जब हम हेयर वॉश करते हैं, तो बालों का पसीना और अनावश्यक ऑयल बाहर निकल जाता है। इसके लिए अपने शैंपू की किस्म पर भी विशेष ध्यान दें, क्योंकि कोई भी शैंपू इस्तेमाल करना या उसे बदलते रहना भी बालों की ग्रोथ के लिए हानिकारक हो सकता है। विंटर में स्ट्रांग शैंपू इस्तेमाल करने की अपेक्षा माइल्ड शैंपू ही इस्तेमाल करें। एक भ्रम के अनुसार अधिक झाग वाले शैंपू से बाल अच्छी तरह साफ हो जाते हैं, जिसके कारण अधिकांश महिलाएं इसी प्रकार के शैंपू इस्तेमाल करना चाहती हैं, परन्तु इससे बाल जल्दी ड्राई हो जाते हैं। इसलिए बिना कैमिकल वाले शैंपू का ही इस्तेमाल करें। आप चाहें तो हेयर्स को शैंपू करते समय इसका दो बार भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
ऐसा हो शैंपू
शैंपू की किस्म की बात करें, तो अधिक पी.एच. का शैंपू हेयर्स को नुक्सान पहुंचा सकता है। इसलिए 4 से 6 के बीच वाले पी.एच. शैंपू का ही प्रयोग करें। इससे जहां हेयर्स की नमी बरकरार रहेगी, वहीं ये अधिक ड्राई भी नहीं होंगे।
जैसे हेयर वैसा शैंपू
कर्ली हेयर के लिए सॉफ्टनैस शैंपू तथा स्ट्रेट ऑयली हेयर के रूटीन वॉश के लिए नैचुरल शैंपू का इस्तेमाल करना चाहिए। रूखे हेयर्स को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती, है, सो इसके लिए मॉयश्चराइजर युक्त शैंपू का ही इस्तेमाल करें। हेयर्स की चमक बरकरार रखने के लिए इन्हें कंडीशन करना न भूलें, परन्तु इस बात का ध्यान रखें कि इसे सिर की त्वचा पर न लगाएं।
नैचुरल हेयर ब्रिसल ब्रश करें इस्तेमाल
हेयर्स में नैचुरल ऑयल बरकरार रखने के लिए हमेशा नैचुरल ब्रिसल ब्रश का ही इस्तेमाल करना चाहिए। इससे सिर की स्किन से ऑयल हेयर्स तक पहुंचता है और हेयर्स को पोषण मिलता है। इस बात का ध्यान रखें कि प्लास्टिक हेयर ब्रश के इस्तेमाल से बाल टूटते और बेजान बनते हैं। नैचुरल ब्रिसल ब्रश का यह फायदा भी है कि इससे सिबेशियस ग्लैंड्स में ऑयल उत्पन्न होता है। जब यह ऑयल और हेयर्स का पसीना मिलता है, तो एसिड मैंटल बनता है, जो एक प्रोटैक्टिव लेयर बनाता है, जिससे हेयर्स की नैचुरल तरीके से रक्षा होती है।
मौसम का असर
अक्सर देखा जाता है कि सर्दियों में महिलाएं तेल लगा लेती हैं, परन्तु जब हम घर से बाहर निकलते हैं, तो इनमें मिट्टी के कण अधिक फंस जाते हैं। ऐसे में शैंपू का इस्तेमाल भी बार-बार करना पड़ता है और ज़्यादा बार शैंपू इस्तेमाल करने से बाल अधिक रूखे हो जाते हैं। मायश्चराइजर ट्रीटमैंट कम से कम सप्ताह में एक बार कराने से इस समस्या से छुटकारा मिलता है।
बायोलॉजिकल प्रोसैस और बालों की हाइजीन
हेयर केयर एवं सिर की स्किन की देखभाल दोनों बातें ही एक-दूसरे के साथ जुड़ी हैं, क्योंकि हेयर्स की ग्रोथ त्वचा में से ही होती है। हेयर्स के जैविक भाग हेयर फोलिकल, हेयर रूट, सिबेशियस ग्लैंड्स त्वचा के अंदर ही होते हैं। यही कारण है कि हर मौसम में बालों के रखरखाव हेतु सिर की स्किन की सफाई नियमित रूप से करना बेहद ज़रूरी है।
मसाज करें
हेयर्स को जड़ से मज़बूत बनाने के लिए ऑयल बेहद ज़रूरी है। इससे हेयर्स को पोषण मिलता है। हफ्ते में 3 बार हेयर्स में ऑयल लगा कर अच्छी तरह से मसाज करें। इससे ये जड़ से मज़बूत होते हैं।
सर्दियों में डेंड्रफ की समस्या
डेंड्रफ की समस्या से बचने के लिए तेल को गुनगुना कर सिर पर लगाएं और बाद में तौलिए को गर्म पानी में भिगो कर निचोड़ने के बाद बालों में दस-पन्द्रह मिनट तक लपेट कर रखें।
संतुलित भोजन लें
बालों को स्वस्थ रखने के लिए डाइट में प्रोटीन की मात्रा अधिक लें। हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, दूध आदि। ड्राई फूट्स और ओमेगा थ्री फैटी एसिड्स लेने से बाल स्ट्रांग एवं शाइनी बनते हैं। आयरन एवं आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों का भी सेवन करें। ये बालों का पोषण कर उन्हें जड़ से मज़बूत बनाते हैं। तली भुनी चीजों एवं मसालेदार भोजन से परहेज करें।
इन बातों का रखें ख्याल
- कभी भी गीले बालों में रबड़ बैंड का इस्तेमाल न करें और रात के वक्त बालों में रोलर न लगाएं।
- बाल धोने के लिए बहुत ज़्यादा गर्म पानी इस्तेमाल न करें। इसके इस्तेमाल से बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं और ये जल्दी टूटने लगते हैं।
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