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बॉलीवुड के 18 सितारे जो फर्श से अर्श तक पहुंचे

बॉलीवुड के कई सितारों की ज़िंदगी से हमें बहुत कुछ सिखने को मिलता है, क्योंकि बॉलीवुड में आने से पहले कुछ सितारों ने बहुत संघर्ष किया है। एक सफल आदमी के पीछे उसकी कठिनाइयों का समय, उसकी असफलताएं और बहुत कष्ट होते हैं, जो उसे सफलता की मंजिल तक पहुंचाते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं बॉलीवुड के 18 ऐसे स्टार, जिन्होंने अभिनेता बनने से पहले बहुत संघर्ष किया।

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अमिताभ बच्चन

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने रेडियो कंपनी में नौकरी पाने के लिए बहुत कोशिश की थी, लेकिन वह नाकाम रहें। संघर्ष के दिनों में वह समुंद्री किश्ती के बेंच पर सोया करते थे। उन्होंने स्टार बनने से पहले 8 वर्ष तक संघर्ष किया था। 1970 के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की और तब से ही वह भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे प्रमुख शख्सयित बन गए।

माधुरी दीक्षित

माधुरी दीक्षित ने जब बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत की थी, तब उन्हें असफलताओं का मुंह देखना पड़ा था। उस दौरान आलोचकों ने तंज कसते हुए कहा था कि वह बॉलीवुड में सिर्फ अपने डांस की वजह से हैं। 5 वर्ष के लंबे संघर्ष के बाद तेज़ाब फिल्म से उनको एक नई पहचान मिली थी। उसके बाद उन्होंने बैक – टू – बैक हिट फ़िल्में देकर खुद के अभिनय की काबलियत को साबित कर दिया।

बोमन ईरानी

बोमन ईरानी चिप्स तलने वाली भट्‌टी के पास बैठकर अपनी बेहद छोटी सी दुकान संभालते थे। उसके बाद उन्होंने 2 साल मुंबई के प्रसिद्ध ताज होटल में एक वेटर और रूम सर्विस स्टाफ के रूप में काम किया। बॉलीवुड में आने से पहले वह फोटोग्राफी भी किया करते थे। उनके करियर की शुरूआत फिल्‍म ‘एवरीबडी सेस आई एम फाइन (Everybody says I am fine)’ से हुई थी। बॉलीवुड में सफलता पाने के लिए उन्होंने 5 वर्ष संघर्ष किया था। बॉलीवुड में उन्हें एक नई पहचान फिल्म ‘मुन्‍नाभाई एम.बी.बी.एस.’ से मिली थी।

जैकी श्रॉफ

फिल्मों में आने से पहले जैकी श्रॉफ मुंबई के मालाबार हिल के तीन बत्ती एरिया में रहते थे, वह वहां लोकल गुंडे थे, और उन्हें जग्गु दादा के नाम से जाना जाता था। एक बार वह बस स्टॉप पर खड़े थे, उन्हें किसी ने मॉडलिंग करने की पेशकश की, तब से उनकी किस्मत बदल गई थी। फिल्मी करियर की शुरुआत के दौरान वह अपने किरदार के लिए पैदल और लोकल ट्रेनों में जाते थे। उन्होंने फिल्मों में ब्रेक पाने के लिए 6 वर्ष तक संघर्ष किया।

शाहरुख खान

शाहरुख खान के करियर की शुरुआत टेलीविजन से हुई थी। उन्होंने दिल दरिया, फौजी, सर्कस जैसे सीरियल्‍स में काम किया था। उनकी बॉलीवुड करियर की शुरूआत ‘दीवाना’ फिल्म से हुई थी। यह फिल्म उस समय में सुपरहिट हुई थी। इसी फिल्‍म से उनको बॉलीवुड में एक नई पहचान मिली थी। आज उनको ‘बादशाह’ और ‘किंग खान’ के नाम से जाना जाता है।

देव आनंद

फिल्मों में आने से पहले वह मिलिट्री सेंसर ऑफिस में क्लर्क की नौकरी करते थे, जहां उनको 165 रुपए महीना वेतन मिलता था। उनका बॉलीवुड में सफर ‘हम एक हैं’ फिल्म से शुरू हुआ था, पर यह फिल्म असफल हो गई थी। फिल्मी करियर में नई पहचान बनाने के लिए उन्होंने 5-7 वर्ष संघर्ष किया था। 1948 में ‘जिद्दी’ उनकी पहली हिट फिल्म थी, उसके बाद वह बॉलीवुड में बहुत मशहूर हो गए थे। 3 दिसम्बर 2011 को 88 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया था।

दिलीप कुमार

उन्होंने अपनी जिंदगी में 7 वर्ष तक संघर्ष किया था। दिलीप कुमार एक कैंटीन चलाते थे। वहां एक्ट्रेस देविका रानी गई थी। दिलीप कुमार को देखकर देविका रानी ने उन्हें फिल्म में काम करने का मौका दिया। उनका असली नाम युसूफ खान था, देविका रानी ने ही उनका युसूफ खान नाम बदलकर दिलीप कुमार रखा था।

नेहा धूपिया

मिस इंडिया नेहा धूपिया फिल्मों में आने से पहले मॉडलों को स्टेज के पीछे तैयार करने का काम करती थी। 2002 में वह खुद फेमिना मिस इंडिया का हिस्सा बनी, जिसमें उन्होंने फेमिना मिस इंडिया का ताज़ अपने नाम किया। उन्होंने कुछ टीवी सीरियलस में भी काम किया। उन्होंने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत साल 2003 में अजय देवगन स्टारर फिल्म क़यामत से की थी।

अक्षय कुमार

फिल्मों में आने से पहले बॉलीवुड के अभिनेता अक्षय कुमार बैंगकॉक, सिंगापुर और भारत में कपड़े बेचने का काम करते थे। वह बैंगकॉक में वेटर और कुक का काम भी करते थे। उन्होंने फिल्मों में ब्रेक पाने के लिए 5 वर्ष तक संघर्ष किया था। उन्होंने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत फिल्म सौगंध से की थी, लेकिन बॉलीवुड में उनको एक नई पहचान फिल्म खिलाड़ी से मिली।

धर्मेंद्र

धर्मेन्द्र को लगता था कि उसे फिल्मों में आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। लेकिन उनको बॉलीवुड में आने के लिए जम कर संघर्ष करना पड़ा। एक टाइम ऐसा था की उनके पास खाने के लिए पैसे भी नहीं होते थे। फिल्म निर्माताओं के दफ्तर में चक्कर लगाने के लिए दूर -दूर तक पैदल जाते थे, ताकि वह खाने के लिए पैसे बचा सकें। उन्होंने फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ से बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत की थी।

मनोज कुमार

उन्होंने पहले भूतों की कहानियां लिखने का काम किया था। वह एक सीन के लिए 11 रुपए लेते थे। उन्होंने अपनी जिंदगी में 5 वर्षों तक संघर्ष किया। उन्होंने ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1957 में फैशन नाम की फिल्म से की थी। बहुत सी फिल्मों में उन्होंने देशभगत की भूमिकाएं निभाई, इसीलिए उन्हें ‘भारत कुमार’ के नाम से भी जाना जाता है।

रजनीकांत

उन्होंने एक सफल अभिनेता बनने के लिए 9 वर्षों तक संघर्ष किया। अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने कारपेंटर की नौकरी की, फिर वह कुली बन गए। यह नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने बैंगलोर ट्रांसपोर्ट सर्वीस में बस कंडक्टर की नौकरी की। 1973 में उन्होंने कंडक्टर की नौकरी छोड़ कर मद्रास फ़िल्म इंस्टिट्यूट में डिप्लोमा में एडमिशन ले लिया। 1975 में उन्होंने तमिल फ़िल्म से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की थी।

ज़ीनत अमान

ज़ीनत अमान ने 1971 में अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की थी, लेकिन वह बुरी तरह असफल हो गई। फ्लॉप होने के कारण उसने मां के साथ सब कुछ छोड़कर जर्मनी जाने का निश्चय कर लिया था। 1972 में ज़ीनत को फिल्म ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ की ऑफर हुई, इस फिल्म से उन्हें एक नई पहचान मिली।

जॉनी लीवर

जॉनी लीवर बहुत गरीब परिवार से थे। वह सबसे पहले अपने पिता के साथ हिन्दुस्तान लीवर फैक्ट्री में काम करते थे। उनको फिल्म स्टारों की मिमिक्री करने में महारत हासिल थी, इसीलिए वह मुंम्बई आ गए। पहले तो मुंम्बई में उन्होंने सड़कों पर पेन बेचने का काम किया। उन्हें फिल्मों में आने के लिए 4 वर्ष तक संघर्ष करना पड़ा। 1993 में फिल्म-बाज़ीगर से वह बॉलीवुड में काफी मशहूर हुए।

इरफान खान

अपने करियर की शुरुआत में इरफान खान को बहुत संघर्ष करना पड़ा था। उन्होंने टीवी सीरियलस से अपने करियर की शुरुआत की थी। 1998 में फिल्म ‘सलाम बाम्बे’ से उन्होंने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत की। 2003 में ‘हासिल’ और ‘मकबूल’ फिल्म से उनको एक नई पहचान मिली थी।

सोनू सूद

उन्होंने अपना फ़िल्मी करियर बनाने के लिए 8 वर्षों तक संघर्ष किया। 1999 में उन्होंने तमिल फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत की थी। बॉलीवुड में उन्होंने 2002 में फिल्म ‘शहीद-ए-आजम’ से अपनी शुरुआत की थी, जिसमें उन्‍होंने भगत सिंह का किरदार निभाया था।

गोविंदा

गोविंदा को होटल ताज में प्रबंधक की नौकरी से मना कर दिया गया था, क्योंकि उन्हें अंग्रेजी भाषा का कम ज्ञान था। गोविंदा का पहला जॉब एक खाद का विज्ञापन था। गोविंदा ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत 1986 में ‘इल्जाम’ नामक फिल्म के साथ की थी।

मनोज बाजपेयी

उन्होंने फ़िल्मी करियर के लिए 7 वर्ष तक संघर्ष किया था। 1995 में उन्होंने टीवी सीरियल स्वाभिमान से अपने करियर की शुरुआत की। उनका फिल्मी करियर 1994 में आई ‘बैंडिट क्वीन’ से शुरु हुआ था। लेकिन उनको बॉलीवुड में एक नई पहचान फिल्म ‘सत्या’ से मिली थी।

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