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श्री राम के बाण जैसा रामनारायण मंदिर, रोचक तथ्य

आंध्र प्रदेश के विजयनगर में रामनारायण मंदिर का स्थापत्य राम – धनुष की आकृति लिए हुए है। भूतल पर महाविष्णु तो ऊपरी तल पर भगवान श्रीराम का मंदिर है। बाण के अगले भाग पर हनुमान जी की 60 फुट ऊंची मूर्ति है, जिसे एक किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकता है।

यह मंदिर भारतीय वास्तु कला का अद्भुत नमूना है। यह मंदिर विजयनगर में कोरुकोंडा रोड पर स्थित है, जो विशाखापत्तनम से 50 किलोमीटर दूर है।

Ramnarayan temple interesting facts

इतिहास

रामायण पर आधारित इस मंदिर का निर्माण एन. सी. एस. चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा 15 एकड़ क्षेत्र में किया गया है। मंदिर को धनुष और बाण के आकार की तरह अनूठा डिजाइन किया गया है।

यह मंदिर आज एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बन चुका है और अपनी स्थापना के 18 महीनों के भीतर यह विजयनगर में सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक बन गया है।

आध्यात्मिक अनुभव चाहने वालों के लिए यह एक अद्भुत स्थान है। प्रांगण का अनूठा डिजाइन और ऊंचाई पर्यटकों/ तीर्थयात्रियों को आनंददायक और स्फूर्तिदायक अनुभव से मंत्रमुग्ध कर देती है।

ramnarayan mandir
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अवधारणा से लेकर डिजाइन, कार्यान्वयन और वास्तविक निर्माण तक बनने में इसमें एक दशक से अधिक का समय लगा है जिसमें देश भर से सैंकड़ों कलाकारों और कारीगरों की मेहनत शामिल है।

यह कई मायनों में असाधारण है। इसके विभिन्न हिस्सों का डिजाइन हिंदू पौराणिक कथाओं को कायम रखने वाली प्राचीन वास्तुकला पर आधारित है।

प्रांगण में अनेक पेड़ उगाए गए हैं। एक खंड में नक्षत्र वन, नारायण वन, रासी वन, नवग्रह वन, विनायक वन, सप्तऋषि वन, पंचवटी वन, पंच भूत वन के पवित्र वृक्षों को दर्शाया गया है। ये दुर्लभ पेड़ भारतीय ग्रंथों का हिस्सा रहे हैं।

यह मंदिर सुबह से खुला रहता है लेकिन शाम को इसका दौरा करना सबसे अच्छा होता है। उस समय पूरा क्षेत्र इंद्रधनुष के रंगों से जगमगा उठता है, जिससे ऐसा महसूस होता है जैसे स्वर्ग नीचे पृथ्वी पर आ गया हो। धनुष की लंबाई के साथ सुंदर मैगा फव्वारे अनूठे दृश्य पेश करते हैं।

ramnarayan temple
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यहां का खुला प्राकृतिक वातावरण ताजा हवा के झोंके से तरोताजा कर देता है। इसके अलावा, विशाल नाट्य मंडपम में नियमित रूप से भारतीय प्रदर्शन कला से संबंधित कार्यक्रम होते हैं।

यहां आने वाले लोग भरतनाट्यम या कुचिपुड़ी नृत्य शैली से लेकर गायन और कई धार्मिक/ आध्यात्मिक प्रवचनों में भी भाग ले सकते हैं।

मंदिर के केंद्रीय वातानुकूलित परिसर में रामायण से जुड़ी मूर्तियों की एक पूरी श्रृंखला है। जिसमें रामायण के 72 हिस्सों को महाकाव्य की शुरुआत ‘बाल कांड‘ से लेकर ‘युद्ध कांड‘ तक के दृश्यों के साथ चित्रित किया गया है।

पंजाब केसरी से साभार

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