दुनिया में कई बीच हैं जो अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं और इन्हीं में शामिल है आइसलैंड का ब्लैक सैंड बीच, जो पर्यटकों को अपनी ओर तरफ आकर्षित करता है। लेकिन जियोलॉजी और ‘समुद्र की ताकत‘ मिलकर इसे ‘जानलेवा‘ बनाते हैं।
दरअसल हम बात कर रहे हैं रेनिस्फजारा बीच की। काली रेत और तेज लहरें इस आइसलैंड पर आने वाले लोगों को अपना दीवाना बना देती हैं। लेकिन इस खूबसूरत बीच को जानलेवा भी कहा जाता है क्योंकि यहां उठने वाली स्नीकर वेव्स की वजह से कई लोगों की जान चली गई है।

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स्नीकर तरंगें लोगों को अपने साथ समुद्र में खींचती हैं। खतरे को देखते हुए स्थानीय प्रशासन इस जगह को सुरक्षित करने की योजना तैयार कर रहा है। इस बीच को देखने के लिए हर साल हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं।
आज इस पोस्ट में हम आपको इस खतरनाक ब्लैक सैंड बीच के बारे में बताने जा रहे हैं, तो चलिए जानते हैं…
स्नीकर वेव्स उन बड़ी और शक्तिशाली लहरों को कहते हैं जो कई छोटी-छोटी लहरों की ताकत के एक साथ मिलने से बनती हैं। यह समुद्र के बहाव के कारण भी हो सकता है या रेनिस्फजारा के मामले में लहरों में खींचने की शक्ति के पीछे एक भूमिगत चट्टान भी हो सकती है।
रेनिस्फजारा बीच पर स्नीकर लहरें अन्य लहरों की तुलना में बहुत आगे तक आती हैं जो बेहद शक्तिशाली होती हैं और एक वयस्क को अपने साथ समुद्र के भीतर खींच सकती हैं।

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अगर कोई व्यक्ति स्नीकर वेव की चपेट में आ जाता है, तो उसका वापस आना बेहद मुश्किल होता है। पानी का तापमान बर्फ जमने के स्तर से थोड़ा ही ऊपर होता है, तत्काल हाइपोथर्मिया का कारण बनता है जिससे व्यक्ति की मौत हो जाती है।
अब इस बात पर बहस तेज हो गई है कि समुद्र तट को बंद किया जाए या और सुरक्षा मानकों को लागू किया जाए। रेनिस्फजारा बीच पर लहरों के खतरे के बारे में लोगों को चेतावनी देने वाले बोर्ड लगे हैं।
आइसलैंडिक रोड एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा पार्किंग क्षेत्रों में फुटपाथों और बोर्डों पर लाइटें लगाई जाएंगी। निगरानी के लिए कैमरा भी लगाया जाएगा।
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