धरती पर आज भी 70 प्रतिशत से अधिक जल है। धरती के मात्र 20 से 25 प्रतिशत हिस्से पर मानव आबादी रहती है उसमें भी अधिकतर पर जंगल, रेगिस्तान, पर्वत और नदियां हैं।
इस 20 से 25 प्रतिशत हिस्से पर पर एवरेस्ट पर्वत को दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत माना जाता है। ऐसे में समुद्र के 70 से 75 प्रतिशत हिस्सों में तो एवरेस्ट से भी ऊंचे ऊंचे पर्वत विद्यामान है।
पृथ्वी पर पाए जाने वाले पर्वतीय श्रृंखलाओं में से एक है 70 हजार किलोमीटर लंबे समुद्र के भीतर का पर्वतनुमा क्षेत्र। समूचे समुद्र में ऐसे करीब 1 लाख बड़े पर्वतनुमा क्षेत्र हैं।
धरती पर सबसे ऊंचा पर्वत माउंट एवरेस्ट है, जो नेपाल-भारत-तिब्बत सीमा पर है और इसकी चोटी समुद्र तल (लेवल) से 8,850 मीटर ऊंची है। लेकिन समुद्र के भीतर इससे भी ऊंचा एक पर्वत है जिसे ‘मौना कीआ माउंटेन‘ कहते हैं।
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मौना किआ पर्वत
मौना कीआ माउंटेन हवाई (संयुक्त राज्य अमेरिका) के नजदीक प्रशांत महासागर का एक हिस्सा है। वास्तव में यह माउंटेन एक विशाल द्वीप है जिसका आधार समुद्र के तल से बहुत नीचे है।
समुद्र के पानी की सतह से इसकी ऊंचाई लगभग 4207 मीटर है, लेकिन समुद्र के तल से इसकी कुल ऊंचाई करीब 10,211 मीटर है यानी इस पहाड़ का आधे से ज्यादा हिस्सा समुद्र के पानी के अंदर है।
यदि समुद्र के अंदर से इसकी ऊंचाई मापी जाए तो यह विश्व का सबसे ऊंचा पर्वत होगा। यदि हम फीट की बात करें तो माउंट एवरेस्ट 29035 फीट ऊंचा है जबकि मौना कीआ 32808 फीट ऊंचा है।
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समुद्र के अंदर पहाड़
जिस तरह पृथ्वी की अंदरूनी हलचल से पहाड़ों का जन्म होता है, वैसे ही समुद्र तल की हलचल से समुद्र के अंदर पहाड़ों का जन्म होता है। समुद्र तल में फटने वाले ज्वालामुखियों से भी पहाड़ बन जाते हैं। इन पहाड़ों की ऊंचाई 1 से 3 किलोमीटर हो सकती है
इनमें ज्यादातर माउंटेन पानी के अंदर ही डूबे होते हैं, लेकिन उनमें से कुछ पानी के ऊपर भी आ गए हैं। समुद्र के पानी से ऊपर उठे हुए चपटे पहाड़ों को ही द्वीप (Island) कहा जाता है। हवाई द्वीप समूह का जन्म ऐसे ही हुआ।
सागर के अंदर बहुत से पहाड़ हैं। मध्य सागर के मध्य में स्थित पर्वत श्रृंखला संसार में सबसे बड़ी श्रृंखला है। इसकी लंबाई लगभग 64,000 किमी (40 हजार मील) है। प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) के उत्तरी-पूर्वी भाग में भी बहुत से पर्वत हैं। इनमें अधिकांश पर्वत तो पानी में डूबे हुए हैं।
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