श्रीनगर के सुप्रसिद्ध ट्यूलिप गार्डन के बाद देश में एक और ट्यूलिप गार्डन हिमालय की तलहटी मुनस्यारी में बनाया गया है। मुनस्यारी एक खूबसूरत पर्वतीय स्थल है। यह नेपाल और तिब्बत की सीमाओं के समीप है।
कहां है मुनस्यारी
हॉलैंड के कोएकेनहोफ और श्रीनगर के इंदिरा गांधी मेमोरियल की तरह उत्तराखंड के मुनस्यारी में भी है एक ट्यूलिप गार्डन। पिथौरागढ़ जिले में पड़ने वाला मुनस्यारी उत्तराखंड के प्रसिद्ध टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में जाना जाता है।
यह इलाका नैनीताल से करीब 264 किलोमीटर दूर है और हर साल यहां हजारों पर्यटक आते हैं। करीब 50 करोड़ की लागत से बनाया गया यह ईको गार्डन 30 हेक्टेयर में फैला है। प्रोजेक्ट पर 2018 में काम शुरू हुआ था।
क्या है खासियत
वन विभाग द्वारा एक खास प्रोजेक्ट के तहत ईको पार्क में ब्लू आइरिस, व्हाइट आइरिस, रैननकुलस, फॉक्स, ग्लोब, ब्रेन और डॉग टेल जैसी प्रजातियों के ट्यूलिप उगाए गए हैं।
मुनस्यारी में जिस स्थान पर यह ट्यूलिप गार्डन बनाया गया है, उसके पीछे हिमालय की पंचचूली पर्वत (हिमालय की पांच चोटियां) शृंखला है जिसे किवदंतियो के अनुसार पांडवों के स्वर्गारोहण का प्रतीक माना जाता है। मुनस्यारी आने वाले पर्यटकों को अब हिमालय दर्शन के साथ ही ट्यूलिप गार्डन की खूबसूरती भी देखने को मिल रही है।
हॉलैंड से मंगाए 7000 ट्यूलिप बल्ब
पिथौरागढ़ के डीएफओ के अनुसार उनके इस प्रोजेक्ट का मकसद ट्यूलिप के फूलों की वैरायटी को बेहतर करना है ताकि अधिक से अधिक समय तक ट्यूलिप की खूबसूरती को लोग निहार सकें।
साथ ही, इसका व्यावसायिक स्तर पर प्रयोग कर लोगों की आर्थिक स्थिति को बेहतर किया जा सके। इस परियोजना के लिए करीब 7000 ट्यूलिप बल्ब हॉलैंड से मंगवाए गए और सभी अंकुरित भी हो गए।
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