डिप्रेशन एक मानसिक बीमारी है, जो कुछ लोगों को तो थोड़े समय के लिए ही रहती है, लेकिन कई लोगों का यही डिप्रेशन एक भयानक रूप भी ले लेता है, इस स्थिति में लोगों का मन ज़िंदगी से भर जाता है. इसी कारण इंसान की रोजमर्रा ज़िंदगी और उसके कामकाज में बुरा प्रभाव पड़ता है.
कुछ अरसा पहले हमने डिप्रेशन पर यह तथ्यात्मक एक लेख पोस्ट किया था जिस पर पाठकों की काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली जिससे उत्साहित होकर हमने इस पोस्ट के पुराने शीर्षक डिप्रेशन क्या है? इसके लक्षण और इससे कैसे बचा जा सकता है? पर एक “कारण और निवारण” टाइप का एक समग्र लेख पोस्ट किया है, जबकि पुरानी तथ्यात्मक पोस्ट को यहाँ स्थानांतरित किया है.
तो ये रहे डिप्रेशन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य:
- यह बात सिद्ध हुई है कि पूरी दुनिया में 35 करोड़ लोग डिप्रेशन के शिकार हैं.
- डिप्रेशन होने के मुख्य लक्षण है, जैसे- निरंतर चिंता करना, काम में मन न लगना, छोटी छोटी बातों पर गुस्सा करना, कम बोलना आदि.
- डिप्रेशन में इंसान ऐसे खतरनाक कदम उठाता है, जो उसे नहीं उठाने चाहिए, जैसे कि शरीर को नुकसान पहुंचाना, आत्महत्या करने की कोशिश करना आदि.
- ऐसा माना जाता है कि 2030 तक आते- आते डिप्रेशन मनुष्य पर इतना हावी हो जाएगा कि मनुष्य की असमर्थता का दूसरा सबसे बड़ा कारण होगा.
- ऐसा नहीं है डिप्रेशन कोई अभी की बीमारी है, यह हमारे पूर्वजों के ज़माने से चली आ रही है, परंतु चिंता का विषय यह है कि 21वीं सदी में इसका प्रभाव पहले से 10 गुना ज़्यादा बढ़ गया है.
- महिलाएं पुरुषों के मुकाबले डिप्रेशन की शिकार ज़्यादा होती हैं.
- आजकल लोग इंटरनेट (फेसबुक, वाट्सएप) पर फालतू समय व्यतीत करते है, वह अक्सर मानसिक परेशानियों में रहते हैं.
- डिप्रेशन की वजह से इंसान अपना लगभग 65% समय तो चिंता में गुज़ार देते हैं.
- इंसान 18 से 33 साल की उम्र तक सबसे ज़्यादा तनाव महसूस करता हैं.
- तनाव में रहने वाला इंसान खुद से और दूसरों से झूठ बोलने की आदत बना लेता है और वह इंसान हमेशा परिस्थितियों का सामना करने से कतराता है.
डिप्रेशन के समय इंसान यह सोचता है कि वह ज़िंदगी में कुछ नहीं कर सकता और वह अपनी हार स्वीकार कर लेता है. तो आइए जानते हैं इंसान डिप्रेशन से कैसे छुटकारा पा सकते हैं…….
- यदि आपको लगता है कि आप डिप्रेशन में जा रहे हैं, तो आप किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर (mental health professional) की सहायता ले सकते हैं.
- अगर आप इससे बाहर आना चाहते है, तो आप इसकी वजह जानें और फिर सोचे कि उस वजह से कैसे बाहर निकल सकते हैं.
- “कल क्या होगा” यह सोच- सोच कर हम अपनी परेशानियों को और भी बढ़ा देते है, इसलिए हमें आज के बारे में ही सोचना चाहिए और आज को बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए.
- तनाव या दबाव को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप गाने सुनें. इससे तनाव में कमी आती है और इससे इंसान खुद को तरोताज़ा महसूस करता है.
- इंसान डिप्रेशन को कम करने के लिए अक्सर शराब, ड्रग्स और नशीली चीज़ों का सहारा लेता है. नशीली चीज़ों का सेवन करने से कुछ देर के लिए तनाव दूर हो जाता है, लेकिन धीरे- धीरे इसकी लत बन जाती है. इसलिए इंसान को नशीली चीज़ों से दूर ही रहना चाहिए.
अंत में हमारा यही सुझाव है कि इंसान अपनी समस्याओं को छुपाते हैं और उन्हें लगता है कि दूसरों को बताएंगे, तो उनका मज़ाक ना बन जाएँ. यह रवैया इंसान की दिक्कत को कम करने की बजाय और भी बढ़ा देता है. यदि आप बहुत ज़्यादा तनाव महसूस कर रहे हैं, तो किसी मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक के पास ज़रूर जाएं.
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