विश्व की बढ़ती जनसंख्या का सीधा प्रभाव पर्यावरण और प्रकृति पर पड़ता है. इससे न केवल हमारा आर्थिक संतुलन बिगड़ रहा है बल्कि समस्त जैवमण्डल और जीवन श्रृंखला प्रभावित हो रहे हैं.
यह केवल तेजी से बढ़ती जनसंख्या का ही दुष्परिणाम है कि प्राकृतिक संसाधनों पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है, जिससे प्राकृतिक आपदाएं, जलवायु परिवर्तन तथा ग्लोबल वार्मिंग जैसी गंभीर चुनौतियां पैदा हो रही हैं.
पर्यावरण संरक्षण समय की जरुरत
महात्मा गांधी ने प्राकृतिक संसाधनों के अत्याधिक दोहन को देखते हुए ही यह बात कह दी थी कि मनुष्य की मूलभूत आवश्कयताओं की पूर्ति के लिए प्रकृति के पास सब कुछ है लेकिन मनुष्य की महत्वकांक्षा और लालच के आगे कुछ भी नहीं है.
वहीँ 18वीं सदी के महान अर्थशास्त्री थॉमस रॉबर्ट माल्थस ने अपने एक लेख में चेतावनी दी थी कि यदि आत्म-नियंत्रण और कृत्रिम साधन से बढ़ती जनसंख्या को समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया तो प्रकृति खुद अपने क्रूर हाथों से नियंत्रित करने का प्रयास करेगी.
इस लेख कुछ ऐसी ही भयावह तस्वीरें दिखने जा रहे हैं जो पर्यावरण की मौजूदा चिंताजनक हालत को खुद-ब-खुद बयान कर रही हैं.
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इंडोनेशिया का जावा द्वीप दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला द्वीप है. तस्वीर में आप देख सकते है कि कैसे लोग कचरे से भरी लहर पर सर्फिंग करने को मजबूर हैं.
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विल्मेट नेशनल फॉरेस्ट अमेरिका के ओरेगन के कैसकेड रेंज के मध्य भाग में स्थित एक राष्ट्रीय वन है. इस वन का लगभग 99% भाग काट दिया गया है.
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अमेरिका के कैलिफोर्निया का केन नदी तेल क्षेत्र, जिसका 1899 के बाद से दोहन किया गया है.
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कनाडा के अल्बर्टा में तारकोल से भरी जगह, जोकि खनन और टॉक्सिक कचरे से बर्बाद हो चुकी है.
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नार्थ पैसिफिक के मिडवे आइलैंड में प्लास्टिक खाने से मरा हुआ एक अल्बाट्रोस(Albatross) पक्षी. हर साल 1 लाख समुद्री स्तनपाई जीव और 10 लाख पक्षी प्लास्टिक खाने से मारे जाते हैं.
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बांग्लादेश में कचरे से भरा विशाल क्षेत्र
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ग्लोबल वार्मिंग के कारण मालदीव आगामी 50 वर्षों में डूब जायेगा
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ग्लोबल वार्मिंग के कारण नॉर्वे में स्वाल्बार्ड द्वीप के पास विशाल हिमशैल पिघल रहा है.
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यह तस्वीर दिल्ली में पिछले साल नवंबर में आयोजित मैराथन “नई दिल्ली 10 हजार चैलेंज” की है, जिसमें भारी प्रदूषण के चलते लोग मास्क पहन कर दौड़ रहे हैं
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जकार्ता इंडोनेशिया की राजधानी एवं सबसे बड़ा नगर है. यह उत्तर-पश्चिमी तट पर स्थित है. यह तस्वीर दिसंबर 2016 की है. यहाँ के लोग गंदे पानी और कूड़े से भरी इस नदी को देख कर भी अनदेखा करते है.
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ब्राजील का इपोजुका बीच में प्लास्टिक से लिपटा एक मरा हुआ कछुआ. तस्करों से लेकर प्रदूषण तक, समुद्री कछुओं को भारी खतरों का सामना करना पड़ रहा है. WWF ने कछुओं की लगभग प्रजातियों को विलुप्ति के कगार पर खड़ा घोषित किया है.
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रूस की मीर नामक हीरे की खान(Mir mine). 1200 मीटर व्यास वाली और 525 गहरी यह विशाल खान दुनिया की सबसे बड़ी हीरे की खान है.