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सागर की गहराइयों मे छुपे कुछ राज़ !!

कहते हैं सागर की गहराइयों में क़ुदरत के बहुत से राज़ छुपे हैं, जिनसे इंसान आज भी पर्दा नहीं उठा पाया है। इसके साथ ही इंसानी ज़िंदगी की तबाही के भी बहुत से राज़ समंदर ने अपने सीने में छुपा रखे हैं।

आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं सागर से जुड़े एक ऐसे ही राज़ के बारे में :-

अटलांटिक महासागर पर ‘एलियन्‍स’ या ‘उड़न तश्‍तरी’!

अमेरिकी सेना को अटलांटिक महासागर के ऊपर क्यूब के आकार की एक रहस्यमय वस्तु उड़ते हुए नजर आई है। चांदी के रंग में क्यूब जैसी यह वस्तु अटलांटिक महासागर के ऊपर उड़ान भरती नज़र आई थी।

UFO द्वारा यह घटना वर्ष 2018 और 2020 की गर्मियों की में देखी गई थी। इसकी तस्वीरों को अमेरिका के खुफिया संगठनों के बीच बड़े पैमाने पर शेयर किया गया था। इस पूरी रिपोर्ट को अनाइडेन्टफाइड एरियल फेनोमेना (UAP) टास्क फोर्स ने तैयार किया था।

UAP की रिपोर्ट में कहा गया था कि यह रहस्यमय ऑब्जेक्ट समुद्र से निकला और आकाश में चक्कर लगाने लगा। इस वस्‍तु के हर कोने से सफेद लाइट न‍िकल रही थी। देखने में यह त्रिकोण के आकार का विमान नज़र आ रहा था।

बाल्टिक सागर विसंगति

2011 में, 87 मीटर की गहराई पर बाल्टिक सागर के तल पर, गोताखोरों को एक रहस्यमय वस्तु मिली, जिसने दुनिया भर के वैज्ञानिकों को उलझन में डाल दिया।

इस रहस्यमय वस्तु को “बाल्टिक विसंगति” या “बाल्टिक यूएफओ” उपनाम दिया गया था, क्योंकि यह एक विदेशी अंतरिक्ष यान की तरह दिखता था। इसका व्यास लगभग 60 मीटर था, और इसका आकार बेलनाकार था।

कुछ भूवैज्ञानिकों का मानना ​​है कि यह प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होने वाली चट्टान है, जबकि अन्य आश्वस्त हैं कि यह वास्तव में एक यूएफओ है जो समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि आइस एज से पहले इसे हजारों साल पहले बनाया गया था। हालांकि अभी यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि यह वास्तव में क्या है।

बिमिनी रोड

साल 1968 में एक स्कूबा डाइविंग की टीम ने समुद्र के अंदर एक ऐसी रहस्यमई चीज ढूंढ निकाली, जिस पर यकीन करना मुश्किल है।

यह रहस्यमई चीज़ एक सड़क थी। आखिर समुद्र के इतने नीचे यह सड़क कहां से आ सकती है और उस सड़क का नाम बीमिनी रोड रखा गया।

यह रहस्यमई सड़क अलग-अलग पत्थरों से मिलकर बनी हुई थी। जिसमें से ज्यादातर पत्थर 10 से 13 फीट लंबे और 7 से 10 फीट चौड़े हैं। हैरानी वाली बात तो यह है, कि यह सभी पत्थर एक आकार के कटे हुए हैं।

हर पत्थरों एक के बाद एक इस तरह से मौजूद हैं। जिसे देख कर कोई भी कह सकता है, कि इन पत्थरों का आकार कुदरती तो नहीं हो सकता, बल्कि इन्हें एकदम सही आकार में काट कर रखा गया है।

ताकि एक बिल्कुल सही रास्ता तैयार हो सके। अजीब चीज तो यह है, कि आगे चलकर यह सभी पत्थर एक के ऊपर एक जुड़े हुए मिलते हैं।

सबसे रहस्यमई बात तो यह है, कि कोई नहीं जानता कि यह रास्ता किसने बनवाया थी और आखिर यह कहां जाकर खत्म होता है क्योंकि आखरी पत्थर का ज्यादातर हिस्सा ओसियन फ्लोर में धंसा हुआ है।

धँसा हुआ पिरामिड

पुर्तगाल में टर्सेरिया और साओ मिगेल के द्वीपों के बीच एक विशाल सूर्य के पिरामिड की खोज की गई थी। इसके बारे में अनुमान है कि यह लगभग 20,000 वर्षों से पानी के भीतर रहा है, जिसका अर्थ है कि यह अंतिम हिमयुग के समय मौजूद था।

पिरामिड की ऊंचाई लगभग 60 मीटर है और इसके आधार की चौड़ाई लगभग 8000 वर्ग मीटर है। विशाल पिरामिड की नोक सतह से लगभग 40 फीट नीचे है जबकि संरचना लगभग एक परिपूर्ण पिरामिड है।

इसके पास में पिको द्वीप है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह एक ऐसी सभ्यता थी, जो हजारों साल पहले यहाँ मौजूद थी।

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