Wednesday, April 17, 2024
35.4 C
Chandigarh

दिवाली पर कैसे करे माँ लक्ष्मी की पूजा और क्यों चढ़ाए जाते है खील-बताशे !!!

दिवाली का त्यौहार आने वाला है और इस त्यौहार की तैयारी काफी समय पहले से होने लगती है। माना जाता है, कि दिवाली के दिन दीपों की रोशनी में मां लक्ष्मी घर में आती हैं। दिवाली पर सभी माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

दिवाली पर लोग पूजन सामग्री और खील-बताशे खरीदते हैं। मां लक्ष्मी को दीपावली पर खील-बताशे का प्रसाद जरूर चढ़ाया जाता है।  क्या आप जानते हैं कि माता लक्ष्मी की पूजा खील बताशों से ही क्यों की जाती है? “खील” मतलब होता है धान।  खील मूलत: धान (चावल) का ही एक रूप है। खील चावल से बनती है।

चावल उत्तर भारत की  प्रमुख फसल भी है। वैसे तो  माता लक्ष्मी को बेसन के लड्डू और भगवान गणेश को मोदक का प्रसाद चढ़ाया जाता है। परन्तु दिवाली पर खील-बताशे ही चढ़ाए जाते हैं।

खील-बताशो  का महत्व

दीपावली के पहले ही धान की फसल तैयार हो जाती है, इस कारण लक्ष्मी को फसल के पहले भोग के रूप में खील-बताशे चढ़ाए जाते हैं। खील बताशों का एक ज्योतिषीय महत्व भी है। दीपावली धन और वैभव की प्राप्ति का त्योहार है, और धन-वैभव का दाता शुक्र ग्रह माना जाता है।

diwali-poojan-kheel-puffed-rice

शुक्र ग्रह का प्रमुख धान्य धान होता है। शुक्र को प्रसन्न करने के लिए हम लक्ष्मी को खील-बताशे का प्रसाद चढ़ाते हैं। यही कारण है कि दिवाली के दिन खील-बताशे चढ़ाए जाते हैं।

श्वेत और मीठी सामग्री दोनों शुक्र की ही कारक हैं। अत: इन दोनों को मिलाकर वास्तव में शुक्र ग्रह को ही अनुकूल किया जाता है। मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर भी शुक्र को अपने अनुसार किया जा सकता है। दीप पर्व पर संभवत: यही कारण है, कि खील बताशों के बिना लक्ष्मी पूजन संपन्न नहीं माना जाता है।

ऐसे करे मां लक्ष्मी की पूजा

दिवाली पर प्रत्येक व्यक्ति माँ लक्ष्मी की पूजा करता है। दिवाली वाले दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए अभी से रख ले ये 33 चीजें।  इस दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु, भगवान गणेश और भगवान कुबेर की भी पूजा करनी चाहिए।

इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए कलावा, रोली, सिंदूर, एक नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र , फूल, पांच सुपारी, लौंग, पान के पत्ते, घी, कलश, कलश के लिए आम का पल्लव, चौकी, समिधा, हवन कुण्ड, हवन सामग्री, कमल गट्टे, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), फल, बताशे, मिठाईयां, पूजा में बैठने हेतु आसन, हल्दी, अगरबत्ती, कुमकुम, इत्र, दीपक, रूई, आरती की थाली, कुशा, रक्त चंदनद, श्रीखंड चंदन पूजन सामग्री का इस्तेमाल करना चाहिए।

पूजन शुरू करने से पहले चौकी को धोकर उस पर रंगोली बनाएं और चौकी के चारों तरफ चार दीपक जलाएं। जिस जगह पर आप  मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करने जा रहे हैं, वहां पर थोड़ा सा चावल जरूर रखें। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनके बायीं ओर भगवान विष्णु की प्रतिमा को स्थापित करें।

diwali-2-final

आसन लगाकर उनके सामने बैठ जाएं और खुद को व आसन को इस मंत्र से शुद्ध करें

ऊं अपवित्र : पवित्रोवा सर्वावस्थां गतोऽपिवा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर: शुचि :॥

इस मंत्र से खुद पर और आसन पर 3-3 बार कुशा व पुष्पादि से छीटें लगाएं।

इस तरह  मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख शांति और धन की वर्षा होती है

पूजा करते समय हाथ में पुष्प, फल, सुपारी, पान, चांदी का सिक्का, नारियल (पानी वाला), मिठाई, मेवा, आदि सभी सामग्री थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेकर दिवाली पूजन के लिए संकल्प लें।

सबसे पहले गणेश भगवन की पूजा करें और इसके बाद स्थापित सभी देवी-देवताओं का पूजन करें। कलश की स्थापना करें और मां लक्ष्मी का ध्यान करें। मां लक्ष्मी को इस दिन लाल वस्त्र जरूर पहनाएं। मां लक्ष्मी सभी की मनोकामना को पूरी करती है।

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow
- Advertisement -

MOST POPULAR

RSS18
Follow by Email
Facebook0
X (Twitter)21
Pinterest
LinkedIn
Share
Instagram20
WhatsApp