जानिए नवरात्रि में कौन से कार्य करने से होगी मनोकामना पूर्ण !!

नवरात्रि वर्ष के महत्वपूर्ण चार पवित्र माह में आती है। यह चार माह है:- चैत्र, आषाढ़, अश्विन और पौष। चैत्र माह में चैत्र नवरात्रि जिसे बड़ी नवरात्रि या वसंत नवरात्रि भी कहते हैं। आषाढ़ और पौष माह की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं।

अश्‍विन माह की नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहते हैं। हर साल मां अंबे के भक्त पूरी श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ शारदीय नवरात्रि का त्यौहार मनाते हैं। इस दौरान मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है।

इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे शारदीय नवरात्रि में कौन से कार्य करने से होगी मनोकामना पूर्ण :-

उपवास

नवरात्रों में उपवास रखने चाहिए। उपवास रखने से अंग-प्रत्यंगों की पूरी तरह से भीतरी सफाई हो जाती है। उपवास रखकर ही साधना की जा सकती है। नवरात्रों में नमक और मीठा (चीनी मिष्ठानादि) नहीं खाना चाहिए । उपवास में रहकर इन नौ दिनों में की गई हर तरह की साधनाएं और मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

सत्य और अहिंसा का पालन

नवरात्रि के दिन सत्य बोलना और अहिंसा का पालन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस समय झूठ बोलना, गुस्सा करना या किसी को नुकसान पहुँचाना, कार्यों में बाधा डाल सकता है। यही कारण है कि माँ दुर्गा की कृपा पाने के लिए सदाचार और पुण्य कर्म करना अनिवार्य है।

नियम-संयम से रहें

इन नौ दिनों में भोजन, मद्यपान, मांस-भक्षण और स्‍त्रिसंग शयन वर्जित माना गया है। जो व्यक्ति इन नौ दिनों में  नियम-संयम में  नहीं रहता उसका बुरा समय कभी खत्म नहीं होता।

यदि आपने 9 दिनों तक साधना का संकल्प ले लिया है, तो उसे बीच में तोड़ा नहीं जा सकता। मन और विचार से पवित्रता बनाकर रखनी चाहिए । छल, कपट और अपशब्दों का प्रयोग नहीं चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और गलत लोगों की संगति से बचना चाहिए ।

साधारण साधना

नवरात्रों में गृहस्थ मनुष्य को साधारण साधना ही करना चाहिए। इस दौरान उसे घट स्थापना करके, माता की ज्योत जलाकर चंडीपाठ, देवी महात्म्य परायण या दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए।

यदि आप यह नहीं कर सकते हैं तो इन नौ दिनों के दौरान प्रतिदिन एक माला के साथ मंत्रों का जाप करना चाहिए। सामान्यजन माता के बीज  मंत्रों का जाप कर सकते हैं। सप्तश्लोकी दुर्गा के पाठ का 108 बार अष्टमी की रात्रि में पाठ करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

नवरात्रि में कम से कम दोनों काल (प्रातःकाल  एवं सायं काल) में  समय निकाल कर 26 माला प्रति दिन नियमित समय पर जाप करना चाहिए। जाप करते  समय घी का दीपक जलाकर रखें और जल का एक पात्र निकट में रखें।

कन्या भोज व दान

सप्तमी, अष्टमी और नौवमी के दिन कन्या पूजन करके उन्हें अच्छे से भोजन ग्रहण कराना चाहिए। यदि आप कन्या भोज नहीं करवा  सकते तो आप गरीब कन्याओं को दान दक्षिणा दे सकते हैं।

खासकर उन्हें हरे वस्त्र या चुनरी भेंट करें। आप यह कार्य किसी मंदिर में जाकर भी कर सकते हैं। वहां माता को खीर का भोग लगाकर कन्याओं को दान देना चाहिए।

घर और कार्यस्थल की साफ-सफाई

नवरात्रि में घर और कार्यस्थल को साफ-सुथरा रखना बहुत शुभ माना जाता है। साफ वातावरण में पूजा करने से धन, स्वास्थ्य और संबंधों में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। माँ दुर्गा को स्वच्छ स्थान बहुत प्रिय है।

दान और सेवा कार्य

जरूरतमंदों को दान देना, भोजन बाँटना या किसी की मदद करना अत्यंत पुण्यदायक कार्य है। दान और सेवा से माँ दुर्गा की कृपा बढ़ती है और मनोकामना पूर्ण होने की संभावना बढ़ जाती है। यह कार्य केवल धन ही नहीं, बल्कि समय और प्रयास से भी किया जा सकता है।

हवन

नवरात्रि के अंतिम दिन विधिवत रूप से साधना और पूजा को समाप्त करके हवन करना चाहिए। हवन करते वक्त हवन के नियमों का पालन करना चाहिए। ऐसा करने से माँ दुर्गा प्रसन्न होकर आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

मंत्र जाप और भजन-कीर्तन

नवरात्रि में देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप और भजन-कीर्तन करना शुभ होता है। उदाहरण: “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मंत्र का नियमित जाप करने से मन की शांति और इच्छाओं की पूर्ति होती है। प्रतिदिन सुबह और शाम ध्यान करके मंत्र का उच्चारण करना लाभकारी माना जाता है।

सकारात्मक सोच और ध्यान

नवरात्रि में सकारात्मक सोच रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। नेगेटिव विचार या ईर्ष्या रखने से इच्छाओं की पूर्ति में बाधा आती है। ध्यान और प्राणायाम करने से मन शांत रहता है और देवी की कृपा अधिक समय तक बनी रहती है।

नवरात्रि केवल पूजा-पाठ का पर्व नहीं, बल्कि यह मनोकामना पूर्ण करने का विशेष अवसर है। इस दौरान

  • सत्य और अहिंसा का पालन करें,

  • व्रत और कन्या पूजन करें,

  • घर और कार्यस्थल को स्वच्छ रखें,

  • दान और सेवा करें,

  • मंत्र जाप और भजन-कीर्तन करें।

इन सभी कार्यों का पालन करने से न केवल मनोकामनाएँ पूरी होती हैं, बल्कि जीवन में शांति, स्वास्थ्य और खुशहाली भी आती है।

इस नवरात्रि, माँ दुर्गा की भक्ति और अनुशासन से अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाएँ और मनोकामनाओं को साकार करें।

क्यों नवरात्रि के दौरान लहसुन-प्याज खाना वर्जित होता है?

नवरात्रि का हिन्दु धर्म में बहुत महत्व है। नवरात्रि में दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यता यह है कि जो व्यक्ति मां दुर्गा की पूजा आराधना सच्ची श्रद्धा और निष्ठा से करता है उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है

इस बार शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर 2023 से आरंभ हो रही है इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है।

भक्त नवरात्रि के दौरान तन मन को शुद्ध करने के लिए व्रत भी रखते हैं। नवरात्रि के व्रत के दौरान कई नियमों का पालन भक्तों को करना होता है।

ऐसा ही एक नियम नवरात्रि के दौरान भोजन को लेकर भी है। नवरात्रि के व्रत लेने वाले लोग और जो व्रत नहीं लेते वह भी लहसुन प्याज का इस्तेमाल भोजन में नहीं करते। इसके पीछे वजह क्या है, आइए जानते हैं।

तामसिक गुण पाए जाते हैं लहसुन-प्याज में

नवरात्रि के व्रत मन की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अहम माने जाते हैं इसलिए नवरात्रि के नौ दिनों में लहसुन प्याज का सेवन वर्जित होता है, क्योंकि यह तामसिक प्रकृति के भोज्य पदार्थ होते हैं।

इनके सेवन से अज्ञानता और वासना में वृद्धि होती है। इसके साथ ही लहसुन-प्याज जमीने के नीचे उगते हैं और इनकी सफाई में कई सूक्ष्मजीवों की मृत्यु होती है, इसलिए भी इन्हें व्रत के दौरान खाना शुभ नहीं माना जाता है।

मन की चंचलता बढ़ाते हैं लहसुन-प्याज

तामसिक गुणों के कारण लहसुन-प्याज के सेवन से मन चंचल होता है। व्रत के दौरान मन की चंचलता व्यक्ति को विचलित करती है। इससे भोग-विलास की ओर मन आकर्षित होता है और व्यक्ति व्रत के नियमों का उल्लंघन कर सकता है।

पवित्रता को बनाए रखने के लिए ही लहसुन

प्याज का सेवन भोजन में नहीं करना चाहिए। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, जैसा अन्न व्यक्ति खाता है उसका मन भी वैसा हो जाता है इसलिए व्रत के दौरान सात्विक भोजन करने की सलाह हिंदू धर्म में दी गई है।

पौराणिक कहानी

पौराणिक कथा के अनुसार, स्वरभानु नाम के दैत्य ने समुद्रमंथन के बाद देवताओं के बीच बैठकर छल से अमृत का सेवन कर लिया था।

यह बात जब मोहिनी रूप धारण किये हुए भगवान विष्णु को पता चली तो उन्होंने अपने चक्र से स्वरभानु का सिर, धड़ से अलग कर दिया। स्वरभानु के सिर और धड़ को ही राहु-केतु कहा जाता है।

सिर कटने के बाद स्वरभानु के सिर और धड़ से अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिरी और इन्हीं से लहसुन-प्याज की उत्पत्ति हुई। लहसुन-प्याज का जन्म अमृत की बूंदों से हुआ इसलिए रोगों को मिटाने में यह दोनों कारगर साबित होते हैं।

परंतु यह राक्षस के मुंह से होकर उत्पन्न हुई हैं, इसलिए यह अपवित्र मानी जाती हैं और भगवान को इनका भोग लगाना वर्जित है। इसके साथ ही व्रत के दौरान भी इनको खाना वर्जित है।

 

30 सितम्बर का इतिहास

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30 सितम्बर का इतिहास

  • 1681 नीदरलैंड एवं स्वीडन ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये।
  • 1687 औरंगजेब ने हैदराबाद के गोलकुंडा के किले पर क़ब्जा किया।
  • 1880 हेनरी ड्रेपर ने ओरायन नेब्यूला का पहला चित्र लिया।
  • 1882 एप्लेटन में विश्व का पहला हाइड्रोइलेक्ट्रिक ऊर्जा संयंत्र शुरु हुआ।
  • 1895 – लेबनान के प्रसिद्ध कलाकार, कवि और लेखक जिबरान ख़लील ने शिक्षा आरंभ की।
  • 1898 – अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क की स्थापना हुई।
  • 1938 जर्मनी में मूनीख़ का ऐतिहासिक सम्मेलन आयोजित हुआ। जिसमें जर्मनी के नेता हिटलर, इटली के नेता मोसोलीनी, फ़्रांस के प्रधानमंत्री एडवर्ड डेलाडी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री नोबल चेम्बरलन ने भाग लिया। इस सम्मेलन का उदेदश्य जर्मनी और चेकेस्लवाकिया के बीच मतभेदों के दूर करने का मार्ग खोजना था।
  • 1939 जर्मनी और रूस पोलैंड के विभाजन पर सहमत हुए।
  • 1947पाकिस्तान और यमन संयुक्त राष्ट्रसंघ में शामिल हुए।
  • 1966 – दक्षिण अफ्रीका के ब्रिटिश संरक्षित राज्य बेचुआनालैंड ने स्वतंत्रता की घोषणा की और बोत्सवाना गणतंत्र बना।
  • 1993भारत के महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद में भूकम्प के कारण 10,000 हज़ार से अधिक लोग मारे गए एवं लाखों बेघर हो गए।
  • 2002 – पाकिस्तान में कट्टरपंथी मुसलमानों ने एक मंदिर को तोड़ा, चीन ने भारत के साथ स्वेच्छा वार्ता को और सार्थक बनाने की इच्छा व्यक्त की।
  • 2003विश्वनाथन आनंद ने विश्व रैपिड शतरंज चैम्पियनशिप जीती।
  • 2007 – संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत इब्राहिम गांबरी ने विपक्षी नेता आंग सान सूकी और म्यांमार की सैनिक सरकार से मुलाकात की।
  • 2007 – पॉप स्टार शकीरा ने पेरू और निकारागुआ में भूकम्प से हुए तबाही के लिए 159.1 करोड़ रुपये दान देने की घोषणा की।
  • 1837 – हिन्दी और पंजाबी के प्रसिद्ध साहित्यकार और स्वतंत्रता सेनानी पंडित श्रद्धाराम शर्मा का जन्म हुआ।
  • 1922 – भारतीय फिल्मों के प्रसिद्ध निर्माता एवं निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी का जन्म हुआ।
  • 1962 – भारतीय गायक शान का जन्म हुआ। on 30 September
  • 1914 – अपने समय के प्रसिद्ध उर्दू साहित्यकार व कवि अल्ताफ़ हुसैन हाली का निधन हुआ।
  • 1994 – भारतीय कवियित्री एवं लेखिका सुमित्रा कुमारी सिन्हा का निधन हुआ।
  • 2001 – वरिष्ठ कांग्रेसी नेता माधव राव सिंधिया का मैनपुरी में वायुयान दुर्घटना में मौत हुई।

 

नवरात्रि में कन्या पूजन का है विशेष महत्व, ध्यान रखें ये बातें

चैत्र नवरात्रि हो या शारदीय नवरात्रि देवी माँ की पूजा तब तक पूरी नहीं मानी जाती जब तक कन्या पूजन न हो जाए। नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्त्व होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके कुछ नियम भी होते हैं जिनका विशेष ध्यान रखना होता है।

मान्यता है कि अगर इन नियमों पालन किया जाए तो देवी माँ अत्यंत प्रसन्न होती हैं। तो आइए जानते हैं कन्या पूजन का महत्त्व और नियम?

कन्या पूजन का महत्व

  1. देवी स्वरूपा की पूजा

    • नवरात्रि के आठवें या नवें दिन (अष्टमी या नवमी) कन्याओं को माता दुर्गा का प्रतीक मानकर पूजा जाता है।

    • प्रत्येक कन्या में देवी दुर्गा के नौ रूपों का आभास होता है।

  2. सांस्कृतिक और धार्मिक संदेश

    • कन्या पूजन यह सिखाता है कि नारी शक्ति का सम्मान समाज की मजबूती के लिए आवश्यक है।

    • यह हमें अहंकार और लालच से दूर, सादगी और सेवा भाव अपनाने की प्रेरणा देता है।

  3. सकारात्मक ऊर्जा का संचार

    • माना जाता है कि कन्याओं को भोजन, मिठाई और उपहार देने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-शांति बनी रहती है।

नियम

कन्या पूजन षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी या नवमी में किसी भी दिन किया जाता है। ख्याल रखें कि कन्याओं की उम्र 2 से 7 साल के बीच होनी चाहिए। कन्या पूजन में बालक को जरूर आमंत्रित करना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा न करने पर कन्या पूजन पूर्ण नहीं होता।

सबसे पहले कन्याओं के पैर दूध या फिर पानी से अपने हाथों से साफ करें। इसके बाद उनके पैर छूकर उन्हें साफ स्थान पर बैठाएं। कन्याओं के माथे पर अक्षत, फूल और कुमकुम का तिलक लगाएं। कन्याओं को खीर-पूड़ी का प्रसाद खिलाएं।

नमकीन में चना भी खिला सकते हैं कन्याओं को भोजन कराने के बाद उन्हें दान में रूमाल, लाल चुनरी, फल और खिलौने देकर उनके चरण छुकर आर्शीवाद लें। इसके बाद कन्याओं को खुशी-खुशी विदा करें। ऐसा करने से मातारानी की कृपा और उनका आर्शीवाद आप के ऊपर हमेशा बना रहेगा।

ध्यान रखने योग्य बातें

  1. साफ-सफाई और स्वच्छता

    • कन्या पूजन में उपयोग होने वाले थाल, कपड़े और भोजन पूरी तरह स्वच्छ होने चाहिए।

  2. सादगी और संयम

    • पूजन में महंगे उपहार और भव्य भोजन की तुलना में सादगी और हृदय की भक्ति को महत्व दें।

  3. सुरक्षा का ध्यान

    • बच्चों और कन्याओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें।

    • भीड़ वाले आयोजन में अनुशासन बनाए रखें।

  4. उचित समय और दिन

    • अष्टमी या नवमी का दिन सबसे शुभ माना जाता है।

    • समय सुबह या दोपहर के पहले भाग में करें।

पौराणिक कथा

मान्यता है कि माता के भक्त पंडित श्रीधर की कोई संतान नहीं थी। एक दिन उन्होंने नवरात्र में कुंवारी कन्याओं को आमंत्रित किया। इसी बीच मां वैष्णों कन्याओं के बीच आकर बैठ गईं।

सभी कन्याएं तो भोजन करके और दक्षिणा लेकर चली गईं लेकिन मातारानी वहीं बैठी रहीं। उन्होंने पंडित श्रीधर से कहा कि तुम एक भंडारा रखो और उसमें पूरे गांव को आमंत्रित करो।

इसी भंडारे में भैरोनाथ भी आया और वहीं उसके अंत का आरंभ हुआ। माँ ने भैरोनाथ का अंत करने के साथ ही उसका उद्धार किया।

निष्कर्ष

कन्या पूजन न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह हमें समानता, सेवा और नारी शक्ति का सम्मान सिखाता है। नवरात्रि में इस पूजन के माध्यम से हम अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सामूहिक सौहार्द और भक्ति की भावना बढ़ा सकते हैं।

नवरात्रि में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो जरूर जाएं देश की इन जगहों पर, मन होगा भक्तिमय

नवरात्रि में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो जरूर जाएं देश की इन जगहों पर। हिंदी कैलेंडर के अनुसार आश्विन मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है। अगले दिन विजयादशमी मनाई जाती है। इस दिन को दशहरा भी कहा जाता है।

शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस मौके पर पूरे देश में उत्सव का माहौल रहता है। आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा सभी स्थानों पर भक्ति के साथ की जाती है।

शारदीय नवरात्रि के दौरान, लोग मां के दर्शन और आशीर्वाद लेने के लिए देश भर में स्थित दुर्गा मंदिरों में जाते हैं। अगर आप भी शारदीय नवरात्रि घूमने का प्लान कर रहे हैं तो देश की इन जगहों पर जरूर जाएं।

Shardiya Navratri

पश्चिम बंगाल

दुर्गा पूजा के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां भव्य तरीके से मां का आवाहन किया जाता है। इस अवसर पर विधि विधान से माता की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि महाराष्ट्र में जिस तरह से गणपति पूजा की जाती है। इसी तरह, बंगाल में दुर्गा पूजा मनाई जाती है। हर घर में कलश की स्थापना कर मां की पूजा की जाती है।

अहमदाबाद

गुजरात में नवरात्रि के मौके पर डांडिया का आयोजन किया जाता है। वर्तमान में यह मुंबई में भी लोकप्रिय है। नवरात्रि के नौ दिनों में उत्सव की शुरुआत आरती से होती है।

इस अवसर पर गरबा का आयोजन किया जाता है। इसमें माता का आह्वान किया जाता है। अगर आप डांडिया और गरबा डांस देखना चाहते हैं तो अहमदाबाद जरूर जाएं।

बस्तर

छत्तीसगढ़ में स्थित बस्तर में दुर्गा पूजा भव्य और पारंपरिक तरीके से मनाई जाती है। 52 शक्तिपीठों में से एक दंतेवाड़ा में स्थित है। इस शक्तिपीठ मंदिर को दंतेश्वरी मंदिर कहा जाता है।

इस अवसर पर रथ यात्रा भी निकाली जाती है। वहीं मां को महुआ के लड्डू का भोग लगाया जाता है। इसके अलावा आप मुंबई, वाराणसी, कुल्लू मनाली आदि जगहों पर जा सकते हैं।

29 सितम्बर का इतिहास

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29 सितम्बर का इतिहास

  • 1789 अमेरिका के युद्ध विभाग ने स्थायी सेना स्थापित की।
  • 1901 – दुनिया के जाने-माने फिजिसिस्‍ट एनरिको फर्नी का जन्‍म हुआ था।
  • 1913डीजल इंजन का आविष्‍कार करने वाले रुडॉल्‍फ डीजल का निधन हुआ था।
  • 1915टेलीफोन से पहला अंतरमहाद्वीपीय संदेश भेजा गया।
  • 1927अमेरिका और मैक्सिको के बीच टेलीफोन सेवा की शुरुआत हुई।
  • 1928 – भारत के पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बृजेश मिश्र का जन्म हुआ।
  • 1932 – अभिनेता, निर्माता-निर्देशक महमूद अली का जन्‍म हुआ था।
  • 1942 – प्रसिद्ध महिला क्रांतिकारी मातंगिनी हज़ारा का निधन हुआ।
  • 1943 – ईरान के पाँचवें राष्ट्रपति मोहम्मद ख़ातमी का जन्म हुआ।
  • 1944पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध क्रांतिकारी गोपाल सेन का निधन हुआ।
  • 1959आरती साहा ने इंग्लिश चैनल को तैरकर पार किया।
  • 1962 – कोलकाता में बिड़ला तारामंडल खुला।
  • 1970मिस्र के राष्ट्रपति गमाल अब्दुल नासिर का निधन हुआ।
  • 1971 – बंगाल की खाड़ी में चक्रवातीय तूफान से करीब 10 हज़ार लोगों की मौत हुई।
  • 1977सोवियत संघ ने स्पेस स्टेशन साल्युत 6 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया।
  • 1978 – दिन पोप जॉन पॉल प्रथम की रहस्यमय हालात में मौत हो गई थी। वे केवल 33 दिनों पहले पोप चुने गए थे और बिस्तर पर पढ़ाई करते-करते अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।
  • 1979कैथोलिक ईसाइयों के धार्मिक गुरू पोप जॉन पॉल द्वितीय ने आज ही के दिन आयरलैंड के लोगों से हिंसा को त्याग कर शांति के रास्ते पर चलने की अपील की थी।
  • 2000 – चीन की मुन्चोनाक कोयला खान में 100 लोगों की मृत्यु।
  • 2001संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवाद विरोधी अमेरिकी प्रस्ताव पारित किया।
  • 2002 –बुसान में 14वें एशियाई खेलों का उद्घाटन हुआ।
  • 2003 – ईरान ने यूरेनियम परिशोधन कार्यक्रम जारी रखने का निर्णय लिया।
  • 2006 – विश्व की पहली महिला अंतरिक्ष पर्यटक ईरानी मूल की अमेरिका नागरिक अनुशेह अंसारी पृथ्वी पर सकुशल लौटीं।
  • 2017 – भारतीय सिनेमा के अभिनेता टॉम ऑल्टर का निधन हुआ।

28 सितम्बर का इतिहास

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28 सितम्बर का इतिहास

  • 1836 – आध्यात्मिक गुरु शिरडी साईं बाबा का जन्म हुआ
  • 1837 – मुग़ल वंश का 18वाँ बादशाह अकबर द्वितीय का निधन हुआ था ।
  • 1837 – अंतिम मुग़ल बादशाह बहादुर शाह द्वितीय ने दिल्ली का शासन संभाला।
  • 1885 – हिन्दी के साहित्यकार तथा सरस्वती पत्रिका के संपादक श्री नारायण चतुर्वेदी का जन्म हुआ था ।
  • 1895 – फ्रांस के प्रसिद्ध जैव वैज्ञानिक लुईस पाश्चर का निधन हुआ था ।
  • 1907 – महान् स्वतंत्रता सेनानी भगतसिंह का जन्म हुआ था ।
  • 1909 – अभिनेता पी. जयराज का जन्म हुआ था।
  • 1928 – अमेरिका ने चीन की राष्ट्रवादी च्यांग काईशेक की सरकार को मान्यता दी।
  • 1929 – भारतीय पार्श्वगायिका लता मंगेशकर का जन्म हुआ था।
  • 1949 – भारत के 41वें मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मल लोढ़ा का जन्म हुआ था।
  • 1953 – प्रसिद्ध अमेरिकी खगोलशास्त्री एडविन हब्बल का निधन हुआ था ।
  • 1958फ्रांस में संविधान लागू हुआ था।
  • 1982 – प्रसिद्ध भारतीय निशानेबाज़ अभिनव बिन्द्रा का जन्म हुआ था।
  • 1982 – बालीवुड अभिनेता रणबीर कपूर का जन्म हुआ था।
  • 1997 – अमेरिकी अंतरिक्ष शटल अटलांटिक रूसी अंतरिक्ष केन्द्र ‘मीर’ से जुड़ा।
  • 2001अमेरिका व ब्रिटिश सेना एवं सहयोगियों ने ‘ऑपरेशन एंड्योरिंग फ़्रीडम प्रारम्भ किया।
  • 2004 – विश्व बैंक ने भारत को विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कहा।
  • 2006जापान के नव निर्वाचित एवं 90वें प्रधानमंत्री के रूप में शिंजो एबे ने शपथ ली।
  • 2006फ़्रांस की चिकित्सा टीम ने लगभग शून्य गुरुत्वाकर्षण में एक व्यक्ति का सफल आपरेशन किया।
  • 2007मेक्सिको के तटीय क्षेत्रों में आये चक्रवर्ती तूफ़ान लोरेंजो ने भारी तबाही मचाई।
  • 2007 नेशनल एयरोनॉटिक्स स्पेस एडमिनिशस्ट्रशन (नासा) ने विशेष यान डॉन का प्रक्षेपण किया।
  • 2008 – हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार शिवप्रसाद सिंह का निधन।
  • 2009 – स्टार खिलाड़ी सानिया मिर्ज़ा पैन पैसिफिक ओपन के पहले राउंड में हार के बाद बाहर हुई।
  • 2011 – मुख्यमंत्री मायावती ने 72 जिलों वाले उत्तर प्रदेश में पंचशील नगर, प्रबुद्धनगर और संभल नामक तीन और जिले के निर्माण की घोषणा की।
  • 2012 – भारत के पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बृजेश मिश्र का निधन हुआ था ।
  • 2015 – हिन्दी के प्रसिद्ध कवि वीरेन डंगवाल का निधन हुआ था ।

 

26  सितम्बर का इतिहास

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26  सितम्बर का इतिहास

  • 1820 – प्रसिद्ध समाज सुधारक, शिक्षाशास्त्री और स्वाधीनता सेनानी ईश्वर चन्द्र विद्यासागर का जन्म हुआ।
  • 1876 – भारतीय कवि, वकील, और राजनीतिज्ञ गुलाम गुलाम भीख नैरंग का जन्म हुआ।
  • 1888 – नोबेल पुरस्कार विजेता अमेरिकन, अंग्रेज़ी लेखक टी.एस. इलियट का जन्म हुआ।
  • 1921 – परमवीर चक्र से सम्मानित भारतीय सैनिक सूबेदार जोगिन्दर सिंह का जन्म हुआ।
  • 1923 – फ़िल्म अभिनेता और निर्माता देव आनंद का जन्म हुआ।
  • 1923 बेयर्न में गुस्ताव रीटर वॉन कारा ने बर्लिन से स्वतंत्रता की घोषणा की।
  • 1932 – भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म हुआ।
  • 1950 – संयुक्त राष्ट्र सैनिकों ने उत्तर कोरिया के सैनिकों से सोल को अपने कब्जे में लिया।
  • 1950इंडोनेशिया ने संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता ग्रहण की।
  • 1956 – भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति लक्ष्मण काशीनाथ किर्लोस्कर का निधन हुआ।
  • 1958गोवा के स्वतंत्रता सेनानी टी. बी. कुन्हा का निधन हुआ।
  • 1959 – जापान के इतिहास में सबसे शक्तिशाली तूफान ‘वेरा से 4580 लोगों की मौत और 16 लाख लोग बेघर हुए।
  • 1960अमेरिका में राष्ट्रपति पद के दो उम्मीदवारों जॉन एफ केनेडी और रिचर्ड निक्सन के बीच बहस का पहली बार टेलीविज़न पर प्रसारण।
  • 1973 – सुपरसैनिक कॉन्कॉर्ड यात्री हवाई जहाज ने अटलांटिक की यात्रा को रिकॉर्ड समय में यानी महज 3 घंटा 32 मिनट में पूरा किया।
  • 1977 – भारत के प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्य के नर्तक, नृत्य निर्देशक और और बैले निर्माता उदय शंकर का निधन हुआ।
  • 1984 – यूनाइटेड किंगडम हांगकांग को चीन के हवाले करने के लिए सहमत हुआ।
  • 1986ब्रिटेन और चीन के बीच हांगकांग को लेकर समझौता हुआ।
  • 1989 – हिन्दी फ़िल्मों के पार्श्वगायक और संगीतकार हेमन्त कुमार का निधन हुआ।
  • 1998 – सचिन तेंदुलकर ने जिम्बाब्वे के ख़िलाफ़ एक दिवसीय क्रिकेट मैच में 18वां शतक लगाकर डेसमंड हेन्स का विश्व रिकार्ड तोड़ा।
  • 2001अमेरिका ने लादेन के बाद कश्मीरी आतंकवादियों से निपटने का भारत को आश्वासन दिया।
  • 2004अमेरिका ने असैनिक अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए भारत को तकनीक देने का निर्णय किया।
  • 2007 – वियतनाम के दक्षिणी शहर कैनथो में एक निर्माणाधीन पुल के ध्‍वस्त हो जाने से 62 श्रमिकों की मृत्‍यु हो गई।
  • 2011 – संयुक्त राष्ट्र ने “स्वच्छ विकास तंत्र” योजना के तहत हरित गृह गैसों में कमी लाने के लिए दिल्ली मेट्रो को दुनिया का पहला “कार्बन क्रेडिट” दिया जिसके अंतर्गत उसे सात सालों के लिए 95 लाख अमेरिकी डॉलर मिलेंगे।
  • 2014  –मेक्सिको के इगुआला में सामूहिक अपहरण की घटना।
  • 2015 – सऊदी अरब के शाह अब्दुल्ला ने चुनाव में महिलाओं के मतदान करने तथा शूरा परिषद में शामिल होने की अनुमति देने की घोषणा 2011 में की।

25 सितम्बर का इतिहास

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25 सितम्बर का इतिहास

  • 1524  –वास्कोडिगामा आखिरी बार वायसराय बनकर भारत आए।
  • 1639  –अमेरिका में पहली ‘प्रिंटिंग प्रेस की शुरुआत हुई।
  • 1897  –ब्रिटेन में पहली बस सेवा की शुरूआत हुई।
  • 1914  -भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल का जन्म हुआ।
  • 1916  -अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री और महान चिंतक पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म हुआ।
  • 1920  -भारत के प्रसिद्ध रॉकेट वैज्ञानिक सतीश धवन का जन्म हुआ।
  • 1939  -प्रसिद्ध अभिनेता एवं फिल्म निर्माता-निर्देशक फिरोज खान का जन्म हुआ।
  • 1955  -भारत की प्रथम महिला चिकित्सक रुक्माबाई का निधन हुआ।
  • 1977  -जानी-मानी अभिनेत्री दिव्या दत्ता का जन्म हुआ।
  • 1981  -मध्य अमेरिकी देश बेलीज संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुआ।
  • 1989  -साहित्यकार एवं स्वतंत्रता सेनानी सुदर्शन सिंह चक्र का निधन हुआ।
  • 1990  -बंगाल के प्रमुख कांग्रेसी नेता, महात्मा गांधी जी के अनुयायी और स्वतंत्रता सेनानी प्रफुल्लचंद्र सेन का निधन हुआ।
  • 1992  -अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ‘मार्स ऑब्जर्वर स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में भेजा।
  • 2000  –यमन में रिफ्ट वैली बुखार से 211 लोग मरे, सिडनी ओलम्पिक में 400 मीटर दौड़ का स्वर्ण पदक माइकल जॉनसन तथा केथीफ़्रीमेन ने जीता।
  • 2001  –सऊदी अरब ने तालिबान मिलिशिया से संबंध तोड़ा था।
  • 2006  –पाकिस्तान के 60 वर्ष के इतिहास में पहली बार सिंध के थारपाकर ज़िले के निवासी हिन्दू युवक दानेश को पाक सेना में शामिल किया गया।
  • 2006  –यमन के निवर्तमान राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह एक बार फिर देश के राष्ट्रपति निर्वाचित घोषित हुए थे।
  • 2006  -अंतरिक्ष की सैर पर निकली ईरान की पहली महिला अनुशेह अंसारी ने देश के इतिहास में नया अध्याय रचा।
  • 2006  –दलाई लामा को भारतीय नागरिकता देने की मांग की थी।
  • 2007  -पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के नेतृत्‍व वाली नेपाली कांग्रेस (डेमोक्रेटिक) पार्टी का कांग्रेस में विलय हुआ।
  • 2008  -चीन ने अंतरिक्ष यान ‘शेंझो 7’ का प्रक्षेपण किया।
  • 2011  –इराक के शिया मुसलमानों के पवित्र धार्मिक स्थल कर्बला के पासपोर्ट कार्यालय के बाहर हुए क्रमिक बम धमाकों में दस लोगों की मौत हो गई तथा लगभग सौ लोग घायल हो गए।
  • 2010  -हिंदी के वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार कन्हैयालाल नंदन का निधन हुआ।
  • 2011  –नेपाल में एक निजी एयलाइन के विमान की दुर्घटना में चालक दल समेत सभी 19 लोगों की मृत्यु हो गई।
  • 2015   –सिंगापुर में प्रदूषण की वजह से स्कूलों को बंद करना पड़ा।

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24 सितम्बर का इतिहास

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24 सितम्बर का इतिहास

  • 1726  –ईस्ट इंडिया कंपनी को बम्बई, कलकत्ता और मद्रास में नगर निगम और महापौर अदालतों को बनाने के लिए अधिकृत किया गया।
  • 1856  -हिन्दी खड़ी बोली और ‘भारतेन्दु युग के उन्नायक प्रताप नारायण मिश्र का जन्म हुआ।
  • 1859  -सैन्य विद्रोह में सक्रिय रहे नाना साहब उर्फ धुंदु पंत का नेपाल में निधन हुआ।
  • 1861  -महिला अधिकारों की बुलंद आवाज भिकाजी कामा का जन्म हुआ था।
  • 1922  -अमेरिकी संगीतशास्त्री (मृ. 2007) फ्लोयड लेविन का जन्म हुआ।
  • 1925  -भारतीय, चिकित्साशास्त्र के वैज्ञानिक औतार सिंग पैंटल का जन्म हुआ।
  • 1932  –डॉ. भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच पुणे की यरवडा सेंट्रल जेल में ‘दलितों’ के लिए विधानसभाओं में सीटें सुरक्षित करने को लेकर एक विशेष समझौता हुआ।
  • 1932  -बंगाल की क्रांतिकारी राष्ट्रवादी प्रीतिलता वाडेदार देश की आजादी के लिए प्राण न्यौछावर करने वाली पहली महिला बनी।
  • 1950  -भूतपूर्व प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी मोहिन्दर अमरनाथ का जन्म हुआ।
  • 1963  -वरिष्‍ठ टेलीविज़न पत्रकार पंकज पचौरी का जन्म हुआ।
  • 1968  –दक्षिण अफ्रीकी देश स्वाजीलैंड संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुआ ।
  • 1971  -भारत के प्रथम प्रसिद्ध तीरंदाज लिम्बा राम का जन्म हुआ।
  • 1990  –पूर्वी जर्मनी ने खुद को वारसा संधि से अलग किया।
  • 2003  –फ़्रांस के राष्ट्रपति जैक्स शिराक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी का समर्थन किया।
  • 2006  -दक्षिण भारतीय अभिनेत्री व मशहूर भरतनाट्यम नृत्यांगना, नृत्य की महान् रोशनी (नृत्यापेरोली) के नाम से मशहूर पद्मिनी का निधन हुआ।
  • 2007  –म्‍यांमार की सैन्‍य सरकार के ख़िलाफ़ राजधानी यांगून में एक लाख से अधिक लोग सड़कों पर उतरे।
  • 2008  –चीन और नेपाल ने दूरसंचार के क्षेत्र में एक अहम अनुबन्‍ध पर हस्‍ताक्षर किया।
  • 2008  -भारतीय क्रिकेटर कपिल देव को थलसेनाध्यक्ष जनरल दीपक कपूर ने एक समारोह में प्रादेशिक सेना में लेफ़्टिनेंट कर्नल की मानद पदवी प्रदान की।
  • 2008  –मद्रास उच्च न्यायालय ने राजीव गांधी हत्याकांड में नलिनी और दो अन्य दोषियों की समय पूर्व रिहाई सम्बन्धी याचिका खारिज की।
  • 2009  -देश के पहले चन्द्रयान-1 ने चाँद की सतह पर पानी खोज निकाला गया।
  • 2013  –पाकिस्तान के बलूचिस्तान में 7.7 तीव्रता के भूकंप से 515 लोगों की मौत हुई थी।
  • 2014  -भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के उपग्रह मंगलयान ने मंगल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया l

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