- सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने के लिए 8 मिनट 17 सेकेंड का समय लगता है तथा इसकी रफ्तार 1 लाख 86 हजार मील प्रति सेकंड है।
- धरती 1 हजार मील प्रति सेकंड की रफ्तार से अपनी धुरी पर घूमती है। धरती की अंतरिक्ष में सूर्य के इर्द-गिर्द घूमने की रफ्तार 67 हजार मील प्रति सेकंड है।
- हर साल, धरती पर 10 लाख से भी ज्यादा भूकंप आते हैं। 1883 में क्राकाटोआ में ज्वालामुखी में बहुत बड़ा धमाका हुआ था जिससे इस ज्वालामुखी के फटने की आवाज इतनी ज्यादा थी कि इस ज्वालामुखी के फटने की आवाज 4,800 किलोमीटर दूरी पर ऑस्ट्रेलिया में भी सुनाई गयी थी।
- पृथ्वी में हर सेकंड आसमानी बिजली 100 बार ज़मीन से टकराती है और हर साल आकाशी बिजली से 1 हजार लोगों की मौत हो जाती है।
- अक्टूबर 1999 में लंदन के आकार का हिमशैल अंटार्कटिक से अलग हो गया था।
- अगर आप अपनी कार को सीधे ऊपर की तरफ ड्राइव करते हैं तो आप सिर्फ एक घंटे में ही अंतरिक्ष में पहुंच जायेंगे।
- हमारी धरती 5 अरब साल पुरानी है इसके साथ सूर्य और चन्द्रमा भी 4.5 अरब साल पुराने हैं।
- अंतरिक्ष यात्री, अंतरिक्ष में डकार नहीं ले सकते- क्योंकि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता जिससे उनकी पेट से गैस बाहर नहीं निकलती और वह अंदर ही रह जाती है।
- डीएनए की खोज वर्ष 1869 में स्विस फ्रेडरिक मैस्चलेर द्वारा की गई थी।
- अल्फ्रेड नोबेल ने वर्ष 1866 में बारूद की खोज की थी।
- हर साल 5 में से 4 लोग इबोला वायरस से पीड़ित होने की वजह से मर जाते हैं।
- 5 अरब साल बाद सूरज का ईंधन खत्म हो जाएगा और यह एक विशाल लाल गोले की शकल ले लेगा।
- हमारे ब्रह्माण्ड में 100 अरब आकाशगंगाएं हैं।
- हर घंटे में हमारा ब्रह्मांड एक अरब मील तक फैल जाता है।
- थर्मामीटर का आविष्कार 1607 में गैलीलियो द्वारा किया गया था।
- क्या आपको पता है कि हाथ मिलाने से इतने कीटाणु स्थानांतरित होते हैं जीतने की चूमने से भी नहीं होते।
- “साइंटिस्ट” शब्द सबसे पहले 1833 में सामने आया।
- किसी भी प्रकाशित वैज्ञानिक लेख को पढ़ने वालों की संख्या 100 में से औसतन 0.6 होती है।
- वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि मुर्गी पहले आई थी न कि अंडा। कारण बताया जाता है कि अंडे के खोल में पाया जाने वाला प्रोटीन सिर्फ मुर्गी द्वारा निर्मित किया जाता है।
- वैज्ञानिकों द्वारा हर दिन जीवों-वनस्पतियों की 41 नई प्रजातियों की खोज की जाती है।
- वैज्ञानिक विधि “टाक्सिनीरिंग” (toxin-eering) एक ऐसी विधि है, जो जहर को दर्द निवारक दवा में बदल देती है।
- वैज्ञानिक पीनट-बटर यानि मूंगफली के मक्खन को हीरे में बदल सकते हैं।
- वैज्ञानिकों ने 507 साल पुरानी सीप की खोज की थी, लेकिन वैज्ञानिकों ने इस सीप को गलती से मार डाला था।
- भूकंप की वजह से पानी सोने में बदल जाता है।
- आकाशी बिजली के एक बोल्ट में सूरज के सतह से पांच गुणा ज्यादा गर्मी होती है।
- सालमन (salmon) मच्छली खाने से आपके बाल तेजी से बढ़ते हैं।
- दिमाग पर शराब का असर होने में सिर्फ छह मिनट का समय लगता है।
- बारिश के पानी में बी 12 विटामिन होता है।
- कुछ परिस्थितियों में गर्म पानी, ठंडे पानी से भी तेजी से बर्फ में तब्दील हो सकता है।
- सूरजमुखी के फूलों को रेडियोधर्मी (radioactive) कचरे को साफ करने में इस्तेमाल किया जाता है।
- जब एक कठफोड़ा पेड़ पर बार-बार हिट करता है, तब इसका सर पेड़ की तरफ गुरुत्वाकर्षण से 1000 गुणा अधिक ऊर्जा से आगे-पीछे होता है।
- आप बर्फ से भी आग उत्पन्न कर सकते हैं।
- शोधकर्ताओं का मानना है कि एड्स का पहला मामला 1920 में कांगो के शहर किंशासा में सामने आया था।
- अंटार्कटिका में तेजी से बर्फ पिघलने की मुख्य वजह यहां पर गुरुत्वाकर्षण में होने वाला परिवर्तन है।
- मधुमक्खीयों को बम खोजने के लिए भी ट्रेन किया जा सकता है।
विज्ञान से जुड़े कुछ रोचक तथ्य, जो किताबों में भी नही मिलेगें!
भूत-प्रेतों से जुड़ी सच्ची व रोचक कहानियाँ
पृथ्वी पर मानव जीवन का इतिहास सदियों पुराना माना गया है। पृथ्वी के हर कोने में हर तरह के लोग बसते हैं। अपने आसपास के वातावरण और पूर्वजों द्वारा दिए गए संस्कारों पर चलना मानव का स्वभाव होता है।
जैसे पृथ्वी पर पवित्र और धार्मिक शक्तियों का अस्तित्व है वैसे ही भूत प्रेत या उनको मानने वाले लोग भी हैं। आज हम ऐसे ही भूतिया कहानियां बताने जा रहे हैं जिनको पढ़कर आपको ऐसा लगेगा मानों सच में भूत होते हैं।
यह हवेली संयुक्त राज्य अमेरिका में मिशिगन शहर में स्थित है। 1941 में यह हवेली अमीर लोगों के लिए एक वेश्यालय हवेली होती थी। बाद में इस हवेली के तहखाने से कुछ लाशें मिली थी जिनके शरीर पर बेरहमी से गोल चक्र के निशान बनाए गए थे।
यह घटना सूरत में प्रसिद्ध पार्ले प्वाइंट अपार्टमेंट के पास एक इमारत की है जो कि पिछले कई सालों से वीरान पड़ी है। सूरत के लोग इस इमारत को भुतहा इमारत कहते हैं। इस इमारत से किसी महिला के चिल्लाने की आवाजें आती रहती हैं।
यह घटना संयुक्त राज्य अमेरिका के ओहियो (Ohio) शहर में स्थित नोवा हाउस की है. ऐसा माना जाता है कि 1958 में बेंजामिन अलब्राइट ने एक दुर्घटना में अपने बेटे को मार दिया था. जब उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने बेटे को मरने के गम में खुद को और अपनी पत्नी को गोली मार दी. तब से लेकर आज तक यह घर वीरान पड़ा है.
यह घटना भी संयुक्त राज्य अमेरिका के ओहियो (Ohio) शहर में स्थित मिलन (Milan) हाउस की है. इस हवेली पर लंबे समय तक जादू-टोने का अभ्यास किया जाता था, स्थानीय लोगों का मानना है कि इस हवेली का मालिक यहां अक्सर जादू टोने का अभ्यास किया करता था और इस हवेली के मालिक की लाश को भी घर के सामने ही दफनाया है. तभी से लेकर अभी तक यह हवेली वीरान पड़ी है यहाँ तक कि लोग इसके आसपास भी नहीं जाते है
यह धटना न्यूयॉर्क के बफैलो (Buffalo) शहर में स्थित कटर हवेली की हैं. लोगों का कहना है कि इस हवेली में शेरिफ डोनाल्ड का भूत रहता है. शेरिफ डोनाल्ड ने खुद को ही गोली मार ली थी. लोगों का कहना है तब से इस घर में शेरिफ डोनाल्ड का भूत दिखाई देता है और रोज़ाना अजीबो-गरीब आवाजें सुनाई देती हैं.
धरती पर मिलने वाली सबसे शानदार और अद्भुत 10 चीजें!
हमारी पृथ्वी आश्चर्यों यानि अदभुत चीज़ों से भरपूर हैं। कुछ अदभुत चीज़ें प्रकृति द्वारा रचित है तो कुछ इंसान द्वारा बनाई गई हैं। तुलनात्मक अध्ययन से पता चला है कि प्रकृति द्वारा निर्मित चीज़ें मानव द्वारा बनाई गयी चीज़ों से श्रेष्ठ और अधिक आश्चर्यजनक हैं।
प्रकृति द्वारा निर्मित पृथ्वी पर मिलने वाली कुछ ऐसी ही सबसे दुर्लभ और अदभुत चीज़ों की सूची हमने आपके लिए तैयार की है। ऐसी चीज़ें जिनके बारे में देख-सुनकर आप कह सकते हैं कि वाह प्रकृति! तू धन्य है!
सफेद मोर (इस तरह के मोर भारत और ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं)
मोर शायद पृथ्वी पर पाया जाना वाला सबसे सुंदर पक्षी है। उस पर मोर का बिलकुल सफ़ेद होने आपने आप में एक आश्चर्य है। सफेद मोर एक दुर्लभ प्रजाति है। सफेद मोर के पंख पिगमेंट की कमी के कारण सफेद होते हैं। इन मोरों में एक अनुवांशिक उत्परिवर्तन होता है।
विश्व का सबसे बड़ा फूल(Rafflesia arnoldi Flower)
यह दुर्लभ भीमकाय फूल इण्डोनेशिया के वर्षा वनों में पाया जाता है। यह तीन फीट तक बढ़ सकता है और इसका भार 15 पौंड (लगभग 7 किलो ) तक हो सकता है। इस फूल के कोई पत्ते नहीं होते ना ही कोई जड़ और साथ ही यह एक परजीवी संयंत्र होता है।
बैंगनी गाजर
बैंगनी गाजर ब्रिटेन और मध्य एशिया में पैदा की जाती है। इस गाजर में एंथोसायनिन पिगमेंट होता है। जिसकी वजह से इस गाजर का रंग बैंगनी होता है। बैंगनी गाजर का इतिहास बहुत लंबा है। इस तरह की गाजर को रोम और मध्य एशिया में 10वीं सदी में भी उगाया जाता था। लेकिन इस गाजर के बीच का रंग बाकी गाजरों की तरह नारंगी होता है।
बैंगनी मकई
बैंगनी मकई की पैदावार बोलीविया, इक्वाडोर और पेरू में की जाती है। इस मकई की गुठली का उपयोग हमेशा से एंडीज लोगों द्वारा फलों और पेय पदार्थो के लिए किया जाता रहा है।
चमकते वन (The Glowing Forest)
यह वन, लुमिनेसेन्ट नाम की मशरूम की वजह से रात को चमकते हैं। यह वन साल में थोड़े समय के लिए ही चमकते हैं।
उड़ने वाली मछली
इस तरह की मछलीयां उष्णकटिबंधीय और उप उष्णकटिबंधीय पानी में रहती हैं। फ्लाइंग फिश अपने पंखों का इस्तेमाल करके पानी की सतह पर काफी दूर तक उड़ सकती हैं।
तस्मानिया का विशाल केकड़ा
यह तस्मानिया का विशाल केंकड़ा है जो ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण हिस्से में पाया जाता है। यह गहरे पानी में रहता है। इस केंकड़े का भार 13 किलोग्राम तक हो सकता है। इस केंकड़े पर लाल रंग की धारियां होती हैं और इसके खोल सफेद रंग के होते हैं।
दुधिया पत्थर-कोरोइत(Koroit)
इस तरह के दुधिया पत्थरों का ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण क्वींसलैंड में पड़ते पारू प्रांत में खनन किया जाता है। यह पत्थर बहुत ही विशेष हैं। यह पत्थर अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है।
अद्भुत दिखने वाला मगरमच्छ (Albino Alligator)
यह मगरमच्छ दिखने में जितना भयानक है उतना ही शातिर भी है। यह मगरमच्छ संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिण पूर्वी हिस्से में पड़ते लुइसियाना शहर में पाये जाते हैं।
औरोरस(Auroras)
यह अद्भुत जगह ध्रुवीय क्षेत्र के पास पड़ती है। इस जगह में रात को आकाश में रौशनी चमकती है। क्योंकि यह जगह उंचाई पर स्थित है। जब प्रकाश इस जगह के वातावरण में मौजूद कणों से टकराता है तो यह छोटे-छोटे कण आकाश में रौशनी उत्पन्न होते हैं। इसी वजह से यहाँ का आकाश रात को रौशनी से चमकने लगता है।
इंटरनेट के बारे में 10 दिलचस्प तथ्य!
- दुनिया में ऐसे 7 आदमी हैं जिनके पास सारी दुनिया के इंटरनेट पर नियंत्रण है. अगर भविष्य में कोई आपदा आये जिससे पूरी दुनिया का इंटरनेट बंद हो जाये तो यह सात आदमी इंटरनेट को चलाने के योग्य होंगे और इंटरनेट के सिस्टम से जरूरी सूचना को निकाल सकेंगे. यह आदमी इंटरनेट के सिस्टम को द्वारा चालू (reboot) भी कर सकेंगे.
- आजकल हम इंटरनेट के लिए मोजिला फायरफॉक्स(Mozilla Firefox) , गूगल क्रोम (Google Chrome) जैसे इंटरनेट ब्राउज़र इस्तेमाल करते हैं लेकिन 1993 में इंटरनेट के इस्तेमाल के लिए मोज़ेक (NCSA Mosaic) वेब ब्राउज़र इस्तेमाल किया जाता था जिसको 1997 में बंद कर दिया गया था.
- इंटरनेट ने सिर्फ 5 सालों में 5 करोड़ उपभोक्ता (users) बना लिए थे जबकि टी.वी. को इतने उपभोक्ता अर्जित करने के लिए 13 साल लगे थे.
- दुनिया की आबादी का 20% हिस्सा इंटरनेट इस्तेमाल कर रहा है, इसका मतलब एक अरब से अधिक लोग इंटरनेट की सुविधा का इस्तेमाल कर रहे हैं.
- इंटरनेट पर उपभोक्ताओं का सर्फिंग सेशन (Surfing session) औसतन 51 मिनट का होता है. ‘सर्फिंग’ (Internet Surfing) से अर्थ है इंटरनेट पर कुछ न कुछ खोजते या खोलते रहना.
- स्वीडन की कुल लोगों की आबादी का 75% हिस्सा इन्टरनेट का इस्तेमाल करता है, जिस के साथ स्वीडन सबसे ज्यादा इंटरनेट को इस्तेमाल करने वाला देश है.
- पूरे विश्व में ऐसा कोई भी देश नहीं है जो इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर रहा, लेकिन फिर भी कई देश ऐसे हैं जहां पर सरकारें लोगों को इंटरनेट इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देती. जैसे कि उत्तर कोरिया की सरकार अपने देश के लोगों को इंटरनेट इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देती और चीन जैसे बड़े देश की सरकार ने भी कई वेब साइट्स (Websites) पर प्रतिबंध लगा रखा है.
- जो लोग सोशल नेटवर्किंग साइट्स जैसेकि फेसबुक और ट्विटर का इस्तेमाल करते हैं वे अपने पूरे जीवन के 10 वें हिस्से जितना लम्बा समय फेसबुक और ट्विटर के इस्तेमाल करने पर ही व्यतीत कर देते हैं.
- एशिया महाद्वीप से इंटरनेट के सबसे ज्यादा 42 प्रतिशत उपभोक्ता हैं फिर भी इस महाद्वीप की कुल आबादी का सिर्फ 20 प्रतिशत हिस्सा ही इंटरनेट इस्तेमाल करता है.
- दुनिया में 19 प्रतिशत शादियां इंटरनेट के माध्यम से होती हैं. इंटरनेट शादी कराने का भी एक सफल माध्यम बनता जा रहा है.
हिन्दू धर्म के बारे में रोचक जानकारियां
विश्व में हिन्दू धर्म सबसे प्राचीनतम धर्मों में से एक माना जाता है. हिन्दू धर्म में कुछ ऐसी अद्भुत बातें बताई गई है जो कि हिन्दू धर्म को अन्य सभी धर्मों से अलग करते हैं. तो आइए जाने हिन्दू धर्म के बारे में कुछ रोचक तथ्य…
- हिन्दू धर्म का संस्थापक कौन हैं? इसका अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं है, इसके संस्थापना से जुड़े तथ्य या कोई मूल तारीख की भी कोई जानकारी नहीं है. पर हिन्दू धर्म के प्रचार में ऋषि-मुनियों और लोगों की भूमिका का जिक्र हिन्दू धर्म की पुस्तकों पर मिलता रहता हैं.
- विश्व में हिंदुओं की जनसंख्या 15% हैं. भारत की तुलना में नेपाल में हिन्दू जनसंख्या प्रतिशत अधिक है. नेपाल में हिंदू 81.3% है जबकि भारत में हिन्दू 79.8% है. कंबोडिया में बना अंकोरवाट मंदिर संसार का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है जो की सैकड़ों वर्ग मील में फैला हुआ है.
- हिन्दू धर्म विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म हैं और भारत में लगभग 90% लोग हिन्दू है.
- ऐसा माना जाता है कि ऋग्वेद का इतिहास लगभग 3800 साल पुराना है जबकि 3500 साल तक इसे केवल मौखिक रूप में ही एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाया जाता रहा था.
- हिंदू कैलेंडर में 6 ऋतुएँ शीत-शरद, बसंत, हेमंत, ग्रीष्म, वर्षा और शिशिर होती हैं.
- हिंदू धर्म में 108 को पवित्र संख्या और शुभ माना जाता है, इसलिए अक्सर आपने देखा होगा कि मालाओं में मनकों की संख्या 108 होती हैं.
- हिंदू धर्म में 108 को पवित्र संख्या इसलिए माना गया है क्योंकि सूर्य और पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी का अनुपात 108 है.
- 3800 साल पहले लिखी गई ऋग्वेद पुस्तक को सबसे पुरानी पुस्तक माना गया है.
- भारत में 20 ऐसे हिन्दू मंदिर है जो कि लगभग 1000 वर्ष से भी अधिक पुराने हैं.
- भारतवर्ष में आपको लगभग 108,000 मान्यता प्राप्त मंदिर मिलेंगे.
- प्राचीन हिंदू साहित्य संस्कृत में वात्स्यायन द्वारा लिखित कामसूत्र पुस्तक सबसे पुरानी यौन शिक्षा की किताब है, यह पुस्तक लगभग 200 ईसा पुरानी बताई गई है.
- कामसूत्र दुनिया में सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तकों में से एक है.
- 33 लाख से अधिक देवी देवताओं को हिंदू धर्म में पूजा जाता हैं.
- हिन्दू धर्म में रिश्तों की एहमियत को अच्छे से समझा जाता है.
मानव के दिमाग के बारे में अदभुत तथ्य
मानव का शरीर एक दिलचस्प मशीन है। मानव के शरीर में दिमाग एक ऐसा जटिल अंग है जो पूरे शरीर को नियंत्रण करता है। इस लेख में हम दिमाग के बारे में 20 अदभुत तथ्य जिन्हें जानकार आप हैरान हो जायेंगे।
- मानव का दिमाग 40 वर्ष की उम्र तक विकसित होता रहता है।
- यदि दिमाग को 5 से 10 मिनट्स तक ऑक्सीजन नहीं मिले तो यह हमेशा के लिए काम करना बंद कर सकता है।
- आपकी हर नयी स्मृति यानि याद आपके दिमाग के नए नये सिरे से जुड़ती है।
- औसतन आदमी का दिमाग इतनी बिजली पैदा कर सकता है कि इस बिजली से एक बल्ब जगाया जा सके।
- वैज्ञानिक व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक शक्ति के दिमाग पर प्रभाव को सिद्ध कर चुके है। उन्होंने पाया है कि जब एक आदमी शक्तिशाली हो जाता है तब उसका दिमाग किसी से सहानुभूति की क्षमता को नष्ट कर देता है।
- स्वाद रिसेप्टर्स यानि तंतु, जिनसे पता लगता है खाने वाली चीजों का स्वाद कैसा है, हमारे शरीर के बहुत से भागों में मौजूद होते हैं। हैरत की बात यह है कि यह आंतों में, अंडकोष में, फेफड़ों में, गुदा के साथ साथ दिमाग में भी होते है।
- मशहूर वैज्ञानिक आइंस्टीन का दिमाग एक डॉक्टर द्वारा चोरी कर लिया गया था, जिसने उनके शरीर के साथ परीक्षण किये. उस डॉक्टर ने आइंस्टीन का दिमाग 20 वर्षों तक एक जार में संभाल कर रखा था।
- हमारे दिमाग का 60% हिस्सा सिर्फ वसा यानी फैट होती है।
- एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार अगर आप बहुत अधिक समय तक कुछ नहीं खाते तो आपका दिमाग खुद को खाना शुरू कर देता है।
- नशे के आदि व्यक्ति के दिमाग की बनावट वैसी ही होती है जैसी एक ओर्गास्म करने वाले की।
- आप शराब को जितना मर्जी पीकर देख लो लेकिन आपका दिमाग हमेशा चीजों को याद रखने की क्षमता रखता है। लेकिन जब आप शराब के नशे से बाहर आते हैं तो आपका दिमाग उन सभी चीजों को भूल जाता है जो आपने शराब पीकर की थी।
- टी.वी. देखने की प्रक्रिया में दिमाग बहुत कम इस्तेमाल होता है और इसलिए इससे बच्चों का दिमाग जल्दी विकसित नहीं होता। बच्चों का दिमाग कहानियां पढ़ने से और सुनने से ज्यादा विकसित होता है क्योंकि किताबों को पढ़ने से बच्चे ज्यादा कल्पना करते हैं।
- आपके दिमाग के दाएं और बाएं हिस्से में कोई फर्क नहीं होता। यह सिर्फ एक मिथक है। दिमाग के दोनों हिस्से एक साथ काम करते हैं।
- एक अध्ययन में पाया गया है, कि अगर आप अपने स्मार्टफ़ोन पर लम्बे समय तक काम करते हैं तब आपके दिमाग में ट्यूमर होने का खतरा बड़ जाता है।
- कम नींद लेने से आपके दिमाग पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। यह आपकी प्रतिक्रियाओं को धीमा कर देता है।
- शराब पीने के छ: मिनटों के अन्दर दिमाग में पाए जाने वाले सेल्स प्रतिक्रिया देना शुरू कर देते हैं।
- जब भी आप कुछ नई सूचना लेते हैं उस समय आपके दिमाग की सरंचना बदल जाती है।
- जब भी आप संगीत को सुनते हैं तो आपका दिमाग डोपामाइन नामक रसायन छोड़ता है, जो आप पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
- छोटे बच्चे इसलिए ज्यादा सोते हैं क्योंकि उनका दिमाग उनके शरीर द्वारा बनाया गया 50% ग्लूकोज इस्तेमाल करता है।
- आपका दिमाग कोई भी दर्द महसूस नहीं करता क्योकि आपके दिमाग में कोई भी दर्द बताने वाला रिसेप्टर यानि तंतु नहीं होते।
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अपनी भावनाओं को काबू में कैसे रखें?
खुद को भावनात्मक रूप से सुन्न ऐसे बनाएं
कभी-कभी आप सोचते होगे कि भावनात्मक रूप से सुन्न होने से आप भावनात्मक रूप से चोट खाने से बच सकते हो. अपनी भावनाओं को दबाने से आप भावनात्मक रूप से चोट खाने से बच सकते हो.
1. अपनी जिंदगी से नकरात्मक लोगों को निकाल दो या फिर उनसे बातचीत ना करो. ऐसा करने से आपको कुछ समय के लिए अकेलेपन का सामना करना पड़ सकता है.
2. उचित सावधानी बरतें, जैसे कि ”मनोवैज्ञानिक दमन” कई मानसिक विकारों में अपनी प्रमुख भूमिका निभाता है. हमेशा लोगों से दूरी बनाये रखना या अकेला रहना भी आपके लिए अच्छा संकेत नहीं है.
3. जितनी जरूरत हो उतनी ही बात करें या अगर आप ज्यादा बातें करते हो तो कम बातें करें. अगर आप से कोई “ हाँ या ना” में कोई जवाब मांग रहा है तो आप अपना सर हिलाकर भी जवाब दे सकते हो. जो लोग अपनी भावनाओं को छिपाते हैं वह लोग अक्सर बहुत कम बोलते हैं.
4. आपसे चाहे कोई भी बड़बड़ा रहा है या आपको नीचा दिखाने की कोशिश कर रहा है उस के सामने कभी भी ना झुकें. जब आप किसी गंभीर मुद्दे पर बात कर रहे हो तो आपको अपनी स्थिति नहीं छोड़नी चाहिए.
5. अपने चेहरे के भावों को दूसरों को दिखाने से बचें. हमेशा एक खाली चेहरा बनाकर रखें.
6. अपनी आँखों की पलकों को कम झपको क्योंकि आँखों का ज्यादा झपकना आपके कमज़ोर होने की निशानी को दर्शाता है.
7. भावनाओं में ना बहकर, तर्क लगाकर सोचें. जो लोग भावनात्मक रूप से सुन्न होते हैं वह अपनी भावनाओं को सामने रखकर नहीं सोचते बल्कि तर्क लगाकर सोचते हैं.
8. कभी भी बाध्यकारी आवेगी या जुनून में आकर बात नहीं करनी चाहिए बल्कि लोगों से शांतिपूर्ण ढंग से बात करनी चाहिए.
9. अपने गुस्से और चिंता को नियंत्रण में रखो और समस्याओं को मौकों में बदल दो.
10. अपने आप को लोगों से अलग एकांत में रखो और ज्यादा से ज्यादा आराम करो.
एशिया का सबसे अमीर गांव!!
हिमाचल प्रदेश पूरी दुनिया में सेब की खेती के लिए मशहूर है. यहां के सेब विदेशों में बहुत पसंद किए जाते हैं. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और सेबों की वजह से जानी जाती है.
लेकिन क्या आपको पता है शिमला जिले की चौपाल तहसील में स्थित मड़ावग गाँव को एशिया का सबसे अमीर गांव माना जाता है. मड़ागव गाँव के लोगों की आय का मुख्य साधन खेती ही है.
चौपाल तहसील में स्थित मड़ावग गांव की जनसंख्या करीब 2000 हैं. इस गांव में प्रत्येक परिवार की सालाना आया 70 से 75 लाख के करीब है। मड़ावग गाँव में आपको हर जगह सेब के बाग ही देखने को मिलेंगे.
इस गाँव में हर व्यक्ति के पास आलीशान मकान हैं. मड़ावग गाँव के सेब अधिकतर विदेशों में निर्यात किए जाते हैं. इस गाँव में हर साल 150 करोड़ रुपए के सेबों का उत्पादन किया जाता हैं.
मड़ावग गाँव के लोग नई नई तकनीकों का प्रयोग करके सेबों की खेती करते हैं. यहाँ के लोग इंटरनेट के माध्यम से विदेशों से भी जानकारी हासिल करते रहते हैं.
मड़ावग गाँव के किसान इंटरनेट के माध्यम से बाजार का भाव जानकर ही सेबों को बेचते हैं. हम आपको बता दें कि सेबों की खेती दो प्रकार से की जाती है एक तो ऑन इयर प्रोडक्शन और दूसरी ऑफ ईयर प्रोडक्शन.
मड़ावग गाँव से पहले गुजरात के कच्छ जिले में स्थित माधवपर गाँव एशिया का सबसे अमीर गाँव रह चुका है. इससे पहले 1982 में भी शिमला जिले का क्यारी गाँव एशिया का सबसे अमीर गांव रह चुका है. क्यारी गाँव के लोगों की आय का मुख्य साधन भी सेब की खेती ही थी.
इतिहास
1954 में मड़ावग गाँव का किसान चैइंयां राम मेहता एक बार कोटखाई से कुछ सेब के पौधे लेकर आया था. कोटखाई से लाए गए सेब के पौधों को उसने अपनी जमीन पर लगाया. कोटखाई में उस समय सेबों का उत्पादन बहुत होता था.
राम मेहता द्वारा लगाए गए पौधों में पहली बार फल लगे और राम मेहता ने उन्हें मंडी में बेचा. जब वह सेबों को बेच का वापिस आए तो उसके पास आठ हजार रुपए थे.
धीरे-धीरे मड़ावग गांव के लोगों ने भी सेब के पौधे लगाने शुरू किए. इसका नतीजा सब जानते है कि मड़ावग गांव एशिया का सबसे अमीर गांव बन गया है.
एशिया का सबसे साफ सुथरा गाँव, मावलिननॉन्ग मेघालय
एशिया का सबसे साफ सुथरा गाँव मेघालय में स्थित है जिसका नाम मावलिननॉन्ग है. मेघालय के इस छोटे से गाँव में प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित है. मावलिननॉन्ग गाँव 2003 में भारत का ही नहीं बल्कि एशिया का भी सबसे साफ सुथरा गाँव बना. 2003 तक इस गाँव में केवल 500 व्यक्ति ही रहा करते थे और इस गाँव में सैलानियों का आना जाना भी नहीं था. पहले इस गाँव में सड़कें भी नहीं थी और गाँव में सिर्फ पैदल ही आया-जाया जा सकता था. लेकिन काफी साल पहले डिस्कवर इंडिया मैगजीन के एक पत्रकार की बदौलत यह गाँव दुनिया की नजरों के सामने आया था.
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मावलिननॉन्ग गाँव शिलॉंन्ग और भारत-बांग्लादेश बॉर्डर से 90 किलोमीटर दूर स्थित है. साल 2014 की गणना के अनुसार यहाँ 95 परिवार रह-रहे थे. इस गाँव की आजीविका का मुख्य साधन सुपारी की खेती है. इस गाँव के लोग घर से निकलने वाले कूड़े-कचरे को बांस से बने कूड़ेदान में जमा करते हैं और उसे एक जगह इकट्ठा कर खेती के लिए खाद के रूप में उपयोग करते है. इस गाँव की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहाँ की सफाई ग्रामवासी स्वयं करते है, सफाई व्यवस्था के लिए वो किसी भी प्रकार से प्रशासन पर निर्भर नहीं है. इस पूरे गाँव में जगह-जगह बांस के बने कूड़ेदान लगे हैं. किसी भी गाँववासी को जहां गंदगी नज़र आती है तो वे सफाई पर लग जाते है. चाहें फिर वह महिला, पुरुष या बच्चे ही क्यों न हो.
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मावलिननॉन्ग गाँव में सैलानियों के देखने के लिए कई अदभुत स्थल हैं, जैसे वाटरफॉल, पेड़ों की जड़ों से बने ब्रिज और बैलेंसिंग रॉक्स भी हैं. यह गाँव एक पहाड़ी पर स्थित है जहाँ पर बैठ कर पर्यटक शिलांग की खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं. पेड़ों की जड़ों से बने प्राकृतिक पुल या झूले जो समय के साथ-साथ मज़बूत होते जाते हैं. इस तरह के ब्रिज पूरे विश्व में केवल मेघालय में ही मिलते हैं.
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ऐसा माना जाता है कि 130 साल पहले इस गाँव को हैजे की बीमारी ने बुरी तरह से जकड़ लिया था. मेडिकल सुविधा न होने की वजह से गाँव वालों को इस बीमारी से छुटकारा पाने का एक मात्र उपाय बचा था. केवल सफाई करके ही इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता था. इस गाँव के लोगों का मानना है कि हमारे पूर्वजों ने कहा था कि तुम सफाई के जरिए ही खुद को बचा सकते हो. फिर चाहे वह खाना, घर, ज़मीन, गाँव या फिर आपका शरीर ही क्यों न हो, सफाई ज़रूरी है. यही वजह है कि घर-घर में शौचालय के मामले में भी यह गाँव सबसे आगे है और 100 में से लगभग 95 घरों में शौचालय बना हुआ है.
हमारे लिए नींद लेना क्यों आवश्यक है ?
हमें नींद लेने की आवश्यकता क्यों पड़ती है ?
नींद सभी जीवों के लिए जरूरी होती है और इन जीवों में आप भी आते हैं. सोने कि वजह से ही हम जीवित रहते हैं. हमको लगता है कि जब हम सोते हैं तो हम कुछ नहीं कर रहे होते. असल में सोते समय हमारा शरीर बढ़ने में, अपने आप को स्वस्थ करने में और सीखने में व्यस्त रहता है.
लेकिन ऐसा क्यों होता है?
हमारे शरीर में एक घड़ी होती है जिसको “सिरकादियन” कहते हैं. इसी घड़ी से हमें पता चलता है कि कब सोने का समय है और कब जागने का ?. यह घड़ी असली घड़ी जैसी नहीं होती जो हम अपनी आम जिंदगी में इस्तेमाल करते हैं. इस घड़ी को नयूरोंस या दिमाग की कोशिकाओं द्वारा नियंत्रण किया जाता है. यह घड़ी हमें बताती है कि हमें दिन के समय जागते रहना है और रात के समय सोना है.
लेकिन ऐसा क्यों होता है?
मानव का मस्तिष्क बहुत समय पहले विकसित हो चुका था जब रौशनी के बल्ब भी इजाद नहीं हुए थे. हमने देखा होगा कि जब हम रात को कंप्यूटर पर काम कर रहे होते हैं. तो हमें जल्दी नींद नहीं आती क्योंकि कंप्यूटर से निकलने वाली रौशनी हमारी शरीर में मौजूद इस घड़ी को चकमा दे देती है जिसकी वजह से हमें रात भी दिन जैसे लगती है. जब आप देर रात तक कंप्यूटर पर काम करते रहते हो और नींद नहीं लेते तो आप अगले दिन थकावट महसूस करते हैं. जिससे आपको नई-नई चीजों को सीखने में मुश्किलें आती है और नींद पूरी ना लेने की वजह से पुरानी चीजों को भी भूलने लगते हैं.
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