जीवन के लिए ऑक्सीजन अनिवार्य आवश्यकताओं में से एक है। जिस प्रकार धरती के जीव बिना भोजन और पानी के जीवित नहीं रह सकते, उसी प्रकार ऑक्सीजन के बिना भी वे जीवित नहीं रह सकते हैं|
श्वसन की मदद से मनुष्य भोजन से ऊर्जा प्राप्त करते हैं और इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।हमारे वातावरण में 21% ऑक्सीजन, 78% नाइट्रोजन और 1% अन्य गैसें हैं।
इसका मतलब है कि ऑक्सीजन हमारे वातावरण में सबसे अधिक मात्रा वाली गैस नहीं है लेकिन यह हमारे लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। ऑक्सीजन कई प्रकार से उपयोगी होती है।
जैसे- उद्योगों में इसका प्रयोग सल्फ्यूरिक एसिड एवं नाइट्रिक एसिड आदि बनाने में किया जाता है। औद्योगिक क्षेत्र में ऑक्सीजन का प्रयोग धातुओं को काटने, वेल्डिंग करने और गलाने में किया जाता है।
वायुमंडलीय ऑक्सीजन का प्रयोग औद्योगिक कार्यों, जनरेटरों और जहाजों के लिए ऊर्जा पैदा करने में किया जाता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर पूरी दुनिया में मात्र 5 सेकंड के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक जाए तो क्या होगा?
दिन में आसमान में अंधेरा छा जाएगा
सूर्य से प्रकाश पृथ्वी की सतह पर कई प्रतिबिंबों के परिणामस्वरूप पहुंचता है l यह तब होता है जब प्रकाश हवा में कणों (धूल, ऑक्सीजन अणु, हवा में अन्य अशुद्धियों) को उछाल देते हैं।
ऑक्सीजन की अनुपस्थिति का मतलब है कि प्रकाश को उछालने के लिए कम कण हैं, इसलिए आकाश लगभग काला दिखाई देगा।
हानिकारक किरणों का धरातल पर सीधे आगमन
ओजोन और कुछ नहीं बल्कि आणविक ऑक्सीजन से बनीं एक परत है जो सूर्य से आने वाली सभी हानिकारक किरणों को पृथ्वी के धरातल तक आने से रोकती है और उनसे हमें बचाती है।
इसके बिना, समुद्र तट पर हर किसी को खुले आसमान के नीचे धूप सेकने को नहीं मिल सकती और न ही इस पूरी पृथ्वी पर कही पर भी खुले में आप घूम सकते है क्योकि सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणें हमारी त्वचा पर हानिकारक प्रभाव डालती है।
प्रत्येक व्यक्ति के भीतरी कान के परदे फट जायेंगें
ऑक्सीजन की कमी के कारण एक पल में ही, हमारे आस–पास मौजूद हवा का दबाव 21% कम हो जाएगा जो समुद्र तल से करीब 2000 मी. की ऊँचाई से छलांग लगाने के बराबर होगा।
ऑक्सीजन कान के पर्दों को दबाव में होने वाले बदलावों के अनुकूल बनाता है। अतः ऑक्सीजन की अनुपस्थिति के कारण सुनने संबंधी गंभीर बीमारियाँ होने की संभावना बढ़ सकती है।
पृथ्वी की पपड़ी उखड़ जाएगी
पृथ्वी के उपरी परत में 45% ऑक्सीजन होती है और ऑक्सीजन के बिना यौगिक अपनी कठोरता बनाए नहीं रख सकते हैं इसलिए, यदि ऑक्सीजन 5 सेकंड के लिए पृथ्वी से गायब हो जाये तो पृथ्वी की पपड़ी के टुकड़े टुकड़े हो जायेंगे। जिसके कारण हमारे नीचे की धरती गायब हो जाएगी और हम आसानी से गिरने लगेंगे।
धातुओं के अलग-अलग टुकड़े तुरंत आपस में जुड़ जायेंगे
ऑक्सीकारक की परत, धातुओं के अलग-अलग टुकड़ो के तुरंत जुड़ने का विरोध करती है। हालांकि, जैसे ही ऑक्सीजन को हटा दिया जाता है प्रतिरोध शून्य हो जाता है और अनट्रीटेड धातुएं तुरंत एक दूसरे से जुड़ने में सक्षम हो जाती हैं।
महासागरों और अन्य जल निकायों का वाष्पन शुरु हो जाएगा और सारा जल भाप बनकर अंतरिक्ष में फैल जाएगा
पानी के दो घटक होते हैं – 2 भाग हाइड्रोजन और 1 भाग ऑक्सीजन। 33% ऑक्सीजन के बिना, पानी सिर्फ हाइड्रोजन गैस मुक्त होगा। हाइड्रोजन गैस, सभी तत्वों में सबसे हल्की होने के कारण, ऊपरी क्षोभमंडल में बढ़ जाएगी और धीरे-धीरे अंतरिक्ष में फैल जाएगी।
तो, संभवतः, पृथ्वी हमारे कीमती ऑक्सीजन के बिना लगभग सभी समय में केवल रेगिस्तान का एक बड़ा ग्रह बन सकती है।
आंतरिक दहन इंजन वाले वाहन काम करना बंद कर देंगे
आंतरिक दहन इंजन पर निर्भर करने वाले सभी कार या वाहन ऑक्सीजन के बिना रुक जाएंगे क्योंकि ऑक्सीजन के बिना दहन संभव नहीं है। इसके अलावा दहन के लिए ऑक्सीजन की न्यूनतम मात्रा की आवश्यकता होती है।
हालांकि, यदि ऑक्सीजन गायब हो जाती हैं, तो उड़ान भरने वाले विमानो के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाएगी और हवा में उड़ रहे विमान कुछ समय (5 सेकेंड) के लिए हवा में तैरने लगेंगे।
कंक्रीट से बनी हर संरचना ध्वस्त हो जाएँगी।
ऑक्सीजन कंक्रीट संरचनाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्यूंकि ऑक्सीजन धरती के कणों को बांधे रखती है और इसके बिना, यौगिक उनकी कठोरता को पकड़ नहीं पाते हैं और इसी कारणवश सभी कंक्रीट संरचनाये ध्वस्त हो जाएँगी।