भारतीय सशस्त्र बल सेना, भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल भारत को दुश्मनों से सुरक्षित रखते हैं। हम में से बहुत से लोगों को उनकी जीत और उनके तरकीय योगदान के बारे में पता होगा।
यहां निम्नलिखित सूची में भारत की सेना के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हैं, जिससे पढ़कर आप Indian Army को पहले से 10 गुना ज़्यादा सम्मान की नज़रों से देखेंगे।
भारतीय सेना दुनिया की सबसे ऊँची रणभूमि “सियाचिन ग्लेशियर” को नियन्त्रण करती है, जिसकी ऊंचाई समुन्द्र तल से 5000 मीटर है.
भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी “स्वैच्छिक” सेना है।
सभी सेवारत और रिज़र्व सेना के पास अपनी सेवा देने या ना देने का अधिकार होता है। यह अधिकार भारत के संविधान में भी दर्ज है। लेकिन इस संविधान को कभी भी प्रयोग में नहीं लाया गया। भारतीय सेना के पास पहाड़ों की उंचाई वाले क्षेत्रों में लड़ने की महारत हासिल है।
Indian Army द्वारा High Altitude Warfare School (HAWS) दुनिया में सबसे संभ्रांत सैन्य प्रशिक्षण चलाया जाता है। जिसमें अमेरिका, इंग्लैंड और रूस के विशेष सेना बल ने अफ़ग़ानिस्तान पर आक्रमण करने से पहले हिस्सा लिया था।
भारत ने 1970 और 1990 में परमाणु परिक्षण किया था। इस परिक्षण के बारे में दुनिया की सबसे ताकतवर ख़ुफ़िया एजेंसी सी.आई.ए. को भी नहीं पता चला था और यह सी.आई.ए की अब तक की सबसे बड़ी असफलता है।
भारत में अन्य सरकारी संगठनों और संस्थाओं के विपरीत Indian Army में किसी भी व्यक्ति की जाती या धर्म नहीं देखा जाता।
भारत और पाकिस्तान के बीच हुई “लोंगेवाला की लड़ाई” में सिर्फ दो भारतीय सेना के जवान ही शहीद हुए थे. इस लड़ाई पर मशहूर बॉलीवुड फिल्म “बॉर्डर” बनी है।
लोंगेवाला की लड़ाई भारत और पाकिस्तान के बीच दिसम्बर 1971 में हुई थी। इस लड़ाई में 120 Indian Army के जवानों ने 2000 पाकिस्तानी सेना के जवानों को घुटने टेकने के लिए मज़बूर कर दिया था।
सबसे रोचक तथ्य यह है कि इस लड़ाई में Indian Army के पास सिर्फ एक जीप थी, जिस पर एम्40 की राइफल लगी थी और दूसरी तरफ पाकिस्तानी सेना 2000 की तदाद में टैंकों से लेस थी।
Indian Army द्वारा चलाया गया ऑपरेशन राहत (2013) अब तक सबसे बड़ा लोगों को बचाने वाला मिशन था. ऑपरेशन राहत मिशन को भारतीय वायु सेना द्वारा चलाया गया था।
इस मिशन का मुख्य लक्ष्य 2013 में उत्तराखंड में आयी बाढ़ से प्रभावित लोगों को बचाना था। ऑपरेशन राहत के पहले चरण में 17 जून 2013 को 20,000 लोगों को बाढ़ के क्षेत्र से सुरक्षित निकाल लिया गया था, जो अपने-आप में एक बहुत बड़ा रिकॉर्ड था।
केरल की एज़िमाला नौसेना अकादमी पूरे एशिया में सबसे बढ़ी अकादमी है।
भारतीय सेना के पास घुड़सवार सेना की रेजिमेंट भी है. ऐसी रेजिमेंट दुनिया में सिर्फ तीन ही हैं।
भारतीय वायु सेना का ताजीकिस्तान में आउट-स्टेशन है।
भारतीय सेना ने भारत के सबसे ऊँचे पुल का भी निर्माण किया है. यह लदाख वैली में द्रास और सुरु नदियों के बीच बना हुआ है। इस पुल का निर्माण भारतीय सेना द्वारा अगस्त 1982 में किया गया था।
सैन्य इंजीनियरिंग सेवा (एमईएस) भारत में सबसे बड़ी निर्माण एजेंसियों में से एक है। एमईएस और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) पर भारत की बेहद शानदार सड़कों के निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी है। खर्दुन्गला (जो पूरी दुनिया में सबसे ऊँची सड़क है) और चुम्बकीय पहाड़ी जैसी सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी एमईएस पर आती है।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में हुआ युद्ध उस समय खत्म हो गया था। जब पाकिस्तानी सेना के 93,000 जवानों ने Indian Army के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। दुसरे विश्व युद्ध के बाद यह सबसे बड़ा आत्मसमर्पण था, जो पाकिस्तानी सेना द्वारा किया गया था।
अक्सर कई लोकप्रिय हस्तियों को सशस्त्र बलों की मानद रैंक से सम्मानित किया जाता है। सचिन तेंदुलकर को भारतीय वायु सेना द्वारा कप्तान का रैंक से सम्मानित किया गया है और एम्.एस धोनी को भारतीय सेना द्वारा लेफ्टिनेंट की पदवी से सम्मानित किया गया है।
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