Friday, November 22, 2024
16 C
Chandigarh

यूं हुई थी ‘मूर्ख दिवस’ की शुरुआत

वैसे तो हंसी-मजाक के लिए किसी दिन या मौके की तलाश नहीं होती, लेकिन अप्रैल महीने के पहले दिन को आम तौर पर पूरी दुनिया में मूर्ख दिवस या अप्रैल फूल डे के रुप में मनाया जाता है।

हर साल 1 अप्रैल को बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी एक दूसरे को बेवकूफ बनाने में लग जाते हैं। वैसे तो अन्य दिनों में किसी को बेवकूफ बनाने से, बेवकूफ बना हुआ व्यक्ति नाराज हो जाता है।

लेकिन अप्रैल फूल डे के दिन वह बुरा नहीं मानता है, लेकिन आपको यह ध्यान भी रखना चाहिए कि आपका मजाक किसी के लिए नुकसानदायक साबित न हो जाए।

वैसे तो अप्रैल फूल डे को मनाने के पीछे कोई ठोस कारण नहीं है, लेकिन इसके बारे में अलग अलग कहानियां प्रचलित है।

चलिये पढ़ते हैं इस दिन का इतिहास और इस दिन से जुड़े रोचक तथ्य।

  • ऐसा माना जाता है कि अप्रैल फूल डे का सबसे पहले जिक्र 1392 में चॉसर की किताब कैंटरबरी टेल्स में मिलता है, इस किताब में कैंटरबरी नाम के एक कस्बे का जिक्र किया गया है। इसमें इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी एनी की सगाई की तारीख 32 मार्च, 1381 को होने की घोषणा की गई थी जिसे वहां के लोग सही मान बैठे और मूर्ख बन गए, तब से 32 मार्च यानी आज के कैलेंडर के अनुसार 1 अप्रैल को April Fool Day के रूप में मनाया जाता है।
  • 1582 से पहले यूरोप के लगभग सभी देशों में एक जैसा कैलेंडर प्रचलित था, जिसमें हर नया वर्ष पहली अप्रैल से शुरू होता था। 1582 में Pope Gregory XIII ने नया कैलेंडर अपनाने के निर्देश दिए जिसमे न्यू ईयर को 1 जनवरी से मनाने के लिए कहा गया। बहुत से लोगों ने इस नए कैलेंडर को अपना लिया, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग थे, जिन्होंने नए कैलेंडर को अपनाने से इन्कार कर दिया था। जो लोग एक अप्रैल को साल का पहला दिन मानते थे, ऐसे लोगो को मूर्ख समझकर उनका मजाक बनाया जाता था। ऐसा माना जाता है, की यूरोप में तब से ही अप्रैल फूल मनाया जाता है।
  • इतिहास में 1860 की 1 अप्रैल बहुत मशहूर रही है। लंदन में हजारों लोगों के पास डाक कार्ड से पोस्ट कार्ड द्वारा एक सूचना पहुंची कि आज शाम टॉवर ऑफ लंदन में सफेद गधों के स्नान का कार्यक्रम होगा। देखने के लिए आप आमंत्रित हैं। कृपया साथ में कार्ड अवश्य लाएं। उस समय टॉवर ऑफ लंदन में आम लोगों के जाने पर मनाही थी। शाम होते ही टावर के आसपास हजारों लोगों की भीड़ जमा होने लगी और लोग अंदर जाने के लिए धक्का-मुक्की होने लगे। लोगों को जब पता चला कि उन्हें मूर्ख बनाया गया है तो वह अपने घर लौट गए।
  • बहुत पहले यूनान में मोक्सर नाम का मजाकिया राजा था। एक दिन उसने सपने में देखा कि किसी चींटी ने उसे जिंदा निगल लिया है। सुबह उसकी नींद टूटी तो सपने की बात पर वह जोर-जोर से हंसने लगा। रानी ने हंसने का कारण पूछा तो उसने बताया कि रात मैंने सपने में देखा कि एक चींटी ने मुझे जिंदा निगल लिया है। सुन कर रानी भी हंसने लगी। तभी एक ज्योतिष ने आकर कहा, महाराज इस सपने का अर्थ है, आज का दिन आप हंसी-मजाक व ठिठोली के साथ व्यतीत करें। उस दिन अप्रैल महीने की पहली तारीख थी।
  • बहुत पहले चीन में सनन्ती नामक एक संत थे, जिनकी दाढ़ी जमीन तक लम्बी थी। एक दिन उनकी दाढ़ी में अचानक आग लग गई तो वे बचाओ-बचाओ कह कर उछलने लगे। उन्हें इस तरह उछलते देख कर बच्चे जोर-जोर से हंसने लगे। तभी संत ने कहा, मैं तो मर रहा हूँ, लेकिन तुम आज के ही दिन खूब हंसोगे, इतना कह कर उन्होंने प्राण त्याग दिए।
  • फ्रांस के नारमेडी में 1 अप्रैल को एक अनोखा जुलूस निकलता था, जिसमें एक घोड़ा गाड़ी में सबसे मोटे आदमी को बैठाकर सारे शहर में घुमाता था, ताकि उसे देखते ही लोग खिल खिलाकर हंस पड़े।
  • स्कॉटलैंड में इसे लगतार दो दिनों तक मनाया जाता है। फ्रांस में इसे फिश डे कहा जाता है, बच्चे कागज की बनी मछली एक दूसरे के पीठ पर चिपका कर अप्रैल के इस दिन को मनाते हैं।

वजह चाहे कोई भी हो ख़ुशी और आपस में मजाक के लिए इससे अच्छा दिन ओर कौन सा हो सकता है। आप भी एक दुसरे को मुर्ख बनाये बस ध्यान रहे मजाक तभी तक मजाक है जब तक इससे किसी का नुकसान न हो।

यह भी पढ़ें :

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow
- Advertisement -

MOST POPULAR