परिस्थितियां सोच की जननी होती है, फिर वही सोच आगे चलकर सकारात्मक एवं नकारात्मक परिस्थितियों को जन्म देती है। नकारात्मक सोच की शुरूआत किसी विपरीत परिस्थिति से होती है। नकारात्मक विचार हमारे मानसिक और शारारिक स्वास्थ्य के दुश्मन है। नकारात्मक विचारों से डर और तनाव पैदा होता है। यदि नकारात्मक विचार दिमाग में अपना घर बना ले तो उससे जीवन नरक बन जाता है। तो आइये जानते हैं कि ‘नकारात्मक विचारों से छुटकारा कैसे पाएं’:-
सुबह जल्दी उठें
सुबह की शुरुआत अगर अच्छी हो तो पूरा दिन सकरात्मक रहता है इसलिए सुबह सूर्योदय से पहले उठना चाहिए। सुबह जल्दी उठना और एक नियमित दिनचर्या का पालन करना आपको बुद्धिमान बनाता है। सुबह जल्दी उठने से आपके पास अपने पूरे दिन की तैयारी के लिए काफ़ी समय होता है।
योगा करें
योगा करने से न सिर्फ हमारा शरीर स्वस्थ होता है बल्कि इससे हमारे मानसिक विकास में भी बदलाव आता है। रोजाना 30 मिनट योगा करना अच्छा रहता है। इससे आपके दिमाग में सकारात्मक विचार आते हैं, मानसिक शांति मिलती है और साथ ही पूरा दिन शरीर में एक नयी उमंग रहती हैl
ईश्वर में ध्यान लगाएं
सुबह के समय कुछ देर ईश्वर में ध्यान लगाएं इससे आपका मन शांत रहेगा और आत्मविश्वास बढ़ेगा। भगवान से प्रार्थना करें इससे आपको बहुत अच्छा महसूस होगा।
गलत संगत से दूर रहें
सबसे जरुरी है ऐसे लोगों को पहचानना जो नकारात्मक सोच वाले हों। ऐसे लोगों के संपर्क में रहने से हमारे जीवन में नकारात्मकता हावी होने लगती है क्यूंकि हमारी सोच पर संगत का बहुत असर होता है।
अगर आप कुछ अच्छा काम करने की सोचते हो तो बुरी संगत में आप वह काम नहीं कर पाएंगे । बुरी संगत से आदमी न सिर्फ नकारात्मक बनता है बल्कि गलत आदतों का शिकार भी हो जाता है इसलिए गलत संगत से हमेशा दूर रहना चाहिए।
म्यूजिक सुनें
जब भी आप अकेलापन महसूस करें या जीवन में नकारात्मकता बढ़ने लगे तो संगीत सुने। इससे आपके दिमाग में नकरात्मक विचार नहीं आएंगे और आपका मूड भी फ्रेश हो जायेगा। संगीत सुनने से आपको एक नए जोश के साथ आगे बढ़ने में सहायता मिलेगी।
अपनों के साथ समय बिताएं
जितना हो सके अपने पेरेंट्स, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ समय बिताएं, उनके साथ खाना खाएं, टीवी देखें, गेम्स खेलें। ऐसा करने से आपके मन में आने वाले नकारात्मक विचार दूर होंगे और आपको पॉज़िटिव एनर्जी मिलेगी। वर्तमान के बारे में सोचें l ज़्यादातर लोग पुरानी बातों और ग़लतियों के कारण नकारात्मक सोच का शिकार होते हैं लेकिन अगर आप आज के बारे में सोचेंगे तो आप ख़ुश रहेंगे।
नए दोस्त बनायें
महिला हो या पुरुष अगर जीवन में दोस्तों की कमी हो तो जीवन में अकेलापन बढ़ता है और हम किसी से भी सुख दुःख शेयर नहीं कर पाते जिससे नकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं। जहाँ तक हो सके नए दोस्त बनायें और उनके साथ हंसी मजाक करें और हमेशा सकारात्मक बाते करें।
हमेशा खुश रहें
ज़िन्दगी में खुश रहना मतलब सकारात्मकता का होना है। अक्सर आदमी के दिमाग में नकारात्मक सोच तब आती है जब वह दुखी या परेशान होता है। अगर आपको किसी काम से असफ़ल होने पर दुःख हो रहा है तो ये नहीं सोचें की आपको उससे कुछ नहीं मिला बल्कि ये सोचें कि आपने वहां से बहुत कुछ सीखा है और आगे आप उसे बेहतर ढंग से कर सकते हो इसलिए जितना हो सके खुश रहें।