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अनोखा समाज:-जहां लोगों के पूरे शरीर पर लिखा जाता है राम का नाम

हिन्दू धर्म में राम का नाम लेना ही बहुत पुण्यकारी माना जाता है लेकिन भारत में एक ऐसी संस्कृति भी है जिसमें राम नाम को कण-कण में बसाने की परम्परा है।

वैसे तो भारत को विविधताओं वाला देश कहा जाता है क्योंकि यहाँ पर हर धर्म के लोग और हर धर्म का अलग अलग स्वरूप देखने को मिलता है।

लेकिन आज इस लेख में हम आपको ऐसी ही एक अनोखी परम्परा के बारे ने बताने जा रहे हैं जिनके सिर्फ मुंह पर ही नहीं बल्कि पूरे शरीर पर राम नाम रहता हैं।

भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में एक ऐसी परम्परा है जिसे “रामनामी” के नाम से जाना जाता है। इसी परम्परा के चलते इस संप्रदाय से जुड़े लोग अपने पूरे शरीर पर “राम-राम” का नाम अर्थात राम नाम का स्थाई टैटू बनवाते हैं।

राम-राम लिखे कपड़े धारण करते हैं, घरों की दीवारों पर राम-राम लिखवाते हैं, आपस में एक दूसरे का अभिवादन राम-राम कह कर करते हैं, यहां तक कि एक-दूसरे को राम-राम के नाम से ही पुकारते हैं।

इनके अनुसार राम हर मनुष्य में, पेड़-पौधों में, जीव-जन्तु में और समस्त प्रकृति में समाया हुआ है लेकिन न ये लोग मंदिर जाते हैं और न ही मूर्ति पूजा करते हैं।

टैटू बनवाने के पीछे भगवान की भक्ति के साथ ही सामाजिक बगावत भी एक कारण है। कहा जाता है कि 100 साल पहले गांव में हिन्दुओं की ऊंची जाति के लोगों ने इस समाज को मंदिर में जाने से मना कर दिया था।

इसके बाद से ही इन्होंने विरोध करने के लिए चेहरे सहित पूरे शरीर में राम नाम का टैटू बनवाना शुरू कर दिया। रामनामी समाज को “रमरमिहा” के नाम से भी जाना जाता है।

कई लोग इस परंपरा को पिछले 50 सालों से निभा रहे हैं। वहां के लोग बताते हैं जिस दिन उन्होंने ये टैटू बनवाया, उस दिन उनका नया जन्म हो गया। 50 साल बाद उनके शरीर पर बने टैटू कुछ धुंधले से हो चुके हैं लेकिन उनके विश्वास में कोई कमी नहीं आई है।

रामनामी जाति के लोगों की आबादी तकरीबन एक लाख है और छत्तीसगढ़ के चार जिलों में इनकी संख्या ज़्यादा है। सभी में टैटू बनवाना एक आम बात है।

इस समाज में पैदा हुए लोगों को शरीर के कुछ हिस्सों में टैटू बनवाना जरूरी है। खासतौर पर छाती पर और दो साल का होने से पहले। टैटू बनवाने वाले लोगों को शराब पीने की मनाही के साथ ही रोजाना राम नाम बोलना भी जरूरी है।

रामराम लिखवाने वालों ने बताया कि रामनामियों की पहचान राम-राम का नाम लिखवाने के मुताबिक की जाती है। शरीर के किसी भी हिस्से में राम-राम लिखवाने वाले रामनामी, माथे पर राम नाम लिखवाने वाले को शिरोमणि, और पूरे माथे पर राम नाम लिखवाने वाले को सर्वांग रामनामी और पूरे शरीर पर राम नाम लिखवाने वाले को नखशिख रामनामी कहा जाता है।

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20 हिन्दू परम्पराओं के पीछे वैज्ञानिक कारण

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