Ganesh Chaturthi 2024 : जानें सही तारीख और मुहूर्त

Ganesh Chaturthi 2024 : भगवान गणेश पूजा की महिमा हम सब जानते हैं, जब भी कोई बड़ा काम शुरू किया जाता है, या घर पर मंगलकार्य होते हैं तो सबसे पहले गणेश पूजन का विधान है। गणेश जी शुभ-लाभ प्रदान करते हैं, और वो ज्ञान-सद्बुद्धि के प्रदाता हैं।

पुराणों के अनुसार, भादो की शुक्लपक्ष चतुर्थी को गणेश जी का जन्म हुआ था। उनके जन्म के उपलक्ष में हिन्दू परिवारों में दस दिवसीय उत्सव आयोजित किया जाता है जिसे गणेश चतुर्थी या विनायक संकष्टी के नाम से जाना जाता है।

गणेश जी की पूजा-अर्चना के लिए ये अवधि बहुत शुभ मानी जाती है, विशेष रूप से महाराष्ट्र में इस त्यौहार को बहुत धूम-धाम से मनाते हैं।

तो आइए, इस ब्लॉग में जानते हैं इस साल 2024 में गणेश चतुर्थी कब है और इस दिन किस मुहूर्त में गणेश चतुर्थी पूजा करें?

गणेश चतुर्थी कब है (Ganesh Chaturthi 2024 Date and Time) 

आपको बता दें, गणेश चतुर्थी उत्सव पूरे दस दिनों तक चलता है। इस साल 2024 में ये उत्सव 7 सितम्बर शनिवार को शुरू हो रहा है और गणेश जी की मूर्ति विर्सजन 17 सितंबर, 2024 को है। गणेश चतुर्थी के दिन भक्तजन गणेश जी की सुंदर प्रतिमाओं को घर लाते हैं और दोपहर में उनका विधिवत पूजन करते हैं। इस साल पूजा का समय सुबह 6:30 बजे शुरू होगा और दोपहर 2:30 बजे समाप्त होगा।

गणेश चतुर्थी 2024 पूजा विधि (Ganesh Chaturthi 2024 Puja Vidhi)

आमतौर पर गणेश पूजा मध्याह्न काल में की जाती है क्योंकि भगवान गणेश का जन्म इसी समय हुआ था। हिन्दू काल गणना में दिन को 8 बराबर भागों में बाँटा जाता है जिन्हें प्रहर कहा जाता है।पूर्वाह्न, मध्याह्न, अपराह्न और सायंकाल, प्रदोष, निशिथ, त्रियामा एवं उषा, ये सभी प्रहर हैं। गणेश चतुर्थी पर भगवान गणपति को मध्याह्न चरण में स्थापित किया जाता है जिसके बाद उनकी पूजा की जाती है। पूजा के लिए नीचे लिखी विधि अपनाई जा सकती है –

  • सुबह उठकर नहा धो लें और घर को स्वच्छ रखें।
  • पूजा के लिए पूर्व दिशा या उत्तर पूर्व कोण में एक प्लेटफॉर्म तैयार रखें जहाँ आप गणेश स्थापना करेंगें।
  • गणेश जी का सपरिवार स्वागत करें और उनकी मूर्ति को स्थापित करें।
  • भगवान गणेश को हाथ जोड़कर नमस्कार करें।
  • तीन बार आचमन विधि द्वारा खुद को पवित्र करें और सभी के माथे पर तिलक लगाएं।
  • अब गणेश जी को पंचामृत से नहलाएं।
  • इसके बाद उन्हें वस्त्र, जनेऊ, चंदन, दूर्वा, अक्षत, धूप, दीप, शमी पत्ता, पीले पुष्प और फल चढ़ाएं।
  • पूजन आरंभ करें और गणेश वन्दना इत्यादि गाएं।
  • गणेश जी से मनोकामना पूर्ति का वरदान मांगें और सभी को प्रसाद बाँट दें।
  • इसी तरह आप अपनी श्रद्धानुसार 3,5,7 या 10 दिन तक गणेश जी को घर में रखें और शाम को इसी विधि से रोजाना पूजा करें।

गणेश चतुर्थी पर क्या न करें (Things to Avoid During Ganesh Chaturthi)

परंपरा के अनुसार, गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) के दौरान विशिष्ट समय पर चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए।हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति चंद्रमा को देखता है, तो उस पर चोरी का आरोप लगता है और ये पाप तब तक रहता है, जब तक कि वह एक विशिष्ट मंत्र का जाप न कर ले। ऐसा कहा जाता है कि श्रीकृष्ण ने इस दिन चन्द्रमा को देख लिया था जिसके फलस्वरूप उनपर एक बहुमूल्य रत्न चुराने का आरोप लगा। इसलिए इस मान्यता का ख़ास ध्यान रखें और चन्द्रमा दर्शन न करें।

गणेश चतुर्थी का महत्व (Significance of Ganesh Chaturthi in Hindi)

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) एक सिर्फ एक हिन्दू त्यौहार नहीं है बल्कि एक सांस्कृतिक आयोजन है जिसमें गणेश विसर्जन के समय ढोल-नगाड़े बजते हैं, नृत्य होता है और आतिशबाजी होती है।साथ ही मूर्ति कला के सुंदर नमूने देखने को मिलते हैं और सामूहिक आयोजन किए जाते हैं। इस तरह से ये त्यौहार भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। महाराष्ट्र में ये उत्सव बड़े स्तर पर इसलिए मनाया जाता है क्योंकि लोकमान्य तिलक ने 1894 में जातीय भेदभाव को कम करने के लिए सामूहिक गणेशोत्सव की शुरुआत की थी। तब से लेकर आजतक ये एक सामाजिक पर्व के रूप में मनाया जा रहा है जिसमें सभी जाति के लोग मिलकर हर्ष और उल्लास के साथ गणपति जी की पूजा करते हैं। इसलिए ये पर्व न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि ये सामाजिक एकता का भी प्रतीक है।

तो आपने जाना कि गणेश चतुर्थी 2024 (Ganesh Chaturthi 2024) कब है और पूजा के लिए सबसे शुभ समय कौन सा है? इस जानकारी के साथ हम आपको गणेशोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ भेजते हैं और ये मंगलकामना करते हैं कि ये त्यौहार जनसामान्य के बीच सद्भावना का विस्तार करता रहे।

Krishan Janmashtami 2024: कैसे मनाएं जन्माष्टमी

Krishan janmashtmi 2024: कृष्ण जन्माष्टमी हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में एक है। यह त्योहार इस वर्ष 26 अगस्त 2024 को पड़ रहा है। इस दिन विष्णु जी के आठवें अवतार श्री कृष्ण जी का जन्म उत्सव मनाया जाता है।

2024 में श्री Krishan janmashtmi कब है?

भगवान श्री कृष्ण जी का जन्म मध्य रात्रि अष्टमी तिथि में हुआ इस लिए इस रात्रि को कृष्ण जन्माष्टमी कहा जाता है। परन्तु भगवान जी उसी रात्रि में मथुरा से गोकुल पहुच गये। गोकुल और वृन्दावन के वासी अलगे दिन उनके होने का उत्सव मनाते हैं।

हर वर्ष लोगों में श्री Krishan janmashtmi को लेकर भ्रम होता है, व्रत किस दिन किया जाए। आपको बता रहे हैं व्रत की तारीख…

  • 26 अगस्त 2024 के दिन कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत और उत्सव मनाया जाएगा
  • 25 तारीख की रात्रि 03:38 से अष्टमी तिथि शुरू हो रही है जो…26 अगस्त की रात्रि 02:19 तक रहेगी 
  • मध्य रात्रि में जन्म के अनुसार 26 अगस्त की रात्रि व्रत और उत्सव के लिए श्रेष्ठ है।

26 अगस्त 2024 की रात्रि 23:21 बजे दिल्ली में चन्द्र उदय होगा।

जिन स्थानों पर जन्म के बाद उत्सव मनाया जाता है, वहाँ ये उत्सव 27 अगस्त को भी मनाया जाएगा।

विष्णु और ब्रह्म पुराण के अनुसार श्री कृष्ण जी का जन्म योगनिद्रा द्वारा हुआ है, वर्षा ऋतु भाद्रपद के मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की अर्ध रात्रि में जन्म लिया और अगले ही दिन नवमी तिथि में योग माया जा जन्म हुआ,

गर्ग सहिंता के अनुसार भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की रात्रि में रोहिणी नक्षत्र में हर्षन योग और वृष लग्न के समय आधि रात में जब सृष्टी अंधकार में डूबी हुई थी तो सृष्टी को प्रकाश में लाने के लिए श्री कृष्ण जी का जन्म हुआ

हरिवंश पुराण के अनुसार भगवान श्री कृष्ण जी का जन्म रात्रि के अभिजीत काल में जयंती नाम रात्रि और विजय नामक मुहूर्त में हुआ था,

Krishan janmashtmi पूजा कैसे करें 

  • सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ़ धुले हुए कपड़े पहनें।
  • भगवान जी की पूजा के लिए सबसे पहले भगवान जी की पूजा का समान जोड़ लें।
  • पूजा शुरू करने से पहले भगवान जी का ध्यान करें।
  • भगवान कृष्ण की बाल रूप की प्रतिमा को प्यार से पालने में रखें।
  • आपके घर में पालना नहीं है, तो लकड़ी की चौंकी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • भगवान जी को 5 बार जल से आचमन अर्पण करें।
  • बाल गोपल जी को दूध दही शहद घी शक्कर से अलग अलग और पंचामृत बना कर भी स्नान करवाएं।
  • भगवान जी के स्नान के जल को प्रसाद के रूप में लें।
  • भगवान जी को नये वस्त्र और श्रृंगार अर्पण करें।
  • भगवान की पूजा में जनेऊ जरुर अर्पण करें।
  • भगवान जी को चन्दन का लेपन जरुर करें।
  • भगवान की प्रतिमा को मुकुट, आभूषण, मोर पंख और बांसुरी से सजाएं।
  • भगवान को तुलसी दल अर्पण करें।
  • धूपबत्ती और घी का दीपक जलाएं।
  • भगवान को माखन और मिश्री का भोग जरुर लगाएं।
  • अपने सामर्थ्य के अनुसार पकवान बना कर भेंट अर्पण करें।
  • रात्रि में कीर्तन अकरने और आरती गाएं, फिर परिक्रमा करें।
  • अपने परिवार और विश्व शांति के लिए प्रार्थना करें।.

श्रीकृष्ण जी की कथा

श्री कृष्ण जी ने मथुरा में पिता वासुदेव और  माता देवकी जी के गर्भ से जन्म लिया। योग माया द्वारा रची हुई विधि के द्वारा गोकुल में माता यशोदा और पिता नन्दलाल जी के घर में उनका लालन पालन हुआ।

श्री कृष्ण माता देवकी की आठवीं सन्तान हुए। हिन्दू धर्म के आदर्श ग्रन्थ श्रीमद्भगवत गीता का उपदेश श्री कृष्ण जी ने ही दिया है। प्रमाणों के अनुसार आज से लगभग 5252 वर्ष पहले श्री कृष्ण जी ने अवतार लिया और धरती पर धर्म की स्थापना के लिए महाभारत जैसे बड़े संग्राग की रचना करवाई।

महायोद्धा अर्जुन जब युद्ध से भय भीत हुए और युद्ध से मना कर के अस्त्र छोड़ दिए, तो श्री कृष्ण जी ने अर्जुन को उपदेश दिया उसे गीता के उपदेश के नाम से जाना जाता है।

श्री कृष्ण जी का जन्म एक पापी राजा, कंस से पीड़ित लोगों को बचाने के लिए हुआ था। प्राप्त कथाओं से ज्ञात होता है, कि कंस की मृत्य के लिए आकशवाणी हुई कि,  वो केवल अपनी बहन देवकी के पुत्र से ही मारा जाएगा।

कंस ने देवकी और उसके बहनोई वासुदेव जी को जेल में डाल बंद कर दिया। जब वो जेल में थे तो देवकी ने 7 पुत्रियों को जन्म दिया। लेकिन जब कृष्ण जी में आठवीं सन्तान के रूप में जन्म लिया, तो दूसरी तरफ यशोदा के गर्भ से योग माया ने जन्म लिया।

भगवान की लीला से प्रेरित हो कर वासुदेव जी कृष्ण जी को गोकुल में छोड़ आए। गोकुल से योग माया रूपी कन्या को साथ ले आए। जैसे ही कंस को पता लगा कि देवकी ने आठवीं भी कन्या को जन्म दिया है।

कंस अपनी मृत्यु के कारण को समाप्त करने के लिए जेल गया। तभी योग माया कसं के हाथों से छुट कर आकाश में चली गई और दुबारा भविष्यवाणी हुई की तेरी मृत्यु करने वाला पैदा हो चुका है।

 

24 अगस्त 2024

23 अगस्त 2024

5 जून का इतिहास

5 जून का इतिहास:-

  • 1901 – ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित मलयालम भाषा के एक प्रसिद्ध साहित्यकार गोविंद शंकर कुरुप का जन्म।
  • 1942 – प्रतिभाशाली ग़ज़ल और गीत गायक मास्टर मदन का निधन।
  • 1944 – द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी, इटली और जापान की नाज़ी तिकड़ी वाले देशों की राजधानियों में से मित्र सेनाओं के कब्ज़े में आने वाला पहला शहर रोम था।
  • 1953 – डेनमार्क में आज ही के दिन नया संविधान लागू हुआ।
  • 1961 – भारत के प्रसिद्ध टेनिस प्रशिक्षक और पूर्व टेनिस खिलाड़ी रमेश कृष्णन का जन्म।
  • 1967 – इजरायल ने मिस्र पर हमला कर उसके करीब चार सौ लड़ाकू विमान नष्ट कर दिए। युद्ध तो इजरायल मिस्र सीमा पर ही शुरू हुआ था, लेकिन जल्द ही ये कई और अरब मुल्कों तक फैल गया।
  • 1968 – अमेरीका के शहर लॉस एंजेलस के एक होटल में मशहूर अमेरिकी सांसद रॉबर्ट कैनडी के ऊपर जानलेवा हमला हुआ था।
  • 1984 – सिखों के धर्म स्थल पंजाब के अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लूस्टार को भारतीय सेना ने अंजाम दिया था।
  • 1989 – ईरान के धार्मिक नेता अयातुल्ला रोहेल्लाह खुमैनी का निधन।
  • 1990 – सोवियत संघ के आखिरी राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोव को आज ही के दिन नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सोवियत संघ और शीतयुद्ध के अंत में उनकी बहुत अहम भूमिका रही है।
  • 2001 – शाही हत्याकांड जांच आयोग के एक सदस्य माधवन के इस्तीफ़ा से नेपाल में शाही परिवार की जांच का कार्य अवरुद्ध।
  • 2002 – भारत की सीमा पर साझा गश्त के प्रस्ताव को पाकिस्तान ने खारिज किया।
  • 2005 – ताइवान ने अपनी पहली क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया।
  • 2008 – एलेन परेरा ने बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक का कार्यभार सम्भाला।
  • 2008 – अमेरिका ने भारत चीन को निगरानी सूची में डाला।
  • 2013 – पहली बार एक अंग्रेजी अखबार में छपा कि अमेरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी अमेरीका में लाखों लोगों के फोन रिकॉर्ड जुटा रही है। इसका खुलासा अमेरिकी जासूस स्नोडेन ने किया था।
  • 2017- सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 डी-1 का सफल प्रक्षेपण।

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History of 4 June 

4 जून का इतिहास

4 जून का इतिहास:-

  • 1845 – मैक्सिकोअमेरिका युद्ध शुरू हुआ।
  • 1936 – भारत की बेमिसाल अदाकारा नूतन का जन्म।
  • 1944 – अमेरिकन आर्मी ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान रोम में प्रवेश किया।
  • 1948 – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनिल शास्त्री का जन्म।
  • 1962 – आयुर्वेदिक औषधियों के प्रचार-प्रसार के लिए प्रसिद्ध अचंत लक्ष्मीपति का निधन।
  • 1964 – मालदीव ने संविधान का निर्माण किया।
  • 1975 – अमेरिकी अभिनेत्री एंजेलिना जोली का जन्म।
  • 1989 – चीन की राजधानी बीजिंग में तियानानमेन चौक पर शांति पूर्ण प्रदर्शन कर रहे नागरिकों का हिंसक दमन किया गया। इस दमन का पूरे विश्व में विरोध हुआ।
  • 2001 – नेपाल में ज्ञानेंद्र वीर बिक्रम शाह ने अपने भाई और बेटे की मौत के बाद सत्ता संभाली।
  • 2003 – डोमिनिक गणराज्य की 18 वर्षीय सुंदरी एमीलिया वेगामिस यूनीवर्स-2003′ बनीं।
  • 2005 – लालकृष्ण आडवाणी ने कराची में मोहम्मद जिन्ना को धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति बताया।
  • 2006 – यूगोस्लाविया के पूर्व गणराज्य मोंटेनेग्रो ने स्वतंत्रता की घोषणा की।
  • 2007 – चीन के उप प्रधानमंत्री हांग चू का निधन।
  • 2007 – ब्राजील के राष्ट्रपति लुइस इनासियो लुला डि सिल्वा को वर्ष 2006 का जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • 2008 – हरियाणा सरकार ने पारिवारिक पेंशन का लाभ 25 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को भी देने की घोषणा की।
  • 2008 – न्यूयार्क की सीनेटर हिलेरी क्लिंटन को पछाड़ते हुए बराक ओबामा ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी हासिल की।
  • 2011 – नए सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि भारतीय लोग आर्थिक वृद्धि पर पर्यावरण रक्षा को मामूली रूप से प्राथमिकता देते हैं।
  • 2011 – अमेरिका की प्रमुख सर्वेक्षण एजेंसी गैलपने अपने ताजा सर्वेक्षण में कहा कि ज़्यादातर आबादी अर्थव्यवस्था से ज़्यादा पर्यावरण पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं।
  • 2011 – अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय अर्थशास्त्री डॉ. अमर्त्य सेन ने पश्चिमी देशों को भारत और चीन से सीख लेने की सलाह दी है। डॉक्टर सेन का कहना है कि पश्चिमी देशों को नए विचारों की ज़रूरत है।
  • 2018 – मॉरीशस में हिन्दी कथा साहित्य के सम्राट साहित्यकार अभिमन्यु अनत का निधन।

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3 जून का इतिहास

3 जून का इतिहास:-

  • 1844 – आधुनिक हिन्दी साहित्य के शीर्ष निर्माताओं में से एक बालकृष्ण भट्ट का जन्म।
  • 1867 – भारत के प्रसिद्ध शिक्षाविद, राजनीति, समाज सुधारक, न्यायविद और लेखक हरविलास शारदा का जन्म।
  • 1901 – ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले पहले कवि जी शंकर कुरूप का तिरूवंतपुरम में निधन।
  • 1915 – ब्रिटिश सरकार ने रवींद्रनाथ टैगोर को नाइटहुड की उपाधि से नवाजा।
  • 1918 – गांधी जी की अध्यक्षता इन्दौर में हिन्दी साहित्य सम्मेलन आयोजित हुआ और उसी में पारित एक प्रस्ताव के द्वारा हिन्दी राजभाषा मानी गयी।
  • 1941 – भारत की प्रसिद्ध महिला न्यायाधीश रूमा पाल का जन्म।
  • 1943 – संयुक्त राष्ट्र संघ ने राहत और पुनर्वास प्रशासन की स्थापना की।
  • 1947 – ब्रिटिश राज में भारत के आखिरी वायसरॉय लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत के बंटवारे का ऐलान किया था।
  • 1959 – सिंगापुर को सेल्फ गर्वनिंग स्टेट घोषित किया गया, इससे पहले ये ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा था।
  • 1962 – एयर फ्रांस का एक निजी विमान, बोइंग 707, पैरिस के ओर्ली हवाई अड्डे पर उड़ान भरने के समय दुर्घटना ग्रस्त हो गया।
  • 1974 – बिहार के मुख्यमंत्री एवं स्वतंत्रता सेनानी कृष्ण बल्लभ सहाय का निधन।
  • 1994 – सामुदायिक नेतृत्व त्रिभुवनदास कृषिभाई पटेल का निधन।
  • 1994 – भारत सहायता क्लब का नया नाम भारत सहायता मंच किया गया।
  • 1999 – हावरक्राफ्ट विमानों के अविष्कारक क्रिस्टोफ़र कॉकेरेल का निधन।
  • 1999 – यूगोस्लाविया द्वारा कोसोवो शांति योजना को मंजूरी।
  • 2004 – केन फ़ोर्ड नासा के अंतरिक्ष खोज पैनल के नेतृत्वकर्ता बने।
  • 2005 – फ्रांस ने सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी का समर्थन दुहराया।
  • 2008 – जापानी प्रयोगशाला के साथ अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का डिस्कवरी यान अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुँचा।
  • 2008 – वैज्ञानिकों को सौर परिवार के बाहर अब तक का सबसे छोटा ग्रह मिला।
  • 2008 – तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष के. चन्द्रशेखर राव ने उपचुनाव में क़रारी हार के बाद अपने पर से इस्तीफ़ा दिया।
  • 2014 – नई दिल्ली में पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे का सड़क हादसे में निधन।

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2 जून का इतिहास

2 जून का इतिहास:-

  • 1909 – अल्फ्रेड डेकिन लगातार तीसरी बार ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री चुने गए।
  • 1930 – ‘भारतीय जनता पार्टी‘ के नेता और मध्य प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का जन्म।
  • 1953 – ब्रिटिश राजगद्दी पर महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय की ताजपोशी हुई।
  • 1955 – भारत के प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता-निर्देशकों में से एक मणिरत्नम का जन्म।
  • 1955 – भारतीय उपक्रमी, नौकरशाह, नेता और प्रसिद्ध सॉफ़्टवेयर कंपनी इन्फ़ोसिसके सह-संस्थापक सदस्यों में से एक नन्दन नीलेकणी का जन्म।
  • 1966 – अमेरिका का पहला अंतरिक्ष यान चांद की जमीन पर सफलतापूर्वक उतरा था।
  • 1978 – ‘पद्म भूषण से सम्मानित भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्राण कृष्ण पारिजा का निधन।
  • 1980 – तीरंदाज महिला खिलाड़ी डोला बनर्जी का जन्म।
  • 1987 – बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा का जन्म।
  • 1988 – बॉलीवुड के महान अभिनेता, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और शोमैन राज कपूर का निधन।
  • 1996 – उक्रेन अपने अंतिम परमाणु युद्धास्त्र रूस को सौंपने के साथ ही परमाणु मुक्त देश बना।
  • 1999 – दक्षिण एवं उत्तर कोरिया के बीच उच्च स्तरीय वार्ता पर सहमति।
  • 1999 – भूटान में टी.वी. प्रसारण की शुरुआत।
  • 2000 – मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर में स्थित विश्व की सबसे ऊँची इमारत पेट्रोनास ट्रिवन टावर्स दर्शकों के लिए खुला।
  • 2003 – म्यांमार की जनतांत्रिक नेता आन सांग सूची की गिरफ़्तारी के बाद देश की सभी शिक्षण संस्थाएँ बंद।
  • 2004 – ऑस्ट्रेलियाई मॉडल जेनिफर हॉकिन्स, मिस यूनिवर्स बनीं।
  • 2006 – अमेरिका ने दाऊद इब्राहिम तथा उनके संगठन पर प्रतिबंध लगाया।
  • 2008 – टाटा मोटर्स लिमिटेड ने फोर्ड मोटर कंपनी के दो ब्रांडों जगुआरलैंडरोवर के अधिग्रहण का सौदा पूरा किया।
  • 2008 – लेफ्टिनेंट जनरल नरेश कुमार परमार को थल सेना की चिकित्सा सेवा का महानिशेदक नियुक्त किया गया।
  • 2012 – मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक को 2011 की अरब क्रांति के दौरान प्रदर्शनकारियों की हत्या का आदेश देने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
  • 2014 – तेलंगाना, भारत का 29 राज्य बना।

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1 जून का इतिहास

1 जून का इतिहास:-

  • 1929 – फिल्म मदर इंडिया में हिन्दी फिल्मों की सबसे यादगार मां का किरदार निभाने वाली नरगिस दत्त का जन्म।
  • 1938 – कवि एवं लेखक बलदेव वंशी का जन्म।
  • 1958 – भारत के प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ियों में से एक अशोक कुमार का जन्म।
  • 1970 – पहली जून को ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री हैरॉल्ड विल्सन के ऊपर एक चुनावी सभा के बाहर अंडा फेंका गया।
  • 1975 – भारत की प्रसिद्ध भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी का जन्म।
  • 1979 – रोडेशिया में 90 साल बाद अल्पसंख्यक श्वेत लोगों के शासन का अंत हुआ था और घोषणा हुई थी कि अब देश को जिम्बाब्वे के नाम से जाना जाएगा।
  • 1987 – प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और उर्दू लेखक ख़्वाजा अहमद अब्बास का निधन।
  • 1991 – भारतीय महिला क्रिकेटर राजेश्वरी गायकवाड़ का जन्म।
  • 1992 – भारत एवं इजराइल के बीच हवाई समझौता।
  • 1996 – देश के छठे राष्‍ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी का निधन।
  • 1999 – मध्य चीन के ह्यूबी प्रान्त में 770-256 ईसा पूर्व के तीन सौ प्राचीन क़ब्रों की खोज।
  • 1999 – हवाई विश्वविद्यालय (सं.रा. अमेरिका) में नर चूहे का प्रतिरूप विकसित।
  • 2001 – पहली जून को ही नेपाल के युवराज दीपेन्द्र ने अपनी मां, पिता और भाई सहित परिवार के 11 सदस्यों की हत्या कर खुद को गोली मार ली थी।
  • 2001 – प्रथम विश्व दुग्ध दिवस मनाया गया था।
  • 2004 – इराकी प्रशासकीय परिषद के प्रमुख सुन्नी नेता गाजी मशाल अजीज अल यावर ईराक के नये राष्ट्रपति बने।
  • 2005 – अप्पा शेरपा ने माउंट एवरेस्ट की 15वीं बार सफल चढ़ाई की।
  • 2006 – चीन के दक्षिण पूर्वी जियांग्शी प्रान्त के शांगीपन गांव में आदि मानव का पदचिह्न मिला।
  • 2008 – अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी सम्मेलन नई दिल्ली में सम्पन्न।
  • 2008 – अमेरिकी राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी बराक ओबामा ने शिकागो के ट्रीनिटी यूनाइटेड चर्च की सदस्यता से इस्तीफ़ा दिया।
  • 2014 – नाइजीरिया में फुटबाल के मैदान में हुए ब्‍लास्‍ट में 40 लोगों की जान चली गई थी।

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लोकसभा चुनाव: भारत के चुनावों के बारे में रोचक तथ्य

लोकतांत्रिक चुनाव: लोकतांत्रिक चुनावों का अर्थ है ‘प्रतिस्पर्धी, आवधिक, समावेशी, नियमित चुनाव जिसमें सरकार के सभी स्तरों पर पद संभालने वाले व्यक्तियों को गुप्त मतदान के माध्यम से उन नागरिकों द्वारा चुना जाता है जो व्यापक रूप से मौलिक मानवाधिकारों और स्वतंत्रता का आनंद लेते हैं’।

Screenshot

आइए भारत में आम चुनावों के बारे में कुछ रोचक तथ्य देखते हैं।

पहला चुनाव

भारत का पहला लोकसभा चुनाव 25 अक्टूबर, 1951 से 21 फरवरी, 1952 तक हुआ था। लोकसभा में 489 सीटें थीं, जो 25 राज्यों के 401 निर्वाचन क्षेत्रों में आवंटित की गई थीं। 489 लोकसभा सीटों के लिए 1,949 उम्मीदवारों ने एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा की। मतदान केंद्र पर, प्रत्येक उम्मीदवार को एक अलग रंग की मतपेटी दी गई, जिस पर उन्हें अपना नाम और एक प्रतीक लिखना था।

पहली ईवीएम

1982 में केरल में उत्तरी परवूर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए हुए उपचुनाव में, कुछ मतदान स्थलों पर पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का उपयोग किया गया। गोवा विधानसभा के लिए पहला आम चुनाव (राज्यव्यापी) 1999 में ईवीएम का उपयोग करके आयोजित किया गया था। इससे प्रोत्साहित होकर, चुनाव आयोग ने 2004 में लोकसभा चुनावों के लिए केवल ईवीएम का उपयोग करने का निर्णय लिया, 2003 में सभी उपचुनाव और राज्य चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का उपयोग करके आयोजित किए गए।

भारत के प्रथम चुनाव आयुक्त

सुकुमार सेन भारत के पहले चुनाव आयुक्त

सुकुमार सेन भारत के पहले चुनाव आयुक्त थे। उन्होंने चुनावी प्रक्रिया की देखरेख और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जो लोग पढ़-लिख नहीं सकते, उनके लिए चीजें आसान बनाने के लिए राजनीतिक दलों को चुनाव चिह्न डिजाइन और आवंटित किए गए, जिससे मतदान प्रक्रिया की पहुंच और समावेशिता में वृद्धि हुई।

रहस्यमयी पक्की स्याही

नवोन्मेषी समाधानों की बात करें तो दोहरे मतदान जैसी चुनावी धोखाधड़ी को रोकने के लिए वोट डालने वालों की उंगलियों पर निशान लगाने के लिए फोटोसेंसिटिव अमिट स्याही विकसित की गई थी।

रहस्यमयी पक्की स्याही - bharat chunav

आज तक इस स्याही को बनाने का विशेष फॉर्मूला सार्वजनिक नहीं किया गया है।

पहली मतपेटी

बंबई के एक उपनगर विक्रोली में गोदरेज और बॉयस एमएफजी. कंपनी लिमिटेड ने पहली बार मतपेटी बनाई, और एक इकाई के उत्पादन में लागत ₹5 आई। ये मतपेटियाँ मतदाताओं को गोपनीय रूप से वोट डालने का साधन प्रदान करके निष्पक्ष और सुरक्षित चुनाव कराने में महत्वपूर्ण थीं।

पहली मतपेटी

इन मतपेटियों को ट्रेनों, कारों, ऊँटों और यहाँ तक कि हाथियों सहित विभिन्न माध्यमों से देश के सुदूर हिस्सों तक पहुँचाया गया। कंपनी के अभिलेखागार से संकेत मिलता है कि विक्रोली फैक्ट्री में बमुश्किल चार महीनों में कुल 12.83 लाख मतपेटियां तैयार की गईं।

आयु में संशोधन

भारतीय संविधान के 61वें संशोधन द्वारा लोकसभा और विधानसभाओं में मतदान के लिए बहुमत की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई। संविधान (61वां संशोधन) अधिनियम, 1988, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 में संशोधन करता है।

NOTA वोट और उसका डिज़ाइन

चुनाव के दौरान, यदि मतदाता अपने निर्वाचन क्षेत्र में किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देना चाहते हैं, तो वे NOTA, यानि उपरोक्त में से कोई नहीं (None of the above), विकल्प का चयन करके आधिकारिक तौर पर सभी दावेदारों के लिए अस्वीकृति का वोट दर्ज कर सकते हैं।

नोटा सिंबल लोगो

2013 में, पांच राज्यों-छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान, दिल्ली और मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) ने विधानसभा चुनावों के दौरान पहली बार NOTA विकल्प पेश किया। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन, अहमदाबाद ने इसके लिए प्रतीक चिन्ह बनाया।

2024 चुनाव: लोकतंत्र का त्योहार

ईसीआई के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2024 के लोकसभा चुनाव में कुल मिलाकर 96.8 करोड़ मतदाता भाग ले रहे हैं। इस लोकसभा चुनाव में 1.8 करोड़ पहली बार मतदाता होंगे, और 20 से 29 वर्ष की आयु के बीच 19.47 करोड़ मतदाता हैं। लोकसभा में पहली बार मतदाता बनी 85 लाख से अधिक महिलाएं अपने मताधिकार का प्रयोग कर रही हैं। मतदान के लिए पंजीकरण कराने वाले 97 करोड़ मतदाता, 10.5 लाख मतदान स्थल, 1.5 करोड़ मतदान कर्मी और सुरक्षा कर्मी, 55 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें और 4 लाख कारें हैं।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान और मिसाइल कार्यक्रम के बारे में रोचक तथ्य!

अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, जिसे इसरो के नाम से भी जाना जाता है, भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है और इसका संचालन अंतरिक्ष विभाग द्वारा किया जाता है। इसरो भारत में सभी अंतरिक्ष गतिविधियों को करने वाली मुख्य एजेंसी है ।

इसरो का गठन 15 अगस्त 1969 को भारत के 23वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हुआ था। विक्रम साराभाई को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता है।

इस पोस्ट में आज हम आपको बताने जा रहे हैं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान और मिसाइल कार्यक्रम के बारे में कुछ रोचक तथ्य, तो चलिए जानते हैं :-

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भारत की अंतरिक्ष के क्षेत्र में उपलब्धियां

आर्यभट्ट: पूरी तरह से भारत में डिजाइन और निर्मित, आर्यभट्ट का नाम प्रसिद्ध भारतीय खगोलशास्त्री के नाम पर रखा गया था और यह देश का पहला उपग्रह था। अंतरिक्ष यान को 19 अप्रैल, 1975 को सोवियत कॉसमॉस -3 एम रॉकेट द्वारा कपुस्टिन यार से लॉन्च किया गया था।

यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा निर्माण और अन्तरिक्ष में उपग्रह संचालन में अनुभव प्राप्त करने हेतु बनाया गया था।

रोहिणी: ठीक पांच साल बाद 18 जुलाई, 1980 को, भारत ने चार उपग्रहों की एक श्रृंखला विकसित और लॉन्च की थी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा लॉन्च किए गए तीन उपग्रहों ने इसे कक्षा में स्थापित किया था।

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चंद्रयान-1 : चंद्रयान -1 एक मानव रहित चंद्र ऑर्बिटर था जिसे कक्षा में भेजा गया था। अंतरिक्ष यान ने मनुष्य के रासायनिक, फोटो-भूगर्भिक और खनिज संबंधी मानचित्रण के लिए चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर चंद्रमा के चारों ओर परिक्रमा की। इस यान को 22 अक्टूबर, 2008 को चन्द्रमा पर भेजा गया था।

संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, स्वीडन और बुल्गारिया में निर्मित उपकरणों को मिलाकर, अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा के चारों ओर 3,400 से अधिक परिक्रमाएं पूरी कीं। ऑर्बिटर के साथ संचार खो जाने के बाद, मिशन 29 अगस्त, 2009 को समाप्त हुआ था।

मार्स ऑर्बिटर मिशन: 5 नवंबर 2013 को, भारत ने इस मिशन को लॉन्च किया और मंगल पर अपने पहले प्रयास में सफल होने वाला पहला देश बन गया।

जीसैट29: इसरो ने 2018 को श्रीहरिकोटा से सबसे भारी वजन वाले उपग्रह जीसैट-29 को लॉन्च किया। जिसका वजन 3,423 किलोग्राम था। इसका उद्देश्य देश के दूरदराज के हिस्सों के लिए बेहतर संचार प्रदान करना था।

चंद्रयान 2: 15 जुलाई 2019 को भारत ने चंद्रमा पर अपना दूसरा मिशन लॉन्च किया। यह मिशन भारत को चीन, अमेरिका और रूस के बाद चंद्रमा की सतह पर लैंड रोवर बेचने वाला चौथा देश बना देगा।

ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान: ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान या पी.एस.एल.वी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा संचालित एक उपभोजित प्रक्षेपण प्रणाली है। पी.एस.एल.वी छोटे आकार के उपग्रहों को भू-स्थिर कक्षा में भी भेजने में सक्षम है। अब तक पी.एस.एल.वी की सहायता से 70 अन्तरिक्षयान (30 भारतीय + 40 अन्तरराष्ट्रीय) विभिन्न कक्षाओं में प्रक्षेपित किये जा चुके हैं।

मंगलयान : इसरो ने 25 सितंबर 2014 को मंगल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक मंगलयान स्थापित किया। इसके साथ भारत ऐसा पहला देश बना गया, जिसने अपने पहले ही प्रयास में यह उपलब्धि हासिल की तथा सोवियत रूस, नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बाद दुनिया का चौथा देश बन गया है।

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भारत का नेविगेशन सिस्टम – NAVIC:  भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम, जिसे NavIC के रूप में भी जाना जाता है, भारत द्वारा विकसित एक स्वतंत्र स्थानीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली है। यह प्रणाली भारत में उपयोगकर्ताओं को सटीक स्थिति और नेविगेशन प्रदान करती है और भारत की सीमा से 1500 किमी तक विस्तार कर सकती है।

इस परियोजना को इसरो द्वारा विकसित और संचालित किया गया था और नेविगेशन प्रणाली के समूह में 7 सक्रिय उपग्रह शामिल हैं जो मुख्य रूप से वाणिज्यिक और सैन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं।

इसरो का बजट: साल 2021 में नासा के 22 अरब डॉलर और CNSA (चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) के 11 अरब डॉलर की तुलना में इसरो का बजट करीब 2 अरब डॉलर है। सालाना बजट के मामले में इसरो दुनिया में सातवें नंबर पर है। कम बजट के बावजूद इसरो काफी प्रभावशाली मिशनों के साथ सराहनीय कार्य कर रहा है।

उपग्रहों की रिकॉर्ड संख्या

इसरो कक्षा में 100 से अधिक उपग्रहों को ले जाने वाली पहली अंतरिक्ष एजेंसी है। जानकारी के अनुसार, इन 104 उपग्रहों में भारत के तीन और विदेशों के 101 सैटेलाइट शामिल है।

भारत ने एक रॉकेट से 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजकर इस तरह का इतिहास रचने वाला पहला देश बन गया है। 15 फरवरी, 2017 को, इसरो ने सूर्य-समकालिक कक्षाओं में 104 उपग्रहों को सफलतापूर्वक लॉन्च और तैनात किया।

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पहला मानव-मिशन गगनयान

इसरो अंतरिक्ष में अपना पहला मानवयुक्त मिशन गगनयान लॉन्च करने की योजना बना रहा है। गगनयान (Gaganyaan) भारतीय मानवयुक्त अंतरिक्ष यान है।

मिशन को मूल रूप से दिसंबर 2021 को लॉन्च करने की योजना थी, लेकिन इसे 2023 से पहले नहीं किया गया। इस मिशन की तैयारी के लिए, इसरो बैंगलोर में एक अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कर रहा है।

गगनयान कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2018 को अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में की थी। शुरू में मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन को 15 अगस्त 2022 को भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ से पहले लॉन्च करने की योजना थी।

लेकिन कोविड-19 की वजह से पैदा हुए हालात ने इसे रोक दिया गया। अब इसे 2023 में लॉन्च करने की योजना है और देश का पहला अंतरिक्ष स्टेशन 2030 तक बनने की संभावना है

भारत में इसरो के सेंटर

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), बेंगलुरु
  • थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन, थुम्बा (केरल)
  • अंतरिक्ष आयोग, बेंगलुरु
  • अंतरिक्ष विभाग, बेंगलुरु
  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन उपग्रह केंद्र, बेंगलुरु
  • भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला, अहमदाबाद
  • राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान अध्ययन केंद्र, तिरुवनंतपुरम (केरल)
  • कॉलेज ऑफ सैटेलाइट कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी, अहमदाबाद
  • रेडियो खगोल विज्ञान केंद्र, ऊंटी
  • एंट्रिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड, बेंगलुरु
  • सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा
  • अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, अहमदाबाद
  • विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरुवनंतपुरम
  • दूसरा सैटेलाइट लॉन्च पोर्ट, थूथुकुडी (तमिलनाडु)

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जानिए होली के अजब-गजब टोटके, जो कि जीवन के हर संकट को रोके

होली के अजब-गजब टोटके – हिन्दू पंचांग के अनुसार होली फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है। हिन्दू धर्म में यह त्यौहार दो दिन मनाया जाता है। पहले दिन होलिकादहन किया जाता है, होलिकादहन के दिन लकड़ी के ढेर की पूजा की जाती है और उसकी परिक्रमा की जाती है। दूसरे दिन होली वाले दिन रंगों, अबीर और गुलाल से होली खेली जाती है, होली को धुलेंडी भी कहा जाता है।

होली 2024 तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से प्रारंभ हो रही है, जो 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त हो रही है। ऐसे में होलिका दहन 24 मार्च और रंगों वाली होली 25 मार्च को खेली जाएगी।

होली के अजब-गजब टोटके

आज हम आपको होली पर किए जाने वाले कुछ साधारण उपाय बता रहे हैं, ये उपाय बहुत ही जल्दी शुभ फल प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं ये खास उपाय :

रोग नाश के लिए उपाय

मंत्र- ॐ नमो भगवते रुद्राय मृतार्क मध्ये संस्थिताय मम शरीरं अमृतं कुरु कुरु स्वाहा।

होली वाले दिन ऊपर दिए गए मंत्र का जाप तुलसी की माला से करें। अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं, तो इस मंत्र का जाप करने से आपकी बीमारी दूर हो जाएगी।

धन की कमी को दूर करने के उपाय

होली की रात चंद्रमा के उदय होने के बाद अपने घर की छत पर या खुली जगह, जहां से चांद नज़र आए, वहां खड़े हो जाएं। फिर चंद्रमा का स्मरण करते हुए चांदी की प्लेट में सूखे छुहारे तथा कुछ मखाने रखकर शुद्ध घी के दीपक के साथ धूप एवं अगरबत्ती अर्पित करें।

अब दूध से चंद्रमा को अर्घ्य दें। अर्घ्य के बाद सफेद मिठाई तथा केसर मिश्रित साबूदाने की खीर अर्पित करें। चंद्रमा से समृद्धि प्रदान करने का निवेदन करें। बाद में प्रसाद और मखानों को बच्चों में बांट दें। फिर लगातार आने वाली प्रत्येक पूर्णिमा की रात चंद्रमा को दूध का अर्घ्य दें।

शीघ्र विवाह के लिए उपाय

होली के दिन सुबह एक साबुत पान पर साबुत सुपारी एवं हल्दी की गांठ शिवलिंग पर चढ़ाएं और पीछे पलटे बगैर अपने घर आ जाएं। यही प्रयोग अगले दिन भी करें। जल्दी ही आपके विवाह के योग बन सकते हैं।

ग्रहों की शांति के लिए उपाय

मंत्र- ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरान्तकारी भानु शशि भूमि-सुतो बुधश्च। गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव: सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।।

होली की रात उत्तर दिशा में बाजोट (पटिया) पर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर मूंग, चने की दाल, चावल, गेहूं, मसूर, काले उड़द एवं तिल की ढेरी बनाएं। अब उस पर नवग्रह यंत्र स्थापित करें। उस पर केसर का तिलक करें, घी का दीपक लगाएं और ऊपर दिए गए मंत्र मंत्र का जाप करें। जाप स्फटिक की माला से करें। जाप पूरा होने पर यंत्र को पूजा स्थान पर स्थापित करें, ग्रह अनुकूल होने लगेंगे।

व्यापार में सफलता पाने का उपाय

मंत्र- ॐ श्रीं श्रीं श्रीं परम सिद्धि व्यापार वृद्धि नम:।

एकाक्षी नारियल को लाल कपड़े में गेहूं के आसन पर स्थापित करें और सिन्दूर का तिलक करें। अब मूंगे की माला से ऊपर दिए गए मंत्र का जाप करें। 21 माला जाप होने पर इस पोटली को दुकान में ऐसे स्थान पर टांग दें, जहां ग्राहकों की नज़र इस पर पड़ती रहे। इससे व्यापार में सफलता मिलने के योग बन सकते हैं।

होली की पूजा कैसे करें

लकड़ी और कंडों की होली के साथ घास लगाकर होलिका खड़ी करके उसका पूजन करने से पहले हाथ में असद, फूल, सुपारी, पैसा लेकर पूजन कर जल के साथ होलिका के पास छोड़ दें और अक्षत, चंदन, रोली, हल्दी, गुलाल, फूल तथा गूलरी की माला पहनाएं।

इसके बाद होलिका की तीन परिक्रमा करते हुए नारियल का गोला, गेहूं की बाली तथा चना को भूंज कर इसका प्रसाद सभी को वितरित करें। होली की पूजा करने से घर में सुख-शांति, समृद्धि, संतान प्राप्ति होती है।