Wednesday, April 17, 2024
35.3 C
Chandigarh

नागोरो – एक ऐसा अजीबोगरीब जापानी गांव जहां चलता है गुड़ियों का राज

जापान तकनीकी के मामले में अग्रणी देश है। संसाधनों के लिहाज से काफी प्रगति कर चुके जापान में सब कुछ अच्छा है लेकिन इस देश में नागोरो नाम का एक ऐसा गांव है जो वीरान हो चूका है।

आज हम आपको इस पोस्ट में इसी अजीबोगरीब गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां चलता है गुड़ियों का राज, तो चलिए शुरू करते हैं:-

नागोरो या नागोरू, जिसे अब नागोरो गुड़िया गांव के नाम से जाना जाता है। बताया जाता है कि इस गांव में पिछले 18 साल में कोई भी बच्चा नहीं जन्मा, वजह है यहां युवाओं की जनसंख्या का करीब-करीब खत्म हो जाना।

इसमें पहले लगभग 300 निवासी थे, लेकिन जापान की जनसंख्या में गिरावट के कारण जनवरी 2015 तक यह घटकर 35, अगस्त 2016 तक 30 और सितंबर 2019 तक 27 हो गई।

Nagoro-Japanese-village-ruling-dolls-runs

अब गांव पर चलता है ‘गुड़ियों ’ का राज

इस गांव के गली-मोहल्ले से लेकर स्कूलों तक में बच्चों की जगह पुतले और गुड़िया बैठी हुई हैं। इन गुड़ियों को बनाने का काम किया है अयानो सुकिमी नाम की महिला ने।

वे खुद भी नागोरो की रहने वाली हैं। सबसे पहले उन्होंने अपने पिता के कपड़े पहनाकर एक पुतला बनाया था लेकिन ये उन्होंने सिर्फ शौक के लिए बनाया था।

Nagoro-Japanese-dolls-village-1

गांव को गुड़ियों से भरने की पहले तो उनकी कोई योजना नहीं थी, लेकिन बाद में उन्होंने इस शौक के अपना मिशन बना लिया।

अब गांव में इंसानों से ज्यादा तो पुतले और गुड़िया दिखाई देती हैं। जापानी भाषा में ऐसी आदमकद गुड़िया को “बिजूका” कहते हैं और नागोरो में अब बिजूका का ही राज चलता है।

जब ये गांव आबाद था तो यहां एक स्कूल भी था। जब बच्चे ही नहीं रह गए तो स्कूल भी बंद कर दिया गया। हालांकि लोगों को ये कमी न खले, इसके लिए यहां भी बच्चों की जगह पुतले और गुड़िया बिठाई गई हैं। टीचर की जगह पर भी बिजूका मौजूद है, जो उन्हें पढ़ाती हुई दिखती हैं।

Nagoro-Japanese-dolls-village

अयानो सुकिमी ने लकड़ी, अखबार और कपड़ों का इस्तेमाल करके बिजूका बनाई हैं और उन्हें इंसानों की तरह कपड़े पहनाकर प्रॉपर ह्यूमन टच अप दिया है।

जर्मन फिल्म मेकर फ्रिट्ज़ शूमन ने साल 2014 में इस गांव को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई थी। इसी के बाद इसे गुड़ियों और पुतलों का गांव कहा जाने लगा। अब लोग अक्टूबर के पहले रविवार को यहां खास पुतलों का त्यौहार देखने आते हैं। यह गांव अब पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है।

यह भी पढ़ें :-

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow
- Advertisement -

MOST POPULAR

RSS18
Follow by Email
Facebook0
X (Twitter)21
Pinterest
LinkedIn
Share
Instagram20
WhatsApp