दुनिया में बहुत ऊँचे-ऊँचे पर्वत हैं। हम अक्सर सोचते हैं कि क्या इतने ऊँचे-ऊँचे पर्वतों पर पहुंचना संभव है। आज हम इस लेख में विश्व के सबसे ऊंचे पर्वतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर सिर्फ और सिर्फ जुनूनी लोग ही पहुंच सकते है। तो आइए जानें, दुनिया के 10 सबसे ऊँचे पर्वत:
माउंट एवरेस्ट (Mount Everest)
माउंट एवरेस्ट विश्व का सबसे ऊँचा पर्वत माना जाता है। माउंट एवरेस्ट को पहले XV के नाम से तथा नेपाल के स्थानीय लोग इसे सागरमाथा नाम से जानते थे। सागरमाथा का अर्थ होता है “स्वर्ग का शीर्ष”।
माउंट एवरेस्ट की ऊँचाई 8,850 मीटर है। वैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई हर साल 2 सेंटीमीटर बढ़ रही है। उनका यह भी मानना है कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई मौसम के हिसाब से कम-ज़्यादा होती रहती हैं।
माउंट एवरेस्ट का नाम 1830 से 1843 तक भारत में सर्वेयर जनरल रहे कर्नल सर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर रखा गया है। एवरेस्ट पर्वत के बीच में दो-तिहाई भाग वायुमंडल के उस हिस्से में हैं, जहां ऑक्सीजन बहुत कम हैं। माउंट एवरेस्ट पर ऑक्सीजन की कमी, तेज़ हवाओं तथा अत्यधिक ठण्ड के कारण यहाँ जीवन असम्भव है।
K2 (Mount Godwin-Austen)
k2 विश्व का दूसरा सबसे ऊँचा पर्वत है। k2 पर्वत पीओके में कश्मीर के कराकोरम पर्वतमाला की सबसे ऊँची चोटी है। यह पर्वत चीन के तक्सकोर्गन ताजिक और गिलगित- बाल्टिस्तान की सीमाओं के बीच स्थित है।
विश्व के दूसरे सबसे ऊंचे पर्वत k2 की ऊँचाई 8,611 मीटर है। k2 को गाडविन आस्टिन पर्वत के नाम से भी जाना जाता है। गाडविन आस्टिन पर्वत को k2 का नाम 1852 में ब्रिटिश सर्वेक्षक टीजी मोंटगोमेर्य ने दिया था। k2 पर्वत काराकोरम पर्वत का हिस्सा है, इसलिए इसका k2 नाम रखा गया था।
कंचनजंघा (Kangchenjunga)
विश्व की तीसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी का नाम कंचनजंघा है। इसकी ऊंचाई 8,586 मीटर है। यह सिक्किम के उत्तर पश्चिम भाग में नेपाल की सीमा पर स्थित है। कंचनजंघा का पहला मानचित्र 19 वीं शताब्दी में विद्वान अन्वेषणकर्ता रीनजिन नांगयाल ने तैयार किया था।
कंचनजंघा नाम की उत्पत्ति तिब्बती मूल के शब्दों से हुई है। इस शब्दों को यांग-छेन-दजो-ङ्गा लिखा जाता है। इनका अलग-अलग जगहों में अलग-अलग अर्थ निकलता है, जैसे कि सिक्किम में इसका अर्थ होता है, विशाल हिम की पांच निधियाँ तथा नेपाल में इसका अर्थ कुंभकरन लंगूर होता है।
ल्होत्से (Lhotse)
विश्व की चौथी सबसे ऊंची पर्वत चोटी का नाम ल्होत्से है। ल्होत्से पर्वत की ऊंचाई 8,516 मीटर है। जो कि माउंट एवरेस्ट पर्वत की दक्षिण घाटी से जुड़ी हुई है। ल्होत्से पर्वत के अगल-बगल में दो और पर्वत है। ल्होत्से के पूर्व में ल्होत्से मध्य है, जिसकी ऊँचाई 8,414 मीटर है और दूसरा पर्वत ल्होत्से शार है, जिसकी ऊंचाई 8,383 मीटर है।
मकालू (Makalu)
मकालू विश्व की पांचवीं सबसे ऊंची पर्वत चोटी है। मकालू पर्वत एवरेस्ट से 11 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। मकालू पर्वत नेपाल और चीन की सीमा में बीच में स्थित है। मकालू सबसे अलग पर्वत चोटी है, जो कि एक चार मुखी पिरामिड के समान है।
चो ओयू (Cho Oyu)
चो ओयू पर्वत दुनिया का छठा सबसे ऊंचा पर्वत है। इसकी ऊंचाई 8,201 मीटर है। चो ओयू का तिब्बती में अर्थ होता है मरकत देवी। चो ओयू पर्वत तिब्बत और नेपाल की सीमा में स्थित हैं।
धौलागिरी (Dhaulagiri)
धौलागिरी पर्वत दुनिया का सातवां सबसे ऊंची पर्वत चोटी है। इसकी ऊंचाई 8,167 मीटर है। धौलागिरी पर्वत हिमालय की चार प्रमुख पर्वतों में से एक है। धौलागिरी पर्वत नेपाल के उत्तर मध्य में स्थित है।
नेपाल में धौलागिरी का मतलब सफेद सुन्दर पहाड़ होता है। धौलागिरी पर्वत पर चढ़ाई करना सबसे खतरनाक माना जाता है और इसे पहले दुनिया की सबसे ऊँची चोटी भी कहा जाता था।
मनास्लु (Manaslu)
मनास्लु विश्व का आठवीं सबसे ऊँचा पर्वत है। मनास्लु पर्वत नेपाल के पश्चिम मध्य भाग में स्थित है। मनास्लु का अर्थ होता है पर्वत की आत्मा। मनास्लु पर्वत की ऊंचाई 8,163 मीटर है।
नंगा पर्वत (Nanga Parbat)
नंगा पर्वत विश्व के 10 सबसे ऊँचे पर्वतों में से है। इसकी ऊंचाई 8,126 मीटर है। नंगा पर्वत पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र गिलगित-बल्तिस्तान के क्षेत्र में आता है। नंगा पर्वत पर चढ़ते समय बहुत से लोगों की जान जा चुकी है, इसलिए इसे कातिल पहाड़ भी कहा जाता है।
अन्नपूर्णा (Annapurna)
अन्नपूर्णा पर्वत विश्व की दसवीं सबसे ऊँची पर्वत छोटी है। इसकी ऊंचाई 8,091 मीटर हैं। अन्नपूर्णा पर्वत विश्व की सबसे खतरनाक पर्वतों में से है और यह नेपाल के उत्तर-मध्य भाग में स्थित है। माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने से पहले पर्वतारोही इस पर्वत पर अभ्यास करते है।