‘फिंगर पेटिंग’ चित्र बनाने का एक मजेदार तरीका है जो कलाकृतियों को एक अनूठी बनावट प्रदान करता है। इसमें ब्रश के स्थान पर अपनी उंगलियों का इस्तेमाल किया जाता जाता है।
उंगलियों में रंग लगाकर उनसे कागज पर तरह- तरह के चित्र तथा आकृतियां तैयार की जाती हैं। ‘फिंगर पेंटिंग’ बच्चों के लिए मनोरंजक ही नहीं, बड़ी फायदेमंद भी मानी जाती है क्योंकि यह उन्हें बहुत कुछ सीखने में मदद करती है, तो चलिए जानते हैं कि कैसे ये बच्चों के लिए फायदेमंद है :-
एक्टिविटी में आसानी
बच्चों की फिंगर्स छोटी होती हैं। अगर वो वाटर कलर के साथ पेंटिंग करते हैं तो उनको आसानी रहती है। दूसरी ओर बच्चे क्रेयॉन (Crayons) को आसानी से नहीं पकड़ पाते और उनको कलर फिल करने में भी परेशानी आती है जबकि हैंड पेंटिंग उनके लिए आसान होती है क्योंकि इसमें उनको कलर को हाथों में पकड़ना नहीं होता पड़ता।
स्किल डेवलपमेंट
यह एक बहुत अच्छी फिजिकल एक्सरसाइज भी होती है। इसमें बच्चा अपनी उंगलियों, हाथों, कन्धों और गर्दन की मांसपेशियां को अच्छी तरह मूव करते हैं।
उंगलियों के मूवमेंट से बच्चे को राइटिंग स्किल डेवलप करने में आसानी रहती है। वह थोड़ी ही प्रैक्टिस के बाद पेंसिल होल्ड करना भी सीख लेता है।
चमकीले रंग आंखों को आकर्षित करते हैं। उंगलियां पेंट को छूती हैं तो बच्चों को रंगों और आकृतियों के माध्यम से खुद को व्यक्त करने का मौका मिलता है।
हाथों तथा आंखों के बीच तालमेल का विकास
यह हाथों तथा आंखों के बीच तालमेल विकसित करने में मदद करता है और बच्चों को कुछ रंग- बिरंगा बनाने के लिए अपनी कल्पना के घोड़े दौड़ाने का मौका भी देता है।
इन सारे फायदों की वजह से अनेक स्कूलों में भी बच्चों से फिंगर पेटिंग कराई जाती है। बच्चे जब अपनी उंगलियों से चित्र बनाते हैं तो वे अपने हाथों के साथ – साथ बाकी सभी इंद्रियों का भी इस्तेमाल करते हैं।
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