Sunday, November 24, 2024
15 C
Chandigarh

जानिए अनोखी रैसे मछली के बारे में रोचक तथ्य

पानी के अंदर कई प्रकार के अजब अनोखे प्राणी पाए जाते हैं। इन्हीं में एक है (Wrasse) रैसे मछली। दरअसल इस मछली को आमतौर पर उनके मोटे होंठों के लिए जाना जाता है और उनके अनोखे होंठों के कारण, उन्हें जर्मनी में लिप-फिश के रूप में जाना जाता है। आज इस पोस्ट में हम जानेंगे इस अनोखी मछली के बारे में कुछ रोचक तथ्य, तो चलिए जानते हैं :-

  • मछली की यह प्रजाति ज्यादातर चमकीले रंग की होती है। इसकी लगभग 500 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद हैं। ये मछली मांसाहारी होती है और छोटे जीवों का शिकार करती है जैसे छोटी मछली, घोंघा, केकड़ा, झींगा आदि।
  • ये ज्यादातर तटीय क्षेत्रों, चट्टानी तटों, कोरल रीफ्स, ज्वारीय ताल और रेतीले समुद्री सतह में निवास करती है। लॉयन फिश, डॉग फिश और शार्क आदि मछलियां इन्हें अपना भोजन बनाती हैं।
  • नेपोलियन रैसे अक्सर लाल सागर, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के बाहरी बाहरी ढलानों पर पाई जाती हैं। इसे दिन में चट्टान पर घूमते हुए देखा जा सकता है और रात में चट्टान की गुफा में बसा हुआ देखा जा सकता है।

  • यह 7 फीट की लंबाई तक बढ़ सकती है और इसका वजन 420 पाउंड तक हो सकता है। हालांकि, अधिकांश नर मछली औसतन 6 फीट की लंबाई तक बढ़ते हैं, जबकि मादा की 3 फीट तक की लंबाई होती हैं। अपने विशाल आकार के बावजूद, यह आसानी से डर जाता है।

हम्पहेड रैसे

रैसे परिवार की सबसे बड़ी प्रजाति हम्पहेड रैसे की है। यह 2 मीटर तक लम्बी और वजन में लगभग 100 किलो तक हो सकती है। फीमेल, मेल से बड़ी होती है। यह ज्यादातर प्रशांत महासागर के कैरोलाइन द्वीप में पाई जाती है। यह ब्राइट ब्लू और ग्रीन कलर की सुंदर मछली है।

लेपर्ड रैसे

लेपर्ड रैसे को गिनी फाउल रैसे और ब्लैकस्पॉट रैसे के नाम से भी जाना जाता है। फीमेल सफेद होती है, जिनमें कई काले या भूरे रंग के धब्बे या डॉट्स होते हैं और मेल में नारंगी-लाल रंग के तथा हरे धब्बे होते हैं। यह कोरल रीफ्स की  सतह से 30 मीटर की गहराई पर रहती है।

शिपहेड रैसे

शिपहेड रैसेस ज्यादातर जापान और चीन में पाई जाती हैं। इसके अलावा ये दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया में भी पाई जाती हैं। इनकी लंबाई 100 सेमी तक हो सकती है और वजन करीब 14 किलो तक। जापान में यह कोबुदाई (kobudai) के नाम से प्रसिद्ध है।

रॉकमूवर रैसे

इसे ड्रैगन रैसे के नाम से भी जाना जाता है और यह एक आकर्षक मछली है। यह रेत के अंदर से तैरते हुए कंकड़ और रेत को मूव करती है। यह इंडो-पेसिफिक रीजन के आसपास कोरल रीफ्स में पाई जाती है। यह करीब 10 इंच तक बढ़ सकती है।

यह भी पढ़ें :-

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow
- Advertisement -

MOST POPULAR