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भारत की ये 8 रहस्यमयी जगहें बना सकती हैं आपको रातों-रात अरबपति, छिपे हैं कई रहस्यमयी ख़ज़ाने

भारत को ‘सोने की चिड़िया‘ के नाम से जाना जाता था, जिसका अर्थ है ‘सोने की गौरैया‘। ऐसा इसलिए था, क्योंकि  उस समय हमारा देश आर्थिक रूप से समृद्ध था और दुनिया के सबसे धनी देशों में से एक था।

उस वक़्त के राजा-महाराजा अपने ख़ज़ाने से जुड़ी जानकारियां गुप्त रखते थे। ऐसे में हमलावर भले ही राजाओं को हरा दें, मगर उनके ख़ज़ानों तक नहीं पहुंच पाते थे। भारत में ऐसे कई छिपे हुए ख़ज़ाने हैं, जिन्हें आज तक कोई नहीं ढूंढ पाया है।

आज हम आपको इस पोस्ट में बताने जा रहे हैं भारत की कुछ ऐसी जगहों के बारे में जहाँ छिपे हैं कई रहस्यमयी ख़ज़ाने, तो चलिए जानते हैं:-

चारमीनार सुरंग, हैदराबाद

सुल्तान मोहम्मद कुली कुतुब शाह द्वारा निर्मित, यह सुरंग चारमीनार और गोलकुंडा किले को जोड़ती है। यह गुप्त मार्ग अत्यावश्यकता के दौरान शाही परिवार के लिए एक आपातकालीन निकास के रूप में कार्य करता था।

ऐसा कहा जाता है कि इस सुरंग में राजा ने अपना खजाना छिपा दिया था। माना जाता है कि यह खजाना आज भी वहां पर है लेकिन आज तक इसे कोई ढूंढ नहीं पाया।

किंग कोठी पैलेस, हैदराबाद

हैदराबाद के अंतिम निज़ाम, मीर उस्मान अली को फोर्ब्स पत्रिका द्वारा 210.8 बिलियन डॉलर की कुल संपत्ति के साथ ‘पांचवें सबसे धनी व्यक्ति’ के रूप में नामित किया गया था, जबकि टाइम पत्रिका ने उन्हें 1937 में दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति घोषित किया था।

ऐसा कहा जाता है कि राजा का खजाना आज भी उसी पैलेस में दबा हुआ है। उनके विशाल महल में, हीरे, माणिक, नीलम, मोती और रत्न जैसे कीमती आभूषण स्टील की संदूकों में जमा हैं।

अलवर किला, राजस्थान

मुग़ल सम्राट जहांगीर के निर्वासन के दौरान, सम्राट ने राजस्थान के अलवर किले में शरण ली थी। ऐसा माना जाता है कि उसने यहां बहुत सारा खजाना छुपाया था। इसमें से कुछ खजाना मिल गया था लेकिन अभी भी इसका काफी बड़ा हिस्सा यहीं पर है।

जयगढ़ किला, जयपुर

जब मान सिंह प्रथम अफगान विजय से अपने रास्ते पर था, तो उसके पास खजाने का एक विशाल संदूक था। मान सिंह अकबर के नवरत्नों में एक और जयपुर और सेनापति था कहा जाता है कि उन्होंने अक़बर को लूट का हिस्सा नहीं दिया और ख़ज़ाने के जयगढ़ के किले में छिपा दिया।

ऐसा भी कहा जाता है कि तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने खजाने की तलाशनें का आदेश दिया था लेकिन यह कितना सफल रहा यह कोई नहीं जनता।

पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल

भारत के केरल राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम के पूर्वी किले के भीतर स्थित श्री पद्मनाथ स्वामी मंदिर भगवान विष्णु का मंदिर है। यह मंदिर केरल और द्रविड़ वास्तुशिल्प शैली का अनुपम उदाहरण है। इसे दुनिया का सबसे धनी मंदिर माना जाता है।

2011 में कोर्ट के आदेश के बाद इस मंदिर के तहखाने को खोला गया था. सभी यह देखकर चौंक गए कि इसमें ज्‍वेलरी, मूर्तियां, क्राउन, सोने के सामान और बेशकीमती रत्‍न पाए गए थे। ऐसा अनुमान लगाया गया था कि इस तहखाने में रखे इन सामानों की कुल कीमत 22 अरब यानी करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये होगा।

इसके दूसरे तहखाने को भी खोलने का आदेश दिया था लेकिन इस मंदिर के पुजारियों ने कहा कि इस खजाने की रक्षा भगवान विष्‍णु के अवतार नाग कर रहे हैं। इसे खोलने पर भारी तबाही आ सकती है।

कृष्णा नदी खजाना, आंध्र प्रदेश

कृष्‍णा नदी को दुनिया के सबसे कीमती और मशहूर कोहीनूर हीरे के लिए जाना जाता है। हिंदू धर्म में इस नदी को पवित्र माना जाता हैं। माना जाता है कि यह चौथी सबसे बड़ी नदी हीरे की खान है।

यह नदी आंध्र प्रदेश से बहती है और चार राज्‍यों के लिए पानी का मुख्‍य स्‍त्रोत है। एक समय में दुनियाभर के लिए यह नदी हीरे की प्रमुख स्रोत थी। दुनिया के हर 10 में 7 हीरे इस नदी से आते थे।

सोन भंडार गुफाएं, बिहार

सोन भंडार – जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘सोने का भंडार‘, उसमें सुरक्षित रूप से छिपे हुए सुनहरे खजाने की छाती की ओर इशारा करता है। ये बिहार के राजगीर की एक बड़ी चट्टान में मौजूद दो गुफाएं हैं।

ईसा पूर्व तीसरी या चौथी सदी इन गुफ़ाओं में मगध के राजा बिंबिसार ने अपना ख़ज़ाना छिपाया था। किंवदंती है कि यदि आप गुफा पर उकेरी गई लिपियों को समझ सकते हैं, तो गुफा का द्वार जादुई रूप से खुल जाएगा।

अलादीन के दिनों की तरह, है ना? इस ख़ज़ाने को पाने के लालच में अंग्रेज़ों ने गुफ़ा के प्रवेश द्वार को तोप से तोड़ने की कोशिश की थी, मगर वे असफ़ल रहे।

श्री मूकाम्बिका मंदिर, कर्नाटक

पश्चिमी घाट की तलहटी में स्थित श्री मूकाम्बिका मंदिर कर्नाटक के कोल्लूर जिले में स्थित है। यह मंदिर करीब 1200 साल पुराना मंदिर है। बेदनोर के नायक, जिन्होंने शुरू में विजयनगर साम्राज्य के अधीन शासन किया था, ने इस मंदिर को अपना राज्य मंदिर घोषित किया।

ऐसा माना जाता है कि राजाओं ने यहां एक गुप्त रूप से बंद कक्ष में बहुत सारा खजाना छिपा दिया था, जिसकी रक्षा एक सर्प की आकृति करती है।

कहा जाता है की यह सर्प आकृति मंदिर को बाहरी ताकतों से बचाती है। इसके अलावा यहां की मूर्तियों को जो भी गहने पहनाए गए हैं, उनकी क़ीमत क़रीब 100 करोड़ रुपये है।

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