साबुन का इस्तेमाल तो हर कोई करता हैं और अक्सर आपने देखा होगा कि साबुन चाहे किसी भी कलर का हो, लेकिन साबुन का झाग हमेशा सफेद ही होता है, ऐसा क्यों? तो चलिए जानते हैं इस पोस्ट के माध्यम से:-
क्यों होता है झाग का रंग सफ़ेद
दरअसल किसी भी चीज का अपना कोई रंग नहीं होता। उस पर जब प्रकाश की किरणें पड़ती हैं तो वह बाकी रंगों को सोखकर जिस रंग को परावर्तित (Reflect) करती हैं, वही उसका रंग होता है।
झाग कोई ठोस पदार्थ नहीं है। यह पानी, हवा और साबुन से मिलकर बनी एक पतली लेयर होती है।
यह परत (लेयर) जब गोल आकार ले लेती है तो हम इसे बुलबुला कहते हैं। साबुन का झाग बहुत सारे छोटे बुलबुलों का समूह होता है।
झाग बनाने वाले छोटे-छोटे बुलबुले भी इसी तरह की सतरंगी पारदर्शी परतों से बने होते हैं, लेकिन ये इतने बारीक होते हैं कि हम इन सतरंगी परतों को नहीं देख पाते।
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साबुन के एक बुलबुले पर प्रकाश किरणें पड़ते ही अलग-अलग दिशा में परावर्तित (Reflect) होने लगती हैं यानी उसके अंदर प्रकाश किरणें किसी एक दिशा में जाने के बजाय अलग-अलग दिशा में बिखर जाती हैं।
यही कारण है कि साबुन का एक बड़ा बुलबुला हमें पारदर्शी सतरंगी परत जैसा दिखाई देता है।
वहीं, दूसरा कारण यह है कि इन बुलबुलों में प्रकाश किरणें इतनी तेजी से घूमती हैं कि ये एक ही समय पर लगभग सभी रंगों को परावर्तित कर देती हैं यानी यदि कोई वस्तु एक साथ सभी रंगों को परिवर्तित कर दे तो उसका रंग सफेद दिखाई देता है। इसी वजह से साबुन के झाग का रंग सफेद दिखता है।
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