महाशिवरात्रि पर महादेव को प्रसन्न करने के अचूक उपाय

महाशिवरात्रि हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण और शुभ त्योहारों में से एक है जो हर साल फरवरी और मार्च के महीने में आता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह त्यौहार फाल्गुन या माघ महीने के कृष्ण पक्ष के चौदहवें दिन मनाया जाता है।

इस साल 2024 में महाशिवरात्रि 8 मार्च को है। महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त का समय शाम 06 बजकर 25 मिनट से 09 बजकर 28 मिनट तक है।

इस पोस्ट में हम महाशिवरात्रि पर महादेव को प्रसन्न करने के अचूक उपायों के बारे में जानेगें, तो चलिए शुरू करते हैं।

महाशिवरात्री का महत्व

तीनों लोकों के मालिक भगवान शिव के विवाह का दिन यानि महाशिवरात्रि है। फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन महाशिवरात्रि पड़ती है। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न कर लेने से सभी मनुष्य की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

महाशिवरात्रि के अवसर पर सारे देवी-देवता एकत्रित होते हैं। इसलिए इसदिन भगवान शिव की कृपा से सभी देवी-देवताओं की कृपा मिलती है और रुके हुए सभी काम पूरे हो जाते हैं। आइए जानते महाशिवरात्रि पर महादेव को प्रसन्न करने के उपाय:

  • भगवान शिव की पूजा करते समय ऊँ महाशिवाय सोमाय नमः मंत्र का जाप करें।
  • जल चढ़ाते समय शिवलिंग को हथेलियों से रगड़ना चाहिए। इस उपाय से किसी की भी किस्मत बदल सकती हैं।
  • नंदी बैल को महादेव का वाहन कह कर पूजा जाता है। इस दिन नंदी बैल को हरा चारा खिलाना चाहिए, इससे धन लाभ और सुख समृद्धि प्राप्त होगी।
  • अगर आप शिवरात्रि पर किसी बिल्व वृक्ष के नीचे खड़े होकर खीर और घी का दान करते हैं, तो आप पर महालक्ष्मी की विशेष कृपा होगी।
  • इस दिन सुबह, दोपहर, शाम और रात इन चारों प्रहर में रुद्राष्टाध्यायी पाठ के साथ भगवान शिव का अलग-अलग पदार्थों जैसे दूध, गंगाजल, शहद, दही या घी से अभिषेक करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
  • चार पहर दिन में शिवालयों में जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक और बेलपत्र चढ़ाने से महादेव की अनंत कृपा प्राप्त होती है।
  • इस दिन पर्स में लाल रंग का कागज, चावल, पीपल का पत्ता, चांदी का सिक्का और रुद्राक्ष रखने चाहिए।
  • इस दिन भगवान शिव पर शहद चढ़ाने से नौकरी या व्यवसाय में आ रही बाधाएं दूर हो जाएंगी।
  • इस दिन शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाने से रोगों से मुक्ति मिलेगी।
  • किसी सुहागन को लाल साड़ी, लाल चूड़ियां, कुमकुम आदि सुहाग का सामान उपहार में दें। इससे वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर हो जाती हैं।
  • मुखी रुद्राक्ष को कुमार कार्तिकेय का स्वरूप माना जाता है। इसलिए इस दिन इस रुद्राक्ष को धारण करने से धन और स्वास्थ्य दोनों पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है।
  • इस दिन शिवलिंग पर गाय का दूध अर्पित करने से कलह – क्लेश से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • इस दिन जरूरतमंद व्यक्ति या गरीबों को दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • इस दिन घर में स्फटिक का शिवलिंग लाकर स्थापित करें और नियमित इसकी पूजा करें। इससे घर में किसी प्रकार के वास्तुदोष का अशुभ प्रभाव नहीं होता है।
  • बिल्वपत्रों पर चंदन से ॐ नमः शिवाय या श्रीराम लिखें। इसके बाद इन पत्तों की माला बनाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
  • महाशिवरात्रि के अवसर पर सारे देवी-देवता एकत्रित होते हैं इसलिए अन्य देवताओं की स्तुति भी विशेष फलदायी होती है

कैसे करे महाशिवरात्रि व्रत और पूजा की विधि

  • मिट्टी के लोटे में पानी या दूध भरकर, ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि डालकर ‘शिवलिंग’ पर चढ़ाना चाहिए। अगर आस-पास कोई शिव मंदिर नहीं है, तो घर में ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया जाना चाहिए।
  • शिव पुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप इस दिन करना चाहिए। साथ ही महाशिवरात्री के दिन रात्रि जागरण का भी विधान है।
  • शास्त्रीय विधि-विधान के अनुसार शिवरात्रि का पूजन ‘निशीथ काल’ में करना सर्वश्रेष्ठ रहता है। हालाँकि भक्त रात्रि के चारों प्रहरों में से अपनी सुविधानुसार यह पूजन कर सकते हैं।

महाशिवरात्रि 2024: जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

हर साल फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व आता है, वैसे तो पूरे साल की प्रत्येक माह में  कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शंकर को समर्पित मास शिवरात्रि का व्रत किया जाता है लेकिन सालभर में एक बार की जाने वाली फाल्गुन कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि का बहुत अधिक महत्व है।

इस दिन व्रत और पूजा करने से युवतियों को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। बताया जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की चार पहर की विशेष पूजा का महत्व है।

उत्तर भारत में इस दिन को फाल्गुन के महीने के रूप में माना जाता है, जबकि अंग्रेजी महीने में यह दिन फरवरी या मार्च के महीने में आता है।

आज इस पोस्ट में हम जानेंगे इस साल कब है शिवरात्रि और शुभ मुहूर्त। तो आइए जानते हैं।

महाशिवरात्रि 2024 शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, 8 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा का समय शाम के समय 06 बजकर 25 मिनट से 09 बजकर 28 मिनट तक है।

महाशिवरात्रि 2024 चार प्रहर मुहूर्त

  • रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – शाम 06 बजकर 25 मिनट से रात 09 बजकर 28 मिनट तक
  • रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – रात 09 बजकर 28 मिनट से 9 मार्च को रात 12 बजकर 31 मिनट तक
  • रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – रात 12 बजकर 31 मिनट से प्रातः 03 बजकर 34 मिनट तक
  • रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – प्रात: 03.34 से प्रात: 06:37

महाशिवरात्रि का महत्व

महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा और व्रत रखने का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन ही भगवान शिव लिंग के स्वरूप में प्रकट हुए थे। इसके अलावा ऐसी भी मान्यता है कि इसी तिथि पर पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।

महाशिवरात्रि पर अविवाहित कन्याएं पूरे दिन उपवास रखते हुए शिव आराधना में लीन रहती है और भगवान शिव से योग्य वर की प्राप्ति के लिए कामना करती हैं।

महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने से सभी तरह के सुख और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। महाशिवरात्रि पर सुबह से ही शिव मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ जुटना प्रारंभ हो जाती है।

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महाशिवरात्रि पूजा का संकल्प

  • महाशिवरात्रि व्रत इस वर्ष त्रयोदशी पर शुरू होगा। इस दिन सुबह उठकर स्नान करें, साफ कपड़े पहनें और पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करें।
  • शिव और देवी पार्वती की मूर्तियों को लकड़ी के तख्ते पर रखें और पंचामृत से स्नान कराएं।
  • शिवलिंग को स्नान कराएं और बेल के पत्ते, भांग, धतूरा, फल और मिठाई चढ़ाएं।
  • चंदन की माला से शिव की पूजा करें और मां पार्वती को कुमकुम चढ़ाएं।
  • महाशिवरात्रि पर उपवास करने का संकल्प लें और मंदिर जाकर शिव को जल चढ़ाएं।

5 मार्च का इतिहास

5 मार्च का इतिहास:-

  • 1913 – भारतीय शास्त्रीय संगीत की प्रसिद्ध गायिका गंगूबाई हंगल का जन्म।
  • 1934 – मुक्तक, ब्रजभाषा के छंद और बेमिसाल लोक गीतों के वरिष्ठ एवं लोकप्रिय रचनाकार सोम ठाकुर का जन्म।
  • 1959 – भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्पित कार्यकर्ता शिवराज सिंह चौहान का जन्म।
  • 1968 – मार्टिन लूथर किंग की हत्या।
  • 1983 – ऑस्ट्रेलिया में लेबर पार्टी के नेता बाब हाक प्रधानमंत्री बने।
  • 1997 – भारत तथा तेरह अन्य देशों ने इंडियन ओशन रिम एसोसियेशन के गठन की घोषणा की।
  • 1999 – आज़ाद देश के राष्ट्रकुल के कार्यकारी सचिव बोरिस बेरनोवस्की की बर्खास्तगी।
  • 1999 – फ़िल्म अभिनेता सुनील दत्त ने कोलंबो से अपने 17 सदस्यीय दल के साथ दक्षिण एशिया की 13 हज़ार किलोमीटर लम्बी सद्भावना यात्रा का शुभारम्भ किया।
  • 2001 – मक्का में ईद के दौरान भगदड़ में 36 यात्री मरे।
  • 2002 – राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन सम्पन्न।
  • 2003 – अलकायदा का शीर्ष आतंकवादी मुस्तफ़ा अहमद अलहवसावी रावलपिंडी में गिरफ़्तार।
  • 2006 – पाकिस्तान में अलकायदा और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में 100 लोग मारे गए।
  • 2007 – अर्जेन्टीना ने भारत द्वारा अदालती कार्रवाही के लिए क्वात्रोची के प्रत्यर्पण दस्तावेज स्वीकृत किए।
  • 2008 – भारत ने समुद्र से ज़मीन पर हमला करने वाले ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया।
  • 2009 – भारतीय उद्योगपति विजय माल्या ने 18 लाख रुपये में बापू की विरासत को ख़रीदा।
  • 2009 – इफ्को (इंडियन फार्मा फर्टिलाइजर कोउपरेटिव लिमिटेड) एक करोड़ टन उर्वरक की वार्षिक बिक्री करने वाली विश्व की पहली कंपनी बनी।
  • 2009 – बिजनेस मैगज़ीन फोर्ब्स ने 48 परोपकारी दिग्गज़ों की लिस्ट में टेलिकॉम किंग सुनील मित्तल और प्रवासी व्यापारी अनिल अग्रवाल समेत चार भारतीयों के नाम शामिल किए।
  • 2010 – भारत के प्रसिद्ध उद्यमियों में से एक जी.पी. बिड़ला का निधन।
  • 2018 – शेप ऑफ़ वाटर ने 90वें अकादमी पुरस्कार पर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक सहित चार ऑस्कर जीते।

History of 5 March

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‘जटायु नेचर पार्क’ : दुनिया का सबसे बड़ा ‘पक्षी मूर्ति वाला पार्क’

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केरल में कोल्लम जिले के ‘चादयमंगलम‘ गांव में 4 जुलाई, 2018 को खोला गया ‘जटायु नेचर पार्क‘ खूबसूरत वादियों में 65 एकड़ में फैला हुआ है। यहां से आप पहाड़ों के मनोरम दृश्य देख सकते हैं।

यहां स्थापित पौराणिक पक्षी ‘जटायु’ की 200 फुट लंबी, 150 फुट चौड़ी और 70 फुट ऊंची मूर्ति भारत में सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक होने के अलावा दुनिया की सबसे बड़ी पक्षी प्रतिमा भी है।

रामायण में जिक्र है कि रावण जब सीता माता को लंका ले जाने का प्रयास कर रहा था, तब जटायु ने उन्हें बचाने की कोशिश की। जटायु ने रावण का साहसपूर्वक मुकाबला किया लेकिन जटायु के बहुत बूढ़ा होने के कारण रावण ने जल्द ही उन्हें हरा दिया।

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रावण ने जटायु के पंख काट दिए थे, जिससे वह ‘चादयमंगलम‘ में चट्टानों पर जा गिरे। श्री राम और लक्ष्मण जब सीता माता की खोज के दौरान मरणासन्न जटायु से मिले तो उन्होंने ही उन्हें रावण के सीता को ले जाने की सूचना दी और बताया कि वह दक्षिण की ओर गया था।

जटायु की मूर्ति उसी पहाड़ी की चोटी पर विराजमान है, जहां उन्होंने श्री राम तथा लक्ष्मण को सूचना देने के बाद अंतिम सांस ली थी। यह विशाल प्रतिमा एक किंवदंती का प्रतिनिधित्व करती है और महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान तथा सुरक्षा की प्रतीक है।

इसे प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और मूर्तिकार राजीव आंचल ने डिजाइन किया जो गुरुचंद्रिका बिल्डर्स एंड प्रॉपर्टी प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक भी हैं। यह नेचर पार्क उनका ही विचार था ।

जटायु के आकार की इमारत में है 6 डी थिएटर

इस इमारत में ऑडियो-विजुअल आधारित डिजिटल म्यूजियम व 6डी थिएटर है, जो रामायण के बारे में बताता है। पर्यटक मूर्ति के अंदर से समुद्र तल से 1,000 फुट ऊपर से खूबसूरत नजारे का भी अनुभव ले सकते हैं।

इस मूर्ति को बनाने में 7 साल लगे हैं। कंक्रीट के ढांचे को स्टोन फिनिश दिया गया है। इस इमारत को बनाने में काफी मुश्किलें आईं क्योंकि सभी सामग्रियों को पहाड़ की चोटी पर ले जाना बेहद मुश्किल था ।

एडवेंचर जोन और करीब 20 गेम्स

जटायु नेचर पार्क में एक एडवेंचर सैक्शन भी है। पेंट बॉल, लेजर टैग, तीरंदाजी, राइफल शूटिंग, रॉक क्लाइम्बिंग और बोल्डरिंग जैसी गतिविधियों के लिए यहां कई विकल्प उपलब्ध हैं। पार्क में एक अनूठा आयुर्वेदिक गुफा रिजॉर्ट भी है। यहां आपको मनोरंजन से लेकर रोमांच और आराम तक सब कुछ मिलेगा।

अत्याधुनिक केबल कार

इस नेचर पार्क में यात्रियों के लिए एक अत्याधुनिक रोप-वे की भी सुविधा है। रोपवे पर धीरे-धीरे 1000 फुट की चढ़ाई एक शानदार अनुभव है, जहां से मंत्रमुग्ध कर देने वाले नजारे दिखाई देते हैं।

 

जटायु-राम मंदिर

जटायु प्रतिमा के पास ही एक जटायु-राम मंदिर भी बनाया गया है। यहां करीब ही एक जगह पर पैरों के निशान हैं। मान्यता है कि ये निशान श्री राम के पैरों के हैं।

कैसे पहुंचें

कोल्लम जिला रेल तथा हवाई मार्ग से देश भर से जुड़ा शहर से पार्क तक पहुंचने के लिए बस तथा टैक्सी आदि ली जी सकती है। आगंतुकों को पार्क के शीर्ष तक पहुंचने के लिए केबल कार का इस्तेमाल करना पड़ता है। पार्क में प्रवेश करने के लिए टिकट लेना भी आवश्यक है।

पंजाब केसरी से साभार

4 मार्च का इतिहास

4 मार्च का इतिहास:-

  • 1856 – अंग्रेज़ी भाषा की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभासम्पन्न कवयित्री तोरु दत्त का जन्म।
  • 1881 – प्राक् छायावादी युग के महत्वपूर्ण कवि रामनरेश त्रिपाठी का जन्म।
  • 1899 – मध्य प्रदेश स्थित विजयराघवगढ़ के राजकुमार और प्रसिद्ध साहित्यकार ठाकुर जगमोहन सिंह का निधन।
  • 1921 – असहयोग आंदोलन में ननकाना के एक गुरुद्वारे में शान्तिपूर्ण ढंग से सभा का संचालन किया जा रहा था, वहां सैनिकों के द्वारा गोली चलाने के कारण 70 लोगों की जानें गई।
  • 1922 – प्रसिद्ध गुजराती रंगमंच और फिल्म अभिनेत्री दीना पाठक का जन्म।
  • 1928 – प्रसिद्ध भारतीय अधिवक्ता और राजनेता सत्येन्द्र प्रसन्न सिन्हा का निधन।
  • 1931 – ब्रिटिश वायसराय, गवरनोरजनरल एडवर्ड फ्रेदेरिक्क लिन्द्ले वुड और महात्मा गाँधी में भेंट राजनीतिक कैदियों की रिहाई और नमक के सर्वजन उपयोग की छूट को लेकर मंत्रणा और इकरारनामे की घोषणा।
  • 1939 – भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारी और गदर पार्टी के संस्थापक लाला हरदयाल का निधन।
  • 1980 – भारतीय टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना का जन्म।
  • 1980 – भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री कामालिनी मुखर्जी का जन्म।
  • 1998 – भारत के प्रकाश शाह सं.रा. महासचिव द्वारा बगदाद में विशेष प्रतिनिधि नियुक्त।
  • 1999 – संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों को अपनी परित्यक्ता पतनी एवं बच्चों को जीवन निर्वाह भत्ता देने की घोषणा।
  • 2001 – तालिबान ने मूर्तियों को खरीदने की ईरान की पेशकश ठुकराई।
  • 2002 – राष्ट्रमंडल में जिम्बाब्वे के ख़िलाफ़ प्रस्ताव नामंजूर।
  • 2003 – नाइजीरिया के कब्बी राज्य में एक नौका के नाइजर नदी में डूब जाने से 80 व्यक्ति मारे गए।
  • 2008 – हिन्दी के प्रसिद्ध विद्वान् डॉ. मदन लाल मधु को प्रतिष्ठित सम्मान मीडिया यूनियन ने स्वर्णाक्षर पुरस्कार से सम्मानित किया।
  • 2008 – संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ईरान के खिलाफ नई पाबंदियाँ लागू की।
  • 2009 – राजस्थान के पोखरण में ब्रह्मोस मिसाइल के नए संस्करण का परीक्षण किया गया।

3 मार्च का इतिहास

3 मार्च का इतिहास:-

  • 1575 – मुग़ल बादशाह अकबर ने तुकारोई की लड़ाई में बंगाली सेना को हराया था।
  • 1707 – भारत के मुगल बादशाह औरंगजेब का निधन।
  • 1839 – भारतीय उद्योगपति जमशेद जी टाटा का जन्म।
  • 1847 – टेलीफोन का आविष्‍कार करने वाले अलेक्जेंडर ग्राहम बेल का जन्‍म।
  • 1880 – आयुर्वेदिक औषधियों के प्रचार-प्रसार के लिए प्रसिद्ध अचंत लक्ष्मीपति का जन्म।
  • 1926 – हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध संगीतकार रवि का जन्म।
  • 1939 – महात्मा गांधी, भारत के मुंबई शहर में निरंकुश शासन के विरोध में तेज़ी लाए।
  • 1955 – प्रसिद्ध हास्य अभिनेता जसपाल भट्टी का जन्म।
  • 1971 – भारतपाकिस्तान युद्ध की शुरुआत हुई।
  • 1974 – तुर्की एयरलाइंस का डीसी10 विमान पेरिस के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसकी वजह से विमान में सवार सभी 345 लोगों की मौत हो गई।
  • 1976 – परमवीर चक्र से सम्मानित भारतीय सैनिक राइफलमैन संजय कुमार का जन्म।
  • 1982 – उर्दू साहित्‍य के लिए पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले शायर फिराक गोरखपुरी का निधन।
  • 1999 – अब्दुल रहमान अरब मूल के ऐसे प्रथम व्यक्ति बने, जिन्हें इस्रायली सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया।
  • 2000 – अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण द्वारा क्रोएशिया के जनरल तिहोमिर ब्लास्किय को 45 साल क़ैद की सज़ा।
  • 2005 – यूक्रेन के राष्ट्रपति विक्टर यूशचेंकों की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय रक्षा परिषद ने इराक से अपने सैनिक वापस बुलाने का निर्णय लिया।
  • 2006 – फिलीपींस में आपातकाल हटा।
  • 2007 – पाकिस्तान ने हत्फ-2 अब्दाली बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया।
  • 2008 – दक्षिणी अफ़ग़ानिस्तान में नाटो अफ़ग़ान सुरक्षा बलों के अभियान में 22 आतंकी मारे गए।
  • 2009 – पाकिस्तान के लाहौर में मैच खेलने जा रही श्रीलंकाई क्रिकेट टीम की बस पर हथियारबंद लोगों ने गोलियां चला दीं।
  • 2009 – राजस्थान के सर्वाधिक चर्चित और प्रसिद्ध उपन्यासकार, कहानीकार तथा नाटककार यादवेन्द्र शर्माचन्द्र का निधन।
  • 2013 – संयुक्त राष्ट्र ने 3 मार्च को वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ डे के रूप में मनाए जाने की घोषणा की।
  • 2015 – बाल साहित्य के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. राष्ट्रबंधु का निधन।

इसे ग्रैंड श्राइन : जापान का एक ऐसा अनोखा मंदिर जो हर 20 साल बाद तोड़कर फिर से बनाया जाता है

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जापान के इसे शहर (Ise city) में स्थित इसे ग्रैंड श्राइन मंदिर (Ise Grand Shrine), जिसे इसे जिंगू के नाम से भी जाना जाता है जापान के सबसे पवित्र धर्मस्थलों में से यह एक है।

यह मंदिर शिन्तो (शिंटो) के सबसे पवित्र और सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है। (शिंटो धर्म विश्व के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है। यह जापान का मूल धर्म है, तथा इसमें कई देवी-देवता हैं, जिनको कामी कहा जाता है) यह मंदिर सौर देवी अमेतरासु (जापानी सूर्य देवी) को समर्पित है।

दरअसल, यह मंदिर दो हिस्सों नाइकू-आंतरिक मंदिर, और गेकू-बाहरी मंदिर में बंटा हुआ है। आंतरिक श्राइन, नाइकू जिसे “कोटाई जिंगु” के रूप में भी जाना जाता है में “अमेतरासु” की पूजा की जाती है और मध्य इसे के दक्षिण में उजी-ताची शहर में स्थित है, जहां वह निवास करती है। मंदिर की इमारतें ठोस सरू की लकड़ी से बनी हैं और इनमें कीलों का उपयोग बिल्कुल भी नहीं नहीं किया गया है।

बाहरी श्राइन, गेकू जिसे “टॉयउके डाइजिंगु” के रूप में भी जाना जाता है नाइकू से लगभग छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और कृषि और उद्योग के देवता टॉयौके-ओमिकामी को समर्पित है।

नाइकू और गेकू के अलावा, इसे शहर और आसपास के क्षेत्रों में 123 अतिरिक्त शिंटो मंदिर हैं, उनमें से 91 नाइकू से और 32 गेकू से जुड़े हुए हैं।

इन तीर्थस्थलों की खासियत यह है कि इनको उजी पुल के साथ हर 20 साल में तोड़ दिया जाता है और फिर दोबारा बनाया जाता है। बीते 1300 सालों से यह परंपरा चली आ रही है, जो शिंतो परंपरा से जुड़ी है।

इसे मृत्यु और पुनर्जीवन से जोड़कर देखा जाता है। यह मंदिर निर्माण के कौशल और तकनीक को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाने का भी एक तरीका है। नए मंदिर का निर्माण पुराने मंदिर के बिल्कुल पास में ही किया जाता है।

इस मंदिर का निर्माण आखिरी बार 2013 में हुआ जो इसकी 62वीं पुनरावृत्ति थी। अब इस मंदिर को साल 2033 में दोबारा तोड़कर बनाया जाएगा।

मंदिर के निर्माण को खास बनाने के लिए ओकिहिकी फेस्टिवल मनाया जाता है। इस त्यौहार के दौरान लोगों द्वारा साइप्रेस के पेड़ों के बड़े-बड़े डंडे लाए जाते हैं।

ये डंडे दो तीर्थस्थलों के आसपास के पवित्र जंगल से काटे गए जापानी सरू के पेड़ों से तैयार किये जाते हैं। इनका उपयोग अंततः नए मंदिर के निर्माण में किया जाता है। नई इमारत के लिए लगभग 10,000 सरू के पेड़ काटे गए हैं। काटे गए इन पेड़ों में से कुछ 200 साल से भी अधिक पुराने होते हैं।

2 मार्च का इतिहास

2 मार्च का इतिहास:-

  • 1807 – अमेरिकी कांग्रेस ने एक कानून पास कर देश में गुलामों के आयात पर रोक लगा दी थी। दास प्रथा की समाप्ति की दिशा में यह अहम कदम था।
  • 1869 – उत्तर प्रदेश के प्रथम राज्यपाल हरकोर्ट बटलर का निधन।
  • 1932 – राजनीतिज्ञ बसंत सिंह खालसा का जन्म।
  • 1949 – प्रसिद्ध कवयित्री सरोजिनी नायडू का निधन।
  • 1969 – सुपरसॉनिक विमान कॉनकॉर्ड की पहली उड़ान सफल रही। ये विमान टॉलूज से उड़ा और सिर्फ 27 मिनट की उड़ान के बाद पायलट ने उसे उतारने का फैसला किया।
  • 1986 – भारतीय तीरंदाज खिलाड़ी जयंत तालुकदार का जन्म।
  • 1991 – श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में एक हुए एक कार बम विस्फोट में देश के रक्षा उपमंत्री रंजन विजयरत्ने सहित 19 लोग मारे गए।
  • 1995 – इक्वाडोर एवं पेरू के मध्य चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए दोनों देशों के मध्य समझौता।
  • 1997 – चीन द्वारा अपने रक्षा बजट में 12 प्रतिशत की वृद्धि।
  • 1999 – व्यापक परमाणु परीक्षण संधि (सी.टी.बी.टी.) पर हस्ताक्षर करने के लिए भारत के साथ किसी गुप्त समझौते के समाचार का सं.रा. अमेरिका द्वारा खंडन।
  • 2000 – चिली के पूर्व सैनिक तानाशाह जनरल आगस्टो पिनोशे ब्रिटेन द्वारा रिहा करने के बाद स्वदेश रवाना।
  • 2002 – कॉलम (ऑस्ट्रेलिया) में राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन शुरू।
  • 2006 – नई दिल्ली में भारत और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक परमाणु समझौता सम्पन्न।
  • 2008 – आइगेट कॉर्पोरेशन ने फनी मूर्ति को अपना मुख्य परिचालन अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया।
  • 2008 – हमास के प्रमुख इस्माइल हानिया के दफ़्तर पर इस्रायली युद्धक विमानों ने हमला किया।
  • 2009 – रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसकी अनुषंगी रिलायंस पेट्रोलियम के निवेशकों के निदेशकों के बोर्ड ने दोनों कंपनियों के विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

जन्मदिन विशेष : भारत की पहली महिला मुक्केबाज मैरी कोम के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य एवं जानकारी

मंगते चुंगनेइजैंग, जिन्हें आमतौर पर मैरी कॉम के नाम से जाना जाता है विश्व की सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाजों में से एक हैं। मैरी कॉम ने अपनी प्रतिभा और हुनर के दम पर कई मैडल जीतकर इतिहास रचा है। उन्होंने ने केवल इतिहास ही रचा बल्कि भारत को दुनिया के सामने गौरान्वित भी किया है। आइए जानते हैं भारत की पहली महिला मुक्केबाज मैरी कोम के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य।

मैरी कोम का जन्म 1 मार्च 1983 को मणिपुर के कांगथाही गाँव में एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। उनकी एक छोटी बहन और एक छोटा भाई भी है मैरी अपने भाई बहनों में सबसे बड़ी हैं।

मैरी कॉम ने अपनी प्राथमिक शिक्षा लोकटक क्रिश्चियन मॉडल स्कूल और सेंट हेवियर स्कूल से पूरी की। आगे की पढ़ाई के लिए वह आदिमजाति हाई स्कूल, इम्फाल गयीं लेकिन परीक्षा में फेल होने के बाद उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और फिर राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय से परीक्षा दी।

मैरी कॉम का बचपन बहुत ही संघर्षपूर्ण था। वह स्कूल जाने के साथ साथ अपने छोटे भाई-बहनों की देखभाल भी करती थी। वह अपने माता-पिता की भी मदद करती थी जो खेतों में काम करते थे।

मैरी कॉम की रुचि बचपन से ही एथ्लेटिक्स में थी। स्कूल में उन्होंने वॉलीबॉल, फुटबॉल और एथलेटिक्स सहित सभी प्रकार के खेलों में भाग लिया करती थी। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने कभी भी बॉक्सिंग प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया था।

साल 1998 में जब मणिपुर के बॉक्सर डिंग्को सिंह ने जब एशियन गेम्स में गोल्ड मैडल जीता, तब वे उनसे काफी प्रभावित हुईं और उन्होंने बॉक्सिंग में अपने करियर बनाने की ठान ली।

लेकिन एक महिला होने के नाते उनके लिए इसमें करियर बनाना इतना आसान नहीं था, लेकिन मैरी कॉम के शुरु से ही अपने इरादे में दृढ़ रहने की चाह ने आज उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाजों की सूची में शामिल कर दिया है।

दरअसल, मैरी कॉम के पिता और उनके घर वाले उनके बॉक्सिंग के करियर बनाने के बिल्कुल खिलाफ थे। गौरतलब है कि पहले लोग बॉक्सिंग के खेल को पुरुषों का खेल समझते थे। ऐसे में इस फील्ड में करियर बनाना मैरी कॉम के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं था।

वहीं दूसरी तरफ परिवार की आर्थित हालत सही नहीं होने की वजह से मैरि कॉम के लिए बॉक्सिंग के क्षेत्र में प्रोफेशनल ट्रेनिंग लेना भी काफी मुश्किल था, लेकिन फौलादी इरादों वाली मैरी कॉम ने आसानी से इन सभी मुसीबतों का सामना कर लिया और विश्व की महान मुक्केबाज के रुप में उभर कर सामने आईं।

बॉक्सिंग के क्षेत्र में अपने करियर बनाने का मन में ठान बैठी मैरीकॉम ने अपने घर वालों को बिना बताए ही ट्रेनिंग लेना शुरु कर दिया था।

वहीं साल 1999 में एक बार मैरीकॉम ने “खुमान लंपक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स” लड़कियों को लड़कों के साथ बॉक्सिंग करते हुए देखा, जिसे देख कर वे काफी प्रेरित हुई और उन्होंने अपने लक्ष्य को किसी भी हाल में पाने का निश्चय कर लिया।

इसके बाद मैरी कॉम ने अपने सपने को सच करने के लिए मणिपुर राज्य के इम्फाल में बॉक्सिंग कोच एम नरजीत सिंह से ट्रेनिंग लेना शुरु कर दिया।

01 अक्टूबर 2014 को इन्होंने विश्व इतिहास रचते हुए एशियाई खेलो में स्वर्ण पदक जीतने के साथ वे भारत के पहली मुक्केबाज बनी।

8 नवंबर 2017 को उन्होंने वियतनाम में हो ची मिन्ह में आयोजित ASBC एशियाई परिसंघ की महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अभूतपूर्व पाँचवाँ स्वर्ण पदक (48 किलोग्राम) प्राप्त किया।

24 नवंबर 2018 को, उन्होंने 6 बार विश्व चैंपियनशिप जीतने वाली पहली महिला बनकर इतिहास रच दिया, यह उपलब्धि उन्होंने नई दिल्ली में आयोजित 10 वीं एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में हासिल की।

साल 2001 में मैरी कॉम जब पंजाब में नेशनल गेम्स खेलने के लिए जा रही थी, तभी उनकी मुलाकात ओन्लर से हुई थी। उस समय ओन्लर दिल्ली यूनिवर्सिटी में लॉ की पढ़ाई कर रहे थे। 4 सालों की दोस्ती के बाद 2005 में दोनों ने एक-दूसरे से शादी कर ली। शादी के बाद दोनों को तीन बच्चे हुए। साल 2007 में मैरी कॉम ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। इसके बाद साल 2013 में फिर से उन्हें एक और बेटा पैदा हुआ।

मां बनने के बाद भी उनके प्रोफेशनल एटिट्यूड में किसी तरह की कोई कमी नहीं आई। मां बनने के बाद उनका जुनून और भी बढ़ गया जिसके चलते उन्होंने वर्ल्ड टाइटल का खिताब हासिल किया।

वह फ्लाईवेट (51 किग्रा) वर्ग में 2012 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली और भारत के लिए कांस्य पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय महिला हैं। यह पहली बार था जब महिला मुक्केबाजी को ओलंपिक खेल के रूप में पेश किया गया था।

मेरी कोम के जीवन पर आधारित फिल्म ‘मेरी कोम’ को ओमंग कुमार ने बनाया था, जिसे 5 सितम्बर 2014 में रिलीज़ किया गया था। फिल्म में मुख्य भूमिका में प्रियंका चोपड़ा थी, जिसमें उनकी अदाकारी देखने लायक थी।

मैरी कॉम को ओलंपिक पदक जीतने के लिए सरकार से कई नकद पुरस्कार मिले। उन्हें अरुणाचल प्रदेश सरकार और जनजातीय मामलों के मंत्रालय से 10 लाख रुपये, असम सरकार से 20 लाख रुपये, उत्तर पूर्वी परिषद से 40 लाख रुपये और राजस्थान और मणिपुर सरकार से 50 लाख रुपये मिले। उन्हें मणिपुर सरकार से 2 एकड़ ज़मीन भी मिली।

2006 में मैरीकॉम को पद्मश्री, 2009 में उन्हें देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से भी नवाजा गया हैं।

‘मैग्नीफिसेंट मैरी’ उपनाम से सम्मानित कॉम को 2003 में अर्जुन पुरस्कार, 2009 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, 2010 में पद्म श्री और 2013 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है।

2014 में ‘मैरी कॉम’ पर एक जीवनी फिल्म रिलीज हुई थी। इसका निर्माण संजय लीला भंसाली ने किया था और निर्देशन ओमंग कुमार ने किया था। मैरी कॉम की भूमिका निभाई. ऐसा कहा जाता है कि मैरी कॉम के रूप में प्रियंका ने अपनी पूरी जिंदगी में जितनी कमाई की, उससे कहीं ज्यादा कमाई उन्होंने मैरी कॉम के तौर पर एक फिल्म में की।

1 मार्च का इतिहास

1 मार्च का इतिहास:-

  • 1896 – वैज्ञानिक ऑनरी बेकेरल के एक प्रयोग के कारण रेडियोधर्मिता क्या होती है, इसका पहली बार पता चला।
  • 1914 – लॉर्ड मिंटो द्वितीय का निधन, ये भारत के वायसराय तथा गवर्नर-जनरल थे।
  • 1917 – पंजाबी, हिंदी और उर्दू भाषाओं में लिखने वाले प्रसिद्ध साहित्यकारक करतार सिंह दुग्गल का जन्म।
  • 1947 – अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अपना वित्‍तीय कामकाज शुरू किया था।
  • 1954 – अमरीका ने प्रशांत क्षेत्र में स्थित मार्शल द्वीपों के बिकिनी द्वीपसमूह में किसी मानव की ओर से हुआ सबसे बड़ा विस्फोट किया। ये माना जाता है कि यह हाइड्रोजन बम हिरोशिमा को नष्ट करने वाले परमाणु बम से भी हज़ार गुना ज़्यादा शक्तिशाली बम था।
  • 1966 – ब्रितानी वित्त मंत्री जेम्स कैलाहन ने ब्रितानी मुद्रा व्यवस्था में परिवर्तन की घोषणा की।
  • 1968 – भारतीय क्रिकेटर और टीवी अभिनेता सलिल अंकोला का जन्म।
  • 1968 – भारतीय महिला भारोत्तोलक खिलाड़ी कुंजुरानी देवी का जन्म।
  • 1983 – भारतीय महिला मुक्केबाज मैरी कॉम का जन्म।
  • 1988 – हिन्दी के प्रसिद्ध कवि सोहन लाल द्विवेदी का निधन।
  • 1999 – मानव संहारक बारूदी सुरंगों (एंटी पर्सेनिबल माइन्स) के उत्पादन और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय संधि (ओटावा संधि) लागू हुआ।
  • 2000 – मोहम्मद अहमद अल गयूम के स्थान पर मुबारक अल शामेख लीबिया के नए प्रधानमंत्री नियुक्त।
  • 2001 – लश्करतोइबा सहित 21 आतंकवादी संगठनों पर ब्रिटेन में प्रतिबंध।
  • 2002 – यूरो क्षेत्र के 10 देशों की मुद्रा समाप्त, यूरो अब 30 करोड़ लोगों की वैध मुद्रा बना।
  • 2004 – हैती के राष्ट्रपति ज्यों बर्तरा एसिस्तदे देश छोड़कर दक्षिण अफ़्रीका भागे।
  • 2005 – सोयूजयू रॉकेट कजाकिस्तान के बैकानूर अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित।
  • 2008 – वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर बहते हुए पानी की मौजूदगी का कोई सबूत नहीं मिलने का दावा किया।
  • 2009- राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने चावला को अगले मुख्य चुनाव आयुक्त बनाने की घोषणा की।
  • 2010 – हॉकी विश्व कप के पहले मैच में भारत ने पाकिस्तान को 4-1 से हराया।

History of 1 March

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