लैब्राडोर, या लैब्राडोर रिट्रीवर दुनिया का सबसे समझदार कुत्ता होता है। इनका स्वभाव बहुत शांत एवं प्रेम पूर्वक होता हैं। यह अपने परिवार के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित होते हैं तथा प्रेम की भावना रखते हैं।
यह बच्चों तथा अन्य दूसरे पालतू जानवरों के प्रति इनका व्यवहार बहुत दोस्ताना एवं शालीन होता है यही कारण है कि यह भारत में एक उत्कृष्ट फैमिली डॉग के रूप में जाना जाता हैं।
लैब्राडोर नस्ल के कुत्ते भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, अमेरिका में बहुत ज्यादा पसंद किए जाते हैं। पुलिस और सेना भी लैब्राडोर कुत्तों का इस्तेमाल करती हैं क्योंकि इस नस्ल के कुत्ते बहुत ही होशियार होते हैं। इनका खेलकूद में और गाइड के तौर पर भी उपयोग किया जाता है।
वैसे तो ये आक्रामक नहीं होते लेकिन जरुरत पर ये जरूर काट सकते हैं। इनके जबड़े की पकड़ भी बहुत मजबूत होती है।
रंग एवं आकार
इस नस्ल के डॉग आकार में बड़े होते है, एक वयस्क नर लैब्राडोर का वजन लगभग 29-36 किलोग्राम और मादा लैब्राडोर वजन का 25-32 किलोग्राम होता है, इनकी हाईट लगभग 55-62 सेंटीमीटर तक होती हैं तथा यें लगभग 20-30 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं।
लैब्राडोर डॉग के बाल घने, छोटे तथा बहुत ही मुलायम होते है तथा लैब्राडोर डॉग बालों का कोट जल प्रतिरोधी होता है जोकि इनको इनको ठंड से बचाता है।
लैब्राडोर डॉग के पैर मोटे और भारी होते है तथा इनकी पूंछ पतली सीधी व मध्यम आकार की होती हैं, इनका सिर मध्यम आकार का तथा कान, गाल से चिपके हुए V आकार के होते हैं। इसके अलावा इनके नाक का रंग काला या फिर गुलाबी रंग का होता हैं। लैब्राडोर ब्लैक, चॉकलेट, येल्लो, फॉक्स रेड रंग के होते हैं।
भोजन एवं स्वास्थ्य
एक प्रगतिशील लैब्राडोर के लिए बहुत जरूरी हैं कि उसे संतुलित एवं पौषक तत्वों से भरपूर उच्च गुणवत्ता वाला बेस्ट डॉग फूड मिले जोकि इसके स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण होता हैं भोजन में आप इन्हें वेज़ और नॉन वेज़ दोनों दे सकते हैं।
अब अगर बात करें इनके स्वास्थ्य के बारे में तो वैसे तो लैब्राडोर एक स्वस्थ नस्ल है लेकिन अन्य दूसरी नस्लों की तरह ही इसमें कुछ जन्म से ही अनुवांशिक समस्याएं होती हैं।
लैब्राडोर कोहनी और कूल्हे डिस्पेलसिया से ग्रसित होते हैं हालाँकि यह बहुत कम होता है लेकिन प्रसव के समय ध्यान न रखने पर यह मामला गंभीर भी हो सकता हैं।
प्रशिक्षण
प्रशिक्षण किसी भी नस्ल के कुत्ते के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता हैं। यह इन्हें सभ्य,अनुशासित,आज्ञाकारी व एक संगठित बनाता है। इस नस्ल के कुत्ते बहुत अच्छे शिक्षार्थी होते हैं इन्हे प्रशिक्षित करना अन्य नस्लों की तुलना बहुत में आसान होता है।
कीमत
भारत में एक लैब्राडोर पिल्ले की कीमत 5000-6000 रुपये से शुरू होती है जो 1 लाख रुपये तक जा सकती है। कीमत नस्ल की गुणवत्ता और वंशावली संयोजन पर निर्भर करती है।
यदि आपको अच्छी गुणवत्ता वाला लैब्राडोर कुत्ता, जिसमें कोई आनुवांशिक विकार नहीं हो चाहिए, तो आपका बजट कम से कम 30,000 रुपये होना चाहिए।
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