हिन्दू धर्म के अनुसार सिंदूर का बेहद खास महत्व है, यह एक विवाहिता के लिए उसके सुहाग की निशानी होती है। जब भी हम किसी विवाहित स्त्री को देखते हैं तो उसकी मांग में सिंदूर जरूर लगा दिखाई देता है।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि पति की लंबी उम्र के लिए मांग में सिंदूर भरा जाता है। इस सिंदूर को ना केवल शादी के प्रतीक के रूप में लगाया जाता है बल्कि इसे लगाने के पीछे और भी कई कारण हैं जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं :-
महत्व
हिन्दू परंपरा के अनुसार एक शादीशुदा औरत को सिंदूर के बिना अधूरा माना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में सिंदूर का आध्यात्मिक महत्व माना जाता है।
सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए इसे मांग में सजाती हैं। हमारी सभ्यता से जुड़े सभी धार्मिक कार्यों में भी सिंदूर का प्रयोग किया जाता रहा है।
सुहागन के 16 श्रृंगार में एक सिंदूर अखंड सुहागन होने की निशानी होती है। ऐसी मान्यता है कि सिंदूर लगाने से पति की आयु और स्त्री के सौभाग्य में वृद्धि होती है।
कैसे बनता सिंदूर
सिंदूर कमीला जतन नामक पौधे की फली में से निकलता है। यह वृक्ष 20 से 25 फीट ऊंचे होते हैं जिसमें फली गुच्छे के रूप में लगती है। फली का आकार मटर की फली की तरह होता है यह वृक्ष शरद ऋतु में इन फलियों से लद जाता है।
इन फलियों के अंदर सरसों के आकार से थोड़े मोटे दाने होते हैं जो लाल रंग के होते हैं जिससे विशुद्ध सिंदूर निकलता है। कमीला को रोरी, सिंदूरी, कपीला, कमूद, रैनी, सेरिया आदि नामों से भी जाना जाता है।
धार्मिक कारण
सिंदूर लगाने की परंपरा का प्रमाण रामायण काल में मिलता है। कहा जाता है कि माता सीता रोज श्रृंगार करते समय मांग में सिंदूर भरती थीं।
एक बार हनुमान जी ने माता सीता से पूछा कि वे रोज सिंदूर क्यों लगाती हैं? तो सीता ने बताया कि भगवान राम को सिंदूर बेहद पसंद है।
इससे उन्हें प्रसन्नता होती है और उनका मन प्रसन्न होता है। प्रसन्नता शरीर और स्वास्थ्य के लिए वरदान है और स्वस्थ रहने से व्यक्ति की आयु बढ़ती है।
इस तरह सिंदूर लगाने से पति की आयु बढ़ती है और इसी समय से सुहागिनों में सिंदूर से मांग भरने प्रथा शुरू हो गई।
वैज्ञानिक कारण
महिलाएं जिस स्थान पर सिंदूर लगाती हैं वह स्थान ब्रह्मरन्ध्र और अध्मि नामक कोमल स्थान के ठीक ऊपर होता है। सिंदूर में मौजूद तत्व इस स्थान से शरीर में मौजूद वैद्युतिक उर्जा को नियंत्रित करती है। इससे बाहरी दुष्प्रभाव से भी बचाव होता है।
माना जाता है कि सिंदूर के माध्यम से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। ये मन को शांत रखता है जिससे स्वास्थ भी अच्छा रहता है। यह दिमाग शांत रखने में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।