इंडोनेशिया में बने हैं ये 5 खूबसूरत हिन्दू मंदिर!!

भारत में हर गली मोहल्ले में कोई न कोई मंदिर मिल ही जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत के अलावा भी ऐसे देश हैं जहाँ हिन्दू परंपरा के अनेक प्रसिद्ध मंदिर मौजूद हैं. जी हाँ हम बात कर रहे हैं पूर्वी एशिया के देश इंडोनेशिया की. इंडोनेशिया में हिंदू परंपराओं और मंदिरों का बहुत महत्व है. इंडोनेशिया में बने हिन्दू मंदिरों की गिनती विश्व के सबसे सुंदर मंदिरों में की जाती है. तो आइए जानें इंडोनेशिया में बने इन खूबसूरत मंदिरों के बारे में…..

पुरा तमन सरस्वती मंदिर, बाली (Pura Taman Saraswati Temple, Bali)

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बाली इंडोनेशिया का एक द्वीप प्रांत है जो कि जावा के पूर्व में स्थित है. बाली में स्थित पुरा तमन सरस्वती मंदिर इंडोनेशिया का सबसे सुंदर और पवित्र मंदिर माना जाता है. इस मंदिर में वैसे तो कई देवी देवताओं की मूर्तियां हैं लेकिन मुख्यतः यह देवी सरस्वती के लिए जाना जाता है. देवी सरस्वती को हिन्दू धर्म के अनुसार, विद्या, ज्ञान और संगीत की देवी कहा जाता है. पुरा तमन सरस्वती मंदिर के पास एक सुंदर कुंड भी बना है, जो इस मंदिर की सुंदरता को चार चाँद लगाता है. पुरा तमन सरस्वती मंदिर में हर रोज संगीत कार्यक्रम होते रहते हैं. इस मंदिर में लोगों की अच्छी-खासी भीड़ लगी रहती है.

पुरा बेसकिह मंदिर, बाली (Pura Besakih Temple, Bali)

pura-besakih-temple-baliपुरा बेसकिह मंदिर, बाली द्वीप के अगुंग पर्वत में स्थित यह मंदिर इंडोनेशिया के सबसे सुन्दर मंदिरों में से एक है. पुरा बेसकिह मंदिर बाली द्वीप का सबसे बड़ा और पवित्र मंदिर माना जाता है. यूनेस्को ने 1995 में इस मंदिर को विश्व धरोहर घोषित कर दिया था. यह स्थान टूरिस्टों का मुख्य आकर्षण केन्द्र है और यहां कई देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं.

तनह लोट मंदिर, बाली (Tanah Lot Temple, Bali)

tanah-lot-temple-baliतनह लोट मंदिर बाली द्वीप में स्थित भगवान विष्णु का प्रसिद्ध मंदिर है. यह मंदिर 16वीं सदी में निर्मित किया गया है. तनह लोट मंदिर एक विशाल समुद्री चट्टान पर बना हुआ खूबसूरत मंदिर है. तनह लोट मंदिर इंडोनेशिया के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है.

प्रम्बानन मंदिर, जावा (Prambanan Temple, Java)

prambanan-temple-javaप्रम्बानन मंदिर, इंडोनेशिया के जावा द्वीप का सबसे प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है. यह मंदिर में भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा की प्रतिमाएं रखी हुई है. इंडोनेशिया के जावा द्वीप में स्थित प्रम्बानन मंदिर इंडोनेशिया का सबसे सुंदर और विशाल हिंदू मंदिर है. प्रम्बानन मंदिर में त्रिदेवों के दर्शन के लिए दुनिया भर से पर्यटक यहां आते हैं.

सिंघसरी शिव मंदिर, जावा (Singhasari Shiva Temple, Java)

singhasari-shiva-temple-javaसिंघसरी शिव मंदिर को 13वीं शताब्दी में पूर्वी जावा के सिंगोसरी में बनाया गया है. सिंघसरी शिव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यह सिंघसरी शिव मंदिर अपनी भव्यता के लिए पूरी दुनिया में लोकप्रिय है. सिंघसरी शिव मंदिर में भगवान शिव की एक विशाल प्रतिमा बनाई गई है. इसी कारण यहाँ हर रोज बड़ी सख्या में लोगों का आना जाना लगा रहता है.

महासागरों के 4 सबसे खतरनाक हिस्से जो आपकी जान भी ले सकते हैं

हमारी दुनिया का 70 प्रतिशत हिस्सा महासागर हैं. यह महासागर कुदरत का अमूल्य हिस्सा होता हैं. लेकिन इन महासागरों के कई हिस्से बहुत घातक हो सकते हैं. यह हैं महासागरों के चार सबसे घातक हिस्से जहाँ जाने से आपको मुश्किलों का सामना करना पड सकता है.

द ब्लू होल(The Blue Hole)

4-most-dangerous-parts-of-oceans-the-Blue-holeअगर आपको कभी लाल सागर की यात्रा करने का मौका मिले, तब आप वहां की ब्लू होल की गुफा को जरूर देखना. यह गोताखोरों के लिए सबसे शानदार जगह है. लेकिन यह जगह सबसे घातक जगह भी है. ब्लू होल असल में एक गुफा है जो 130 मीटर लंबी है और 6 मीटर गहरी है. यह गुफा एक तरह से गोताखोरों के लिए कब्रिस्तान है. यह गुफा इसलिए घातक है क्योंकि इस गुफा में नाइट्रोजन निद्रवहन होता है जिससे आपको एक तरह से शराब जैसा नशा होने लगता है. जब आप गुफा की गहराई में जाते रहते हैं तो यह नशा ओर ज्यादा होता जाता है. इस जगह पर कई गोताखोरों ने अपनी जान गंवाई है.

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चीन की नदियाँ (The Rivers Of China)

4-most-dangerous-parts-of-oceans-the-rivers-of-chinaहमने नदियों को अपनी सूची में इसलिए डाला क्योंकि नदियाँ भी अंत में महासागरों में जाकर मिलती हैं. चीन की नदियाँ भी महासागरों की सबसे घातक हिस्सा होती हैं. वैसे भी चीन में प्रदुषण की समस्या बहुत बढ़ी है. चीन में उद्योग बहुत बुरे तरीके से पर्यावरण में प्रदूशन फैलाते हैं. चीन की नदियां और झीलें पूरी तरह से प्रदूषित हैं और इन नदियों में मछलियों का नामो-निशान भी नहीं है. चीन की नदियों का 78 प्रतिशत हिस्सा मानव के लिए बहुत घातक है.

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दक्षिणी महासागर(The Southern Ocean)

4-most-dangerous-parts-of-oceans-the-southern-oceanअन्टार्टिक जिसको बर्फ का सबसे बढ़ा हिस्सा भी कहा जाता है यह महासागरों का सबसे घातक हिस्सा है. इस जगह से गुजरने वाले जहाजों और यात्रियों को यहां की कठोर जलवायु का सामना करना पढ़ता है. यहां पर बहुत सारे बढ़े-बढ़े हिमशैल हैं जिन से जहाजों के टकराने का खतरा हर समय बना रहता और यह जहाजों को भारी क्षति पहुंचा सकते हैं. नाविकों ने विशेष तौर पर दक्षिणी अन्टार्टिक की तीन जगहों को सबसे खतरनाक बताया है उन्होंने इन जगहों के नाम कोड में दिए हैं कोड नंबर 40, 50 और 60 यहां की सबसे खतरनाक जगह हैं.

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हिंद महासागर (The Indian Ocean)

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हिंद महासागर में हमारे ग्रह का एक तिमाही पानी है. इस महासागर में उष्णकटिबंधीय तूफ़ान, मानसून और चक्रवात आते रहते हैं. हालांकि यह कुदरती आफतें इस महासागर को घातक नहीं बनाती. यहाँ की मुख्य समस्या यहाँ के समुद्री डाकू हैं. यह समुद्री डाकू ज्यादातर सोमालिया से हैं जिन्होंने हिंद महासागर में आतंक मचा के रखा हुआ है. वह कई बार इस महासागर से निकलने वाले समुद्री जहाजों को अपना निशाना बनाते हैं और कई बार लोगों को जान से भी मार देते हैं.

इतिहास से जुड़ी हुई कुछ महत्वपूर्ण बातें!

  • 2,500 साल पहले लोकतंत्र प्रणाली की शुरुआत ग्रीक के एथेंस (Athens) शहर से हुई थी. तब एथेंस शहर के सभी नागरिक एक जगह इकट्ठा होकर राज्य के फैसले लेते थे और यह प्रकिया लगभग 200 साल तक चली थी.
  • दुनिया का सबसे पुराना लोकतांत्रिक ढांचा आइसलैण्ड में है. यह 930 ईसवी से चला आ रहा है.
  • दुनिया की पहली भूमिगत रेल सेवा 10 जनवरी 1863 को शुरू हुई थी. यह रेल सेवा इंग्लैंड के पैडिंगटन स्टेशन से फ़ैरिंगटन स्ट्रीट के बीच शुरु हुई और पहले ही दिन इसमें चालीस हज़ार यात्रियों ने सफ़र किया था.
  • इतिहास का सबसे छोटा युद्ध 1896 में इंग्लैंड और ज़ांज़ीबार (पुर्वी अफ्रीका में) के बीच हुआ था. जिसमें ज़ांज़ीबार ने 38 मिनट बाद ही सरेंडर कर दिया था.
  • $ चिन्ह की शुरूआत 1788 से हुई थी.
  • विश्व की 88 प्रतिशत भूमि पर राज करने वाला इकलौता देश इंग्लैंड था.
  • रोम ऐसा देश है जिसकी जनसंख्या ने सबसे पहले 10 लाख का आकड़ा पार किया था.
  • प्रथम विश्‍व युद्ध 1914 से लेकर 1919 तक लड़ा गया था. प्रथम विश्‍व युद्ध में मध्य यूरोप, एशिया और अफ्रीका, इन तीनो महाद्वीपों के देशों ने भाग लिया था.
  • 1883 में क्राकाटोआ (Krakatoa, इंडोनेशिया) में दुनिया का सबसे भयंकर ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था. यह इतना भीषण था कि इसकी आवाज 3,000 मील (4800 किलोमीटर) दूर तक सुनाई दी थी. यह इतिहास में दर्ज अब तक की सबसे तीव्रतम ध्वनि  है.

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    क्राकाटोआ के भयंकर ज्वालामुखी विस्फोट का शिला-चित्रण (फुल इमेज)
  • जब प्रथम विश्वयुद्ध की शुरूआत हुई थी उस समय अमेरिकी एयरफोर्स के पास केवल 18 पायलट और 5-12 जहाज थे.
  • T-Shirt का आविष्कार 1904 में किया गया था.
  • जिओरडनो ब्रूनो (Giordano Bruno) इटली का दार्शनिक, गणितज्ञ एवं खगोल-विज्ञानी था. जिन्हें 1592 में सिर्फ इसलिए गिरफ़्तार किया था क्योंकि उनका यह मानना था कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है.
  • मोटोरोला के इंजीनियर मार्टिन कूपर ने 3 अप्रैल 1973 को पहली बार मोबाइल फोन से बात की थी. मार्टिन कूपर को मोबाइल फोन को बाजार में लाने में 10 साल लग गए थे.
  • ऐसा माना जाता है कि लगभग 14 करोड़ साल पहले अफ्रीका, एशिया, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे महाद्वीप आपस में जुड़े हुए थे.
  • प्राचीन रोमन कैलेंडर में जनवरी और फरवरी के महीने नहीं होते थे. अतः उनका नव वर्ष 1 मार्च को मनाया जाता था.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन को इसराइल सरकार ने राष्ट्रपति बनने की पेशकश की थी परन्तु उन्होंने इसराइल सरकार द्वारा दी गई पेशकश को मना कर दिया था.
  • रबर के अविष्कार से पहले, पेंसिल से लिखे हुए को ब्रेड से मिटाते थे.
  • डेरेक जे. डी-सोला के अनुसार एंटीकाईथेरा प्रक्रिया को शुरुवाती यान्त्रिक अनुरूप कंप्यूटर माना जाता है.
  • इसे खगोलीय स्थितियो की गडना के लिये बनाया गया था. इसे एंटीकाईथेरा के युनानी द्धीप के एंटीकाईथेरा भग्नावशेष मे 1901 मे खोजा गया था.
  • ऐसा माना जाता है कि एंटीकाईथेरा प्रक्रिया वाले यन्त्र अगले 1,000 वर्षो तक मिलना मुश्किल है.

विश्व के हैरान कर देने वाले तथ्य जिनके बारे में आपको पता नहीं होगा !

इस विडियो में आपको विश्व के सबसे हैरान कर देने वाले तथ्य मिलेंगे. जैसे कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा इंग्लिश भाषा बोलने वाला देश बन जायेगा और भारत में पढ़े-लिखे लोगों की आबादी अमेरिका में रहने वाले कुल लोगों की आबादी से भी ज्यादा है.

गर्मियों में क्या करें और क्या ना करें!

गर्मी के मौसम में सूरज की तपिश और भीषण गर्मी के कारण लोगों का हाल बेहाल हो है. गर्मियों में कहीं-कहीं तो पारा 47-48 डिग्री पार कर जाता है. पूरे देशभर में गर्मी और ऊष्माघात यानि लू की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या बढ़ जाती है। गर्म हवाओं और तेज धूप के कारण लोगों को कई बीमारियां भी हो जाती हैं.

इस पोस्ट में हम गर्मियों में होने वाली परेशानियों और परेशानियों से बचने के लिए कुछ खास टिप्स आपके लिए लेकर आयें हैं।

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गर्मी में होने वाले आम रोग:

गर्मी में लापरवाही व पानी की कमी के कारण शरीर में निर्जलीकरण (dehydration), लू का लगना, चक्कर आना,घबराहट होना, नकसीर आना, उलटी-दस्त, सन-बर्न(sun-burn), घमोरिया जैसी कई बीमारियाँ हो सकती हैं.

गर्मियों में क्या न करें

  1. गर्मियों के मौसम में खुली धूप में खुले शरीर, नंगे सर, नंगे पाँव न चलें.
  2. तेज गर्मी और धूप में घर से खाली पेट या प्यासे बाहर न जाएँ. जाना जरूरी हो तो एक-दो गिलास ठंडा पानी पी लें.
  3. कूलर या एसी से निकल कर तुरंत धूप में न जाएँ.
  4. बाहर धूप से आकर तुरंत ठंडा पानी पीना और सीधे कूलर या एसी के पास ना बैठें.
  5. तेज मिर्च-मसाले, बहुत गर्म खाना, चाय, और शराब इत्यादि का सेवन ज्यादा ना करें.
  6. सूती और ढीले कपड़ो की जगह सिंथेटिक और कसे हुए कपडे ना पहनें.
  7. आधे बाजू वाली शर्ट या ऐसे कपड़े न पहने जिनसे धूप आपकी त्वचा पर पड़ती हो.

पढ़े: ऊष्माघात यानि लू क्या है और इससे कैसे बचें?

क्या करें: गर्मी और लू से राहत पाने के लिए घरेलू नुस्खे जो आपके काफी काम आ सकते हैं

    1. घर से बाहर निकलते वक़्त कच्चे आम का शरबत यानि ‘आम का पन्ना’ ज़रूर पियें. यह आपको भीषण गर्मी से तो राहत देगा और साथ ही आपको लू लगने से भी बचाएगा.
    2. गर्मियों में छाछ का सेवन काफी फायदेमंद होता है. पतली दही से तैयार होने वाला छाछ पेट को ठंडक देता है.यह गर्मियों के मौसम में होने वाली डिसेंट्री को भी दूर भगाता है.
    3. नींबू पानी हर मौसम में फायदेमंद होता है. लेकिन गर्मियों के मौसम में शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इसलिए बीच-बीच में नींबू पानी का सेवन काफ़ी कारगर साबित होता है.nimbu_pani_recipe
    4. नारियल पानी गर्मियों के लिए सबसे बेहतर है. इसमें बहुत अधिक मात्रा में कैल्शिेयम क्लोराइड और पोटैशि‍यम पाया जाता है.
    5. खीरा गर्मियों के लिए बहुत उत्तम माना जाता है. यह गर्मियों में होने वाले गैस, एसीडिटी, सीने में जलन की समस्याओं को दूर करता है
    6. गर्मी में जब भी घर से निकले, कुछ खा कर और पानी पी कर ही निकलें, खाली पेट ना निकलें.
    7. गर्मी में सूती और हलके रंग के कपडे पहनने चाहिये.
    8. चेहरा और सिर रुमाल या साफी से ढक कर निकलना चाहिये.
    9. शीतल पानी का सेवन, 3 से 6 लीटर रोजाना करें.
    10. बाजारू ठंडी चीजे नहीं बल्कि घर की बनी ठंडी चीजो का सेवन करना चाहिये.
    11. त्वचा को धूप से बचाने के लिए अच्छी सी सन-स्क्रीन (Sun Screen) त्वचा और चेहरे पर लगायें.

घरेलू उपचार प्राकृतिक होते हैं और इनसे साइड-इफैक्ट्स होने की आशंका न के बराबर होती है. फ्रूट्स से बनी क्रीम आपकी त्वचा के लिए उत्तम होती है. फिर भी किसी भी चीज को उपयोग करने से पहले अपनी त्वचा के अच्छी प्रकार को जान लें। हो सके तो इस बारे में किसी एक्सपर्ट से भी सलाह ले लें।

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भारत का आखिरी गांव, जहां से है स्वर्ग जाने का रास्ता

हिमालय की खूबसूरती को शब्दों में बयां कर पाना असंभव है. हिमालय की मनमोहक वादिया किसी को भी दीवाना बना सकती हैं. लेकिन एक जगह ऐसी भी है, जिसे भारत का आखिरी गांव कहते हैं. इस गांव का नाम है माणा गांव. इसके बारे में शायद ही लोग जानते होंगे.

हम आपको बता दें कि यह गांव उत्तराखंड के चमोली जिले में और बद्रीनाथ से तीन किमी आगे समुद्र तल से 18,000 फुट की ऊँचाई पर बसा एक खूबसूरत गाँव है. यह गांव भारत-तिब्बत सीमा पर बसा है. इस गांव को देश का आखिरी गांव या सीमान्त ग्राम भी कहा जाता है.

माणा गांव में सरस्वती और अलकनंदा नदियों का संगम भी होता है तथा यहाँ कुछ प्राचीन मंदिर और गुफाएं हैं जो कि बहुत ही प्रसिद्ध हैं. जो भी भक्त ‘बद्रीनाथ’ के दर्शन के लिए आते हैं, वह माणा गाँव व भारत के आखिरी गांव में आने का मौका नहीं छोड़ते हैं.

स्वर्ग जाने का रास्ता

महाभारत काल में पांडव द्वारा बनाया गया भीम पुल

कहा जाता है कि महाभारत काल में पांडव जब स्वर्ग जाने के लिए यहाँ से गुजरे थे, तो वहां दो पहाड़ियों के बीच में खाई थी जिसे पार करना बहुत ही मुश्किल था. उस समय भीम ने दो बड़ी शिलाएं डालकर पुल बनाया था और पांडव इसी पुल से होकर स्वर्ग की ओर गए थे. आज भी लोग इसे स्वर्ग का मार्ग मानकर इस रास्ते से चले जाते हैं.

गणेश जी ने दिया था सरस्वती नदी को श्राप

गणेश गुफा, जहाँ गणेश जी वेदों की रचना किया करते थे

माणा गाँव में जब प्रवेश करते है तो सबसे पहले गणेश गुफा नजर आती है. ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी यहाँ पर वेदों की रचना किया करते थे तो पास में ही सरस्वती नदी अपने पूरे वेग में बहने के कारण शोर कर रही थी. जिससे गणेश जी को कार्य में बाधा पड़ रही थी. गणेश जी के आग्रह करने के बाद भी सरस्वती नदी ने उनकी बात नहीं मानी. गणेश जी ने नाराज होकर उन्हें श्राप दिया कि अब आगे वह किसी को भी नहीं दिखाई देगी. जिसके कारण ही सरस्वती नदी कुछ दूरी पर जाकर अलकनंदा नदी में मिल जाती है.

पाकिस्तान फ़ौज में मेजर बने खतरनाक ‘रॉ’ जासूस ‘ब्लैक टाइगर’ की कहानी

ब्लैक टाइगर की कहानीब्लैक टाइगर की कहानी: जासूसी करना बाएं हाथ का खेल नहीं है। और फिर बात पाकिस्तान जैसे देश में जाकर जासूसी करने की हो तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह काम जान हथेली पर लेकर चलने से कम नहीं। हर वक्त पकड़े जाने का डर, यातना और मौत का डर और अपने देश, घर-परिवार से दूर रहने और शायद कभी न मिल पाने का दुःख और साथ ही पकड़े जाने पर देश के द्वारा त्यागे जाने की मजबूरी लेकर चलना अपने आप में एक जासूस की जांबाजी, समर्पण, देशभक्ति और दिलेरी की कहानी कह देते हैं।

कौन थे रविन्द्र कौशिक

भारत माता के एक ऐसे ही जांबाज सपूत थे रविन्द्र कौशिक उर्फ़ ब्लैक टाइगर जिन्होंने अपनी जिन्दगी के 25 साल अपनी मातृभूमि की सेवा करते हुए पाकिस्तान में गुजार दिए। इनमें से सोलह यातनापूर्ण साल उन्होंने पाकिस्तान की अलग-2 जेलों में गुजार दिए लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी असली पहचान या भारतीय सेना के बारे में कोई भी जानकारी पाकिस्तान को हासिल नहीं होने दी।

ड्रामा आर्टिस्ट से बने सफल रॉ एजेंट

रविन्द्र कौशिक उर्फ़ ब्लैक टाइगर का जन्म राजस्थान के श्रीगंगानगर में 11 अप्रैल 1952 को हुआ। वह एक प्रसिद्ध थिएटर आर्टिस्ट थे। लखनऊ में आयोजित एक नेशनल लेवल ड्रामा कार्यक्रम में भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ(RAW) के एक अधिकारी ने उन्हें परफॉर्म करते हुए देखा। एक जासूस बनने के लिए जरूरी लगन, प्रतिभा और हिम्मत को उस अधिकारी ने पहचान लिया था। ‘रॉ’ ने उनसे संपर्क किया और उन्हें पाकिस्तान में भारत के एक अंडर-कवर एजेंट की नौकरी का सुझाव दिया जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया।

रविन्द्र कौशिक को ‘रॉ’ के द्वारा दिल्ली में दो साल का गहन प्रशिक्षण दिया गया। उनका ‘खतना’ किया गया ताकि वे एक मुस्लिम ही लगें। उन्हें उर्दू और इस्लाम की मजहवी शिक्षा भी दी गयी। उन्हें पाकिस्तान के भूगोल और अन्य जरूरी जानकारी दी गयी। श्रीगंगानगर से होने के कारण पंजाबी पर उनकी अच्छी-खासी पकड़ थी जो कि पाकिस्तान के अधिकतर हिस्सों में बोली जाती है। महज 23 वर्ष की उम्र में सन 1975 में उन्हें ‘नबी अहमद शाकिर’ नाम देकर मिशन पर पाकिस्तान भेज दिया गया।

रविन्द्र कौशिक उर्फ़ ब्लैक टाइगर की एक फाइल फोटो
रविन्द्र कौशिक उर्फ़ ब्लैक टाइगर की एक फाइल फोटो

क़ानून की पढाई करने के बाद पाकिस्तानी आर्मी में बने मेजर

रविन्द्र कौशिक ने पाकिस्तान की नागरिकता लेकर पढाई के लिए कराची के लॉ कॉलेज में दाखिला लिया और क़ानून में ग्रेजुएशन किया। पढाई ख़त्म होने के बाद वह पाकिस्तानी सेना के एकाउंट्स विभाग में सिविलियन क्लर्क के रूप में भर्ती हो गए। बाद में वह  प्रमोशन पाते हुए मेजर रैंक तक पहुँच गए। इसी बीच उन्होंने वहां पर एक आर्मी यूनिट के दर्जी की बेटी अमानत से शादी कर ली तथा एक बेटी के पिता बन गये। Wikipedia

रविन्द्र कौशिक ने 1979 से लेकर 1983 तक सेना और सरकार से जुडी अहम जानकारियां भारत पहुंचाई। इस दौरान पाकिस्तान के हर कदम पर भारत भारी पड़ता था क्योंकि उसकी सभी योजनाओं की जानकारी कौशिक की ओर से भारतीय अधिकारियों को दे दी जाती थी। उनके काम से प्रभावित होकर ‘रॉ’ और तत्कालीन गृहमंत्री एसबी चव्हाण ने उन्हें ‘ब्लैक टाइगर’ का नाम दिया।

दूसरे की गलती ब्लैक टाइगर पर पड़ी भारी

1983 का साल ब्लैक टाइगर के लिए मनहूस साबित हुआ। 1983 में रविंद्र कौशिक से मिलने रॉ ने एक और निचले स्तर के ऑपरेटिव एजेंट इनायत मसीह को पाकिस्तान भेजा। लेकिन वह पाकिस्तान खुफिया एजेंसी के हत्थे चढ़ गया। लंबी यातना और पूछताछ के बाद उसने रविंद्र के बारे में सब कुछ बता दिया। रॉ की अधूरी तैयारी ब्लैक टाइगर के लिए घातक साबित हुई।

रविंद्र को गिरफ्तार कर सियालकोट की जेल में डाल दिया गया। दो साल तक पूछताछ में भारी लालच और यातना देने के बाद भी उन्होंने भारत की कोई भी जानकारी देने से मना कर दिया। 1985 में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई, जिसे बाद में पाकिस्तान की सुप्रीम-कोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया। मियांवाली जेल में 16 साल कैद काटने के बाद 2001 में टीबी और दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।

मौत के बाद भी सरकार ने नहीं ली परिवार की सुध

उनकी मौत के बाद भारत सरकार ने ‘छद्म विकल्प’(Covert Option) की मजबूरी के चलते उनका शव लेने से मना कर दिया। उन्हें मियांवाली जेल के पीछे दफना दिया गया।

रविंद्र ने जेल से गुप्त तरीके से कई चिट्ठियां अपने परिवार को लिखीं। वह अपने ऊपर होने वाले अत्याचारों की कहानी बताता था। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार, एक खत में उसने अपने पिता से पूछा था कि क्या भारत जैसे बड़े मुल्क में कुर्बानी देने वालों को यही मिलता है? सूत्रों के अनुसार उनकी मौत के बाद भारत सरकार ने उनकी और उनकी परिवार की कोई सुध नहीं ली।

दुश्मन देश में पकड़े जाने पर किसी भी जासूस के साथ यही त्रासदी होती है जैसा कि रवींद्र कौशिक का हुआ। सीमावर्ती इलाकों के बहुत से ऐसे लोग हैं जो कि दशकों तक पाकिस्तानी जेलों में रहकर रिहा कर दिए गए।

परिवार की मांग, ‘एक था टाइगर’ फिल्म का मिले क्रेडिट

रवींद्र के परिवार ने दावा किया की वर्ष 2012 में प्रदर्शित मशहूर बॉलीवुड फिल्म ‘एक था टाइगर’ का शीर्षक रवींद्र कौशिक के जीवन पर आधारित थी। ‘एक था टाइगर’ बॉलीवुड फिल्म में सलमान खान के कई रूपों- जासूस, प्रेमी, देशभक्त और एक बेहतरीन एक्शन फाइटर के रूप में एक साथ दिखाया गया है। ‘एक था टाइगर’ के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में केस दायर हुआ था। जयपुर के वैशालीनगर में रहने वाले विक्रम वशिष्ठ ने दावा किया था फिल्म की कहानी उनके मामा के वास्तविक जीवन पर आधारित है। उन्होंने मांग की थी कि उनके मामा को क्रेडिट दिया जाए।

दुनिया के सबसे जहरीले पौधे, पल भर में ले सकते है आपकी जान

पेड़-पौधे इंसानों के अस्तित्व के लिए कितने जरूरी हैं यह तो सभी जानते ही हैं। पेड़ न केवल हमें ऑक्सीजन देते हैं, बल्कि वातावरण को अनुकूल बनाए रखने में भी मदद करते हैं।

पेड़-पौधों से इंसान के लिए उपयोगी दवाएं मिलती हैं। जहां पेड़-पौधे इंसान के लिए बहुत उपयोगी हैं वहीं दूसरी तरफ बेहद खतरनाक और जानलेवा भी होते हैं। कुछ पौधों के बीज, फूल और फल इतने जहरीले होते हैं कि कुछ ही देर में इंसान की जान ले लेते हैं।

ये पौधे देखने में जितने खूबसूरत और आकर्षक लगते हैं, उतने ही खतरनाक और जानलेवा भी होते हैं। तो आइए जानें कुछ खतरनाक पेड़-पौधों के बारे में

विस्टेरिया (Wisteria) :

यह विस्टेरिया फूल बैंगनी रंग का होता है और यह दुनिया के हर कोने में पाया जाता है। विस्टेरिया एक रेंगने वाली बेल है जो कि 60 फीट तक बढ़ सकती हैं। देखने में यह फूल सुंदर लगता है लेकिन उतना ही खतरनाक भी होता है। इस पौधे के किसी भी हिस्से को खाने से निम्नलिखित बीमारियाँ हो सकती हैं जैसे कि माइग्रेन और सिरदर्द, सुस्ती और कमजोरी, बुखार और दस्त इत्यादि।

गुलाबी मटर (Rosary Pea):

गुलाबी मटर बारहमासी पौधा होता है जो आमतौर पर 20 फीट की ऊंचाई तक पेड़ों के आसपास लगा होता है। गुलाबी मटर भी मटर फली के आकार के होते हैं। लेकिन इसका बीज लाल रंग का होता है। इस पौधे का बीज बेहद जहरीला होता हैं। जोकि एक व्यक्ति को ख़त्म करने के लिए काफी है। इस फल के मुख्य लक्षण बुखार और पेट खराब होना, अति-उत्तेजना, दस्त और उल्टी आना आदि है।

ओलियंडर (Oleander) :

ओलियंडर एक फाणरोफाईट (Phanerophyte) झाड़ी होती है जोकि 13 फीट लम्बी हो सकती है। ओलियंडर फूल लाल-भूरे रंग के होते हैं। इस पौधे की दिलचस्प बात यह है कि इसके फूल, बीज, पत्ते, छाल और यहाँ तक की जड़ भी खतरनाक होती हैं। इनसे होने वाली बीमारियाँ नींद और थकान आना, पेट में दर्द और उल्टी आना इत्यादि है।

यूरोपीय यू (European Yew):

यूरोपीय यू पौधा यूरोप में सबसे पुराने पेड़ों में से एक है। यह 132 फीट लंबा तथा धीमी गति से बढ़ता है। इस पौधे की पत्तियाँ गहरे-हरे रंग की होती हैं जो कि खतरनाक होती है। इनसे होने वाली बीमारियाँ दिल का दौरा, साँस लेने में परेशानी, दिल की धड़कन बढ़ना आदि है।

एकोनाईट (Aconite):

यह पौधे मुख्य तौर पर यूरोप के पहाड़ी इलाकों से पाया जाता है। इस पौधे में काले-नीले रंग के फूल होते है जो कि बेहद खतरनाक होते है। इनसे होने वाली बीमारियां में चेहरे की झुर्रियां, साइनस टचीकार्डिया, पेट और सीने में परेशानी और उल्टी आना है।

 

एक ऐसा मंदिर, जहाँ प्रसाद में मिलते हैं सोने चांदी के जेवर…

जब भी हम किसी मंदिरों या धार्मिक स्थलों में जाते हैं तो हमें प्रसाद के रूप में मिठाई या फल जरूर मिलते है. लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में ऐसे मंदिर भी हैं जहां प्रसाद के रूप में भक्तों को सोने और चांदी के आभूषण दिए जाते हैं. आज हम इस लेख में भारत के एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जहां भक्तों को प्रसाद के रूप में मिलते हैं सोने चांदी के जेवर…

हिन्दू धर्मग्रंथों और पुराणों में धन और समृद्धि के लिए महालक्ष्मी देवी की पूजा की जाती है. मध्यप्रदेश में रतलाम नामक स्थान पर महालक्ष्मी देवी सबसे प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है. यहाँ साल भर भक्तों की भीड़ लगी रहती है और भक्त यहां करोड़ों रुपए के जेवर और नकदी चढ़ाते हैं. खासतौर पर धनतेरस से लेकर दिवाली के दिन परिसर को सोने, चांदी और नोटों की मालाओं से सजाया जाता है.

लेकिन भक्त यहां से खाली हाथ नहीं जाते है. दिवाली के बाद जाने वाले भक्तों को आभूषण और नगदी, प्रसाद के रुप में दी जाती है. प्रसाद को लेने के लिए लोग दूर-दूर से इस मंदिर में पहुंचते हैं. लेकिन प्रसाद के रूप में मिलें आभूषण और नगदी को लोग माता का आशीर्वाद मानते है और हमेशा संभाल कर रखते हैं.

विश्व के विभिन्न देशों के अजीबोगरीब नियम!!

दुनिया में ऐसे ऐसे कानून बनाए गए है जिन पर यकीन कर पाना बहुत ही मुश्किल है. आज हम कुछ ऐसे ही अजीबोगरीब नियमों के बारे मे बात करेंगे.

गम चबाना सिंगापुर में अवैध है

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आपने कभी सोचा है की गम चबाने से आपको जेल हो सकती है? जी हाँ, ऐसा हो सकता है. 1992 के बाद से सिंगापुर में गम चबाना अवैध है. अगर आप गम चबाते पकड़े जाते है तो आपको जेल तक हो सकती है. सिंगापुर में गम के आयात पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. नियम के तहत सिर्फ निकोटीन गम का ही उपयोग कर सकते है वो भी तब, जब किसी डॉक्टर से लिखवा कर लाए हो.

अमेरिका के यूटा राज्य में पहले चचेरे भाई के साथ विवाह पर प्रतिबंध है.

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अमेरिका के यूटा राज्य में चचेरे भाई से साथ शादी नहीं कर सकते हैं, लेकिन फिर भी शादी करना चाहते है तो उसके लिए एक नियम बनाया गया है जिसमे दोनों 65 साल की उम्र के बाद ही शादी कर सकते हैं.

जापान में अधिक वजन बढ़ाना अवैध माना जाता है.

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कैलिफोर्निया में महिलाओं को ड्रेसिंग गाउन पहनकर गाड़ी चलाने की अनुमति नहीं हैं.

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सऊदी अरब में महिलाएं गाड़ी नहीं चला सकती, क्योंकि यहां के नियम के अनुसार महिलाओं को गाड़ी चलाना अपराध है.

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फ्रांस में महिलाओं का पैंट पहनना गैरकानूनी है.

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यूरोपियन देश साइप्रस में कार में कुछ भी नहीं खा पी सकते है यहाँ तक कि आप पानी भी नहीं पी सकते है. कार में पानी पीना भी अपराध है.

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संयुक्त राज्य अमेरिका के मिनेसोटा में एक अजीब ही कानून है जिसके तहत महिला और पुरुष के अंडरवियर एक साथ सूखने नहीं डाल सकते है.

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दुनिया में सिर्फ फिलीपींस और वेटिकन ही ऐसे देश है जहां तलाक लेना अवैध माना जाता है.

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