हम अपने भारतीय होने पर बहुत गर्व महसूस करते हैं. लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं, जिनके होते हुए हमें इस युक्ति, यानि, “गर्व से कहो हम भारतीय हैं” (I am proud of my India), को कहते हुए शंका या शर्मिंदगी महसूस हो सकती है.
जैसे कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, भारत के बारे में भी कई बहुत अच्छी और कई अत्यधिक बुरी बातें हैं. ये हैं, भारत के बारे में 10 सबसे बुरी बातें, जिनके होते हुए हमारे “I am proud of my India” कहने में कोई समझदारी नहीं दिखती. अच्छा हैं कि हम इन समस्याओं के समाधान में कुछ सहयोग करें, जिससे हम देर-सवेर अपने देश पर गर्व कर सकें.
भारत एक पुरुष प्रधान देश
भारत पुरुष प्रधान देशों में से एक है. भारत में पुरुषों को औरतों से ज्यादा सम्मान व प्राथमिकता दी जाती है. भारत में ज्यादातर लोग औरतों को “वस्तु” के रूप में देखते हैं. यहां औरतों को घरों में ऐसा सिखाया जाता है कि उनके जीवन का मुख्य लक्ष्य शादी करना, बच्चे पैदा करना और पति पक्ष की सेवा करना ही है. लड़कियों को बोझ माना जाता है और भारत में भ्रूण हत्या की समस्या आम है. जिसमें लड़कियों को जन्म लेने से पहले ही गर्भ में मार दिया जाता है.
जाति पर विभाजित समाज
भारत एक जातियों और धर्मों में बंटा हुआ देश है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ हिन्दू धर्म में ही यह समस्या है, बल्कि यह समस्या भारत के हर धर्म में है. लोगों को अलग-2 जातियों में विभाजित किया गया है. आश्चर्यजनक रूप से “ऊंची” जाति मान-सम्मान और आदर की भावना पैदा करती है और “नीची” जाती वालों को हीनता और “दया-भावना” की नज़रों से देखा जाता है. जाति के नाम पर छुआछूत और सामाजिक बहिष्कार आज के समाज में भी मौजूद हैं.
राजनीति, धर्म और कानून तीनों का मिश्रित देश
भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, लेकिन यहां धर्म निरपेक्षता कहीं भी नहीं दिखायी देती. भारत में जातियों के आधार पर वोट बैंक की राजनीति होती है. यहां पर नेता लोगों की धर्म के नाम पर आपस में लड़ाई करवाते हैं और लोग भी आँखों पर पट्टी बांधकर इस तमाशे का हिस्सा बनते हैं. भारत के संविधान में धर्म निरपेक्षता के नाम पर सभी कानून बने हुए हैं. लेकिन उन नियमों की कोई पालना नहीं करता. पूरे विश्व में सिर्फ भारत ही ऐसा अदभुत देश है, जहाँ लोगों को आज भी धर्म और जाति के आधार पर आरक्षण दिया जाता है.
बुनियादी ढांचे की कमी
भारत की विकास दर तो हर वर्ष बढ़ रही है, लेकिन उसका असर यहां पर कहीं भी नहीं दिख रहा. क्योंकि यहां का साधारण बुनियादी ढांचा बहुत कमज़ोर है. भारत बुनियादी ढांचे में दक्षिण एशिया देशों में सिर्फ पाकिस्तान से ही बेहतर है.
अंधविश्वास की समस्या
भारत अंधविश्वास की समस्या से बुरी तरह लिप्त है. यहां पर कई लोग सारी उम्र सिर्फ इसीलिए कोई काम-काज शुरू करते है, क्योंकि उनको ज्योतिषी द्वारा बहका दिया जाता है. भारत में ज्यादातर लोग अपने से ज्यादा, ग्रह, नक्षत्र, भाग्य, वास्तु और ज्योतिष पर विश्वास करते हैं. व्यावहारिक मेल-मिलाप और प्रेम-दयाभाव को छोड़ कर लोग दिखावी पूजा-पाठ और तीर्थ-पर्यटन में जिन्दगी बिता देते हैं.
नौकरशाही बाधाएं
भारत में आम आदमी को एक छोटा सा व्यापार चलाने के लिए भी बहुत सी प्रशासनिक समस्याओं और औपचारिकताओं का सामना करना पढ़ता है. अपना अधिकार पाने के लिए अधिकारियों को खुश करना पड़ता है. शायद यह कभी ना खत्म होने वाली समस्या है. भारत में भ्रष्टाचार ही बड़ी समस्या नहीं है, जो भारत को आगे बढ़ने से रोकती है.
उदासीन मीडिया
भारतीय मीडिया गरीबों को ज्यादा तवज्जो नहीं देता, वह अपना ज्यादातर ध्यान मिडिल क्लास और अप्पर-मिडिल क्लास के लोगों पर लगाता है. भारतीय मीडिया द्वारा ज्यदातर दिखाई जाने वाली खबरें एक तरफा ही होती हैं, वह खबर का दूसरा पहलू कभी नहीं दिखाते.
आदिवासियों के प्रति अलगाव की भावना
भारत में आदिवासियों के प्रति अलगाव की भावना है. भारत में आदिवासियों से उनकी जमीनें जबरन छीन ली जाती हैं और फिर वहां पर कोले की खदानें बनायी जाती हैं. भारत में सिर्फ मिडिल क्लास और अमीर लोगों की सुनी जाती है. जबकि इस अत्याचार का शिकार हुए गरीबों की कोई भी नहीं सुनता और उनको सारी उम्र उनका हक नहीं मिलता.
सरकार को ही हर बात के लिए जिम्मेदार ठहराना
भारत में लोग हर समस्या का दोष सिर्फ सरकार पर ही लगाना पसंद करते हैं. वह अक्सर यह भूल जाते हैं कि सत्ता में आयी सरकार उनके द्वारा ही चुनी गयी है. लोगों द्वारा मुद्रास्फीति का दोष सीधे तौर पर सरकार पर लगाया जाता है. भारतीयों को सब कुछ अच्छा चाहिए, लेकिन वह सरकार को टैक्स नहीं देना चाहते.
भ्रष्टाचार
भारत में भ्रष्टाचार की समस्या कोई नई समस्या नहीं है. यह दिन पर दिन बढती जा रही है. यहां पर नेताओं से लेकर सरकारी नौकरशाही तक भ्रष्ट हैं. यह समस्या बहुत भयंकर है और भारत की तरक्की के रास्ते में सबसे बढ़ा पत्थर भी है. भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली बहुत समस्याएं हैं, जो भारत को आगे नहीं बढ़ने दे रहीं.
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