद न आने पर क्या करें

  • नींद न आने पर कोई अच्छी किताब थोड़ी देर पढ़ें जिसमें किसी के प्रवचन या चरित्र का वर्णन हो।
  • लाइट बंद करके अंधेरे में शांत भाव से लेटे रहें।
  • छाती पर हाथ रख कर सीधे न लेटें।
  • बाई करवट लेट कर अपने श्वासों पर ध्यान दें। इससे आपका मन शांत होगा और नींद आएगी।
  • अपनी सोच को हमेशा सकारात्मक बनाए रखें।
  • किसी के बारे में ज्यादा न सोचें।
  • नींद नहीं आने पर चिंतित न हों बल्कि यह सोचें कि अच्छा हुआ जो नींद नहीं आने पर कम से कम हमें इस समय आत्मचिंतन अथवा परमात्मा का ध्यान करने का मौका मिल गया।
  • नींद न आने पर टी.वी. कभी न देखें क्योंकि उससे बहुत देर के लिए आपकी नींद चली जाएगी।

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