अधिकतर लोगों के लिए यह चेन्नई के दक्षिण रेलवे हैडक्वार्टर्स के आगे मिंट स्ट्रीट पर महज एक स्टाल है परंतु यहां रोज़ाना आने वाले यात्रियों के लिए यह जगह ‘मस्ट’ है।वे यहां आकर टी पीते हैं। इस स्टाल का मालिक चाय की विभिन्न किस्में तैयार करता है जिनमें से कुछ में वह जड़ी-बूटियों का प्रयोग भी करता है।
चाय की दुकान का मालिक के. राजीव चाय की 100 से अधिक किस्में तैयार करता है जिनमें से कुछ तो स्वास्थ्य को लाभ देने वाली भी हैं। उसके पास 2 हज़ार लोग नियमित रूप से आकर चाय का आनंद उठाते हैं। वह आम ,नींबू, अदरक, ग्रीन या हनी टी के अतिरिक्त वह हर्बल टी के 90 मिश्रण नियमित तौर पर बेचता है। केरल निवासी राजीव ने यह टी स्टाल चार वर्ष पहले शुरू किया था। जब उसके दिमाग में अपने ग्राहकों को चाय की वैरायटी देने का विचार आया तो उसने समय नहीं गंवाया। सबसे पहले उसने विभिन्न किस्मों वाली इलायची तथा अदरक वाली चाय ग्राहकों को पेश की।
वह कहता है, “मेरा उद्देश्य ग्राहकों के लिए इसे आसान बनाना है। स्वाद में परिवर्तन ग्राहकों के लिए बहुत अलग बात है। उन्हें यह एहसास होता है कि आम टी बैग्स की निर्माण प्रक्रिया से चाय की ऐसी किस्में प्राप्त की जा सकतीं है। राजीव बताता है कि वह चाय की तैयारी के दौरान तथा इसे स्टोर करने का पूरा ध्यान रखता है ताकि ग्राहकों को उनका अपेक्षित स्वाद मिले। वह कहता है, जब मैं नया था तो मैं सब कुछ बुजुर्गों की सलाह और किताबें पढ़कर किया करता था। मैं रैसिपी को अच्छे से फालो करता था। अब मैं सोचता हूं कि मैं गलत नहीं हो सकता। वह केरल के वायनाड तथा मलप्पुरम के मध्य स्थित दुकान पर पांडीक्कड में नियमित तौर पर जाता है ताकि वहां से वह शहद, सफेद मिर्ची तथा इलायची ला सके। ये सब चीजें वहां से बहुत अच्छी क्वालिटी की मिलती हैं। वह सूखा अदरक, लौंग, तुलसी तथा पुदीना स्थानीय बाज़ार से खरीदता है।
वह बताता है शहद वाली ग्रीन टी 25 दिन तक पीने से कोलेस्ट्राल कम होता है। हनी, लैमन टी उन लोगों के लिए लाभदायक है जो नाइट शिफ्ट में काम करते हैं क्योंकि यह पाचन में सहायक होती है । यदि कोई हर्बल टी नहीं पीना चाहता तो उसके लिए चाकलेट टी उपलब्ध है। उसके अनुसार हर्बल टी में औषधीय गुण होते हैं। इससे जुक़ाम को कम करने में सहायता मिलती है। पाचन तंत्र बढ़िया होता है और कई तरह के संक्रमण भी इस चाय से दूर होते हैं। उदाहरण के लिए उल्टी आने पर पुदीने की चाय पीने से लाभ मिलता है। गाल ब्लैडर में पाचक रस को उत्तेजित करके पुदीना पाचन प्रणाली की फैट को कम करता है और इस तरह उल्टी की संभावना कम होती है। इसके अतिरिक्त हर्बल टी का प्रयोग खांसी में भी लाभदायक होता है।
राजीव की अन्य विशेष आफर्स में एक तरह की काढ़ा चाय भी शामिल है जिसमें वृक्ष की छाल-औषधीय जड़ी-बूटियां तथा सुगंध रहित बीजों का प्रयोग किया जाता है। उसके अनुसार अदरक तथा लौंग की चाय की तासीर गर्म होती है, जबकि पुदीने, तुलसी और गुलाब के पत्तों वाली चाय की तासीर ठंडी होती है। उसके अनुसार हर्बल टी की तैयार कोई त्वरित प्रक्रिया नहीं है। इसके के लिए प्रयोग की जाने वाली जड़ी बूटियों की जानकारी तथा चाय बनाने का अभ्यास जरूरी है।
उसके अनुसार उसके कई ग्राहकों की मैडीकल बैकग्राऊंड होने के चलते उसने उनसे बहुत कुछ सीखा। उन्होंने उसे सिखाया हैं कि किस तरह साफ-सुथरे ढंग से चाय परोसी जाए। वह अपने गिलासों को अच्छी तरह से धोता है और इस बात को सुनिश्चित बनाता है कि उसके स्टाल के चलते वातावरण प्रदूषित न हो।
दक्षिण रेलवे हैडक्वार्टर्स के दो हजार से अधिक कर्मचारी उसके ग्राहक हैं। एक सरकारी अस्पताल में काम करने वाली नर्से उसकी दुकान पर चाय पीने के लिए एक किलोमीटर पैदल चल कर आती हैं। कई डाक्टर्स भी उसके ग्राहकों में शामिल हैं।
वह अन्य शहरों में भी अपने टी स्टाल की शाखाएं खोलने का इच्छुक है। वह बताता है,कई होटलों ने मुझे बुलावा भेजा था। मुझे उस वक्त बहुत तसल्ली मिलती है जब मैं पारंपरिक ढंग से अपनी दुकान पर ग्राहकों को चाय परोसता हूं। वह जल्द ही जर्मन तथा जापानी टी परोसने की योजना भी बना रहा है।
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