दुनिया भर में इटली की पहचान खूबसूरत और बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट के रूप में होती है लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि यहां एक ऐसा शापित द्वीप भी है, जिसे खरीदने वाले की या तो मौत हो जाती है या फिर उनके परिवार के साथ कुछ बहुत बुरा होता है। उस द्वीप का नाम है ‘गायोला’।
आज इस पोस्ट में हम आपको इसी शापित द्वीप के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइये जानते हैं :-
इटली के नेपल्स की खाड़ी में स्थित इस छोटे द्वीप की कहानी कितनी भयानक है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसे खरीदने वाले सभी लोगों की दुनिया ही उजड़ गई। इस द्वीप की प्राकृतिक खूबसूरती किसी को भी अपना दीवाना बना सकती है।
इसकी खूबसूरती को देखने के लिए काफी संख्या में सैलानी यहां आते हैं हालांकि इसकी डरावनी कहानियों के करण कोई यहां रात में नहीं रुकता और अंधेरा होने से पहले वापस लौट जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो इस द्वीप को जिसने भी खरीदा है, उसके साथ हमेशा बुरा हुआ।
कहा जाता है कि इसके मालिकों की मौत हो जाती है या फिर कई अपने बिजनस में भारी नुकसान होता है। एक के बाद एक लगातार होने वाली ‘घटनाओं के कारण इस द्वीप का शापित कहा जाने लगा है और यहां रात में कोई रुकने की हिम्मत नहीं दिखा पाता।
17वीं शताब्दी में यह द्वीप रोमन कारखानों से भरा पड़ा था। बाद में इस द्वीप का उपयोग नेपल्स की खाड़ी की रक्षा करने के लिए किया जाता था। 19वीं सदी की शुरुआत द्वीप पर मछुआरों की मदद करने वाला एक पुजारी रहता था, जिसे लोग जादूगर भी कहते थे।
1871 में एक फिशिंग कंपनी के मालिक लुइगी नेग्री ने इस द्वीप को खरीदा और इस पर एक विला बनवाया लेकिन जब उनकी कंपनी दिवालिया हो गई तो उस व्यक्ति ने इसे बेच दिया।
20वीं शताब्दी के दौरान इस द्वीप का स्वामित्व अलग-अलग लोगों के पास रहा। इस सभी को अलग-अलग परेशानियों का सामना करना पड़ा, जिसके बाद द्वीप को शापित कहा जाने लगा।।
1920 के दशक में द्वीप के एक स्विस मालिक हैंस ब्राउन को मृत पाया गया और उनकी लाश एक कालीन में लिपटी हुई थी। कुछ दिन बाद ही ब्राउन की पत्नी की मौत भी समुद्र में डूबने से हो गई थी।
बाद में एक अन्य मालिक ओटो ग्रुनबैक जब विला देखने गए, तब उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हो गई। इस द्वीप के अगले मालिक लेखक और दवा व्यापारी मौरिस-यवेस सैंडोज ने 1958 में स्विट्जरलैंड के मेंटल हॉस्पिटल में आत्महत्या कर ली।
जब द्वीप को जर्मन उद्योगपति बैरन कार्ल पॉल लैंगहैम ने खरीदा तो उनकी कंपनी दिवालिया हो गई। तब उन्होंने इसे प्रसिद्ध कार निर्माता कंपनी फिएट के मालिक जियानी अग्नेल्ली को बेच दी।
इसके बाद अग्नेल्ली के परिवार के कई लोगों की दुखद मौत हो गई। इस द्वीप के एक और मालिक अमेरिकी उद्योगपति जीन पॉल गेट्टी थे।
उनके बड़े बेटे ने आत्महत्या कर ली, उनके सबसे छोटे बेटे की मौत हो गई और एक अपराधियों ने उनके पोते का अपहरण कर लिया था।
द्वीप के अंतिम मालिक गियानपसक्वाले ग्रेपोन थे, जिनकी मौत जेल में हुई और उनकी पत्नी कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई। 1978 में यह द्वीप सरकार की संपत्ति बन गया और तब से यह वीरान पड़ा है।
हालांकि अभिशाप ने इसका पीछा नहीं छोड़ा है। साल 2009 में द्वीप के सामने स्थित एक विला के मालिकों की हत्या कर दी गई थी।
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