जब नन्हे ‘ट्यूबलाइट’ स्टार Matin ने की पत्रकार की बोलती बंद!

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Matin

“Tubelight” फिल्म की प्रमोशन में मातिन रे तान्गु (Matin Rey Tangu) को Introduce करवाया गया. रिलीज़ से 4 दिन पहले ये फ़िल्ममेकर्स का मास्टर स्ट्रोक था.

मातिन, अरुणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर के रहने वाले हैं और उन्हें अब तक सिर्फ़ फ़िल्म के ट्रेलर में ही देखा गया था. लेकिन उन्हें सोमवार को हुई प्रेस मीट में दर्शकों और पत्रकारों के बीच Introduce करवाया गया.

फ़िल्म के प्रमोशन में सबकुछ ठीक चल रहा था, लेकिन एक पत्रकार ने मातिन से एक बेहूदा और Racist प्रश्न पूछ डाला. पत्रकार को लगा कि मातिन चीन से हैं, ज़ाहिर सी बात है कि पत्रकार बिना तैयारी के ही आ गईं थीं.

जब पत्रकार ने मातिन (Matin) से पूछा, ‘क्या आप पहली बार भारत आए हैं?’

मातिन को शायद प्रश्न ठीक से समझ नहीं आया था, फिर मातिन ने दुबारा प्रश्न दोहराने को कहा तो सलमान ने प्रश्न को दोहराया. इसके बाद मातिन ने जो जवाब दिया उसने सबका दिल जीत लिया.

मातिन ने मुस्कुराते हुए कहा,

‘हम इंडिया पर ही बैठता है, तो इंडिया पर आएगा ही कैसे?’  🙂

मातिन के कहने का मतलब ये था कि जब मैं भारत में ही रहता हूँ तो भारत में आने का सवाल ही पैदा नहीं होता.

मातिन के इस जवाब से उस पत्रकार को समझ तो आ ही गई होगी. Matin ने अपनी Cuteness और हाज़िरजवाबी से सबका दिल जीत लिया.

जानिये, कैसे आपके बच्चे के लिए हानिकारक है स्मार्टफोन!

हानिकारकअक्सर यह देखा गया है कि छोटी उम्र के बच्चों का मन बहलाने के लिए माँ-बाप उन्हें स्मार्टफोन* खेलने के लिए दे देते हैं. यदि आपके साथ भी ऐसा ही है तो सतर्क हो जाइए क्योंकि ऐसा करना आपके बच्चे की सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा हानिकारक है. रिसर्च से भी इस बात की पुष्टि हुई है कि बच्चों को स्मार्टफोन का अधिक उपयोग करने देना उतना ही खतरनाक है जितना ड्रग्स जैसी नशीली चीजों का सेवन करवाना.

बच्चों पर स्मार्टफोन के हानिकारक प्रभाव

  • कैंसर का खतरा – बच्चों की त्वचा, हड्डियाँ, खोपड़ी की हड्डी, टिश्यू आदि कोमल(soft) होते हैं इसलिये मोबाइल से निकलने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी बच्चों में व्यस्कों की अपेक्षा 60 प्रतिशत अधिक असर करती है. ऐसे में उनका तेजी विकसित हो रहा स्नायु तंत्र (nervous system) कैंसर पैदा करने वाले कारकों के लिए उपयुक्त माहौल बना देता है.
  • दिमागी क्षमता – वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि केवल दो मिनट मोबाइल फोन पर बात करने से बच्चे के दिमाग की फैसला लेने की क्षमता एक घंटे तक सुस्त पड़ जाती है. मोबाइल से निकलने वाली रेडियो तरंगें केवल कान के पास ही नहीं बल्कि दिमाग के अंदरूनी हिस्से तक असर करती है. दिमाग की यह गड़बड़ बच्चे की सुनने की क्षमता के साथ-२ बच्चे के व्यवहार में असामान्य बदलाव कर सकती है. इससे बच्चे की सीखने की क्षमता प्रभावित होती है.
  • अन्य बीमारियाँ – स्मार्टफोन से निकलने वाली हानिकारक किरणें छोटे बच्चों में सिरदर्द और अन्य दूसरे प्रकार की दिमागी परेशानीयों के लिए जिम्मेदार हैं. स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल करने से बच्चों में अनिद्रा की समस्या पैदा होती है.
    हानिकारकबाद में यह भी पढ़ें: सावधान! संभलकर उपयोग करें मोबाइल फ़ोन (नए पेज पर खुलेगी)
  • शारीरिक विकास में बाधा – रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि फोन का अधिक इस्तेमाल करने से बच्चों का शारीरिक गतिविधियों (physical activities) में कम ध्यान रहता है जिसके कारण उनका शारीरिक विकास पूरी तरह नहीं हो होता है. इसके कारण बच्चों में मोटापे की समस्या भी हो सकती है.
  • डिप्रेशन और पढाई में पिछड़ना – रिसर्च में पाया गया कि जो बच्चे स्मार्टफोन के साथ खेलते हैं वो अपने माँ-बाप, परिवार वालों से या अपने रिश्तेदारों के साथ बहुत ही कम बात करते हैं या कम समय बिताते हैं. इससे उनमें सामाजिक और व्यावहारिक ज्ञान की कमी रह जाती और आगे चल कर वे अकेलेपन और डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं. फोन पर अधिक टाइम बिताने के कारण वे पढाई में भी पिछड़ जाते हैं.
  • आंखों पर कुप्रभाव – स्मार्टफोन की रंगीन और अधिक रोशनी वाली स्क्रीन  बच्चों की आंखों पर काफी बुरा प्रभाव डालती है. इसके चलते भविष्य में उन्हें आँखों से संबधित गंभीर बीमारियों, यहाँ तक कि अंधेपन का शिकार भी होना पड़ सकता है.

मोबाइल फोन का वैसे तो आम व्यक्ति पर भी ठीक वैसा ही प्रभाव पड़ता है जैसा एक बच्चे पर पड़ता है, लेकिन बच्चों में यह प्रभाव एक व्यस्क व्यक्ति के मुकाबले ज्यादा असरदार और नुकसानदायक होता है. इसलिए सभी स्मार्टफोन यूजर्स से निवेदन है कि स्मार्टफ़ोन का कम उपयोग करें और बच्चों को भी इससे दूर रखें. आगे पढ़ें कि मोबाइल से निकलने वाली फ्रीक्वेंसी से हम कैसे बच सकते हैं.

* यह जानकारी स्मार्टफोन और मोबाइल फोन दोनों तरह के फोंस पर समान रूप से लागू होती है.

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जब रजनीकांत को असली भीख में मिले दस रुपये!

रजनीकांत के किस्से अपने आप में अद्भुत होते हैं. एक बस कंडक्टर का अभिनय जगत की बुलंदियों को छूना अपने आप में एक महान गाथा की तरह है. रजनीकांत से  जुड़े हुए ढेरों रोचक और प्रचलित किस्से हैं.  ऐसा ही एक  किस्सा सन 2015 का है जब उनकी चर्चित शिवाजी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट हुई थी.

फिल्म के सफल होने के कुछ दिन बाद रजनीकांत एक मंदिर में गये. वे हमेशा की तरह साधारण कपड़ों में थे. मंदिर में माथा टेकने के बाद वे कुछ देर विश्राम करने के लिए मंदिर के प्रांगण में एक खंबे के नीचे बैठे हुए थे जब यह किस्सा हुआ.

लगभग 35-36 साल की एक औरत आई जो रजनीकांत को इस साधारण रूप में नहीं पहचानती थी. उन के साधारण कपड़ों और रंग-रूप को देखकर उस औरत ने उन्हें भिखारी समझ लिया और उनको दस रुपए दान करने चाहे. रजनीकांत पहले तो थोड़ा चौंकें लेकिन फिर शीघ्र ही स्थिति को समझ गये और उन्होंने मुस्कुराते हुए 10 रुपये ले लिए.

संयोंग से कुछ देर बाद उस औरत ने  रजनीकांत को लोगों की भीड़ के बीच अपनी पॉर्श कार में बैठते हुए देखा. कुछ ही क्षण में वह सारा माजरा समझ गयी.  वह दौड़ कर रजनीकांत के पास गयी और अपनी भूल के लिए माफ़ी मांगी. साथ ही औरत रजनीकांत को दिए हुए अपने दस रुपए वापिस मांगे.

लेकिन उन्होंने बड़ी विनम्रता से कहा कि आपका मुझे दस रुपए देना एक तरह से परमात्मा के आशीर्वाद की तरह है. उसने मुझे एक बार फिर से यह एहसास कराया कि उसके लिए मैं एक सुपर-स्टार नहीं बल्कि आज भी एक साधारण आदमी ही हूँ. उसने आज फिर यह शिक्षा दी कि आप कितने भी अमीर हो जायें लेकिन आप परमात्मा के द्वार में आकर आप एक भिखारी की तरह हैं. औरत से याचना करके उन्होंने वह 10 रुपए परमात्मा का आशीर्वाद समझ कर रख लिए.

इस महान कलाकार का यह विनम्र व्यवहार  उस औरत के साथ-2 वहां मौजूद कर हर किसी की आँख को नम कर गया. लोगों की नज़रों में इस साधारण से दिखने वाले उनके देव-तुल्य और पूज्य सुपर-स्टार की कद्र और भी बढ़ गयी.

मरने से पहले अपनी मालकिन की जान बचा गई भैंस

आपने कुत्ते और घोड़े जैसे जानवरों की वफादारी और इनके द्वारा अपने मालिक की जान बचाए जाने की बातें सुनी होंगी. लेकिन क्या कभी सुना है कि एक भैंस की वजह से उसके मालिक या मालकिन की जान बच गयी?

सुनने में थोड़ा अजीब लगता है लेकिन हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के एक गाँव में एक भैंस के कारण उसकी मालकिन की जान बच गयी. मगर अफसोस! खुद भैंस मौत के मुंह में चली गयी.

दरअसल कांगड़ा के प्रसिद्ध धार्मिक स्थान और मंदिर चामुंडा देवी के साथ लगते एक गांव में मंगलवार को आंधी के कारण बिजली का खंबा टूटने से तार नीचे गिर गए थे। इसका पता किसी को नहीं चल सका। बारिश के कारण गीली हुई जमीन पर भी करंट आ गया था।

भैंस बिजली के खंबों को मजबूती देने के लिए लगाई गई स्टे वायर के साथ खुद को रगड़कर खुजाने लगी। इस तार में करंट था और भैंस उससे चिपक गई। हाई वोल्टेज करंट की चपेट में आने से भैंस तड़पने लगी। भैंस की मालकिन ने भैंस को तड़पते देखा तो बिना कुछ सोचे समझे वह भी भैस की तरफ जाने लगी। जैसे ही उसने भैस को हाथ लगाया वह भी करंट की वजह से भैंस के साथ चिपक गईं।

इन हालात में बचने की उम्मीद न के बराबर थी मगर तड़प रही भैंस के शरीर में हलचल हुई और उसकी एक जोरदार लात महिला को लगी। लात पड़ते ही जगदंबा देवी नाम की यह महिला छिटककर दूर खेत में जा गिरीं। उनकी जान तो बच गई मगर भैस वहीं मर गई।

 

 

तांबे के बर्तन में पानी पीने के आजमाए हुए फायदे!

तांबे के बर्तन में पानी रखना एक प्राकृतिक शुद्धि प्रक्रिया बनाता है. तांबा यानी कॉपर (copper), आपके शरीर में कॉपर की कमी को पूरा करता है और बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया से सुरक्षा देता है. अगर आप रात को तांबे के जग में पानी रख दें और सुबह इस पानी को पिएं तो अनेक फायदे होते हैं.

आयुर्वेद में कहा गया है कि यह पानी शरीर के कई दोषों को शांत करता है. इस पानी से शरीर के जहरीले तत्व भी बाहर निकल जाते हैं. आज हम इस लेख में उन चमत्कारी फायदों के बारें में बात करेंगे जो आपकी सेहत के लिए बहुत जरूरी है.

  1. तांबे के बर्तन में कम से कम 8 घंटे तक रखा हुआ पानी ही लाभकारी होता है.
  2. तांबे के बर्तन में पानी पीने से कैंसर की शुरुआत को रोका जा सकता है.
  3. पेट की सभी समस्याओं के लिए तांबे का पानी बेहद फायदेमंद होता है. प्रतिदिन इसका उपयोग करने से पेट दर्द, गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी परेशानियों से निजात मिल सकती है.
  4. तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से त्वचा पर किसी प्रकार की समस्याएं नहीं होती. यह फोड़े-फिंसी और त्वचा संबंधी अन्य रोगों को पनपने नहीं देता जिससे आपकी त्वचा साफ और चमकदार दिखाई देती है.
  5. शरीर की आंतरिक सफाई के लिए तांबे का पानी कारगर होता है. इसके अलावा यह लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है और किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन से निपटने में तांबे के बर्तन में रखा पानी लाभदायक होता है.
  6. स्किन को हेल्दी बनाना चाहते हैं तो तांबे के बर्तन में रातभर पानी रखें और सुबह उस पानी को पी लें. नियमित रूप से इस नुस्खे को अपनाने से स्किन ग्लोइंग और स्वस्थ लगने लगेगी.
  7. थायराइड एक्सपर्ट मानते है कि कॉपर के स्पर्श वाला पानी शरीर में थायरेक्सीन हार्मोन को बैलेंस कर देता है. तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से रोग नियंत्रित हो जाता है.
  8. आप जानते हैं कि अगर आप तांबे के बर्तन में जल को रखकर पिएं तो इससे त्वचा का ढीलापन आदि दूर हो जाता है. डेड स्किन भी निकल जाती है और चेहरा हमेशा चमकता हुआ दिखाई देता है.
  9. तांबे के किसी बर्तन में रखे हुए जल को पीने से पूरे शरीर में रक्त का संचार बेहतरीन रहता है. कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है और दिल की बीमारियां दूर रहती हैं.
  10. अगर कोई भी व्यक्ति वजन घटाना चाहता है तो एक्सरसाइज के साथ ही उसे तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीना चाहिए. इस पानी को पीने से बॉडी का एक्स्ट्रा फैट कम हो जाता है और शरीर में कोई कमी या कमजोरी भी नहीं आती.

इन तस्वीरों को देखकर आप भी कहेंगे, ‘बेकार’ चीज़ें कभी बेकार नहीं होतीं!!

पिछले दिनों हमने अपने भारतीय पाठकों के लिए एक पोस्ट अपलोड की थी, जुगाड़ में हमारा कोई जबाव नहीं! उस पोस्ट में कुछ मनोरंजक(funny) और दुर्लभ(rare) तस्वीरों के साथ हमने बताया था कि भारतीय कितने जुगाडू हैं और हर चीज़ का जुगाड़ ढूंढ ही लेते हैं (पढ़ें पोस्ट). अब यह नई पोस्ट कबाड़ को innovative तरीके से ठिकाने लगाने के बारे में है.

हमारे घरों में कई बार ऐसा सामान होता है, जिसे हम कबाड़ समझकर फेंक देते हैं. लेकिन कुछ लोग थोड़ी मेहनत, लगन और रचनात्मकता (creativity) से घर में रखे बेकार सामान को कुछ ऐसी उपयोगी चीज़ों में बदल देते हैं कि देखने वाले दांतों तले उँगलियाँ दबा लेते हैं. कुछ ऐसी ही क्रिएटविटी नीचे देखें इन तस्वीरों में.

पुराने टायर्स का इस्तेमाल करके इन जनाब ने कुर्सियां और टेबल बना डाले! हैं न कमाल की बात?

पुराने कपड़ों का इस्तेमाल सिरहाना (Pillow) बनाने या भरने के लिए किया जा सकता है.

टूटे हुए गमलों का इससे बेहतरीन उपयोग आपने शायद ही पहले कहीं देखा होगा!

कप के हैंडल को इन जनाब ने Polymer Clay के साथ जोड़ कर सुंदर डिजाईन का रूप दे दिया.

अब गाड़ी में डेंट या स्क्रैच होने पर घबराने की जरुरत नहीं है. बस थोड़ी सी क्रिएटिविटी और डिजाईन स्केचिंग की जरुरत है.

इस आपकी दाहिनी तरफ की फोटो को देख कर कोई कह सकता है की आपका सोफ़ा फट गया या पुराना हो गया है?

दीवारों की दरारों को छुपाने का सबसे सही तरीका तो यही है. इसे देखकर अब आप भी अपने घरों में दरारें ढूँढने लगेंगे. करना तो मत ही!! 😉

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यह VIDEO क्लिप देख बलात्कारियों की कांप उठेगी रूह!

लगभग 25-26 साल के युवक से नर्स पूछती है कि क्या उसने सच में रेप किया है। इस पर लड़का झल्लाता हुआ बोला हां किया है लेकिन किस्मत खराब थी और पकड़ा गया। इस पर नर्स कहती है तो क्या पहले भी तुमने रेप किए हैं। लड़का हँसते हुए हां में जवाब देते हुए कहता है लेकिन पहले कभी पकड़ा नहीं गया। इसके बाद वह नर्स को छेड़ते हुए कहता है तुम भी कभी अकेले में मिलना मुझे। यह सुनकर नर्स हंस पड़ती है और कहती है, तुम अब कुछ नहीं कर पाओगे, इस पर लड़का कहता है कोई बात नहीं मैं जल्दी ठीक हो जाऊंगा, फिर मिलना। इस पर नर्स कहती है पहले खुद को अच्छे से देख तो लो कि तुम अब कुछ करने के काबिल रहे हो या नहीं।

हालांकि यह वीडिया काफी पुराना है लेकिन इसे फेसबुक पर बहुत ज्यादा शेयर किया जा रहा है। 5 मिनट 11 सेकेंड के इस वीडियो में दिखाया गया है कि रेप का एक आरोपी लोगों से पिटने के बाद अस्पताल में भर्ती होता है. उसके पास एक नर्स बैठी है. आरोपी अपने परिवार वालों के बारे में पूछता है तो नर्स जवाब देती है तुम्हें मिलने कोई नहीं आया।

नर्स उसे बताती है कि उसका प्राइवेट पार्ट लोगों ने काट दिया है। यह सुन लड़का बदहवास सा हो जाता है और पागलों की तरह रोने लगता है। जब खुद पर बीतती है तो दर्द का एहसास होता है तो फिर लड़कियों को एक वस्तु की तरह क्यों समझा जाता है।

देखें वीडियो:

महिलाओं के साथ रेप की घटनाएं दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। दिल्ली की 16 दिसबंर, 2012 की काली रात को कोई नहीं भूल सकता जब निर्भया के साथ दरिंदगी हुई। कुछ ऐसी ही हैवानियत हरियाणा की एक महिला के साथ भी हुई। भले ही आरोपी पुलिस हिरासत में हों लेकिन भारत में सजा की प्रक्रिया बहुत धीमी है। इस वीडियो में सोशल मीडिया पर यह सन्देश वायरल हो रहा है जिसमें दिखाया गया है कि रेप के आरोपी को ऐसी सजा देनी चाहिए जो उसके लिए ही नहीं अन्य बलात्कारियों के लिए कड़ा संदेश हो।

रेप केवल लड़कियों के शरीर से नहीं होता बल्कि उनके मन और आत्मा का भी रेप होता है। रेप की शिकार महिलाएं सभ्य और सुरक्षित समझे जाने वाले समाज में खुद को अजीब सी हालत में पाती है. घर, परिवार, पुलिस, सरकार, देश, दुनिया उन्हें बेकार लगती हैं. आप कल्पना करें कि कोई आपको बिना वजह एक थपड़ मार दे और आप कुछ न कर पायें. कितनी जिल्लत और बेइज्जती का एहसास होता है. फिर रेप तो मन, मस्तिस्क और औरत के पूरे आस्तित्व को ही तार-तार कर देता है. अच्छा हो हम अपने बेटों को संस्कार में अच्छे और बुरे का फर्क समझाएं.

लोगों की वीडियो पर कड़ी प्रतिक्रिया आ रही है। कईयों ने लिखा कि इसके हाथ-पैर भी काट देने चाहिए थे

कभी थे भरे-पूरे शहर, अब पड़े हैं वीरान, जाने वजह!

पृथ्वी पर मानव जीवन का इतिहास सदियों पुराना है. पृथ्वी के लगभग हर कोने में लोग बसते हैं. लेकिन दुनिया में कुछ ऐसी जगहें भी हैं जो पहले जीवन से भरपूर, हरी-भरी और आबाद थीं लेकिन अब पूरी तरह से वीरान हैं.

आज हम आपको दुनिया की कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जो किसी न किसी वजह से वीरान हो गईं और अब वहां खंडहर और खामोशी के सिवा और कुछ भी नहीं है.

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प्रिप्यात (Pripyat), युक्रेन

प्रिप्यात(Pripyat) शहर, पूर्व सोवियत संघ का हिस्सा रहे यूरोपियन देश यूक्रेन का एक वीरान शहर है. 1980 के दशक में यह शहर चेर्नोबिल(Chernobyl) परमाणु उर्जा संयंत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बसाया गया था. 26 अप्रैल 1986 को चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र में हुई भयंकर दुर्घटना के चलते इस शहर को खाली कर दिया गया था. इस विस्थापन में तीन से पांच लाख लोग प्रभावित हुए थे. चेर्नोबिल दुर्घटना में हालाँकि 31 लोगों की मौत हुई थी, फिर भी आर्थिक नुक्सान और विस्थापितों की संख्या के मामले में यह इतिहास की सबसे भयंकर परमाणु ऊर्जा संयंत्र दुर्घटना थी. तब से लेकर रेडियोएक्टिव वातावरण के कारण चेर्नोबिल और प्रिप्यात शहर वीरान हैं.

चैतन, चिली (chaiten, chile)

दक्षिण अमेरिकी देश चिली का चैहेटेन(Chaitén) शहर कोरकोवाडो की खाड़ी में येलचो नदी के पूर्वी तट पर स्थित है. 2 मई 2008 में भयानक ज्वालामुखी विस्फोट से चलते 12 मई 2008 को पास की ब्लांको नदी में राख और कीचड की भयानक बाढ़ आई जिससे शहर तबाह हो गया और इसकी 4000 की आबादी को दूसरी जगह जाना पड़ा. तब से यह शहर खाली और सुनसान पड़ा है.

राईलाईट (rhyolite)  नेवादा अमेरिका

राईलाईट, अमेरिका के नेवादा राज्य में स्थित है. 1905 में इस शहर को बसाया गया था. यहां पर सोने की खदानें हुआ करती थीं. लेकिन धीरे-धीरे सोने की खदानों में होने वाली गिरावट से कंपनी को स्टॉक मूल्य में काफी गिरावट हुई. इसलिए 1911 में राईलाईट को बंद करने का फैसला किया गया. उस समय राईलाईट की जनसंख्या 1,000 के करीब थी. लेकिन, 1920 तक आते आते यह शहर बिलकुल खाली और वीरान हो गया. तब से लेकर आज तक यह शहर खाली और सुनसान पड़ा हुआ है.

वर्सो, साइप्रस


वर्सो (Varosha), उत्तरी साइप्रस के फमाकुस्ता (Famagusta) शहर के दक्षिण भाग में स्थित है. 1974 में तुर्की द्वारा किये गए हमले से पहले यह उत्तरी साइप्रस शहर का आधुनिक पर्यटन क्षेत्र हुआ करता था. हमले के बाद तुर्की सशस्त्र बलों ने इसे अपने कब्जे में ले लिए. लेकिन बाद में तुर्की सशस्त्र बलों के कब्जे से उसे छीन लिया था. तुर्की सशस्त्र बलों ने इस जगह को काफी नुकसान पहुंचाया था. जिसके कारण उत्तरी साइप्रस सरकार ने 2016 में इस इस शहर को भूत शहर के रूप में वर्णित किया और जनता को यहाँ आने की अनुमति नहीं हैं.

वीडियो: चैम्पियन ट्राफी का मैच देखने पहुंचे विजय माल्या, लोग चिल्‍लाने लगे ‘चोर-चोर’

भारत से फरार वांछित शराब व्यवसायी विजय माल्या भारत और द. अफ्रीका के बीच चल रह मैच को देखने तो गए लेकिन उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि उन्हें भारतीय दर्शकों के हाथों बेइज्जत होना पड़ेगा. हुआ यह कि जैसे ही वह एंट्री गेट पर पहुंचे तो भारतीय दर्शकों ने उन्हें देख कर हूटिंग शुरू कर दी.

भारतीय दर्शक उन्हें देखते ही उनकी और बढ़ना शुरू कर दिया और थोड़ी देर में ही चोर चोर चिल्‍लाना शुरू कर दिया। कुछ लोग इस तरह भी चिल्लाते सुने गये, ‘हे माल्या..’, और ‘चोर साले..’. हालांकि विजय माल्या ने लोगों की बातों का जवाब नहीं दिया और वह सीधे स्टेडियम के अंदर चले गए।

वीडियो:

इससे पहले भी माल्या भारत के दोनों मैच देखने पहुंचे थे। श्रीलंका के साथ मैच के बाद एक उन्होंने कहा था कि वह क्रिकेट के प्रशंसक हैं और मैच का लुत्फ लेने आए हैं। इससे पहले बर्मिंगम में माल्या की सुनील गावसकर के साथ एक तस्वीर सोशल मीडिया में काफी वायरल हुई थी। दावा किया जा रहा है कि बर्मिंघम में भारत-पाक मैच के दौरान वह गावसकर से मिले थे।

विजय माल्या पर कई बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपए का बकाया है और वह भारत से फरार हैं. एक तरफ तो देश की कई क्राइम जांच एजेंसियां उन्हें ढूंढ रही हैं, दूसरी तरफ वो आराम से टीम इंडिया के मैच देख रहे हैं।

गौरतलब है कि माल्या पिछले साल 2 मार्च से देश से फरार हैं और वह ब्रिटेन में आराम से रह रहे हैं। भारत ने माल्या के पकडऩे की कोशिशें जारी रखी हुई हैं लेकिन अब तक सफलता हासिल नहीं हुई है।

चुड़ैल ने कमरा गिराने का काम रोका, तांत्रिक ने पूजा करके पूरा करवाया!

पुराने भवन को गिराने में लगे मजदूरों को अचानक ऐसी चीज दिखी कि उनके पैरों तले जमीन खिसक गई और सभी मजदूर चुड़ैल से डरकर भाग गए। दरअसल यह मामला कुछ दिन पहले हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के नादौन में सामने आया था।

नादौन में पुराने तहसील भवन के एक कमरे को गिराने के लिए कुछ मजदूर आये. जैसे ही वे कमरे को गिराने लगे, कमरे से अजीब सी आवाजें आने लगी जिससे कि मजदूरों के होश उड़ गए। आवाजों के अलावा इन्हें एक चुड़ैल रुपी औरत भी दिखाई देने लगी जो बार बार एक ही बात दोहरा रही थी, कि काम रोक दो-काम रोक दो।

इस अचानक आई मुसीबत से डरे मजदूरों ने काम बंद कर दिया। यहां काम करने वाले मजदूरों अनिल, सुमित, संजार ने बताया कि भवन के एक कमरे को उखाड़ते वक्त एक चुड़ैल रुपी औरत बार-बार दिखाई देने लगी। यही नहीं, शाम सात बजे एक मजदूर अनिल कुमार काम करते वक्त वहां गिर पड़ा और उसके हाथ पर रहस्यमयी चोट भी लगी। इसे 17 टांके लगवाने पड़े।

मजदूरों का कहना है कि रात को सपने में भी एक महिला एक बच्चे के साथ दिखाई देती है और कहती है कि इस भवन के चार कमरों में से एक कमरे को न गिराया जाए। अगर इसे गिराया गया तो जान-माल का नुकसान होगा। रात के समय जब उस कमरे की तरफ जाते हैं तो ऐसा महसूस होता है कि कोई वहां पर है। मजदूरों ने बताया कि तीन कमरों में ऐसी कोई हरकत नहीं है। घबराए मजदूरों ने काम बंद कर दिया और ठेकेदार को इसकी सूचना दी। बाद में ठेकेदार ने एक तांत्रिक मोहम्मद इब्राहिम को यहां बुलाया जिसने यहां पूजा-पाठ किया।

नादौन में चुड़ैल ने काम रोका
तांत्रिक के पूजा पाठ करने के बाद ही काम शुरू हो सका

तांत्रिक मोहम्मद इब्राहिम का कहना था कि यहां पर कई साल पहले एक महिला और पुरुष की मौत हुई थी। जिनके कारण यहां पर कार्यरत मजदूर प्रेत-आत्माओं से भयभीत हो रहे थे। तांत्रिक की पूजा पूरी होने के बाद मजदूर काम के लिए मौके पर पहुंचे और कार्य शुरू किया।

वहीं, ठेकेदार विजय धवन का कहना था कि वह अब तक दो सौ से ज्यादा पुराने भवन गिरा चुका है, लेकिन ऐसी घटना उनके जीवन में पहली बार हुई है। हालांकि, मजदूरों की बातों में कितनी सच्चाई है, इस पर अभी भी संशय बरकरार है। फिलहाल भवन गिराने का काम पूरा कर लिया गया है।