आपको इस बात की हैरानी होगी कि मछलियां करंट का झटका कैसी दे सकती हैं, पर यह सच है कि इलेक्ट्रिक केट फिश और इलेक्ट्रिक ईल नामक मछली अपने शिकार को मारने के लिए बिजली के हाई वॉल्टेज झटके का इस्तेमाल करती हैं।
आज इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं करंट मारने वाली मछली के बारे में कुछ रोचक तथ्य तो चलिए जानते हैं :-
- इलेक्ट्रिक ईल नाइफ-फिश परिवार के सदस्यों में गिनी जाती है। यह ज्यादातर दक्षिण अमेरिका में अमेजन और ओरिनोको नदियों के आसपास कीचड़ या उथले पानी में पाई जाती है।
- जब ईल द्वारा Electrolight Cell को एक्टिव किया जाता है तो यह सेल करंट पैदा करते हैं, जो करीब 200 वाट से लेकर 600 वाट तक हो सकता है।
- इस ईल मछली के नाम के आगे इलेक्ट्रिक इसीलिए लगा है क्योंकि यह मछली करंट मारती है।
- आपको जानकर हैरानी होगी एक इलेक्ट्रिक ईल अपने करंट के द्वारा मगरमच्छ तक को मार सकती है।
- इलेक्ट्रिक ईल की बॉडी में उत्पन्न होने वाला करंट इसके शरीर में मौजूद Electrolight Cell में होता है।
- इसकी बॉडी का शेप बेलनाकार होता है और लंबाई करीब 2 मीटर तक होती है।
- इसका वजन लगभग 20 किलोग्राम हो सकता है और मेल ईल फिमेल से छोटे होते हैं।
- सर्पमीन (Eel) ऑर्डर एपोडीज (order Apodes) के म्युरीनिडी कुल (family Muraenidae) की सर्पाकार मछलियां हैं इन्हें सर्पमीन इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह देखने में सांप जैसी होती हैं।
- दिन के समय ज्यादातर यह कीचड़ में छिपकर रहती है और रात में खाने की तलाश में बाहर निकलती है। इनके मुंह में तेज दांत होते हैं।
- इनकी कई प्रजातियां हैं जो हिंद महासागर, भूमध्य सागर, अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर तथा यूरोप के पश्चिमी भाग के समुद्रों में फैली हुई हैं।
- फायर ईल को ज्यादातर एक्वेरियम में देखा जा सकता है। इनकी बॉडी काले रंग की होती है और उसके ऊपर लाल रंग की धारियां होती हैं। यह ज्यादातर दक्षिण पूर्वी एशिया में पाई जाती है।
- इनमें सबसे प्रसिद्ध ऐंग्विला (Anguilla) है, जो अधिकतर नॉर्थ अमेरिका में पाई जाती हैं। इनके अंडों में से छोटे-छोटे चपटे पारदर्शी (Transparent) बच्चे निकलते हैं।
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