Saturday, November 23, 2024
25.8 C
Chandigarh

भारत के 5 ऐसे मंदिर जहां पुरुषों को जाने की अनुमति नहीं है

भारत को मंदिरों की भूमि के रूप में जाना जाता है। आस्था के ये भव्य, सरल, पवित्र मंदिर देश के लगभग हर कोने में देखे जा सकते हैं।

लेकिन, क्या आप जानते हैं कि भारत में ऐसे मंदिर भी हैं, जहां की परंपराएं पुरुषों के प्रवेश पर रोक लगाती हैं, या कुछ दिन ऐसे होते हैं जब मंदिर परिसर में महिलाओं का वर्चस्व होता है, और जब केवल महिलाओं को ही पूजा करने के लिए परिसर में प्रवेश करने की अनुमति होती है?

आज इस पोस्ट में हम कुछ ऐसे ही खास मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए जानते हैं

अटुकल भगवती मंदिर, केरल

केरल के अट्टूकल भगवती मंदिर में सिर्फ महिलाओं को ही पूजा करने का अधिकार है। इस मंदिर में महिलाओं का वर्चस्व है। यहां हर साल पोंगल के खास मौके पर लाखों संख्या में महिला श्रद्धालु आती है।

पोंगल त्योहार के दौरान मनाए जाने वाला यह खास कार्यक्रम 10 दिनों तक चलता है। इसे नारी पूजा भी कहते हैं। इस दौरान पुरुषों के यहां प्रवेश करने पर पाबंदी होती है।

इस मंदिर का नाम गिनीज वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है, यहां के पुरुष पंडित दिसंबर में महिलाओं के लिए 10 दिन का उपवास रखते हैं और पहले शुक्रवार को महिला श्रद्धालुओं के पैर धोते हैं। इस दिन को धनु कहा जाता है।

भगवान ब्रह्मा मंदिर, राजस्थान

यह बहुत ही दुर्लभ मंदिरों में से एक है जहां भगवान ब्रह्मा राज करते हैं। यह प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर विवाहित पुरुषों को देवता की पूजा करने के लिए गर्भगृह में प्रवेश करने से रोकता है।

यह पुरे देश में बना हुआ ब्रह्मा का अकेला मंदिर है। पुराणों के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने पुष्कर झील में पत्नी देवी सरस्वती के साथ एक यज्ञ किया था लेकिन सरस्वती किसी बात के लिए नाराज हो गईं।

तब उन्होंने मंदिर को शाप दिया कि “किसी विवाहित व्यक्ति को आंतरिक परकोटे में जाने की इजाजत नहीं है अन्यथा उसके वैवाहिक जीवन में एक समस्या उत्पन्न होगी.” यही कारण है कि कुंवारे पुरुष तो मंदिर में जा सकते हैं लेकिन विवाहित पुरुषों का प्रवेश वर्जित है।

बिहार में राजराजेश्वरी माता मंदिर

बिहार के मुजफ्फरपुर का माता का मंदिर आमतौर पर तो सभी श्रद्धालुओं के लिए खुला होता है, लेकिन ऐसा कहा जाता है कि मंदिर में विराजमान देवी कुमारी कन्या हैं। वह जब महीने में 4 दिन राजस्वला (पीरियड) में होती है।

इस दौरान कोई भी पुरुष मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकता और मंदिर के इस नियम का खास तौर पर बेहद सख्ती से पालन किया जाता है। बता दें इस दौरान मंदिर के पुजारी को भी गर्भग्रह में जाने की अनुमति नहीं होती।

कामाख्या मंदिर, असम

यह भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, जहां पुरुषों को वर्ष के कुछ निश्चित समय के दौरान मंदिर परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।

असम के पश्चिम गुवाहाटी में नीलाचल पहाड़ियों में बसा यह मंदिर अपने अंबुबाची मेले के लिए प्रसिद्ध है। यह मेला हर साल आयोजित किया जाता है और दुनिया भर से बहुत सारे भक्त इस भव्य समारोह का हिस्सा बनने आते हैं। इस दौरान मंदिर का मुख्य द्वार चार दिनों तक बंद रहता है।

ऐसा माना जाता है कि उन दिनों देवी को मासिक धर्म होता है। इस अवसर पर, पुरुषों को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है और उन दिनों केवल महिला पुजारी या संन्यासियों को मंदिर की सेवा करने की अनुमति है।

कन्याकुमारी मंदिर, तमिलनाडु

तमिलनाडु की देवी कन्याकुमारी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। मंदिर ब्रह्मचारी या सन्यासी को केवल मंदिर के द्वार तक प्रवेश करने की अनुमति देता है।

इस मंदिर के गर्भगृह में विवाहित पुरुषों का प्रवेश सख्त वर्जित है। यह मंदिर उस स्थान के लिए माना जाता है जहां माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए तपस्या की थी।

कन्याकुमारी कन्या (कुंवारी) के इस मंदिर में केवल महिलाएं ही जाती हैं। माना जाता है कि विवाहित पुरुष देवी के इस स्वरूप के दर्शन कर लें तो उनके विवाहित जीवन में नकारात्मकता आ जाती है। इसी वजह से मंदिर के गर्भगृह में विवाहित पुरुषों का प्रवेश वर्जित है।

यह भी पढ़ें :-

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow
- Advertisement -

MOST POPULAR