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फ़ूड टिप्स: वजन कम और कंट्रोल करने वाली डाइट

रुजुता दिवेकर भारत में सबसे ज्यादा भुगतान पाने वाली आहार विशेषज्ञ हैं, उन्होंनें मुकेश अम्बानी के बेटे अनंत अम्बानी का वजन 108 किलोग्राम कम करने में विशेष भूमिका निभाई है।

रुजुता की देखरेख में युवा अम्बानी ने महज़ 18 महीनों में 108 किलो वजन कम किया था। अनंत की इस उपलब्धि पर अभिनेता सलमान खान और क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने अनंत की जमकर तारीफ़ की थी।

अनंत अम्बानी, बाएं वजन घटाने से पहले और बाद में दायें (सचिन के साथ)
अनंत अम्बानी, बाएं वजन घटाने से पहले और बाद में दायें (सचिन के साथ)

आईये जानते हैं, रुजुता दिवेकर से आहार के बारे में कुछ बेहद काम की बातें। हो सकता है इन टिप्स को आजमा कर और अपना कर आपके जीवन में भी अनंत अम्बानी की तरह खुशनुमा काया-कल्प हो जाए।

रुजुता के अनुसार,

  1. स्थानीय फलों का प्रयोग करें। जैसे केला, अंगूर, चीकू, आम आदि। सभी फलों में फ्रुक्टोसे (फ्रक्टोज, fruit sugar) होता है इसलिए यह बात मायने नहीं रखती कि आप आम के बाद सेब खा रहे हैं या सेब के बाद आम। सेब चाहे कोंकण से आता है और सेब कश्मीर से, इसलिए आम आपके लिए स्थानीय हो जाता है। मधुमेह रोगी ऊपर लिखे सभी फल खा सकते हैं क्योंकि फ्रक्टोज आपके शूगर को नियंत्रण में कर लेगा।
  2. सब्जियां बनाते समय बीजों के तेल जैसे अखरोट, सरसों, नारियल तिल आदि का प्रयोग करें। पैकिंग वाले तेल, जैतून की तरह चकचक आदि का प्रयोग न करें। रिफाइंड तेलों से कच्ची घानी का सरसों तेल बेहतर होता है।
  3. स्पीच या सेमीनार में रजुता अपना काफी समय देशी घी और इसके फायदों के बारे में बताने के लिए देती हैं। उनके अनुसार देशी घी रोज खाएं। हम कितना देशी घी खाएं यह भोजन पर भी निर्भर करता है। देशी घी ब्लड में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करता है।
  4. Coconut यानी नारियल का प्रयोग अधिक करें। आप नारियल का प्रयोग पोहा, खांडवी या चटनी बनाकर भोजन के रूप में कर सकते हैं। नारियल में कोलेस्ट्रोल की मात्रा न के बराबर होती है। साथ ही यह कमर पतली करने में सहायक होता है।
  5. डिब्बाबंद औट(जई, गेंहू) व अनाज(cereals) का नाश्ता न करें। इस पैकट वाले भोजन की हमें जरूरत नहीं होती है। हमारे दिन की शुरुआत इस तरह के स्वादहीन और बोरिंग भोजन से नहीं होनी चाहिए। इस प्रकार का भोजन हमारे दिन को भी उबाऊ बनाता है। नाश्ते में आप पोहा, उपमा, इडली, डोसा या परांठा ले सकते हैं।
  6. फरहान खान बिस्कुट की नई एड देते हैं कि बिस्कुट में फाइबर है। मैं कहती हूँ, यहाँ तक कि हमारे घर के कचरे में भी फाइबर होता है। डिब्बाबंद औट के फाइबर के बदले आप पोहा, उपमा, इडली, डोसा आदि खा सकते हैं।
  7. जब तक आपके मुहं में दांत हैं तब तक सीधे फल और सब्जियां चबा कर खाएं, जूस पीने की जरुरत नहीं।

8 . गन्ना वास्तव में एक DETOX यानी शरीर से विषैले पदार्थो को निकालने वाला पदार्थ है। गन्ने का ताज़ा जूस पियो या गन्ना चबा कर खाएं।

Rujuta Diwekar is highest paid dietician in India
रुजुता दिवेकर – मशहूर डायटीशियन
  1. सफेद चावल का प्रयोग करें। भूरे चावलों को पकाने के लिए 5 -6 सीटी लगती हैं तो पचने में कितना समय लगता होगा। सफेद चावल (हाथ से उगाये गये) प्राकृतिक चावल होते हैं। GI index में चावल का स्थान ज्यादा उच्च नहीं है। जब हम इन्हें दाल, दही, कढ़ी के साथ खाते हैं तो हम इसे GI Index में और नीचे ले आते हैं। देशी घी डालने से हम इसे और नीचे ले आते हैं। चावल में कुछ बेहद पोषक तत्व होते हैं और इन्हें आप दिन में तीन बार भी खा सकते हैं।
  2. हमें कितना खाना चाहिए ? सीधा सा उतर है, जितनी भूख हो उतना खाना खाएं। न कम न ज्यादा। दरअसल आपका पेट ही आपका गाइड है।
  3. हम चावल और चपाती को इकट्ठा भी खा सकते हैं। यह आपकी इच्छा के ऊपर निर्भर करता है। चावल को आप तीन टाइम के भोजन में शामिल कर सकते हैं।
  4. भोजन केवल आपकी भूख ही नहीं मिटाता है यह आपको अच्छा अनुभव भी कराता है।
  5. कैलोरी की चिंता के बजाय पोषक तत्वों के बारे में ज्यादा सोचें।
  6. ब्रैड, बिस्कुट, केक, पिज़्ज़ा और पास्ता को बिल्कुल भी खाने की जरूरत नहीं है।
  7. अपने आप से पूछें कि क्या यह भोजन आपकी दादी या नानी भी खाती थी। अगर हाँ तो बिना डर के खाएं।
  8. मौसम के अनुसार भोजन करें। बरसात में पकौड़ा ,फफड़ा, जलेबी खाएं। आपकी भूख आपके मौसमी भोजन को भी तय करती है। मौसम के अनुसार, जैसे सर्दियों में आप तला हुआ भोजन खा सकते हैं।
  9. सुबह उठकर खाली पेट या जब आप भूखे हों तो चाय का प्रयोग न करें। हाँ दिन में 2-3 बार आप चीनी के साथ चाय पी सकते हैं।
  10. ग्रीन टी की कोई जरुरत नहीं। पीली, नीली या बैंगनी टी की भी जरुरत नहीं।
  11.  हर प्रकार का पारम्परिक भोजन करें।
  12. हर तरह के पैक्ड, डिब्बाबंद, इम्पोर्टेड भोजन और पेय खाना-पीना बिल्कुल बंद करें।
  13. पीसीओ (Polycystic Ovary Syndrome) और थाईराइड की स्थिति में वजन कम करने का प्रशिक्षण लें और डिब्बा बंद भोजन से बचें।
  14. खाना खाने के बाद हल्का व्यायाम करें और थोड़ा-सा जरूर चलें। इससे आपको वजन कम करने में मदद मिलेगी ।

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