आमतौर पर सांप का नाम सुनते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। दुनिया सांपों को खौफ का दूसरा नाम मानती है, वहीं दूसरी तरफ शास्त्रों में इन्हें पूजनीय भी बताया गया है। भगवान महादेव भी सर्प को एक आभूषण के रूप में स्वीकार करते हैं।
आज इस पास में हम आपको 5 ऐसे दुर्लभ सांपो के बारे में बताने वाले हैं जो अन्य सांपों से अलग है और बहुत दुर्लभ है , तो चलिए जानतें हैं।
Spider-tailed horned viper(स्पाइडर-टेल्ड हॉर्नेड वाइपर)
इस सांप के शिकार करने का तरीका बहुत अनोखा है यह शिकार को अपनी पूछ से भ्रमित करते हैं क्योंकि इनकी पूंछ देखने में किसी मकड़ी की तरह दिखाई देती है।
जिसके बाद जैसे ही कोई चीज इस सांप की पूंछ को मकड़ी समझकर उसका शिकार करने की कोशिश करता है तो वह सांप का शिकार बन जाता है।
इस सांप को 1968 में एक वैज्ञानिक अभियान के दौरान ईरान में खोजा गया था और इस पकड़े गए पहले सांप को शिकागो के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम में रखा गया था।
Rainbow boa(रेनबो बोआ)
सांपों की दुर्लभ प्रजाति में से एक है रेनबो स्नेक जोकि संयुक्त राज्य अमेरिका के फ्लोरिडा के जंगलों में पाया गया है। शरीर पर काली धारियों वाला यह सांप सूरज की रोशनी में आने के बाद बहुत कलरफुल हो जाता है।
जैसे ही इनकी लाल त्वचा पर सूरज की किरणें पड़ती है यह सांप रंग-बिरंगे दिखाई देने लगते हैं जिस वजह से इस सांप को ‘रैनबो बोआ‘ कहां जाता है।
साउथ अमेरिका का जंगल इन सांपों का घर है इन सांपों को पेड़ों पर चढ़ना बहुत अच्छा लगता है और यह सांप 6.5 फीट लंबे भी हो सकते हैं जो छोटे स्तनपाई जीव को अपना शिकार बनाते हैं। यह रेनबो स्नेक खतरनाक नहीं है।
Atheris hispida (एथेरिस हिस्पिडा)
इस सांप को आप छोटा ड्रेगन भी कह सकते हैं क्योंकि यह सांप ड्रैगन का मिलाजुला रूप है इसीलिए इस सांप की पीठ भी देखने में किसी ड्रैगन की तरह दिखाई देती है।
यह सांप सेंट्रल अफ्रीका के फॉरेस्ट में पाए जाते हैं जो सूखी पत्तियों और टहनियों के बीच धूप सेकते देखे जा सकते हैं इस प्रजाति के सांपों का रंग अलग-अलग हो सकता है।
इस प्रजाति के नर सांप 28.7 इंच तक बढ़ सकता हैं यह सांप छोटे स्तनपाई जीव और छिपकलियों का शिकार करते हैं। यह भी एक जहरीली प्रजाति के रुप में जानी जाती है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस सांप को रफ-स्केलड बुश वाइपर और स्पाइनी बुश वाइपर के रूप में भी जाना जाता है।
Barbados threadsnake(बारबाडोस थ्रेडस्नेक)
थ्रेड स्नेक को दुनिया का सबसे छोटा साँप माना जाता हैं। इसकी लम्बाई लगभग 4 इंच यानि की 10 सेंटीमीटर होती हैं इसके अलावा यह सांप 0.9 मीटर मोटे होते हैं।
यह कवेल बारबाडोस के कार्रेबियन आइलैंड में पाया जाता हैं। इस सांप को ‘स्टेफेन ब्लेयर हेडगेस‘ ने खोजा था उन्होंने बीवी केरला के नाम पर इस सांप का साइंटिफिक नाम ‘Leptotyphlops carlae” (लेप्टोटाइप्लप्स कार्ला) रखा था।
स्टेफेन के मुताबिक यह सांप बिल्कुल नूडल जैसे होते हैं और अपने छोटे साइज की वजह से यह केवल दिमक और चींटी के लारवा को अपना शिकार बनाते हैं।
Paradise flying snake(पैराडाइज फ्लाइंग स्नेक)
इस सांप की उड़ने की काबिलियत की वजह से इसे फ्लाइंग स्नेक कहा जाता है। यह एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर छलांग लगाने से पहले अपने शरीर को z आकृति मैं मोड़ देते हैं और छलांग लगाते ही अपने शरीर को फैला लेते हैं।
जिससे यह कुछ दूरी को हवा में उड़कर पार कर लेते हैं इसके अलावा यह उड़ते हुए अपनी पूंछ की सहायता से दिशा भी बदल सकते हैं।
यह सांप साउथईस्ट एशिया में पाए जाते हैं जिनमें जहर होता है पर इनका जहर इंसान के लिए खतरनाक नहीं होता है लेकिन उड़ने के कारण इनका खौफ बहुत ज्यादा होता है
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