हर व्यक्ति के शरीर के किसी न किसी अंग पर तिल होता है। तिल हमारे शरीर पर जन्म से ही होते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि तिल से भी हमारे स्वभाव के बारे में पता चलता है। इसे हम तिल, मस्सा एवं लाल मस्सा भी कहते हैं। आइए जानते हैं आपके शरीर के किस अंग का तिल, क्या कहता है।
- आंख की पुतली पर तिल – ऐसा माना जाता है कि दायीं पुतली पर तिल हो तो व्यक्ति के विचार उच्च होते हैं। बायीं पुतली पर तिल वालों के विचार क्रोधित करने वाले होते हैं।
- पलकों पर तिल – आंख की पलकों पर तिल हो तो व्यक्ति संवेदनशील होता है। दायीं पलक पर तिल वाले बायीं वालों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील होते हैं।
- आंख पर तिल – दायीं आंख पर तिल स्त्री से मेल होने का एवं बायीं आंख पर तिल स्त्री से अनबन होने का आभास देता है।
- कान पर तिल – कान पर तिल व्यक्ति के अल्पायु होने का संकेत देता है।
- नाक पर तिल – नाक पर तिल हो तो व्यक्ति प्रतिभासंपन्न और सुखी होता है। महिलाओं की नाक पर तिल उनके सौभाग्यशाली होने का सूचक होता है।
- होंठ पर तिल – होंठ पर तिल वाले व्यक्ति बहुत प्रेमी हृदय होते हैं। यदि तिल होंठ के नीचे हो तो गरीबी छाई रहती है।
- मुंह पर तिल – मुखमंडल के आसपास का तिल स्त्री तथा पुरुष दोनों के सुखी संपन्न एवं सज्जन होने के सूचक होते हैं। मुंह पर तिल व्यक्ति को भाग्य का धनी बनाता है। उसका जीवनसाथी सज्जन स्वभाव का होता है।
- गाल पर तिल – गाल पर लाल तिल शुभ फल देता है। बाएं गाल पर कृष्ण वर्ण तिल व्यक्ति को निर्धन, किंतु दाएं गाल पर धनी बनाता है।
- जबड़े पर तिल – जबड़े पर तिल हो तो स्वास्थ्य की अनुकूलता और प्रतिकूलता निरंतर बनी रहती है।
- ठोड़ी पर तिल – जिस स्त्री की ठोड़ी पर तिल होता है, उसमें मिलनसारिता की कमी होती है।
- कंधों पर तिल – दाएं कंधे पर तिल का होना दृढ़ता तथा बाएं कंधे पर तिल का होना चिड़चिड़े स्वभाव का सूचक होता है।
- दाहिनी भुजा पर तिल – ऐसे तिल वाला व्यक्ति प्रतिष्ठित व बुद्धिमान होता है। लोग उसका आदर करते हैं।
- भौंहों पर तिल – यदि दोनों भौहों पर तिल हो तो व्यक्ति अकसर यात्रा करता रहता है। दाहिनी पर तिल सुखमय और बायीं पर तिल दुखमय दांपत्य जीवन का संकेत देता है।
- बायीं भुजा पर तिल – बायीं भुजा पर तिल वाले व्यक्ति झगड़ालू स्वभाव के होते हैं।
- कोहनी पर तिल – कोहनी पर तिल का पाया जाना विद्वता का सूचक है।
- हाथों पर तिल – जिसके हाथों पर तिल होते हैं वह चालाक होते हैं। दायीं हथेली पर तिल हो तो बलवान और दायीं हथेली के पृष्ठ भाग में हो तो धनवान होता है। बायीं हथेली पर तिल हो तो व्यक्ति खर्चीला तथा दायीं हथेली के पृष्ठ भाग पर तिल हो तो कंजूस होता हैं।
- अंगूठे पर तिल – अंगूठे पर तिल हो तो व्यक्ति कार्यकुशल, अच्छा व्यवहार तथा न्यायप्रिय होता है।
- तर्जनी पर तिल – जिसकी तर्जनी पर तिल हो, वह विद्यावान, गुणवान और धनवान किंतु शत्रुओं से पीड़ित होता है।
- मध्यमा पर तिल – मध्यमा पर तिल उत्तम फलदायी होता है। व्यक्ति सुखी होता है। उसका जीवन शांतिपूर्ण होता है।
- अनामिका पर तिल – जिसकी अनामिका पर तिल हो वह ज्ञानी, यशस्वी, धनी और पराक्रमी होता है।
- कनिष्ठा पर तिल – कनिष्ठा पर तिल हो तो वह व्यक्ति संपत्तिवान होता है, किंतु उसका जीवन दुखमय होता है।
- हथेली पर तिल – जिसकी हथेली में तिल मुठ्ठी में बंद होता है वह बहुत भाग्यशाली होता है ।
- गले पर तिल – गले पर तिल वाला व्यक्ति आरामतलब होता है। गले पर सामने की ओर तिल हो तो व्यक्ति के घर मित्रों का जमावड़ा लगा रहता है। मित्र सच्चे होते हैं। गले के पृष्ठ भाग पर तिल होने पर जातक कर्मठ होता है।
- छाती पर तिल – छाती पर दाहिनी ओर तिल का होना स्त्रियों के लिए शुभ होता है। ऐसी स्त्री पूर्ण अनुरागिनी होती है। पुरुष भाग्यशाली होते हैं। छाती पर बायीं ओर तिल रहने से पत्नी की ओर से असहयोग की संभावना बनी रहती है। छाती के मध्य का तिल सुखी जीवन दर्शाता है। यदि किसी स्त्री के हृदय पर तिल हो तो वह सौभाग्यवती होती है।
- कमर पर तिल – यदि किसी व्यक्ति की कमर पर तिल होता है तो उस व्यक्ति की जिंदगी सदा परेशानियों से घिरी रहती है।
- पीठ पर तिल – पीठ पर तिल हो तो व्यक्ति भौतिकवादी, महत्वाकांक्षी एवं रोमांटिक होता है। वह भ्रमणशील भी हो सकता है। ऐसे लोग खर्च भी खुलकर करते हैं।
- पेट पर तिल – पेट पर तिल हो तो व्यक्ति चटोरा होता है। ऐसा व्यक्ति भोजन का शौकीन व मिष्ठान्न प्रेमी होता है। उसे दूसरों को खिलाने की इच्छा कम रहती है।
- घुटनों पर तिल – दाहिने घुटने पर तिल होने से गृहस्थ जीवन सुखमय और बायें पर होने से दांपत्य जीवन दुखमय होता है।
- पैरों पर तिल – पैरों पर तिल हो तो जीवन में भटकाव रहता है। ऐसा व्यक्ति यात्राओं का शौकीन होता है।