खुशी एक ऐसा एहसास है जिसे सभी लोग हमेशा महसूस करना चाहते हैं। जीवन के उतार-चढ़ाव की वजह से लोग बेहद निराश हो जाते हैं, चिंता और तनाव हर किसी की जिंदगी में आते है लेकिन जरूरी यह होता है कि हम उनसे कैसे निपटते हैं।
परिस्थिति चाहे जैसी भी हो चेहरे पर एक मुस्कान हमेशा रहनी चाहिए। खुशी और मुस्कुराहट आपको जीवन में दुखों से लड़ने में मदद करती है, तो वहीं खुश रहने से आप में कॉन्फिडेंस भी आता है जिससे आप अपने काम को बेहतर तरीके से कर पाते हैं।
दिन की सही शुरुआत
सुबह की शुरुआत बड़े ही शांतिपूर्ण तरीके से होनी चाहिए, जिससे दिन भर के लिए एक नई ताज़गी मिले। सुबह उठकर व्यायाम करें, अच्छे से स्नान करें और पूजा अर्चना करें। सुबह का नाश्ता भरपूर होना चाहिए जिससे दिन भर शरीर को ऊर्जा मिलती रहे। अधिक घी, तेल में बने चटपटे मसालेदार खाना खाने से दिमाग का सारा ध्यान पाचन क्रिया में जुट जाता है, जिससे सुस्ती छाने लगती है।
इसलिए हल्का फुल्का पौष्टिक नाश्ता जैसे:– फल व सलाद आदि का सेवन करें, जो शरीर को अधिक ताकतवर तथा फुर्तीला बनाए रखने में सहायक हो। जब आप सुबह से ही ऊर्जावान बने रहेंगे तो आपको दिन भर में हर काम को करने में खुशी मिलेगी।
प्रेरणा लें
जिस व्यक्ति का काम अच्छा लगे उससे प्रेरणा लें। अखबार,किताबें पढ़ने की आदत डालें। हर व्यक्ति में अच्छी और बुरी बातें होती है आप उनमें क्या देखते हैं और क्या सीखते हैं यह आप पर ही निर्भर करता है। हर व्यक्ति की अच्छी बातें सीखने का प्रयास करना चाहिए उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
जलन ईर्ष्या न करें
किसी से ईर्ष्या करने का मतलब है-अपनी खुशियों को कम करना। जिस तरह चिंता “चिता” के समान होती है, उसी तरह ईर्ष्या खुशियों को खत्म करती है। यदि आप किसी से ईर्ष्या करते हैं, तो इसका मतलब आप अंदर-ही-अंदर जलते हैं।
हमेशा खुश रहने के लिए ईर्ष्या से हर संभव तरीके से बचने की कोशिश करें। किसी से ईर्ष्या करना अच्छी आदत नहीं है। अपने काम से काम रखें। अपने काम में रुचि रखें। कौन क्या कर रहा है, कितनी तरक्की कर रहा है, कैसे तरक्की कर रहा है इन सब बातों के चक्कर में रहकर अपनी खुशियों को खराब न करें।
दूसरों की मदद करें
हम हमेशा अपनी ख़ुशी के बारे में सोचते रहते हैं लेकिन दूसरों की मदद करने से भी हमें खुशी मिल सकती है। किसी की सहायता करना आपको सकारात्मकता और ख़ुशी प्रदान कर सकता है। अपने दोस्तों-रिश्तेदारों की बात सुनना और फिर उनकी परेशानियों पर सलाह देना भी एक तरह का मदद करना ही है। याद रखें, खुशियां बांटने से बढ़ती हैं और दुःख बांटने से काम होते हैं।
सकारात्मक सोचें
खुश रहना हमारे विचारों पर भी निर्भर करता है। यदि आपके विचार सकारात्मक है तो आपके पास ख़ुशी के हज़ारों रास्ते होंगे उदाहरण के लिए जैसे एक तरफ आपके हाथ में सफलता है परन्तु आप उससे संतुष्ट नहीं हैं और आपके दिमाग में उससे और बेहतर हासिल करने की चाह है। इस स्थिति में न तो खुश रह सकते हो और न ही सकारात्मक।
खुश रहने का तरीका हमेशा आपके दिमाग से जुड़ा होता है। यदि आप सकारात्मक सोचते हैं तो बॉडी में ऊर्जा और उत्पादकता का स्तर 30% बढ़ जाता है। आपको अपने विचारों को सकारात्मक बनाए रखना है जिससे आपको छोटी-छोटी सफलताओं में भी ख़ुशी प्राप्त होगी।