हम सभी को पोषण की जरूरत होती है, ताकि शरीर का विकास हो सके और हम स्वस्थ रह सकें। ये पोषक तत्व हमें खाने-पीने की चीजों से मिलते हैं। ज्यादातर लोगों को लगता है कि हेल्दी चीजें हमेशा कम स्वादिष्ट होती हैं। इसलिए वो हेल्दी चीजें खाना कम पसंद करते हैं। मगर बहुत से ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहतमंद भी हैं।
आज हम आपको इस पोस्ट में कुछ ऐसे ही खाद्य पदार्थों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहतमंद भी हैं तो चलिए शुरू करते हैं :
एवोकाडो
एवोकाडो एक ऐसा फल है जिसे सेहत और सुंदरता दोनों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। एवोकाडो को एलीगेटर नाशपाती (Alligator Pears) के रूप में भी जाना जाता है। एवोकाडो को सबसे ज्यादा सलाद के रूप में कच्चा खाया जाता है। ये खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है।
एवोकाडो में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, जिंक, मैंग्नीज, फॉस्फोरस और कॉपर जैसे गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को कई लाभ पहुचाने में मदद कर सकते हैं। एवोकाडो का सलाद खाने से वजन को कम करने में मदद मिल सकती है।
चिया सीड्स
चिया के बीज, जिसे वैज्ञानिक रूप से “साल्विया हिस्पानिका” के रूप में जाना जाता है। इसे सबसे अच्छे सुपरफूड्स के रूप में भी जाना जाता है। ये बीज कैल्शियम, एंटीऑक्सीडेंट, प्रोटीन, फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए जाने जाते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, मैंगनीज, आयरन, नियासिन और जिंक से भी भरपूर होता है।
चिया सीड को पानी में डुबोकर खाने से ब्लड ग्लूकोज कंट्रोल में रखने में मदद मिल सकती है। चिया सीड्स में कैल्शियम होता है और दूध में भी होता है, इसलिए अगर आप दूध में चिया सीड्स डालकर खाते हैं तो आपकी हड्डियां मजबूत होती हैं।
बेल मिर्च
बाजार में हमें लाल, पीली, बैंगनी, नारंगी और हरी रंग की शिमला मिर्च नजर आती है। जहां इसे हिंदी में शिमला मिर्च कहा जाता है, तो इंग्लिश में कैप्सिकम और बेल पेपर (Bell Pepper) कहा जाता है।
शिमला मिर्च की मुख्य रूप से पांच प्रजातियां पाई जाती हैं, जिसे कैप्सिकम एनम, कैप्सिकम चिनेंस, कैप्सिकम फ्रूटसेन्स, कैप्सिकम बैक्टम, और कैप्सिकम प्यूबसेंस कहा जाता है। अगर सेहत के लिहाज से शिमला मिर्च की बात करें, तो इस मामले में भी यह बहुत फायदेमंद है।
शिमला मिर्च बहुत स्वादिष्ट होती है। अपने अद्भुत स्वाद के साथ-साथ यह विटामिन सी, विटामिन ए और फाइबर का अच्छा स्रोत है। इनमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो हृदय रोग और कुछ कैंसर जैसी बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं।
केल
केल एक हरी पत्तेदार सब्जी है, जिसे लीफ कैबेज भी कहते हैं। यह सिर्फ हरा ही नहीं, बल्कि बैंगनी रंग में भी पाया जाता है। इसे पत्तेदार सब्जियों की श्रेणी में रखा गया है।
यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है, साथ ही इसका स्वाद भी काफी अच्छा होता है। इसका उपयोग अधिकतर सलाद के रूप में किया जाता है। यह ब्रोकली, पत्तागोभी और फूलगोभी के ही परिवार का है। केल पौष्टिक खाद्य पदार्थों में से एक है।
इसमें विटामिन (ए, सी, के), कैल्शियम, पोटैशियम, फाइबर और कई अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो आपको स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं। साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर की कोशिकाओं की क्षति का बचाव कर कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं।
सालमन फिश
सालमन फिश समुद्री और ताजे पानी में पाई जाने वाली मछली की एक प्रजाति है। सालमन फिश का रंग आमतौर पर गुलाबी होता है और भुनने के बाद ये मछली नारंगी रंग की हो जाती है। सैलमन मछली एक अत्यधिक पौष्टिक मात्रा में भरपूर होने के साथ-साथ स्वादिष्ट भी होती है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक सालमन मछली कई न्यूट्रिएंट्स से भरा हुआ एक खजाना है, जिसमें विटामिन, मिनिरलिस के साथ-साथ विटामिन बी 12 और ओमेगा-3 फैटी एसिड भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
सालमन मछली कैंसर होने से रोकने, मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने, दिल की सेहत, मेंटल हेल्थ, हड्डी, स्किन और आंखों का स्वास्थ्य आदि जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए भी कारगर है।
क्विनोआ (बथुआ)
क्विनोआ को ‘चिनोपोडियम क्विनोआ’ के नाम से जाना जाता है। भारत में बथुआ के नाम से जाना जाता है। यह एक फूलदार पौधा है। यह ऊंचाई में करीब एक से दो मीटर तक बढ़ता है। मुख्य रूप से इसके बीजों को खाने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। क्विनोआ में फाइबर, कैल्शियम, प्रोटीन और पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। यह कहने में बहुत ही स्वादिष्ट होता है।
यहेजकेल ब्रेड
ईजेकील ब्रेड अंकुरित साबुत अनाज और फलियों से बनाई जाती है। ईजेकील ब्रेड में साबुत अनाज – जैसे गेहूं, जौ, बाजरा, और पोषक तत्वों से भरपूर फलियां – जैसे सोयाबीन और दाल शामिल होते हैं। इसमें सबसे अधिक फाइबर, विटामिन, खनिज, स्वस्थ वसा और सबसे कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। यह खाने में जितनी स्वादिष्ट होती है उतनी ही हेल्दी भी। इसको खाने से कोलेस्ट्रोल और वजन ठीक रहता है।
दालें
दालें कई प्रकार के होती हैं, जैसे मसूर, मूंग, अरहर, आदि, इन सभी दालों का सेवन सेहत को कई लाभ पहुंचाता है क्योंकि सभी दाल पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
दाल में सबसे ज्यादा प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है, साथ ही दाल में कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन और विटामिन्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए अगर आप दाल का सेवन करते हैं, तो इससे स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं दूर होती है। साथ ही शरीर स्वस्थ भी रहता है।
दही
दूध में जीवित बैक्टीरिया मिलाकर दही बनाया जाता है। वैसे तो हम किसी भी समय दही का सेवन कर लेते हैं परन्तु दही खाने का सही समय सुबह होता है।
सुबह नाश्ते में दही खाने से सेहत को कई लाभ मिलते हैं। दही में विटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और फोलिक एसिड जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
ये सभी पोषक तत्व सेहत के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं। रोज सुबह नाश्ते में दही खाने से शरीर को जरूरी पोषण और एनर्जी मिलती है।
दही में काफी अधिक मात्रा में प्रोबायोटिक्स मौजूद होते हैं, जो आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करते हैं। नाश्ते में दही खाने से शरीर को हेल्दी रखने के साथ-साथ वजन घटाने में भी मदद मिल सकती है।
नारियल का तेल
नारियल का तेल बालों, त्वचा के साथ ही सेहत के लिए भी लाभदायक होता है। आयुर्वेद के अनुसार नारियल के तेल को पित्त प्रकृत्ति के लोगों के लिए बेहद अच्छा माना जाता है।
दरअसल, नारियल के तेल की तासीर ठंडी होती है, जो पित्त को शांत करके शरीर को ठंडक देता है। इसके तेल में खाना बनाया जा सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होता है।
नारियल के तेल में खाना बनाने से यह दिल को स्वस्थ रखता है, इम्यूनिटी बढ़ाता है और वजन कम करने में मदद करता है और पित्त प्रकृत्ति के लोगों के लिए भी फायदेमंद होता है। इससे खाना बेहद स्वादिष्ट और पौष्टिक बनता है।