कठपुतली कला उन बच्चों के लिए एक रोमांचक शौक हो सकता है जो नए कैरेक्टर बनाना और नाटक करना पसंद करते हैं। यह रंगमंच का एक प्राचीन रूप है जो आज भी चलन में है।
मनोरंजन प्रदान करने के अलावा, इस कला रूप का उपयोग संदेश देने के लिए भी किया जाता है। यह शौक कल्पना को चुनौती के साथ सही संदेश देने के लिए रंगों तथा विभिन्न चीजों का उपयोग करके नए डिजाइन और आकृतियां बनाने का अवसर देता है।
अपनी खुद की कठपुतली बनाएं
कुछ कठपुतलियों को ऊपर से डोरी द्वारा नचाया जाता है। ये डोरी आमतौर पर कठपुतली के सिर, हाथ या पैरों से जुड़ी होती हैं। इन्हें बनाने के लिए एक इस्तेमाल किया हुआ कैन या कॉफी कप लें। इसे उल्टा कर दें।
उस चरित्र के बारे में सोचें जिसे आप तैयार करना चाहते हैं। चेहरे को उसी के अनुसार रंग दें और बाल, आंखें, नाक और अन्य चीजों को जोड़ें। निचले आधे हिस्से के लिए एक कंटेनर लेकर उसके ढक्कन को हटा दें।
आपने जो चेहरा बनाया है, इस कंटेनर पर उसे फिट करें। अपनी मर्जी अनुसार कंटेनर को पेंट करें। आप अपनी कठपुतली को टी-शर्ट, जींस, साड़ी वगैरह पहना सकते हैं। अब दो छेद करके कठपुतली के सिर पर एक डोरी लगाएं।
फिंगर पपेट
यह कठपुतली का सबसे सरल रूप है जहां उंगली को ढंकने के लिए विभिन्न सामग्रियों का उपयोग किया जाता है। इन्हें मुख्य रूप से बच्चों के लिए कहानी कहने में उपयोग किया जाता है।
इसके लिए एक पुरानी जुराब लें और उस चरित्र के बारे में सोचें जिसे आप बनाना चाहते हैं। अब जुराब को अपनी उंगली पर लपेटं।
आप बस इसे रंग कर सकते हैं और आंखें, नाक तथा अन्य विशेषताएं बना सकते हैं। आप सभी उंगलियों के लिए भी कठपुतली बना सकते हैं, प्रत्येक हाथ के लिए एक।
आप इन दोनों को अलग-अलग चेहरे के भाव भी दे सकते हैं। सुनाने के लिए उनके बीच एक कहानी विकसित करें और इसकी मदद से अपने दोस्तों के लिए एक छोटा-सा नाटक रचें।
पंजाब केसरी से साभार
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