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“मृत सागर” को इसलिए मृत सागर कहा जाता है! अदभुत!

इज़राइल के एक समुद्र को मृत सागर (dead sea) के नाम से जाना जाता है। क्या आप जानते है इस समुद्र को मृत सागर ही क्यों कहा जाता है। आइए जानतें है इस से जुड़े कुछ रहस्य: यह समुद्र पृथ्वी की सतह से करीब 1375 फुट या 420 मीटर गहरा और समुद्री सतह से करीब 2400 फुट नीचे है। यह अपने उच्च घनत्व के लिए जाना जाता है। इस समुद्र की खास बात यह है कि यहाँ कोई डूब नहीं सकता। इंसान यहां बिना किसी डर के आसानी से तैर सकता है।

दुनियाभर के समुद्रों का पानी खारा या नमकीन होता है। इसमें नदियों के पानी की तुलना में समुद्र के नमकीन पानी का घनत्व यानी डेंसिटी बढ़ जाती है। आम पानी की तुलना में इस के पानी में 20 गुना ज़्यादा ब्रोमिन, 50 गुना ज़्यादा मैग्नीशियम और 10 गुना ज़्यादा आयोडिन होता है। इस वजह से न तो यह पानी पीने लायक होता है, न इसमें मौजूद नमक का उपयोग किया जा सकता है। इस समुद्र में नमक की सघनता ज्यादा होने की वजह से जल में रहने वाले जीव भी जीवित नहीं रह पाते। इसीलिए, इस समुद्र को मृत सागर कहा जाता है।

मृत सागर इज़रायल और जॉर्डन के बीच स्थित है। यह समुद्र बहुत कम जगह में फैला हुआ है। यह अरबी झील के रूप में जाना जाता है। यह हमेशा से ही विदेशी सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र रहा है। इस सागर में जॉर्डन नदी और अन्य छोटी छोटी नदियाँ आकर मिलती हैं। इसकी खूबी और उसके आसपास फैले सौंदर्य की वजह से इसे 2007 में ‘विश्व के सात अजूबों में चुनी गई 28 जगहों की सूची में शामिल किया गया था। इस समुद्र के पास अनेक पिकनिक स्पॉट और होटल बने हुए हैं। यहाँ हर समय लोगों की भीड़ लगी रहती है।

छुट्टियों और मौज-मस्ती के अन्य मौकों पर लोग इस समुद्र में तैराकी का लुत्फ उठाते हैं। लोग इसके काले कीचड़ को अपने शरीर और चेहरे पर लगाते हैं, क्युंकि इस समुद्र का कीचड़ त्वचा को निखारता है और यह कीचड़ बहुत सी बीमारियों को भी ख़त्म करता है। हालांकि इस समुद्र में नदियों और वर्षा से ताज़ा पानी आता रहता है, लेकिन यहां का वातावरण और हवा बहुत खुश्क है। यहां का तापमान पूरा साल गर्म रहता है। यहां का वाष्पीकरण तेज होने के कारण इसका पानी हर साल एक मीटर से अधिक कम होता जा रहा है।

चाहे इस सागर में कोई जीव जीवित नहीं रह पाता, पर इसका पानी बहुत सी औषधीय गुणों से भरपूर है। इस पानी को लाइलाज रोगों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। वैज्ञानिकों ने भी यह साबित कर दिया है कि यहां मिलने वाला नमक और खनिज लवण हमारे लिए मूल्यवान हो सकते हैं। इसी कारण आज मृत सागर, एशिया के मेडिकल टूरिज्म के रूप में आकर्षण का केन्द्र बनता जा रहा है।

इस के उत्तरी-पश्चिमी भाग में पर्यटन और स्वास्थ्य केन्द्र खोले गए हैं। मृत सागर के पानी की काली मिट्टी और नमक से यहां विभिन्न स्पा और मड-थेरेपी के जरिये इलाज भी किया जाता है। इस सागर के जल में ब्रोमिन, मैग्नीशियम तथा आयोडिन ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। ब्रोमीन धमनियों को शांत करता है, मैग्नीशियम त्वचा की एलर्जी से लड़ता है। जबकि आयोडिन कई ग्रंथियों की क्रियाशीलता को बढ़ाता है।

सौन्दर्य और स्वास्थ्य के लिए मृत सागर के गुणों की सिद्धि की वजह से ही कई प्रसिद्ध कंपनियाँ मृत सागर से ली गईं चीज़ों पर आधारित सौन्दर्य प्रसाधन की सामग्री बनाती हैं। इसके गर्म सल्फ़र और कीचड़ कई बीमारियों के इलाज में अहम भूमिका निभाते है, ख़ासकर आर्थराइटिस और जोड़ों से संबंधित बीमारियों के इलाज में इनका योगदान अधिक है।

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why is the dead sea is called dead sea

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